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    संडे की मस्ती 2015-03-01
    2015-03-02 08:34:01 cri

     


    हैलो दोस्तों...नमस्कार...नीहाओ...। आप का स्वागत है आपका हमारे इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर।

    दोस्तों, हर बार की तरह आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की....इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड और चाइनिज गानों का भी।

    दोस्तों, आज कार्यक्रम को पेश करने में मेरा साथ दे रही है मेरी सहयोगी वनिता जी...।

    वनिता- दोस्तों, आप सभी को वनिता का प्यार भरा नमस्कार।

    अखिल- अब हम आरंभ करते हैं हमारी मस्ती की पाठशाला पर उससे पहले पढ़ें जाएंगे आपके प्यारे खत और लेटर्स।

    अखिल- दोस्तों, हमें पहला पत्र मिला हैं केसिंगा, ओडिशा से हमारे दोस्त सुरेश अग्रवाल जी का। भाई सुरेश जी.... देश-दुनिया के ताज़ा समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "सण्डे की मस्ती " के ताज़ा अंक में श्रोताओं के पत्रों को न पाकर लगा कि अब आप दिनों-दिन श्रोताओं की प्रतिक्रिया को कम महत्व देने लगे हैं। क्या आप स्पष्ट करेंगे कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं ? पत्रों को शामिल न करने में आपकी क्या मज़बूरी हो सकती है।

    अखिल- भाई सुरेश जी, हम आपकी भावना को समझते हैं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि हम श्रोताओं की प्रतिक्रियाओं को कम महत्व देने लगे हैं। हम आज भी उनसे उतना ही प्यार प्यार करते हैं, जितना पहले करते थे। actually….. चीनी नववर्ष की छुट्टियों की वजह से हमें हमारे कार्यक्रम को पहले ही रिकोर्ड करना पड़ा था, जिसकी वजह से हम श्रोताओं के पत्रों और कमेंट्स शामिल नहीं कर पाये थे। उम्मीद हैं कि आपको आगे निराशा नहीं होगी।

    वनिता- आगे सुरेश भाई लिखते हैं... बहरहाल, आज के कार्यक्रम की शुरुआत में चीन के एक अस्पताल में च्येन नामक युवक द्वारा विगत तीन वर्षों से लगातार डेरा डाले रहने सम्बन्धी बात से काफी हैरत हुई। बेंगलुरु से महज़ साठ किलोमीटर दूर स्थित एक गाँव में आलेमारा नामक पेड़ की लकड़ी से बने खिलौनों का इतना मशहूर होना कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा तक उन पर फ़िदा हो जाये, सचमुच जानकारी काफी उत्साहवर्धक लगी। चीन के खुनमिंग की एक तीन मंज़िला इमारत से गिरने के बावजूद नन्हें बच्चे को खरौंच तक न आना, सचमुच इसे तो ईश्वरीय चमत्कार ही कहा जायेगा । ऑनलाइन चैटिंग के ज़रिये जीवन के हसीन सपने संजोने वालों के लिये चीन के हुआंग और श्यचिन का किस्सा एक अहम सीख हो सकता है। अमेरिका के दस अज़ब-गज़ब क़ानूनों की जानकारी भी सूचनाप्रद लगी। प्रेरक कहानी में राजस्थान के अजय को क़ाफ़िले के बाबा द्वारा समझाया गया जीवन की तमाम समस्याओं के समाधान का गुर वास्तव में व्यावहारिक लगा। श्रोता भाई अनिल कुमार द्विवेदी द्वारा प्रेषित डॉक्टर हॉवर्ट कैली और बीमार लड़की वाला किस्सा भी काफी प्रेरक लगा। अखिलजी की पंक्त्तियां "लौट आता हूँ रोज़ घर की ओर थका-हारा....... भी जीवन का फ़लसफ़ा बयान करती प्रतीत हुईं। आज के हंसगुल्ले भी ठीक-ठीक रहे। धन्यवाद।

