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    टी टाइम 150331 (अनिल और वेइतुंग)
    2015-03-31 10:11:49 cri

    टी-टाइम 31 मार्च

    अनिल- टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ..चाय की आवाज .........आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः क्रिकेट वर्ल्ड कप......लगभग डेढ़ महीने से जारी था। ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड चैंपियन.........मिचेल स्टार्क ने 22 विकेट लिए...मैन ऑफ द टूर्नामेंट, जबकि जेम्स फॉकनर मैन ऑफ द मैच....

    हालांकि भारत सेमीफाइनल में हार गया। जबकि दक्षिण अफ्रीक

    खबर तमिलनाडु की है। खेल कभी-कभी भारी मुसीबत लेकर आता है। यहां खेलते-खेलते एक बच्ची का शरीर पतीले में फंस गया। लाख कोशिशों के बाद भी जब बच्ची को नहीं निकाला जा सका तब परिजनों को पुलिस और फायर ब्रिगेड की मदद लेनी पड़ी।

    बच्ची की गर्दन को छोड़कर पूरा शरीर ही पतीले में फंस गया था। फायर ब्रिगेड विभाग के कर्मचरियों ने हाइड्रॉलिक कटर से पतीले को काटकर बच्ची को निकाला।

    इसके बाद बच्ची को अस्पताल ले जाया गया। प्राथमिक चिकित्सा के बाद बच्ची को छुट्टी दे दी गई।

    अब दूसरी ख़बर से रूबरू कराते हैं। भारत, नौवहन सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए 2015 में कम से कम दो और उपग्रह तथा 2016 में एक नौवहन उपग्रह छोड़ सकता है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अधिकारियों ने नौवहन उपग्रह प्रणाली के संचालन में हो रही देरी से इंकार किया है।

    इस साल छोड़े जाने वाले दो नौवहन उपग्रह तथा अगले साल छोड़े जाने वाले तीन नौवहन उपग्रह, 28 मार्च को छोड़े जाने वाले नौवहन उपग्रह के अतिरिक्त होंगे। उम्मीद की जा रही है कि उस दिन छोड़े जाने वाले उपग्रह को उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया जाएगा।

    इसरो के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि हम निश्चित तौर पर 28 मार्च को एक उपग्रह छोडऩे के अलावा इस साल दो और नौवहन उपग्रहों छोड़े जाएंगे। इस साल के अंत तक तारामंडल में सात में से हमारे छह नौवहन उपग्रह होंगे।

    अधिकारियों के मुताबिक भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) के सातवें और सबसे आखिरी उपग्रह को 2016 के शुरुआत में छोड़े जाने की पूरी संभावना है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि 2016 के मध्य तक पूर्ण नौवहन सेवाएं उपलब्ध कराने की उम्मीद है।

    रॉकेट प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। शनिवार शाम 5.19 बजे तक रॉकेट प्रक्षेपण की सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी।

    वेइतुंगः भारतीय रॉकेट, ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी27) द्वारा भारत के चौथे नौवहन उपग्रह आईआरएनएसएस-आईडी को श्रीहरिकोटा से छोड़ा जाएगा। इन सात उपग्रहों में शामिल आईआरएनएसएस की जीवन अवधि दस साल है, जिनमें से तीन उपग्रहों को पहले ही छोड़ा जा चुका है।

    पहला आईआरएनएसएस-1ए दो वर्ष पुराना है और इसकी आठ वर्ष की अवधि शेष है, जबकि दूसरा उपग्रह एक वर्ष पुराना है और अभी उसकी नौ वर्षों की अवधि शेष है।

    पहला उपग्रह आईआरएनएसएस-1ए जुलाई 2013 में छोड़ा गया था। दूसरा उपग्रह आईआरएनएसएस-1बी अप्रेल 2014, जबकि तीसरा उपग्रह 16 अक्टूबर, 2014 को छोड़ा गया था।

    इसरो ने इससे पहले भी कहा था कि 2014 में तीन और 2015 में एक उपग्रह को छोडऩे के साथ 2015 के मध्य तक नौवहन प्रणाली तैयार हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 1990 के शुरुआती दशक में नौवहन प्रणाली की अवधारणा अस्तित्व में आई और 2006 में इसे मंजूरी मिल गई।

    अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि बाकी बचे नौवहन उपग्रह निर्माण के विभिन्न स्तरों पर हैं और अगले साल के मध्य तक इन्हें प्रक्षेपित किया जाएगा। इस पूरी प्रणाली में नौ उपग्रह शामिल हैं, जिनमें सात उपग्रह कक्षा में और दो भूतल पर हैं।

    प्रत्येक उपग्रह की लागत लगभग 150 करोड़ रुपए है। पीएसएलवी-एक्सएल संस्करण रॉकेट की लागत लगभग 130 करोड़ रुपए है। इन सात रॉकेटों की कुल लागत लगभग 910 करोड़ रुपए है।

    अनिलः टेक्नोलॉजी एक बार फिर से आपको नई सौगात देने को तैयार है। वैसे तो हम इस तरह की कुछ ख़बरों से आपको अवगत करा चुके हैं। लेकिन आज फिर आपको बताते हैं कि जल्द ही वो दिन लदने वाले हैं, जब आप शायद इंटरनेट एक्सेस के लिए इंटरनेट कनेक्शन या वाई-फाई खोजना भूल जाएंगे।

    जल्द ही आपको इंटरनेट सीधे आसमान से ठीक वैसे ही मिलने वाला है, जैसे सूर्य की किरणें या फिर बारिश हम तक पहुंचती है। अंतर सिर्फ इतना है कि ये सब प्राकृतिक और ईश्वर की देन है, जबकि इंटरनेट की ऐसी पहुंच अप्राकृतिक और इंसानी दिमाग की एक खास सफलता होगी।

    टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इस नई कहानी की स्क्रिप्ट फिलहाल मार्क जुकरबर्ग लिख रहे हैं, जिन्होंने दुनिया को फेसबुक जैसा सोशल नेटवर्किंग साइट दिया। फेसबुक ने ही आसमान से सीधे इंटरनेट एक्सेस करने के लिए एक एयरक्राफ्ट डिजाइन किया है, जिसका सफल परीक्षण करने के बाद मार्क जुकरबर्ग ने इस बात की जानकारी दी।

    पिछले दिनों फेसबुक पेज पर जुकरबर्ग ने लिखा कि Internet.org के तहत दुनिया को इंटरनेट से जोड़ने के लिए हमने एक बेनाम एयरक्राफ्ट डिजाइन किया, जिसके जरिए आसमान से लोगों तक सीधे इंटरनेट एक्सेस किया जा सकेगा।

    वेइतुंगः मार्क ने कहा कि वो इस बात को बताने के लिए उत्सुक हैं कि हमने ब्रिटेन में इस एयरक्राफ्ट का पहला परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। अंतिम तौर पर डिजाइन किए जाने वाले एयरक्रआफ्ट में एक बोइंग विमान 737 से बड़े विंगस्पैन होंगे, लेकिन इसका वजन एक कार से भी कम होगा। इसके विंग्स पर सोलर पैनल होंगे और एक बार आसमान में 60,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद यह एक महीने तक वहां टिक सकेगा।

    इस सफल परीक्षण की लाइव स्ट्रीमिंग भी होगी। मार्क के मुताबिक इस एयरक्राफ्ट के जरिए दुनिया के उन इलाकों में रहने वाले लोगों को भी इंटरनेट से जोड़ा जा सकेगा, जहां अभी इंटरनेट मौजूद नहीं है। Internet.org के फाउंडिंग मेंबर्स में फेसबुक के अलवा इरिक्सन, मीडियाटेक, नोकिया, ओपेरा क्वालकॉम और सैमसंग शामिल हैं।

    अनिलः दोस्तो अब हम बात साहित्य से जुड़ी करते हैं। ब्रिटिश लेखक जेफरी आर्चर का कहना है कि वह एक उत्तेजना फैलाने वाले लेखक नहीं हैं और भारत में अपने लेखन को सुरक्षित मानते है, जब बात सेंसरशिप के मुद्दे की हो। आर्चर ने कहा कि भारत में सेंसेरशिप को लेकर सुरक्षित महसूस करता हूं।

    आर्चर ने इंटरव्यू में बताया, 'मैं लोगों को भड़काने की कोशिश नहीं करता। मैं एक सामान्य सा कथाकार हूं। मुझे भारत में कोई खतरा नहीं, लेकिन सालों पहले अफ्रीका में अपने विचारों को लेकर मुझे परेशानियां झेलनी पड़ी थीं। मैंने टीवी पर अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के पक्ष में विचार रखे थे और रंगभेद की आलोचना की थी। नतीजा यह हुआ कि उन्होंने मुझे निकाल बाहर किया।'

