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    आप की पसंद 150228
    2015-03-11 10:07:03 cri

    28 फरवरी 2015 आपकी पसंद

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली– श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है .. बुलंद दरवाज़ा कलियर शरीफ से इस्लाम साहिल, अस्लम साहिल, इकराम राजा, नसीमा साहिल और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है देवता फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं गुलज़ार, संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 1. गुलमोहर गर तुम्हारा नाम होता ....

    पंकज – मित्रों एक जमाना था जब हम फोटो खींचने के बाद उसकी रील को धुलवाते थे और फिर उसके प्रिंट निकलवाते थे, फिर उस फोटो को अपने बड़े से एलबम में सहेजकर रखते थे। समय बदला और बदलते समय के साथ ही तकनीक भी बदली, आज हम न तो रील पर फोटो खींचते हैं और न ही फोटो के प्रिंट्स निकलवाते हैं, बस उसे कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क में सेव कर लेते हैं। और एक हार्ड डिस्क में हम लाखों फोटो सुरक्षित कर रख सकते हैं। न तो बड़े से भारी भरकम एलबम को रखने सम्हालने का झंझट और न ही उसे रखने के लिये किसी सुरक्षित अलमारी की ज़रूरत, लेकिन कहीं अगर हार्ड डिस्क क्रैश हो जाए तो ... अगर ऐसा हुआ मित्रों तो सारी की सारी फोटो एक झटके में साफ हो जाएगी। विंट सर्फ़ उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें इंटरनेट का जनक कहा जाता है. लेकिन उन्हें इन दिनों एक चिंता सता रही है.

    चिंता ये है कि जो भी तस्वीरें या दस्तावेज़ हम कंप्यूटर पर सेव कर रहे हैं, हो सकता है कि वो एक दिन बेकार हो जाएं.

    क्योंकि हम डिजिटल डाटा तो संरक्षित कर रहे हैं, लेकिन उस टेक्नोलॉजी को सहेजने पर हमारा ध्यान कम है जिसमें वो काम करती है.

    नए सॉफ़्टवेयर मतलब जिस फ़ॉर्मेट में तस्वीर या दस्तावेज़ आपने सेव किया है, हो सकता है कि वो आगे काम ही न करें. लेकिन विंट सर्फ़ इसका उपाय भी बताते हैं.

    विंट सर्फ़ फ़िलहाल दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी गूगल के उपाध्यक्ष हैं और जिन लोगों की वजह से आज हम इंटरनेट का इस्तेमाल कर पा रहे हैं, सर्फ़ उनमें से एक हैं.

    उनका कहना है कि सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर तेज़ी से पुराने पड़ रहे हैं और उनकी जगह नए नए सॉफ़्टवेयर ले रहे हैं और ये सिलसिला लगातार जारी है.

    ऐसे में उन डिजिटल डाटा के अस्तित्व पर संकट भी मंडरा रहा है जो हम समझते हैं कि हमने संरक्षित कर लिया है.

    अंजली – आगे बढ़ने से पहले हम उठाते हैं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है, कहारवाड़ी, राजपुर, मध्यप्रदेश से धीसू दिलवारे, लक्ष्मी दिलवारे, माधुरी दिलवारे, कुनाल दिलवारे, सोनाली दिलवारे और समस्त दिलवारे परिवार, आप सभी ने सुनना चाहा है मन मंदिर फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 2. जादूगर तेरे नैना .....

    पंकज - डिजिटल डाटा

    वे कहते हैं, "असल में मुझे इसकी बहुत चिंता है और हम पहले से ही इस तरह का अनुभव कर रहे हैं. पुराने फ़ॉर्मेट या प्रजेंटेशन में जो डॉक्यूमेंट हमने बनाए, हो सकता है कि वो सॉफ़्टवेयर के नए वर्ज़न में खुल ही न पाएं, क्योंकि इस बात को हमेशा गारंटी नहीं दी जाती है कि कोई सॉफ़्टवेयर पुराने फ़ॉर्मेट के मुताबिक है."

    विंट सर्फ़ का कहना है, "ऐसे में ये होगा कि हम चाहें जितना डिजिटल डाटा जमा कर लें, लेकिन हो सकता है कि हमें पता ही ना लगे कि उसमें है क्या."

