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    टी टाइम 150210 (अनिल और वेइतुंग)
    2015-02-10 15:17:24 cri

    अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ..चाय की आवाज .........आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः दोस्तो आपने स्कूलों में सर या मैडम को बच्चों को पढ़ाते देखा होगा लेकिन कभी कोई गधा भी लोगों को पढ़ाई का संदेश दे सकता है।

    शायद नहीं लेकिन ऐसा हुआ है उत्तर प्रदेश में। जी हां, उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में जिला कृषि एवं सांस्कृतिक महोत्सव के दौरान ब्रांड एम्बेस्डर के रूप में गधे ने आमजन को साक्षरता का संदेश दिया।

    इस मौके पर शहनाई वादकों ने अपने स्वर लहरियों से खुशनुमा एहसास कराया। वहीं ढोल की थाप पर लिली घोड़ी का डांस ने कार्यक्रम का समा बांध दिया।

    जिला पंचायत राज विभाग की ओर से स्थापित आदर्श ग्राम में स्वच्छता का संदेश दिया गया।

    निरक्षरता और अज्ञानता को मिटाने के लिए भारत सरकार की ओर से चलाए जा रहे शिक्षा का अधिकार अधिनियम साल 2009 के अनुसार, महोत्सव में साक्षर भारत मिशन एवं सर्व शिक्षा अभियान को सफल बनाने के लिए स्थापित किए गए स्टॉल में ब्रांड एम्बेस्डर के रूप में गधे ने आम जनमानस को साक्षरता का संदेश दिया। गधे के ऊपर बैनर टांगकर आम जनमानस से यह

    अपील की गई कि यदि नहीं पढ़ेंगे तो हमारी तरह कहे जाएंगे। महोत्सव का शुभारंभ उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री अवधेश प्रसाद ने किया।

    महोत्सव स्थल में सजाए गए पंडाल में बैनर और होर्डिंग में साक्षरता का संदेश देते हुए गधे का जुलूस पूरे कार्यक्रम स्थल पर घुमाया गया।

    वेइतुंगः गूगल जैसी बड़ी और अंतर्राष्ट्रीय कंपनी में काम करने का ड्रीम सभी का होता है। गूगल में काम के एवज में मिलने वाली मोटी तनख्वाह, ऐशोआराम की जिंदगी इन सब के चलते अधिकतम युवा इस कंपनी को ज्वाइन करना चाहते है।

    लेकिन आपने कभी सुना है गूगल जैसी नामी कंपनी के लिए बकरियां भी काम करती है और तो और ये गूगल कर्मचारी बकरियां सैलेरी और खाना भी लेती है। नहीं ना तो हम बताते है आपको ये दिलचस्प खबर।

    सुनने में भले ही यह अजीब लगता हो, लेकिन यह सच है। गूगल में 200 बकरियां काम करती हैं और सैलरी के साथ-साथ रहने और खाने की सुविधा भी मिलती है।

    गूगल ने अपने एक ब्लॉग में इसकी जानकारी दी है। ब्‍लॉग में लिखा गया है कि कंपनी ने इन 200 बकरियों को अपने कर्मचारियों की तरह हायर किया है।

    हालांकि ये बकरियां किसी सॉफ्टवेयर पर काम नहीं करती, बल्कि उसके ऑफिस के लॉन में लगी घास चरने का काम करती हैं। इससे घास की ट्रिमिंग तो होती ही है साथ ही उनका का पेट भी भर जाता है।

    दरअसल, गूगल ने अपने लॉन में लगी घास की कटाई मशीन द्वारा न करवाकर बकरियों द्वारा चरवाकर करने की योजना के तहत ऐसा किया है।

    सप्‍ताह में एक बार इन 200 बकरियों को गूगल के बड़े से लॉन में छोड़ दिया जाता है और ये कुछ ही देर में बेतरतीब उगी घास को सफाचट कर डालती है। बकरियां लॉन में केवल घास ही चरें, इसके लिए चरवाहे को खास ट्रेनिंग दी गई है।