    अखिल- बहुत-बहुत धन्यवाद आपका सुरेश अग्रवाल जी। आपने हमें पत्र लिखा और हम तक आपनी बात पहुंचाई। हमारा धन्यवाद स्वीकार कीजिए। अगला पत्र मिला है ग्रेटर नोएडा से भाई विजय शर्मा जी का। विजय शर्मा लिखते हैं... नमस्कार, आपका संडे की मस्ती प्रोग्राम मुझे बहुत पसंद है। मैं अपने घरवालों के साथ बैठकर आपका प्रोग्राम सुनता हूं। इस बार का अंक भी हर बार की तरह लाजवाब था। चीन में एक शख्स का अस्पताल में पड़े रहने की बात बड़ी अजीबोगरीब और मजेदार लगी। इसके अलावा आप द्वारा बतलाये गये 10 अजब-गजब कानून भी कम रोचक नहीं थे। पर मैं अखिल जी की प्रेरक कहानियों का कायल हूं। आपकी कहानी हमारा मनोबल बढ़ाती है और हमें अच्छी-अच्छी बातों की प्रेरणा देती है। इस बार के मजेदार जोक्स भी लाजवाब लगे। धन्यवाद।

    वनिता- आपका बहुत-बहुत धन्यवाद विजय शर्मा जी। आपने हमारे कार्यक्रम की प्रशंसा कर हमारा उत्साहवर्धन किया और हमारा मनोबल बढ़ाया है। हम आपके बहुत आभारी है।

    वनिता- दोस्तों, हमें बहुत खुशी हैं कि आप हमारा प्रोग्राम सुनते हैं और अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाते हैं। हमारा धन्यवाद स्वीकार कीजिए। हम आशा करते हैं कि आप आगे भी हमारे कार्यक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया और कमेंट भेजते रहेंगे। चलिए... हम आपको ले चलते हैं अजब-गजब और रोमांचक बातों की दुनिया में..... पर उससे पहले सुनते हैं एक चाइनिज सोंग...।

    अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं संडे के दिन, मस्ती भरा कार्यक्रम संडे की मस्ती Only on China Radio International

    दोस्तों, क्या आपको पता है कि चीटियां का भी अपना एक शौचालय होता है वो इसके लिए बाहर नहीं जाती हैं बल्कि घोंसले के एक कोने में उनका शौचालय बना होता है। जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ रेजेनबर्ग के शोधकर्ता तोमर कजाकजक्स ने बताया कि चीटियों के लिए भी स्वच्छता और शौचालय एक बड़ा मुद्दा है, जो हमारे समुदायों में है।

    चीटियों के दैनिक नित्यकर्म व्यवहार के अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने उनके घोंसले पर पाए गए भूरे रंग के पदार्थों की जांच की और पता लगाया कि क्या वह चीटियों का मल है? शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए सफेद रंग के प्लास्टर घोंसले में रहने वाली चीटियों को लाल और नीले रंग में रंगा खाना खिलाया और घोंसले का निरीक्षण किया।

    शोधकर्ताओं ने पाया कि चीटियों के हर घोंसले में एक या दो कोने लाल और नीले रंग के मल से भरे हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि घोंसले के कोने वाले हिस्से को छोड़कर कहीं भी रंगीन पदार्थ (मल) का निशान नहीं है, जिसका अर्थ यह है कि घोंसले में रहने वाली सभी चीटियां एक खास कोने या क्षेत्र का ही इस्तेमाल शौचालय के रूप में करती हैं।

    शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि चीटियों का शौचालय घोंसले में कहीं भी नहीं होता, बल्कि एक खास क्षेत्र या कोने का ही इस्तेमाल शौचालय के रूप में किया जाता है। चीटियां अपने घोंसले को साफ-सुथरा रखती हैं और कूड़ा-कचरा और अपशिष्ट पदार्थ घोंसले से बाहर कर देती हैं।

    अखिल- है ना दोस्तों, बड़े कमाल की बात... आपको बता दूं कि यह स्टडी जर्नल पीएलओएस वन में प्रकाशित हुआ है।