    विंट सर्फ़ को लगता है कि हम 'डिजिटल डार्क एज' की तरफ़ बढ़ रहे हैं जहां हो सकता है कि भावी पीढ़ियों के पास 21वीं सदी को लेकर बहुत ही थोड़ी या बिल्कुल भी जानकारी न हो.

    इतिहास के लिए खतरा

    अब उनका ध्यान इस बात पर है कि हमारे इतिहास के लिए ख़तरा बन रही इस समस्या से छुटकारा दिलाया जाए.

    वो कहते हैं, "इसका समाधान ये है कि डिजिटल सामग्री के साथ साथ ऑपरेटिंग सिस्टम को भी सहेजा जाए, जिसमें वो काम करती है, या जिसकी मदद से वो इस्तेमाल करने योग्य रहे, और उसे लंबे समय तक संरक्षित रखा जाए. इस तरह हम अपने अतीत को भविष्य में फिर से साकार कर सकते हैं."

    पंकज – मित्रों इस महत्वपूर्ण जानकारी के बाद अब हम आपको इंटरनेट और कम्प्यूटर से ही जुड़ी दूसरी जानकारी देने जा रहे हैं। ये जानकारी है भारत के डिजिटलीकरण को लेकर --

    कैसे बनेगा डिजिटल इंडिया ? भारत में इंटरनेट का प्रयोग करने वालों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है लेकिन इसकी आबादी को देखते हुए यह आंकड़ा बहुत ज़्यादा नहीं है.

    यहाँ तेज़ी से ऐसा वर्ग तैयार हो रहा है जो इंटरनेट की सुविधाओं का प्रयोग तो करना चाहता है कि लेकिन बुनियादी सुविधाओं के अभाव और महंगाई के कारण ऐसा नहीं कर पा रहा है.

    भारत सरकार और निजी कंपनियाँ भी चाहती हैं कि इंटरनेट की पहुंच सभी तक हो लेकिन ऐसा करने की राह में कई रोड़े हैं.

    वहीं, दिल्ली की एक झुग्गी वाले इलाक़े में माँ-बाप अपने बच्चों को विशेष तौर पर इंटरनेट सीखने के लिए भेज रहे हैं.

    हो सकता है कि बहुत से भारतीय माता-पिता इस बात से ख़ुश हों कि उनके किशोर बच्चे कंप्यूटर से दूर रहते हैं लेकिन दिल्ली के एक बाहरी झुग्गी वाले इलाक़े में माँ-बाप अपने बच्चों को कंप्यूटर सीखने के लिए ख़ास कक्षाओं में भेज रहे हैं.

    अंजली – अभी हम यहां थोड़ी देर के लिये रुकेंगे और सुनेंगे एक मधुर गीत जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है कलेर बिहार से सदफ़ रेडियो क्लब के मोहम्मद आसिफ़ ख़ान, बेगम निकहत परवीन, सदफ़ आरज़ू, साहिल अरमान, अज़फ़र हामिद, तहमीना मशकूर ने आप सभी ने सुनना चाहा है इश्क इश्क इश्क फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार, आशा भोंसले और सुषमा श्रेष्ठ ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 3. वल्लाह क्या नज़ारा है ....

    पंकज - कुछ लैपटॉप की मदद से ये बच्चे इंटरनेट की दुनिया की बुनियादी बातें, जैसे सर्च करना, पैसे ट्रांसफर करना और ट्रेन के टिकट आरक्षित करना सीखते हैं.

    इनमें से किसी भी बच्चे के पास घर या स्कूल में कम्प्यूटर नहीं है.

    इनमें से ज़्यादातर बच्चे बिहार के प्रवासी मज़दूरों के हैं जो स्थानीय सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं.

    इंटरनेट की जानकारी ने 16 वर्षीय प्रियंका सिंह की ज़िंदगी बदल सी दी है.

    वो कहती हैं, "पहले ट्रेन के टिकट आरक्षित कराने के लिए हमें एजेंट को काफ़ी पैसे देने पड़ते थे या घर पर पैसे भेजने के लिए अजनबियों पर भरोसा करना पड़ता था. अब मैं हर काम को ऑनलाइन करने में अपने पिता की मदद कर सकती हूँ."