    आर्चर की 35 से ज्यादा किताबें सर्वाधिक बिकने वाली किताबों की सूची में शुमार हैं। वह 'माइटियर दैन द सॉर्ड' के लांच के लिए भारत आए थे। यह किताब सात भागों वाली क्लिफटन क्रॉनिकल सीरीज का पांचवा हिस्सा है। सीरीज के अगले भाग में आठ अध्याय मुंबई की पृष्ठभूमि पर आधारित हैं।

    आर्चर ने कहा, 'मुझे यहां एक स्वाभाविक जुड़ाव महसूस होता है। मैं भारतीय क्रिकेटरों सचिन तेंडुलकर, वी. वी. एस. लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ से मिला हूं और मुझे नहीं लगा कि उन्हें ब्रिटिश लोग पसंद नहीं हैं। वे दोस्ताना स्वभाव के हैं और बेहद अपनेपन के साथ मिलते हैं।

    वेइतुंगः दोस्तो अब हम स्वास्थ्य से जुड़ी हुई जानकारी पेश करते हैं, जी हां हेल्थ टिप्स....

    क्या करें लाइफस्टाइल ही ऐसी है... एक्सरसाइज का टाइम ही नहीं मिलता। मोटापा बढ़ता जा रहा है। डाइजेशन ठीक नहीं रहता। बेक और नेक पेन होता रहता है। आजकल ज्यादातर लोगों से यही सुनने में आता है। उन सभी को ताली बजानी चाहिए। जी हां, ताली बजाने के एक नहीं कई फायदे हैं।

    आरती या भजन गाते समय ताली बजाने के अलावा दिन में कई बार ताली बजाएं। साइंस यह प्रूव करता है कि सेहत के लिए ताली बजाना बेहद लाभकारी है। ताली बजाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढऩे से बीमार कम पड़ते हैं।

    हार्ट और लंग्स डिजीज को ठीक करने में ताली बजाना बेहद लाभकारी है। बच्चों के लिए यह एक बेस्ट एक्सरसाइज है। ताली बजाने से बच्चों का दिमाग शार्प होता है। हैंड राइटिंग भी ठीक होती है।

    प्रतिदिन यदि नियमित रूप से कम से कम 1 या 2 मिनट ताली बजाई जाए, तो शरीर रोगों के आक्रमण से बचने की क्षमता प्राप्त कर लेता है। डाइजेशन भी सही रहता है। बेक, नेक और जॉइंट के पेन में आराम मिलता है।

    अनिलः एक्यूप्रेशर चिकित्सा विज्ञान की दृष्टि से देखा जाए तो हाथ की हथेलियों में शरीर के सभी आन्तरिक उत्सर्जन संस्थानों के बिन्दु होते हैं व ताली बजाने से जब इन बिन्दुओं पर बार-बार दबाव पड़ता है तो सभी आन्तरिक संस्थान ऊर्जा पाकर अपना काम सुचारू रूप से करते हैं। जिससे शरीर स्वस्थ और निरोग बनता है।

    ताली बजाने मोटापा कम होता है। और तो और वात, पित्त, कफ का संतुलन ठीक रहता है। ताली बजाने की एक सही प्रक्रिया होती है। उसे फॉलो कर रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है।

    डाइजेस्टिव डिसऑर्डर को ठीक करने के लिए सीधे हाथ की चार अंगुलियों को बाएं हाथ की हथेली पर बजाएं। ऐसा सुबह 15 मिनट लगातार करें।

    नेक, बेक और जॉइंट पेन के लिए इस तरह ताली बजाएं कि दोनों हाथों की अंगुलियां और हथेलियां एक-दूसरे से प्रोपर टकराएं।

    वेइतुंगः दोस्तो, पत्ता गोभी तो आप और हम अक्सर खाते हैं, क्या आपको इसके गुणों के बारे में पता है। चलिए हम आपको बताते हैं, पत्तागोभी में बेशुमार गुण होते हैं। स्वास्थ्य के लिए खासी लाभकारी है। एक नहीं कई रोगों को दूर भगाती है पत्तागोभी। पत्ता गोभी रोज खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पत्ता गोभी से वजन घटता है। रेगुलर पत्तागोभी खाकर वजन पर कंट्रोल किया जा सकता है। यदि कैंसर के रोगी पत्ता गोभी के ताजे पत्तों का सेवन प्रतिदिन सुबह खाली पेट करें तो काफी फायदा होता है।