    चरवाहा के निर्देश पर बकरियां अपने इस काम को बखूबी निभाती हैं। गूगल का मानना है कि घास काटने वाली मशीन से निकलने वाले धुंए और आवाज के कारण ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों का ध्‍यान भंग होता है।

    नई-नई इनोवेशन करने वाले कर्मियों को इससे परेशानी होती है, इसलिए गूगल लॉन की घास साफ करने के लिए मशीन का उपयोग नहीं करता।

    अनिलः आज दुनियाभर में युवा मोबाइल और इंटरनेट की लत से जूझ रहे है। अक्सर सड़कों पर, घरों में, ऑफिस में यहां तक कि टॉयलेट में भी लोगों को मोबाइल, इंटरनेट पर लगे देखा जा सकता है।

    आजकल कबड्डी या खो-खो सरीखे शरीरिक खेलों की जगह इंटरनेट पर खेले जाने वाले गेम्स कैंडी क्रश, कॉल ऑफ ड्यूटी ने ले ली है।

    जिसे देखो वो ही इंटरनेट पर व्यस्त नजर आता है। इसी इंटरनेट एडिक्टनेस से आजिज आकर एक शख्स ने खुद का ही हाथ काट डाला जिससे वो इस लत से छुटकारा पा सके।

    जी हां, चीन के नांतोंग में एक लड़के ने अपनी इंटरनेट की लत को छुड़ाने के लिए खुद का ही हाथ काट डाला। उसे गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

    एक वेबसाइट के अनुसार, लड़के की मां ने बताया कि बुधवार को रात ग्यारह बजे वो अपने बेटे के कमरे में पहुंची। वहां उन्हें हाथ से लिखा एक नोट मिला। बेटे ने मां के लिए चिठ्ठी लिख छोड़ी थी कि वह अस्पताल जा रहा है और कुछ देर में लौट आएगा।

    हाई स्कूल में पढऩे वाले शियाओ वांग ने पत्थर की एक बेंच पर हाथ रखकर छुरे की मदद से अपना हाथ काट लिया। वांग एक कैब से नांतोंग यूनिवर्सिटी स्थित हॉस्पिटल पहुंचा।

    डॉक्टरों ने उसका हाथ जोडऩे के लिए 10 घंटे तक सर्जरी की। शियाओ के एक टीचर ने बताया कि उसने इंटरनेट की अपनी लत छुड़ाने के लिए हाथ काटने की घटना को अंजाम दिया।

    वेइतुंगः भारत के होशंगाबाद में आठ फरवरी 1940 की यादों को ताजा करने और समाज में सात जन्मों के अटूट रिश्ते की डोर का संदेश देने के लिए एक वृद्ध दंपती रविवार को अपनी 75वीं वर्षगांठ के दिन दोबारा ब्याह रचाने जा रहा है।

    पिपरिया के ग्राम मछेरा निवासी शंकरलाल पचौरी (95) घोड़ी पर बैठकर अपनी पत्नी दुल्हन मीराबाई (93) से दोबारा ब्याहने के लिए गांव में ही मीरा के मुंहबोले भाई के घर जाएंगे। पचौरी कहते हैं कि पश्चिमी संस्कृति के दीवाने लोग शादी के अटूट बंधन को भूल रहे हैं।

    छोटी-छोटी बातों को लेकर संबंध विच्छेद हो रहे हैं। पचौरी ने कहा कि हमने जटिल समस्याओं का मिलकर सामना किया। यही शिक्षा हमने अपने परिवार को भी दी। शादी कर हम समाज को पति-पत्नी के बीच सामंजस्य बनाकर किस तरह सुखी जीवन जिया जा सकता है, इसका संदेश दे रहे हैं।

    शंकरलाल शासकीय शिक्षक होने के साथ खेती भी करते रहे। पचौरी का परिवार को लेकर उत्साहित है। दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाई जाएगी। बारात रविवार सुबह 11 बजे निकलेगी। पचौरी के चार बेटे, तीन बेटियां और 23 नाती-नातिन और 11 पोते- पोतियां सहित अन्य ग्रामीण उनके बराती रहेंगे।