    अखिल- चलिए दोस्तों, अब मैं आपको एक अजीबोगरीब ख़बर सुनाता हूं। दोस्तों, आपने करोड़पति इंसान तो बहुत देखे होंगे लेकिन क्या आपने कभी करोड़ पति बंदर देखा है। जी हां यूपी के रायबरेली में एक चुनमुन नाम का करोड़पति बंदर है। दरअसल चुनमुन को एक साबिस्ता-ब्रिजेश नाम की दंपत्ति ने गोद लिया है। क्योंकि उनकी कोई संतान नहीं है इसलिए वो चुनमुन को भी अपना बेटा मानते हैं। बंदर से इस परिवार का प्यार इस कदर है कि कपल ने अपने घर का नाम भी 'चुनमुन भवन' रखा है। साबिस्ता अपने सारे व्यवसाय भी बंदर के नाम से ही चला रही हैं।

    साबिस्ता मुस्लिम समुदाय से हैं। उन्होंने साल 1998 में शहर निवासी ब्रजेश श्रीवास्तव से लव मैरिज की। दोनों की कोई संतान नहीं है। एक जनवरी 2005 को चुनमुन उनके घर का नन्हा मेहमान बना। साबिस्ता ने बंदर की अच्छे तरीके से परवरिश की। घर के तीन कमरे उसके लिए सुरक्षित कर दिए गए। चुनमुन के कमरे में एसी और हीटर भी लगवाया। 2010 में शहर के पास ही छजलापुर निवासी अशोक यादव की बंदरिया बिट्टी यादव से उसका विवाह भी कराया गया। चुनमुन और बिट्टी के भविष्य को लेकर चिंतित कपल ने ये बड़ा फैसला लिया।

    वनिता- हां हां हां.. बड़ी अनोखी ख़बर सुनाई आपने...अखिल जी। चलिए.. मैं बताती हूं चीन में मिली 3000 साल पुरानी पैंट के बारे में...।

    दोस्तों, इतिहास पर खोज करें तो अभी भी हमें ऐसी वस्तुएं मिलती है जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। बहुत सी ऐसी वस्तुएं है जो कि अभी तक सामने नहीं आई। इसी तरह इस बार अाप 3000 साल पुरानी पैंट के बारे में सुनकर काफी हैरान रह जाएंगे।

    जैसे कि आपको पता ही है कि इतिहास के मुताबिक तकरीबन 3000 साल पहले पैंट पहनना शुरु किया था। इस पैंट को पहले पतलून कहा जाता है। यह दुनिया की सबसे पुरानी पैंट है।

    जर्मनी और चीन के शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस पतलून का प्रयोग पुराने घुड़सवार किया करते थे इस पैंट को उनकी सुविधा के लिए बनाया जाता है। इस पैंट की खोज से संबंधित शोध जर्नल क्वांटर्नेरी इंटरनेशनल में प्रकाशित हुआ है।

    सुनने में आया है कि चीन के पश्चिम में स्थित तारिम बेसिन मशहूर यांघई कब्र हैं, जहां हजारों साल पुरानी 500 कब्र मौजूद हैं। हाल ही में शोधकर्ताओं को यहां से दो वयस्क पुरुषों की ममी मिली हैं, जिनके शरीर पर ये पतलून मिली हैं जिसे घुड़सवार धारण किया करते थे।

    अखिल- अरे वाह.. मजेदार की बात बताई आपने वनिता जी। दोस्तों, मैं आपको दुनिया के सबसे लंबे ट्रेन रूट के बारे में बतलाने जा रहा हूं जो 8 देशों का लंबा सफर तय करता है।

    दोस्तों, यह तो हम सब जानते हैं कि चीन हमेशा से अपनी तेज तकनीक और विकास के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। हाल ही में एक बार फिर उसने इस बात को साबित कर दिया। पिछले रविवार को चीन से स्पेन तक 13,000 कि.मी. के दुनिया के सबसे लंबे ट्रेन रूट पर शुरू हुई मालवाहक ट्रेन ने अपना पहला फेरा पूरा किया है। चीन के जिंस बाजार केंद्र यिवू से स्पेन के मेड्रिड तक के सफर में यह मालगाड़ी छह अन्य देशों कजाकिस्तान, रूस, बेलारूस, पोलैंड, जर्मनी और फ्रांस से गुजरी।