    बहुत सी महिलाओं को यह पता नहीं होगा कि इसमें एक ऐसा रसायन है, जिसमें स्तन कैंसर पैदा करने वाले एस्ट्रोजन हॉर्मोन की मात्रा को घटाने की क्षमता होती है। आहार विशेषज्ञों के अनुसार पत्तागोभी में काफी मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। रेशेदार होने के कारण यह हेल्थ के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं है। मानसिक व शारीरिक विकास के लिए बेहद उपयोगी है।

    अनिलः पत्तागोभी में सेल्युलोस नामक तत्व मौजूद होता है, जो सेहत के लिए बढिय़ा होता है। यह तत्व शरीर से कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करता है। डाइबिटीज रोगियों के लिए लाभकारी है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह खांसी, पित्त, रक्त विकार व कुष्ठ रोग में भी लाभकारी है।

    पत्तागोभी शरीर को जल्दी बूढ़ा नहीं होने देता। भूख बढ़ानी है, तो भूख का कोई भी टॉनिक लेना छोड़ दें। पत्तागोभी है ना। खाकर देखिए भूख बढ़ेगी। यह पाचन क्रिया को नियंत्रित रखता है। इसमें संक्रामक रोगों से लडऩे की शक्ति होती है। विटामिन सी भी इसमें पर्याप्त होता है।

    वेइतुंगः कई बार आपको ऐसा लगा होगा कि अच्छी तरह खाना खाने के बाद भी आप थकान महसूस करते हैं और कई बार डिप्रेस। ऐसा क्यों होता है? यह होता है फूड एंड मूड कनेक्शन के कारण। एक्सपर्ट का कहना है कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को भोजन प्रभावित करता है। कई रिसर्चं से यह प्रमाणित हुआ है कि जो हम खाते हैं, उसी पर निर्भर करता है कि हम कैसा महसूस करते हैं।

    फूड मूड का संबंध छुपा है न्यूरोट्रांसमीटर्स में, जो हमारी सोच व कार्य पर इफेक्ट डालते हैं। ये न्यूरोट्रांसमीटर्स हैं डोपामाइन, सेरोटोनिन, नोरीपाइनफ्राइन। जब हमारा दिमाग डोपामाइन व नोरीपाइनफ्राइन रिलीज करता है, तो हम न केवल जल्दी सोचते हैं, बल्कि काम भी फुर्ती से करते हैं। दरअसल अलर्ट महसूस करते हैं। डोपामाइन मूवमेंट, मोटिवेशन, रिवार्ड से जुड़ा है। नोरीपाइनफ्राइन का लो लेवल हो तो एनर्जी कम होती है और चीजों पर कम फोकस कर पाते हैं।

    अनिलः एन्डोर्फिन्स को भी अच्छा ट्रांसमीटर माना जाता है और इसका स्तर प्रभावित करता है वसा का सेवन। वसा युक्त भोजन जैसे चॉकलेट, तले हुए खाने से एन्डोर्फिन्स का लेवल बढ़ता है। ऐसी डाटट जिसमें प्रोटीन भरपूर होगा, तो अधिक चुस्त अनुभव करेंगे।

    इसी तरह जब कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन लेगें, तो शांति महसूस करेंगे। इसका कारण है कार्बोहाइड्रेट खून में इंसुलिन की मात्रा बढ़ाता है। जिससे अमीनो एसिड ट्रायटोफेन को सेरोटोनिन में परिवर्तन होने में मदद मिलती है। यही कारण है जिससे हम पीस फील करते हैं। सेरोटोनिन पेन कंट्रोल, डाइजेशन, स्लीप साइकिल और इम्यून सिस्टम फंक्शन सभी में खास भूमिका निभाता है।

    इसी तरह अगर भोजन में फोलिक एसिड की पर्याप्त मात्रा नहीं है, तो डिप्रेशन फील होगा। फोलिक एसिड की कमी सेरोटोनिन के स्तर को कम करती है। यह बेहद जरूरी है कि आप गौर करें कि क्या खाने के बाद आप कैसा महसूस करते हैं। एरीजोना स्टेट यूनीवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि खाने में कार्बोहाइड्रेट कम हो तो थकान होती है।