    गांव और रिश्तेदारों के घर पीले चावल डालकर न्योता भी दिया गया है। शादी में आसपास के बांव के लोग भी शामिल होंगे। शंकरलाल के नाती अशीष ने बताया कि दादा-दादी की शादी की तैयारी में पूरा परिवार लगा है। दूर के परिजन अपने पैतृक गांव मछेरा में इकट्ठा हो रहे हैं।

    अनिलः आप यकीन करें या नहीं, लेकिन यह सच है कि दुबई में एक इतालवी रेस्त्रां आपको यह सुविधा दे रहा है कि खाने के बाद आप अपनी मर्जी से बिल का भुगतान कर सकते हैं।

    फिलहाल आप यह सुविधा नाश्ते के समय निर्धारित घंटों में ही उठा सकते हैं। यह रेस्त्रां खुला है सूक अल बहर में और इसका नाम है सेराफिना दुबई। रेस्त्रां प्रबंधक डोमिनिक ग्रूनिंग ने बताया कि नया करने के लिए हमने यह विचार अपनाया।

    हालांकि पश्चिमी देशों में ऎसा होता रहा है, लेकिन यूएई में यह पहली बार हुआ है। रेस्त्रां के प्रबंधक कहते हैं कि यह धारणा इस सिद्धांत पर आधारित है कि आपको जितना लगे, उतने पैसे दे जाओ।

    इसके लिए कोई न्यूनतम राशि नहीं है। लेकिन कस्टमर्स स्वीकार्य धनराशि का पूरा भुगतान कर रहे हैं।

    वह कहते हैं कि अब तक यह होता रहा है कि फूड आइटम्स पसंद न आने पर भी कस्टमर को पेमेंट करना पड़ता है। हालांकि यह सुविधा निश्चित समय के लिए ही है, पर इसे आगे बढ़ाया जा सकता है।

    वेइतुंगः आजकल लोग अच्छा दिखने के लिए लोग खुद कई जतन करते हैं, खूब पैसा भी खर्च करते हैं, लेकिन आपने शायद ही यह सुना हो कि कोई कपल अच्छा दिखने के लिए कोई एक, दो या तीन लाख नहीं, बल्कि 48 लाख रूपए तक सालाना खर्च करता हो।

    जी हां, यह सच है अमरीका का एक कपल खुद को अच्छा दिखाने के लिए इतनी मोटी रकम चुकाता है। अमरीका के लास वेगास के बक और मिशेल मिलर की बॉडी देखकर कोई भी इन्हें बॉडीबिल्डर से कम नहीं कहेगा।

    यह कपल एक साथ जिम में घंटों वर्कआउट करके बॉडी को शेप देता है। जिम में कपल के पसीना बहाने के पीछे सबसे बड़ी वजह खुद को औरों से अच्छा दिखाना है। पार्लर में साथ-साथ हेयर कटिंग, मैनिक्योर, पैडिक्योर आदि करवाने वाला यह कपल प्रोटीन युक्त बेहतर खाना भी खाता है।

    दोनों का मानना है कि वह अमरीका का हॉटेस्ट और सबसे गुड लुकिंग कपल है। अपने यादगार पलों को इस कपल ने अपने घर की दीवारों पर तस्वीरों के जरिए सजाया हुआ है।

    अनिलः आपने भगवान गणेश को कभी कॉफी में उतरते देखा है, नहीं तो पढ़ें ये खबर। यूरोप की मशहूर लैटे आर्टिस्ट एस्थर मासदम ने इंडिया आर्ट फेयर 2015 में हिस्सा लिया।

    दिल्ली के ली मेरिडियन में उन्होंने विजुअल आर्टिस्ट सोहन जाखर के साथ जुगलबंदी भी की। सोहन जाखर ने आर्ट फेयर में कॉफी के इस्तेमाल से परंपरागत कला का हुनर दिखाया।

    एस्थर ने सोहन के डिजायन को कॉफी पर उतारा। इसमें एक तस्वीर भगवान गणेश की भी है, जो बेहद खास है। इसे सिग्नेचर लैटे आर्ट कहते हैं।

    नीदरलैंड में जन्मी एस्थर ने अपने कॉफी करियर की शुरुआत 2005 में एक डच कॉफी कंपनी में बरिस्ता के तौर पर की थी। कुछ ही समय में इस कला में उनकी दिलचस्पी बढऩे लगी।