    64 मालवाहक डिब्बों वाली इस ट्रेन को 18 नवंबर 2014 को मेड्रिड के लिए रवाना किया गया था। यिवू से स्टेशनरी, शिल्प उत्पाद और क्रिसमस बाजार से संबंधित उत्पादों से लदी यह ट्रेन 21 दिन में मेड्रिड पहुंची। मेड्रिड से यिवू तक वापसी का सफर इस मालगाड़ी ने 24 दिन में पूरा किया, जिसमें वाइन और जैतून तेल जैसे कई प्रसिद्ध स्पेनिश उत्पाद चीन भेजे गए हैं।

    आपको बता दें कि यिवू चीन का सबसे बड़ा कमोडिटी बाजार है। यिवू चीन के पूर्वी क्षेत्र में स्थित शहर है। यहां से बेहद कम कीमतों पर उत्पादों की आपूर्ति के कारण इसे "दुनिया के थोक बाजार" का नाम भी दिया जाता है। यहां के उत्पादों का सबसे बड़ा आयातक भारत है। हर साल करीब तीन लाख भारतीय कारोबारी खरीद के लिए यिवू जाते हैं। चीन और स्पेन के बीच यह मालवाहक ट्रेन सेवा चीन की सिल्क रूट आर्थिक क्षेत्र और मैरीटाइम सिल्क रोड परियोजना के तहत शुरू की गई है।

    वनिता- चलिए दोस्तों, अभी हम सुनते हैं एक हिन्दी गाना... उसके बाद आपके ले चलेंगे हमारे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ...

    अखिल- आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।

    हम हमेशा अपने और अपने शरीर के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं। हालांकि अधिकतर लोग मानते हैं कि वो खुद के बारे में सबकुछ जानते हैं। लेकिन इसे पूरी तरह सही नहीं कहा जा सकता। आपके शरीर के बारे में कई ऐसे तथ्य हैं जिन्हें जानकर आप खुद हैरान रह जाएंगे। हम आपको बता रहे हैं शरीर से जुड़े ऐसे ही कुछ अनसुने तथ्य जो आपको हैरान कर देंगे।

    1. हमारे मुंह में इतने बैक्टीरिया हैं जितने इस दुनिया में लोग हैं।

    2. हम टीवी देखने से ज्यादा कैलोरी सोने में नष्ट कर देते हैं।

    3. इंसान ज्यादा स्मोकिंग से अंधा हो सकता है।

    4. दाएं हाथ से काम करने वाले लोग बाएं हाथ से काम करने वाले लोगों से 9 साल ज्यादा जीते हैं।

    5. हम शाम की तुलना में सुबह एक सेंटीमीटर लंबे होते हैं।

    6. एक इंसान अपनी जिंदगी में करीब 60 हजार पाउंड खा लेता है, जो कि 6 हाथियों के वजन के बराबर है।

    7. अगर आप अपना सिर एक दीवार से लगाकर दबाब लगाए तो आप एक घंटे में अपनी 150 कैलोरी खर्च करते हैं।

    8. दुनिया के कई हिस्सों में लोग बीयर से नहलाकर अपने बच्चों की सुरक्षा करते हैं।

    9. हर मनुष्य अपने जीवन काल में लगभग 60,566 लीटर पानी पी जाता है।

    10. हम अपनी 33% जिंदगी सिर्फ सोते हुए बिता देते हैं।

    वनिता- दोस्तों, ये थे शरीर से जुड़े 10 अनसुने तथ्य। उम्मीद करते हैं कि आपको जरूर पसंद आये होंगे। चलिए, अब अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी।

    अखिल- दोस्तों, बहुत समय पहले की बात है , एक प्रसिद्द गुरु अपने मठ में शिक्षा दिया करते थे। पर यहाँ शिक्षा देना का तरीका कुछ अलग था , गुरु का मानना था कि सच्चा ज्ञान मौन रह कर ही आ सकता है; और इसीलिए मठ में मौन रहने का नियम था । लेकिन इस नियम का भी एक अपवाद था , दस साल पूरा होने पर कोई शिष्य गुरु से दो शब्द बोल सकता था।