    वेइतुंगः डाइट में बींस, दालें, सोयाबीन, नट्स, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल आदि शामिल करें। मूड को अच्छा रखने के लिए यह जरूरी है कि डाइट बेलेंस्ड हो। हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, कॉर्न, विटामिन बी युक्त भोज्य पदार्थ शामिल करें। ये डिप्रेशन दूर करते हैं। विटामिन सी के लिए संतरा, रसीले फल, टमाटर, बादाम, सी-फूड आदि खाएं। इस बात का खास ध्यान रखें कि दिन में चार-पांच बार थोड़ा-थोड़ा खाएं। ध्यान रखें कि शरीर में सेरोटोनिन के स्तर में संतुलन हो। इसके लिये दूध, सब्जियां, दालें आदि अपने आहार में शामिल करें।

    अनिलः वहीं क्वींस विश्वविद्यालय में कैंसर की शोधकर्ता मादुरी कोटी ने एक ऐसे बायोमार्कर की खोज की है, जो कि गर्भाशय कैंसर से पीडि़तों की कीमोथेरेपी की सफलता का बेहतर पूर्वानुमान लगाने में सहायक होगा।

    विश्वविद्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, बायोमार्कर जैविक स्थिति अथवा हालात के सूचक हैं। इससे प्राप्त नतीजों से गर्भाशय कैंसर का बेहतर तरीके से इलाज किया जा सकता है।

    भारतीय मूल की अमरीकी प्रोफेसर कोटी ने बताया कि कैंसर का मुकाबला करने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता में हाल ही में मिली सफलता कैंसर से लडऩे में मरीज की प्रतिरक्षा प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

    उन्होंने कहा कि ये सफलताएं विभिन्न उपचारों के माध्यम से कैंसर के खिलाफ प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने पर निर्भर हैं। इस तरह के उपचार तब और ज्यादा प्रभावी साबित होंगे जब विशिष्ट उपचार के प्रति मरीज की संभावित प्रतिक्रिया को मार्कर के पूर्वानुमान के साथ जोड़ दिया जाता है।

    कोटी ने अध्ययन में किसी विशेष उपचार के प्रति रोगी की सकारात्मक प्रतिक्रिया के संकेत प्राप्त करने के लिए कई तरह की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया। कोटी ने गर्भाशय के कैंसर से पीडि़त 200 मरीजों पर अध्ययन किया।

    गर्भाशय कैंसर के कारण विश्व में हर साल लगभग 152,000 महिलाओं की मौत होती है। महिलाओं में यह स्त्री संबंधी कैंसर के मामलों में मौत का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है।

    वेइतुंगः अब प्रोग्राम में वक्त हो गया है, श्रोताओं के कमेंट्स यानी टिप्पणी शामिल करने का।

    सबसे पहला ई-मेल हमें आया है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल का। वे लिखते हैं कि, ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने अपने हर दिल अज़ीज़ साप्ताहिक "टी टाइम" का भी खूब मज़ा लिया। कोच्चि, केरल के वैज्ञानिक सी.मोहन कुमार द्वारा नारियल तेल से जैव ईंधन विकसित करने का तरीका युगान्तकारी लगा। ऑस्ट्रेलिया में एक 25 वर्षीय युवती बायनका को गर्भवती होने पर भी अपने पति का पता न होना, वहां की संस्कृति को दर्शाता है। न्यूयॉर्क के 20 वर्षीय इज़ाक मार्टिनएज के कंधे में गोली लगने के बाद भी सेल्फ़ी लिया जाना उनके अत्यधिक क्रैजी होने का द्योतक है, जिसे किसी भी हाल में सही नहीं कहा जा सकता। राजस्थान में उच्च शिक्षित विधायक के पुत्र का चपरासी बनना यह बतलाता है कि भारत में कुछ नैतिकता अभी भी बची है। गुजरात के मेहसाणा में बकरियों को शराब पिलाने का किस्सा सर्वथा अमानवीय कहा जायेगा, भले ही यह लापरवाही से हुआ हो। नेपाल में एक महिला द्वारा मेंढ़क की शक्ल के बालक को जन्म दिया जाना भी मेडिकल साइन्स के लिये एक चुनौती है। बिहार में नक़ल की घटना से तो पूरा देश शर्मसार है, परन्तु नेताओं पर इसका कोई असर नहीं। सोनी द्वारा सिमरहित फ़ोन का अविष्कार भी एक नयी जानकारी है। एप्पल द्वारा 18 कैरेट सोने की कस्टमाइज्ड घड़ी पेश किया जाना तथा भारत में श्रम कल्याण निदेशालय द्वारा कर्मचारियों के लिये योग की सुविधा उपलब्ध कराया जाना भी दिलचस्प लगा। लगातार नींद की कमी से होने वाले शारीरिक विकार की बात तो अच्छी लगी, परन्तु इश्क़ करने वाली बात कुछ सिरफिरों के लिये मौज़-मस्ती का विषय हो सकती है। आज के तीनों जोक्स भी अव्वल दर्ज़े के रहे। धन्यवाद इस ख़ास प्रस्तुति के लिये।