    कॉफी के प्रति उनके लगाव ने उन्हें लंदन तक खींच लाया। 2009 में एस्थर ने देश-दुनिया में हो रहे लैटे आर्ट्स में पेशेवर के तौर पर हिस्सा लेना शुरू किया।

    लगातार चार सालों तक डच लैटे आर्ट चैंपियनशिप की विजेता बनने के बाद उनकी कला और दक्षता को पहचाना गया।

    आर्ट के तहत कई लोग गणेश जी की सूक्ष्म प्रतिमा बना देते है लेकिन कॉफी पर लॉर्ड गणेश को देखना काफी पसंद किया गया।

    वेइतुंगः दोस्तो अब हम आपको कुछ हेल्थ टिप्स बताएंगे, क्योंकि स्वास्थ्य हम सभी के लिए बहुत जरुरी होता है।

    पहले बात करते हैं स्वाइन फ्लू की।

    स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है जो ए टाइप के इन्फ्लूएंजा वायरस से होती है। यह वायरस 'एच1एन1Ó के नाम से जाना जाता है। इस वायरस से व्यक्ति के शरीर में जीन संबंधी बदलाव होने पर निमोनिया हो जाता है जो आगे चलकर कई रोगों का कारण बनता है। सुअरों से शुरू हुआ यह रोग पहले जानवरों में फैला फिर जीन के जरिए मनुष्यों में। इन दिनों यह मनुष्य से मनुष्य में होने वाला संक्रमण है। पर्यावरणीय बदलावों ने इस रोग को और गंभीर बना दिया है।

    फ्लू के गंभीर होने पर पीडि़त व्यक्ति को लगातार खांसी और सांस लेने में तकलीफ से फेफड़े प्रभावित होते हैं। जिससे रोगी निमोनिया का शिकार हो जाता है और उसका ब्लड प्रेशर कम होने लगता है। लेकिन यदि कफ, सांस लेने में दिक्कत व बुखार तीनों एक साथ हों तो तुरंत विशेषज्ञ को दिखाएं।

    यह एक प्रकार का संक्रामक रोग है जो मुख्य रूप से दो तरह से फैलता है। पहला, रोगी को छूने, हाथ-मिलाने या सीधे संपर्क में आने से। दूसरा, रोगी की सांस के जरिए जिसे ड्रॉपलेट इंफेक्शन भी कहा जाता है।

    अनिलः स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए पॉलिवैलेंट वैक्सीन 0.5 मिलिग्राम की मात्रा में साल में एक बार लगवानी चाहिए। इसका खर्च औसतन 700 रुपए है। इसे हर उम्र के व्यक्ति लगवा सकते हैं। हैल्थ केअर वर्कर, डायबिटीज, हार्ट व अस्थमा के मरीजों को इसे जरूर लगवाना चाहिए। छोटे बच्चों में इसे छह माह की उम्र के बाद ही लगवाएं क्योंकि इस आयु से पहले उनके अन्य टीकाकरण भी चलते हैं।

    एच1एन1 पीसीआर तकनीक से फ्लू की जांच की जाती है। इसमें नेजल स्वैब व थ्रोट स्वैब का नमूना लेकर टेस्ट होता है।

    छह माह से अधिक आयु के बच्चों, 60 साल की उम्र से ज्यादा के बुजुर्गों, लिवर, किडनी, दमा व एचआईवी से पीडि़तों को स्वाइन फ्लू का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। इसके अलावा जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, ऐसे लोग जो प्रभावित व्यक्तिके संपर्क में ज्यादा आते हैं जैसे डॉक्टर, यात्री, नर्स और परिजनों को स्वाइन फ्लू की आशंका बनी रहती है।

    वेइतुंगः ठीक होने के बाद भी दो सप्ताह तक मरीज संक्रमित रहता है इसलिए उसे ज्यादा बाहर आने-जाने न दें। बच्चों को स्कूल न भेजें।

    भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। मरीज को एकांत में रखें और उसे गर्म खाना ही दें।