    पहला दस साल बिताने के बाद एक शिष्य गुरु के पास पहुंचा , गुरु जानते थे की आज उसके दस साल पूरे हो गए हैं ; उन्होंने शिष्य को दो उँगलियाँ दिखाकर अपने दो शब्द बोलने का इशारा किया।

    शिष्य बोला , " खाना गन्दा "

    गुरु ने 'हाँ' में सर हिला दिया।

    इसी तरह दस साल और बीत गए और एक बार फिर वो शिष्य गुरु के समक्ष अपने दो शब्द कहने पहुंचा।

    " बिस्तर कठोर " , शिष्य बोला।

    गुरु ने एक बार फिर 'हाँ' में सर हिला दिया।

    करते-करते दस और साल बीत गए और इस बार वो शिष्य गुरु से मठ छोड़ कर जाने की आज्ञा लेने के लिए उपस्थित हुआ और बोला , "नहीं होगा" .

    , गुरु बोले"जानता था" , और उसे जाने की आज्ञा दे दी और मन ही मन सोचा जो थोड़ा सा मौका मिलने पर भी शिकायत करता है वो ज्ञान कहाँ से प्राप्त कर सकता है।

    दोस्तों, बहुत से लोग अपनी लाइफ कम्प्लेन करने या शिकायत करने में ही बीता देते हैं, और उस शिष्य की तरह अपने लक्ष्य से चूक जाते हैं। शिष्य ने पहले दस साल सिर्फ ये बताने के लिए इंतज़ार लिया कि खाना गन्दा है ; यदि वो चाहता तो इस समय में वो खुद खाना बनाना सीख कर अपने और बाकी लोगों के लिए अच्छा खाना बना सकता था , चीजों को बदल सकता था… हमें यही करना चाहिए; हमें शिकायत करने की जगह चीजों को सही करने की दिशा में काम करना चाहिए। और कम्प्लेन करने की जगह , "हमें खुद वो बदलाव बनना चाहिए जो हम दुनिया में देखना चाहते हैं।* "

    वनिता- चलिए दोस्तों, अभी हम आपको एक ओडियो सुनवाते हैं।

    वनिता- दोस्तों... अब बढ़ते हमारे हंसगुल्लों की तरफ यानि मजेदार और चटपटे चुटकुले, जहां मिलेंगी हंसी की डबल डोज।

    1. बाबूचंद आईसीयू में भर्ती था और अपनी आखिरी सांसें गिन रहा था। अंतिम समय में वह गीता पाठ सुनना चाहता था, जिसके लिए एक पंडित को बुलाया गया। पंडित ने जैसे ही पलंग के पास खड़े होकर पाठ करना शुरू किया, बाबूचंद की तबीयत और बिगड़ने लगी। वह हांफ रहा था और कुछ कहना चाह रहा था, लेकिन बोल नहीं पा रहा था। उसने कागज-पेन की तरफ इशारा किया तो उसे एक कागज-पेन दे दिया गया। बाबूचंद ने कागज पर एक नोट लिखा और गुजर गया। पंडित को लगा कि यह नोट पढ़ने का सही समय नहीं है, इसलिए उसने कागज अपनी जेब में रख लिया। बाबूचंद का क्रियाकर्म कर दिया गया और उसके बाद शोकसभा आयोजित की गई। शोकसभा में पंडित को बोलने का मौका दिया गया तो वह बोला, 'बाबूचंद बेहद नेक इंसान थे। जब वे अपनी आखिरी सांसें ले रहे थे, तब मैं उनके साथ ही था और उन्होंने अपने आखिरी शब्द मुझे लिखकर दिए थे। आज सबके सामने मैं उस नोट को पढ़ता हूं। उन्होंने लिखा, 'अरे पंडित. तू मेरे ऑक्सीजन पाइप पर खड़ा है!'

    2. दोस्तों, ग्रेटर नोएडा से हमारे श्रोता विजय शर्मा जी कुछ मजेदार लाइनें भेजी हैं... आइए सुनते हैं...

