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    टी टाइम 150203 (अनिल और ललिता)
    2015-02-04 12:27:44 cri

    अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ...... आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः दोस्तो, चलिए प्रोग्राम का आगाज करते हैं। वैसे जुड़वां बच्चे पैदा होना अब आम हो चला है लेकिन अगर हम आपको यह बताएं कि यह कमाल करने वाला असल में एक पुरूष है तो आप सहसा इस बात पर विश्वास नहीं करेंगे।

    लेकिन यह हैरतअंगेज घटना कोरी मनगढ़ंत कहानी न होकर एक सच्चाई है जो कि हैली हैंस के साथ घटी जिसे मेडिकल साइंस के मुताबिक एक पुरूष करार दिया गया था।

    हैली खुद को एक महिला समझती रही जबकि मेडिकल साइंस के मुताबिक वह असल में एक पुरूष थी। लेकिन अपनी मां बनने की इच्छा को वह काबू न रख सकी और मेडिकल साइंस की मदद से उसने दो जुड़वां बच्चों को जन्म देकर मेडिकल साइंस के इतिहास में चमत्कार कर दिया।

    19 साल की अवस्था तक हैली खुद को एक महिला ही समझती आई थी लेकिन एक दिन उस पर वज्रपात हो गया।

    एक रेगुलर चैकअप के दौरान डॉक्टरों से हैली को पता चला कि उसके शरीर मे पुरूषों वाले एक्सवाई क्रोमोसोम मौजूद होने की वजह से वह असल में महिला न होकर एक पुरूष है तो वह अवाक रह गई।

    डॉक्टरों के मुताबिक हैली हैंस के शरीर में औरतों में पाए जाने वाले बच्चेदानी, ओवरी, फेलोपियन टयूब जैसे शारीरिक अंग मौजूद नहीं थे। इसलिए वह महिला न होकर एक पुरूष है।

    उम्मीद की किरण तब सामने आई जब रॉयल डर्बी अस्पताल के एक स्पेशलिस्ट ने उसके शरीर में एक अर्ध विकसित बच्चेदानी होने की सूचना दी।

    लेकिन समस्याएं काफी थी जिनमें सबसे पहले इस बच्चेदानी का विकास और फिर उसके बाद महंगा आवीएफ ट्रीटमेंट दोनों ही मुश्किल कार्य थे।

    लेकिन समय के साथ सब होता चला गया और पैसों का प्रबंध भी हो गया व हैली के शरीर में बच्चेदानी भी विकसित हो गई। अंतत: 28 साल की उम्र में हैली दो जुड़वा बच्चों की मां बन गई। जिंदगी के इस महत्वपूर्ण मोड़ में हैली का साथ देने वाले कोई और नहीं बल्कि उनके बचपन के दोस्त उनके पति सैम थे।

    ललिताः चलिए अब दूसरी ख़बर की ओर बढ़ते हैं। अक्सर बेटियों को गर्भ में मार देने और लड़कियों के प्रति अपराध की खबरें पढ़ने को मिलती है। बेटियों को बेटों से कमतर आंकने वाले लोगों की सोच को एक परिवार ने करारा तमाचा जड़ा है।

    आज भी बेटों के जन्म पर धूमधाम से खुशियां मनाई जाती है लेकिन एक परिवार ऎसा है जहां बेटी के जन्म पर ऎसा काम किया जिसे जानकर आप इस परिवार की तारीफ करेंगे।

    जी हां, अहमदाबाद के समीप राणीप इलाके में इस परिवार ने बेटी के जन्म पर इस लक्ष्मी को 3 किलो चांदी से तोला और ये चांदी बाद में अंबाजी माता के मंदिर में दान की दी।

    दरअसल, राणीप परिवार में पिछले 50 साल से बेटी का जन्म नहीं हुआ था। इंजीनियरिंग पाट्र्स व्यवसायी के घर पर 50 साल बाद लक्ष्मी के जन्म लेने पर परिजनों ने धूमधाम से खुशियां मनाई।

    परिजनों ने अंबाजी माता के मंदिर में बच्ची को 3 किलो चांदी से तराजू में तोला। इसके बाद उन्होंने 1.50 लाख रूपए कीमत की 3 किलो चांदी इसी मंदिर में भेंट कर दी।

    इस परिवार ने लोगों को बेटी और बेटों के बीच अंतर नहीं करने का संदेश दिया जिससे आसपास के इलाके में इस परिवार की काफी तारीफ की जा रही है।

    अनिलः वहीं चीन में एक आदमी सिर पर हेल्मेट की तरह तरबूज पहन बीजिंग मेट्रो में चढ़ गया। वह पहले काफी देर खड़े रहने के बाद सीट पर बैठ गया।

    इस आदमी को देखकर मेट्रो में सफर कर रहे लोग आश्चर्य में पड़ गए। लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर इस शख्स ने ऎसा क्यों किया है।

    उसने इस मेट्रो में एक दिन में कई बार सफर किया। सफर के दौरान बीच-बीच में खड़े होकर वह डांस करने के साथ अजीबोगरीब हरकतें भी कर रहा था।

    शख्य की हरकतों से तंग आकर मेट्रो में सफर कर रहे एक व्यक्ति ने पुलिस को फोन किया। सूचना मिलते ही पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।