    मरीज के अटेंडेंट पर्सनल प्रोटेक्टिव उपकरण जैसे मुंह पर मास्क, हाथों में दस्ताने व पैरों में मौजे जरूर पहनें।

    रोगी के आसपास की जगह को साफ रखें। घर के नजदीक कचरा इक_ा न होने दें। बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को इस रोग का खतरा ज्यादा होता है इसलिए इन्हें विशेषज्ञ की सलाह से वैक्सीन जरूर लगवाएं।

    जब मरीज खुद फिट महसूस करे, मेडिकल रिपोट्र्स सामान्य आएं और एंटीवायरल ड्रग का कोर्स पूरा हो जाए तो व्यक्ति स्वाइन फ्लू से मुक्त माना जाता है।

    अगर किसी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है तो उसे स्वाइन फ्लू होने की आशंका कम ही रहती है।

    अनिलः अब आपको कॉफी को गुणों के बारे में रूबरू कराते हैं।

    कॉफी पर लगातार अध्ययन किया जा रहा है, क्योंकि इसमें पाए जाने वाले प्राकृतिक उपादान प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने के साथ कई प्रकार के कैंसर को बढऩे से रोकते हैं।

    यह सर्वेक्षण एर्गोफ्लेक्स नामक फर्म ने २४१० ब्रितानी कपल्स पर कराया था, इनका आयुवर्ग १८ से ३० वर्ष के मध्य था।

    जो कॉफी पीने के शौकीन हैं, उनके लिए अच्छी खबर है। जर्नल 'नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूटÓ में प्रकाशित एक नए शोध में सामने आया है कि रोजाना चार कप कॉफी का सेवन, त्वचा कैंसर से दूर रखता है।

    शोधकर्ताओं ने 'कॉफी का सेवन व त्वचा कैंसर के बीच संबंध को निर्धारित करने के लिए रोजाना कॉफी पीने वाले 447,357 लोगों की स्वास्थ्य संबंधी सूचनाएं ली गईं और लगातार 10 सालों तक उन पर नजर रखी। शुरुआती दौर में किसी भी प्रतिभागी को कैंसर नहीं था। अध्ययन के दौरान देखा गया कि अधिक कॉफी पीने वाले लोगों में त्वचा कैंसर का जोखिम कम सामने आया।

    अध्ययनकर्ताओं ने देखा कि रोजाना चार कप या इससे ज्यादा कॉफी पीने वाले लोगों में त्वचा कैंसर का जोखिम २० फीसदी तक कम पाया गया। साथ ही, कॉफी सेवन की मात्रा एक कप से लेकर चार कप तक जैसे-जैसे बढ़ती गई, त्वचा कैंसर का जोखिम उसी क्रम में कम होता गया।

    वेइतुंगः प्रोग्राम में तमाम जानकारी पेश करने के बाद अब वक्त हो गया है, लिस्नर्स के कमेंट का। श्रोता तो हमारे प्रोग्राम का स्तंभ होते हैं। आज के प्रोग्राम में सबसे पहला ई-मेल हमें भेजा है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल ने।

    लिखते हैं कि साप्ताहिक "टी टाइम" के तहत हेली हेन्स द्वारा दो जुड़वाँ बच्चों को जन्म देने की दास्तान हैरत में डालने वाली थी कि मानव शरीर की संरचना भी इतनी भ्रामक और अर्ध्दविकसित हो सकती है कि एक पुरुष को महिला में तब्दील कर दे। अहमदाबाद के एक परिवार में पचास साल बाद बेटी लक्ष्मी की पैदाइश पर उसे सोने-चांदी में तोलने का समाचार उन लोगों के लिये एक मिसाल है, जो बेटी को कमतर समझते हैं। चीन में तरबूज को हेल्मेट की तरह सिर पर ओढ़ एक व्यक्ति द्वारा मेट्रो में चढ़ कर अजीबोग़रीब हरकतें करना तथा जापान की राजधानी तोक्यो के एक रेस्तरां में बन्दर वेटरों का होना, सचमुच एक दिलचस्प समाचार लगा। जयपुर, राजस्थान में आयोजित डाक-प्रदर्शनी में ख़ास क्रमांक वाले प्रथम दिवस वाले पांच रुपये मूल्य के लिफाफों की बोली पांच सौ से पन्द्रह रुपये लगने का समाचार फिलेटेली में रूचि रखने वालों के लिये खुशी की बात है। गूगल सर्च अब धन हस्तान्तरण का काम भी करेगा, यह जान कर अत्यन्त प्रसन्नता हुई। घर की रसोई में काम आने वाली नमक, लौंग का तेल, हल्दी, अदरक, पुदीना जैसी रोज़मर्रा की छोटी-छोटी चीज़ें सेहत की दृष्टि से कितने काम हैं, यह जानकारी काफी सूचनाप्रद लगी। और हाँ, यह भी जाना कि ग्रीन टी का ख़ास यौगिक तो मुख कैंसर तक को रोकने में सक्षम है। आज के तीनों हंसगुल्ले भी कार्यक्रम में नये रंग भर गये।