    विजय शर्मा लिखते हैं... अगर 'कुछ-कुछ होता है'फिल्म में शाहरुख वाला रोल बाबा रामदेव करते तो काजोल का नाम अंजलि की बजाय पतंजलि होता!

    आगे लिखते हैं.... संजय दत्त को देखकर समझ में नहीं आता कि वे जेल से छुट्टी लेकर घर जाते हैं या घर से छुट्टी लेकर जेल जाते हैं।

    इस दुनिया में सबसे लाचार बेचारा पीड़ित और शोषित प्राणी वह है जिसकी गर्लफ्रेंड उससे रिचार्ज करवाने के बाद भी उसको मिस कॉल ही देती है!

    वनिता- हा हा हा हा... बहुत ही मजेदार लाइंस भेजी है आपने भाई विजय शर्मा जी। दोस्तों, आप भी हमें मजेदार जोक्स या मजेदार बाते भेज सकते हैं। चलिए.. अभी आप यह मजेदार ओडियो जोक सुनिए...

    अखिल- दोस्तों, यह था ओडियो जोक... अभी हम आपको बताते हैं कि कैसे एक आदमी ने एक टीवी एंकर के दिमाग का दही कर दिया। दोस्तों, क्या हुआ एक बार टीवी ऐंकर एक किसान का इंटरव्यू ले रहा था। उसने सवाल किया: आप बकरे को क्या खिलाते हो?

    किसान: काले को या सफेद को?

    एंकर: सफेद को।

    किसान: घास।

    एंकर: और काले को?

    किसान: उसे भी घास।

    एंकर: इन्हें बांधते कहां हो?

    किसान: काले को या सफेद को?

    एंकर: सफेद को।

    किसान: बाहर वाले कमरे में।

    एंकर: और काले को?

    किसान: उसे भी बाहर वाले कमरे में।

    एंकर: इन्हें नहलाते किससे हो?

    किसान: काले को या सफेद को?

    एंकर: सफेद को।

    किसान: पानी से।

    एंकर: और काले को?

    किसान: उसे भी पानी से।

    एंकर गुस्से में: नालायक जब दोनों के साथ एक सा काम करता है तो मुझसे बार बार पूछता क्यों है कि काला या सफ़ेद?

    किसान: क्योंकि सफेद बकरा मेरा है?

    एंकर: और काला?????

    किसान : वह भी मेरा ही है।

    वनिता- हा हा हा हा.. वाकई उस किसान ने टीवी एंकर के दिमाग का दही कर दिया। चलिए.. मैं एक मजेदार जोक सुनाती हूं।

    एक बार टीचर ने मोंटू से सवाल किया - मोटू... 1 से 10 तक गिनती सुनाओ।

    मोटू ने गिनती सुनाई - 1, 2, 3, 4, 5, 7,8, 9, 10..

    टीचर ने पूछा - 6 कहां गया?

    मोटू ने कहा - जी वो तो मर गया।

    टीचर ने कहा – क्या... मर गया..?? कैसे मर गया..??

    मोटू ने जवाब दिया - जी मैडम, आज सुबह टीवी पर न्यूज में बता रहे थे कि स्वाइन फ्लू में 6 की मौत हो गई..!!

    अखिल- हा हा हा हा.... मजेदार जोक सुनाया आपने वनिता जी। तो दोस्तों, आजका कार्यक्रम बस यही तक। अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे, इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। हम हमेशा यही कामना करते हैं कि आप सभी हर दिन हंसते रहें, मुस्कराते रहें, और ढेर सारी खुशियां बांटते रहें। क्योंकि आप तो जानते ही हैं कि Laughing and Happiness are the best medicine यानि हंसना और खुशिया सबसे बढ़िया दवा है। तो आप Always be happy.... हमेशा खुश रहो.....और सुनते रहो हर रविवार, सण्डे की मस्ती। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। हम अपने कार्यक्रम में आपके लैटर्स और ईमेल्स को जरूर शामिल करेंगे। अभी के लिए मुझे और वनिता जी को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।

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