    धन्यवाद, सुरेश जी, अपनी टिप्पणी हम तक पहुंचाने के लिए।

    अनिलः लीजिए अब पेश है, अगला मेल। जिसे भेजा है, पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु ने। लिखते हैं कि

    "टी टाइम" प्रोग्राम का पिछला अंक बहुत ध्यान से सुना। इस प्रोग्राम में समसामयिक विषय के आधार पर दुनिया की ताज़ा और रोचक जानकारी पेश की जाती है। पिछले प्रोग्राम में भारत से जुड़ी हुई खबरें ज्यादा थी। डीजल-पेट्रोल के बाद हम नारियल तेल से गाडिय़ां चलाएंगे जो प्रकृति के अनुकूल भी है। नारियल तेल से बनने वाले जैव डीजल ने एक एक लीटर डीजल में 16 किलोमीटर का माइलेज दिया जो व्यावसायिक दृष्टि से बहुत ही लाभदायक है। ऑस्ट्रेलिया की 25 साल की मां बायनका के गर्भवती होने की जो स्टोरी आपने हमें बतायी,वह बहुत ही दिलचस्प थी। लेकिन हमारे 12 साल के बेटे उदित शंकर जो हमेशा हमारे साथ प्रोग्राम सुनते है, ने जब इस बारे में हमें पूछा तो मैं और मेरी पत्नी ने हिचकिचाहट महसूस की। मेरे बेटे को आपके प्रोग्राम में पेश होने वाले जोक्स का इंतजार रहता है। यह 'वन नाइट स्टैंड' का कांसेप्ट सही या गलत- मैं इस बारे में कुछ नहीं बोलना चाहता हूं । फिर भी यह कांसेप्ट हमारे भारतीय ग्रामीण संस्कृति में प्रचलित नहीं है। मैं भगवान से यही प्रार्थना करता हूं कि उक्त महिला जल्द ही अपने बच्चे के पिता को जल्दी ढूंढ़ पाएंगी। पिछले दिनों नेपाल के एक अस्पताल में मेढक की तरह दिखने वाला एक बच्चा जन्म लेने के बाद मर गया । यह बात सुनके मुझे बहुत ही दुःख हुआ। बिहार के 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स को पास कराने के लिए अनके अभिभावक ,परिजन और दोस्त खिड़की से जिस लगन के साथ नकल सामग्री भेज़ते हैं- वह बहुत ही शर्मिंदा वाली बात है। बिहार की बोर्ड परीक्षा में अभिभावक बच्चों को पास कराने की खातिर खिड़की से नकल कराने आते हैं जो हम भारतवासी अच्छी तरह जानते हैं। बिहार में नकल होना कोई नई बात नहीं है। आज हेल्थ टिप्स में अपर्याप्त नींद 'टाइप-2 डायबिटीज' को बढ़ावा देती है। इस शोध को सुनकर मुझे बहुत ही डर लगा क्योंकि आजकल मुझे भी रात में अध्ययन के नाते पर्याप्त नींद नहीं आती है। भारतीय टीम क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने से महज दो कदम दूर खड़ी है, इसके बारे में भी जानने को मिला। अंत में जोक्स मुझे ज्यादा अच्छे लगे। देखिए बसु जी, अब तो इंडिया सेमीफाइनल में हारकर घर वापस आ चुकी है...और ......वर्ल्ड चैंपियन बन चुकी है।

    मेरा बेटा जोक भेज रहा है, आशा है कि अनिल सर इसे प्रोग्राम में शामिल करेंगे।

    एक दिन एक बच्चा परीक्षा देकर आया। और पापा ने पूछा कि - बेटा एग्जाम कैसा था?

