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    तिब्बती बहुल क्षेत्र में चरवाहे बच्चों का आज का जीवन
    2015-03-06 19:08:54 cri

    प्यारे-प्यारे तिब्बती बच्चे

    छात्रावास का एक कोना

    चीन में केंद्र सरकार के वित्तीय समर्थन में छिंगहाई प्रांत के ग्रामीरण और पशुपालन क्षेत्र में नौ वर्षीय अनिवार्य शिक्षा लेने वाले विद्यार्थी"तीन निशुल्क और एक भत्ते"का उपभोग करते हैं। यानी कि"निशुल्क पाठ्यपुस्तक खर्च, निशुल्क पढ़ाई फ़ीस और निशुल्क सांस्कृतिक उपकरणों का खर्च", इसके साथ ही प्राइमरी स्कूल में अर्ध-बोर्डिंग विद्यार्थियों और मिडिल स्कूलों में गरीब परिवार के बच्चों को जीवन भत्ता दिया जाता है। कोंगहे कांउटी के दूसरे जातीय प्राइमरी स्कूल में अधिकांश छात्र चरवाहे परिवारों के हैं। वे छाईरांग जाशी के बराबर राष्ट्रीय पढ़ाई भत्ते का उपभोग करते हैं। स्कूल के प्रधान नानला छाईरांग ने बताया :

    " छात्रों के लिए सभी पाठ्यपुस्तकें, नोटबुक और किताबें निशुल्क हैं। इसके साथ ही छात्रों को स्कूल में रहने का कोई खर्च नहीं उठाना पड़ता। उनके अभिभावकों को सिर्फ़ प्रति माह 50 युआन का जीवन फ़ीस देना होता है।"

    अब अपने बच्चों को स्कूल भेजकर तिब्बती चरवाहों को कोई चिंता नहीं होती। स्कूल में बच्चों का संपूर्ण विकास होता है। सांस्कृतिक शिक्षा लेने के साथ ही वे दूसरी रुचिकर कक्षाओं में भी सक्रिय रुप से भाग लेते हैं। हर सप्ताह रविवार को कोंगहे कांउटी के दूसरे जातीय स्कूल के बच्चों के लिए सबसे अच्छा समय है। स्कूल के उप-प्रधान च्वोमा छाईरांग ने कहा कि स्कूल में रहने के कारण विद्यार्थियों के कक्षाओं के अतिरिक्त जीवन को और अच्छी तरह बिताने के लिए स्कूल में कई रंगबिरंगी गतिविधियां चलाई जाती हैं।

    "हर सप्ताह रविवार को दोपहर बाद बच्चो शिक्षकों के नेतृत्व में बास्केटबाल, फ़ुटबाल, टेबल टेनिस, बैटमिंगटन, ललितकला, चैस, चीनी भाषा की हस्तलिपि और तिब्बती भाषा की हस्तलिपि जैसी गतिविधियों में सक्रिय रुप से भाग लेते हैं। वे अपनी रुचि वाली गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं।"

    कांगहे कांउटी के ताओथांगहो कस्बे का 10 वर्षीय ह्वातान छाईरांग स्कूल में ग्रेड चार का छात्र है। उसे गीत गाना बहुत पसंद है। हर रविवार को स्कूल में गायन गतिविधि चलाई जाती है। उसने हमारे संवाददाता के स्वागत में तिब्बती गीत गाते हुए सुनाया।

    ह्वातान छाईरांग ने कहा कि वह एक माह में 20 से अधिक दिन स्कूल में बिताता है। उसे अपने स्कूली जीवन बहुत पसंद है। क्योंकि स्कूल में उसने कई दोस्त बनाए और जीवन बहुत दिलचस्प लगता है। भविष्य में अपने जीवन की कल्पना करते हुए उसने कहा:

    "भविष्य में मैं विश्वविद्यालय में पढ़ना चाहता हूँ। इसके बाद नौकरी मिलेगी और अपनी कमाई से परिवार की मदद करूंगा। पहले मैं ताओथांगहे कस्बे में पढ़ता था, वहां मुझे अपने टीचर से पता चला कि हपेई विश्वविद्यालय एक बहुत अच्छी यूनिवर्सिटी है। तो बाद में मैं इस यूनिवर्सिटी में पढ़ने की इच्छा है। भविष्य में मैं एक इतिहासकार और खगोलविद बनना चाहता हूँ। मुझे डायनासोर के बारे में बड़ी रुचि है। इस तरह मैं मेहनत से इतिहास वाला कोर्स सीख रहा हूं। छुट्टी के दौरान मुझे अंतरिक्ष और तारों से संबंधित टीवी कार्यक्रम देखना पसंद है। मैं खगोल विज्ञान का अध्ययन करना भी चाहता हूँ।"

    मित्रों, छिंगहाई प्रांत में छाईरांग जाशी, ह्वातान छाईरांग के बराबर बहुत ज्यादा छात्र स्कूल में पढ़ रहे हैं। वे चरवाहे परिवार से आते हैं और पहले पशुपालक थे। लेकिन अब वे स्कूल में मेहनत से पढ़ाई करते हैं। भविष्य को लेकर हर किसी के अपने-अपने सपने हैं। छिंगहाई तिब्बत पठार में केसांग फूल इधर उधर खिलते हैं, जो पठार में मुश्किल और कठोरता का प्रतीक हैं। विश्वास है कि ये बच्चे भी केसांग फूल की तरह विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सुन्दरता दिखाएंगे।


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