    जिज्ञासा

    लेकिन इस कक्षा के बच्चों में किन चीज़ों को लेकर सबसे ज़्यादा जिज्ञासा है ?

    - नेट बैंकिंग कितनी सुरक्षित है?

    - भारतीय रेल की वेबसाइट आईआरसीटीसी डॉट कॉम इतनी धीमी क्यों है?

    - एंड्रॉयड स्टोर से ऐप कैसे डाउनलोड किए जाते हैं?

    भारत में भी अब भी तक़रीबन एक अरब लोग इंटरनेट की पहुंच से दूर हैं. ये संख्या यूरोप और अमरीका की कुल आबादी से भी ज्यादा है.

    प्रियंका जैसे अन्य भारतीयों तक सुविधाजनक और किफ़ायती इंटरनेट सुविधा पहुंचाने के लिए कुछ ग्लोबल कंपनियों ने साझा प्रयास शुरू किया है.

    इंटरनेट डॉट ओआरजी ऐसा ही एक समूह है जिसका लक्ष्य है इंटरनेट को 'पाँच अरब नए लोगों' तक पहुंचाना.

    अंजली– और अभी हम यहां पर रुककर मधुर गीत का आनंद उठाएंगे, उसके बाद हम आगे बढ़ेंगे और आपकी जानकारी को सुनेंगे, ये पत्र हमारे पास आया है बाबू रेडियो श्रोता संख आबगिला, गया बिहार से मोहम्मद जावेद खान, ज़रीना खानम, मोहम्मद जामिल खान, रज़िया खानम, शाहिना परवीन, खाकशान जाबीन, बाबू टिंकू, जे.के. खान, बाबू, लड्डू, तौफीक उमर खान, इनके साथ ही केपी रोड गया से ही मोहम्मद जमाल खान मिस्त्री, शाबिना खातून, तूफ़ानी साहेब, मोकिमान खातून, मोहम्मद सैफुल खान, ज़रीना खातून ने आप सभी ने सुनना चाहा है डार्लिंग डार्लिंग फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 4. ऐसे ना मुझे तुम देखो सीने से लगा लूंगा ....

    पंकज - महंगाई का सवाल

    2012 की तुलना में भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में 25 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है. लेकिन भारत की जनसंख्या को देखते हुए यह आंकड़ा अभी काफ़ी कम है.

    इंटरनेट की पहुँच में सबसे बड़ी बाधा है इसकी लागत. भावी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में ऐसे लोगों की संख्या ज़्यादा है जो छोटे या मझोले किस्म के काम करते हैं.

    अगर किसी परिवार की मासिक आय लगभग 12 हज़ार रुपए हो और उसे हर महीने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, तो सवाल उठता है कि क्या ऐसा परिवार इंटरनेट का ख़र्च वहन कर सकता है?

    एरिक्सन में रेडियो यूनिट के प्रमुख क्रिस्चियन हेडेलिन कहते हैं कि स्मार्टफ़ोन ज़्यादा जनसुलभ हैं, इनकी वजह से इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ रही है.

    बढ़ती ज़रूरत

    हेडेलिन कहते हैं, "ज़्यादा बातचीत का बोझ उठाना एक बात है लेकिन जब लोग स्मार्टफ़ोन का प्रयोग शुरू करते हैं तो उन्हें अच्छे मोबाइल ब्रॉडब्रैंड की चाहत होती है. ऐसे में आपको छोटी इकाई की मदद एक डेडिकेटेट हॉटस्पॉट बनाने की ज़रूरत होती है जिसे प्रदर्शन और क्षमता दोनों प्रदान किया जा सके."

    उनके अनुसार स्मार्टफ़ोन की क़ीमत अगले तीन सालों में 40-50 प्रतिशत तक कम हो सकती है. इन फ़ोन के सस्ते होने का अर्थ है कि इनका प्रयोग करने वालों की संख्या बढ़ेगी.