    बेटा बोला - बिन्दास।

    पापा ने पूछा-कितने क्वेस्चन थे और क्या आन्सर लिखा?

    बेटा बोला फाइव क्वेस्चन थे। पहला समझ में नहीं आया। दूसरे में प्रिटिंग में कुछ गलती थी। चौथा क्वेस्चन कॉमन नहीं था।और 5 वां unseen था ।

    पापा ने पूछा-और तीसरा?

    बेटा बोला -वहीं सिर्फ़ गलत हुआ है।

    ...

    ..............

    धन्यवाद आप दोनों का.....

    वहीं पश्चिम बंगाल से ही देबाशीष गोप ने भी ई-मेल भेजा है, वे लिखते हैं कि पिछले अंक में पेश जानकारी पर आश्चर्य हुआ। विशेषकर ऑस्ट्रेलिया में एक महिला के बच्चा होने की घटना पर, लेकिन वह उसके पिता की खोज कर रही है। जबकि बिहार में नकल की प्रवृत्ति तो जरूर बंद होनी चाहिए। साथ ही स्वास्थ्य संबंधी जानकारी से हमारे ज्ञान में इजाफा हुआ। धन्यवाद।

    बिहार से अवधेश कुमार ने भी ई-मेल भेजा है।

    आप सभी श्रोताओं का बहुत-बहुत शुक्रिया।

    दोस्तो, अब प्रोग्राम में वक्त हो गया है, जोक्स यानी हंसगुल्लों का।

    आज भी पेश हैं, तीन जोक।

    लीजिए पेश है पहला जोक...

    संता को मुगलों ने पकड़ लिया और उसे अकबर के पास ले गए... अकबर- इसको बंदी बना दिया जाए... संता- नहीं...नहीं जहांपनाह !!! रहम! मुझे बंदा ही रहने दो।

    दूसरा जोक...--. संता बार में गया तो बार टेंडर ने उसे पूछा, क्या लोगे आज? संता- बस एक बियर। बार टेंडर- क्या हुआ? आज तुम कुछ ठीक नहीं लग रहे, इतने उदास क्यों हो? संता- मेरा मेरी बीवी से झगड़ा हो गया था, उसने मुझे कहा कि वो एक महीने तक मुझसे बात नहीं करेगी। बार टेंडर- फिर उसमे क्या दिक्कत है? संता- आज एक महीना पूरा हो गया।

    तीसरा और अंतिम जोक...पति- मुझे नींद नहीं आ रही है पत्नी- जाओ जाकर बर्तन साफ कर लो। पति- नींद में बोल रहा हूं पगली।

    जोक्स यही तक...

    अब सवाल-जवाब की बारी है।

    दोस्तो, पिछले सप्ताह हमने दो सवाल पूछे थे।

    पहला सवाल था...हाल में नारियल के तेल के किस नए गुण का पता चला है।

    सही जवाब है..... जैव ईंधन गुण का पता चला है, जिससे वाहन चलाए जा सकते हैं।

    दूसरा सवाल था—जापानी कंपनी ने बाज़ार में कौन सा उत्पाद उतारने का ऐलान किया है।

    सही जवाब है--- बिना सिम वाला फ़ोन लॉन्च करने जा रही है

    इन सवालों का जवाब हमें भेजा है, मधुबनी बिहार से अवधेश कुमार, पश्चिम बंगाल से रवि शंकर बसु, देबाशीष गोप और केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल आदि ने।

    आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया।

    अब आज के सवालों का समय हो गया है।

    पहला सवाल है...किस देश के लेखक ने कहा कि वे उत्तेजना फैलाने वाले लेखक नहीं हैं। उनका क्या नाम है।

    दूसरा सवाल....कैंसर के विषय में कौन सी खोज का पता चला है।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn.

    ...... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें। ........म्यूजिक........

    अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही ...अगले हफ्ते फिर मिलेंगे.....चाय के वक्त......तब तक आप चाय पीते रहिए और सीआरआई के साथ जुड़े रहिए। नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर,चाइ च्यान.....

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