    धन्यवाद।

    अनिलः वहीं पश्चिम बंगाल से देबाशीष गोप ने भी हमें ई-मेल भेजा है।

    हमें ई-मेल और खत भेजने के लिए आप सभी श्रोताओं का बहुत-बहुत शुक्रिया।

    अब प्रोग्राम में समय हो गया है, जोक्स यानी हंसगुल्लों का।

    तो लीजिए पेश है,पहला जोक।

    गर्लफ्रेंड अपने कंजूस बॉयफ्रेंड से बोली- कल रात मैंने तुम्हें सपने में देखा। बॉयफ्रेंड- अच्छा! क्या सपना देखा? गर्लफ्रेंड- तुम एक बस में सफर कर रहे थे और अचानक बस ने अपना कंट्रोल खो दिया और वह नदी में जा गिरी। हर कोई अपनी ज़िंदगी बचाने के लिए तैर रहा था, पर तुम किसी को ढूंढ रहे थे। बॉयफ्रेंड- मैं तुम्हें ढूंढ रहा था है ना? गर्लफ्रेंड- नहीं। तुम चिल्ला रहे थे, 'अरे कंडक्टर किधर गया ? 2 रुपए लेने थे

    दूसरा जोक-

    बीवी अपने शराबी पति को सुधारने के लिए रात को काले कपड़े पहनकर खड़ी हो गई। पति: कौन हो तुम पत्नी: चुड़ैल पति: चल हाथ मिला मैं तेरी बहन का पति। -

    अब पेश है, अंतिम जोक..

    पिता ( बेटे से ) - देखों बेटे , जुआ नहीं खेलते | यह ऐसी आदत हैं कि यदि इसमें आज जीतोगे तो कल हारोगे , परसों जीतोगे तो उससे अगले दिन हार जाओगे |

    बेटा - बस , पिताजी ! मैं समझ गया , आगे से मैं एक दिन छौड़कर खेला करूंगा |

    हंसगुल्लों के बाद वक्त हो गया है, सवाल जवाब का। दोस्तो हमने पिछले हफ्ते दो सवाल पूछे थे,

    पहला सवाल था, किस देश में वेटर का काम बंदर संभाल रहे हैं।

    सही जवाब है- जापान

    दूसरा सवाल था..... सर्च इंजन गूगल ने कौन सी नई सर्विस शुरू करने जा रही है।

    सही जवाब है- गूगल वॉलेट।

    इन सवालों का सही जवाब हमें भेजा है.....उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल और पश्चिम बंगाल से देवाशीष गोप आदि ने। आप सभी का शुक्रिया।

    आप सभी का शुक्रिया, अब आज के सवालों का वक्त हो गया है।

    पहला सवाल है.... किस देश में एक कपल अच्छा दिखने के लिए लाखों रुपए खर्च करता है।

    दूसरा सवाल है, इंटरनेट की लत से बचने के लिए किस देश में एक बच्चे ने अपना हाथ काट लिया।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn.

    ...... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें। ........म्यूजिक........

    अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही ...अगले हफ्ते फिर मिलेंगे.....चाय के वक्त......तब तक आप चाय पीते रहिए और सीआरआई के साथ जुड़े रहिए। नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर,चाइ च्यान.....

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