    उम्मीद है कि 2020 तक भारत में 70 करोड़ से ज़्यादा इंटरनेट उपभोक्ता हो जाएंगे, 2013 तक यह संख्या महज 11 करोड़ थी.

    लेकिन भारत की टेलीकॉम कंपनियाँ अभी ही बढ़ते हुए नेटवर्क से संघर्ष कर रही हैं. इन कंपनियों पर उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग को पूरा करना का दबाव बहुत बढ़ गया है.

    अंजली – यानी इसके साथ ही चीन के जैसे ही भारत में भी मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या भी भारी मात्रा में बढ़ेगी, इससे निश्चित तौर पर इंटरनेट प्रोवाईडर कंपनियों को बहुत मुनाफा होगा, इसी के साथ मैं उठा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है रामलीला मैदान सचेंडी से बाबा, शिवानंद त्रिपाठी, शशि त्रिपाठी, मनू, तनू, सोनू, आलोक, शिवांश, रामानंद त्रिपाठी और इनके ढेर सारे मित्र, आप सभी ने सुनना चाहा है हीरा पन्ना फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गीतकार हैं आनंद बख्शी, संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 5. एक पहेली है तू ....

    पंकज - स्पेक्ट्रम

    90 करोड़ से ज़्याद मोबाइल फ़ोन उपयोगकर्ताओं के साथ दुनिया के सबसे बड़े टेलीकॉम बाज़ारों में से एक होने बावजूद भारत के पास ग्लोबल कंपनियों के मुकाबले काफ़ी कम स्पेक्ट्रम है.

    इसलिए एरिक्सन का मानना है कि उनके वाई-फाई हॉटस्पॉट जैसी छोटी इकाइयाँ उपभोक्ताओं को मिलने वाले नेटवर्क की गुणवत्ता बढ़ाने में मददगार हैं.

    टेलिनॉर के ग्लोबल सीईओ जॉन फ्रेडरिक बैकसास कहते हैं कि अगर भारत सरकार डिजिटल इंडिया का अपना सपना साकार करना चाहती है तो उसे ज़्यादा स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराना चाहिए.

    भारत सरकार की साल 2019 तक सभी सरकारी सेवाओं को सभी भारतीयों तक ऑनलाइन पहुँचाने की योजना है.

    बुनियादी सुविधाएँ

    प्रियंका जिस झुग्गी में रहती हैं वहाँ के लोगों के इंटरनेट की नियमित सुविधा का लाभ चाहे सरकारी प्रयास के माध्यम से पहुंचे या फिर किसी कारबोर जगत की मदद से, यह जितना जल्द होगा वो उतनी जल्दी इसका सदुपयोग करना सीख पाएंगे.

    इंटरनेट की दुनिया से नया-नया परिचय पाने वाले भविष्य में कंप्यूटर ख़रीदने की बजाय स्मार्टफ़ोन ख़रीदना चाहते हैं.

    जब हम इस झुग्गी में बच्चों की कक्षा में मौजूद ही थे बिजली कट गई. बच्चों का कहना था कि यह तो रोज ही की बात है.

    ऐसे में तमाम सरकारी कार्यक्रमों और उद्योग जगत की मदद के बावजूद जब तक भारत कुछ बेहत बुनियादी समस्याओं पर काबू नहीं पा लेता तब तक भरोसमंद और सुविधाजनक इंटरनेट करोड़ों भारतीयों के लिए एक सपना ही रहेगा.

    अंजली– इस समय मेरे हाथ में हमारे एक पुराने और चिर परिचित श्रोता का पत्र है जो हमारे पास आया है बहादुरगंज, गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश से इसे लिखा है आज़ाद अली अनवर, रिज़वाना परवीन, अब्दुल्लाह आज़ाद, इनके साथ ही अस्तुपुरा मऊनाथ भंजन उत्तर प्रदेश से मज़हर अली अंसारी, रज़िया बेगम अंसारी, सादिक, साजिद, सारिम और शारिक ने आप सभी ने सुनना चाहा है लूटमार फिल्म का गाना जिसे गाया है आशा भोंसले ने और संगीतकार हैं राजेश रौशन और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 6. जब छाए मेरा जादू ....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली – नमस्कार।

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