    दोस्तो, कहा जाता है कि दिमाग के मामले में बन्दर, इंसान के सबसे नजदीकी होते हैं।

    यदि आपको इस बात को हकीकत में देखना है, तो आपको जापान की राजधानी टोक्यो मे स्थित काबुकी रेस्टोरेंट जाना पड़ेगा।

    यह रेस्टोरेंट इसलिए अनोखा है, क्योंकि यहां वेटर का काम इन्सान नहीं, बल्कि बंदर करते हैं।

    शायद आपको यह बात हैरान करने वाली लगे, लेकिन सच है। इस रेस्टोरेंट में बंदर येट चेन और फुकु चेन 2008 से वेटर का काम कर रहे हैं। इनमें से येट चेन बड़ा है।

    जैसे ही कोई कस्टमर रेस्टोरेंट मे प्रवेश करता है, दोनों अपने काम मे लग जाते हैं। एक कस्टमर को उसकी चेयर तक ले जाता है और दूसरा उसके हाथ पोछने के लिए टॉवल लेकर आता है। उसके बाद एक बन्दर उनसे ऑर्डर लेता है और दूसरा ऑर्डर सर्व करता है।

    ललिताः जयपुर में 27 हेक्टेयर में फैले सबसे बड़े उद्यान में फहराते तिरंगे पर डाक विभाग की ओर से जारी विशेष लिफाफे (आवरण) के प्रति लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।

    जिस लिफाफे का बाजार मूल्य पांच रूपए तय किया गया, उसके पहले क्रमांक को अजमेर के प्रदीप जैन ने 15 हजार रूपए की बोली लगाकर खरीदा।

    शुरू के 20 क्रमांक के लिफाफे 33,500 रूपए में बिके। डाक विभाग की चार दिवसीय फिलैटलिक प्रदर्शनी के मंगलवार को आयोजित समापन समारोह में सेन्ट्रल पार्क थीम का लिफाफा चर्चा का विषय रहा।

    लिफाफे की बोली लगाने के लिए दोपहर से ही लोग जुटना शुरू हो गए। अलग-अलग क्रमांक के लिए 500 रूपए से लेकर 15 हजार रूपए तक की बोली लगाई गई। इसके बाद समारोह में मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक (एसीबी) मनोज भट्ट ने भारत के मंगल अभियान पर विशेष डाक चित्र जारी किया।

    ये डाक चित्र प्रदर्शनी की प्रथम विजेता श्रेष्ठा श्रीवास्तव के तैयार चित्र पर आधारित था। राजस्थान सर्किल की तरफ से इस तरह का पहला चित्र जारी किया गया है।

    अनिलः चलिए दोस्तो, अब तकनीक से जुड़ी ख़बर से आपको रूबरू कराते हैं।

    दुनिया का जाना माना सर्च इंजन गूगल अब बैंक का काम करेगा। पॉपूलर ईमेल सर्विस के साथ-साथ गूगल अब रूपए भेजने का जरिया भी बनने जा रहा है।

    मोबाइल पेमेंट गेटवे की बढ़ती लोकप्रियता के बीच कंपनी जल्द ही अपनी ईमेल सर्विस जीमेल के साथ रूपए भेजने की व्यवस्था शुरू करने जा रही है। हालांकि अभी यह सर्विस केवल अमेरिका में चल रही है, लेकिन जल्द ही इसे और अधिक देशों में भी शुरू किया जाएगा।

    कंपनी ने मनी ट्रांसफर सर्विस का नाम गूगल वॉलेट रखा है और मई 2013 से यह अमेरिका में अपनी सेवाएं दे रही है। इसमें क्रेडिट, डेबिट और लॉयल्टी काड्र्स की जानकारियां रहेंगी और जीमेल यूजर्स इससे ऑनलाइन तथा कॉन्टेक्टलेस तकनीक से पेमेंट कर सकेंगे। गूगल वॉलेट का अगला पड़ाव यूनाइटेड किंगडम होगा, इसके बाद बाकी देश।

    गूगल वॉलेट जीमेल यूजर्स के लिए पूरी तरह से फ्री सर्विस है। इस डिजिटल वॉलेट में आपके सभी काड्र्स की जानकारी पूरी तरह से सुरक्षित तथा गोपनीय रखी जाएगी। गूगल वॉलेट से मोबाइल के जरिए पेमेंट करने के लिए एनएफसी चिप की आवश्यकता पड़ेगी।

    वहीं ईमेल से पैसे भेजने के लिए कोई मशक्कत नहीं करना पड़ेगा। ईमेल के कंपोज बॉक्स में अटैचमेंट के पास ही एक और आइकन दिया गया है, जिसमें क्लिक करके रकम ट्रांसफर की जा सकेगी।

    गूगल वॉलेट में उपलब्ध धनराशि एक प्रीपेड अकाउंट से संचालित होगी, जिसमें बैलेंस रखना होगा। जब यूजर्स अपने जीमेल अकाउंट से पैसे ट्रांसफर करेंगे, तो इसी प्रीपेड अकाउंट से रकम कटेगी। इस सुविधा में यूजर किसी के खाते में भी रकम ट्रांसफर कर सकेगा।

    गूगल वॉलेट को 2011 में लॉन्च किया गया था, लेकिन अमेरिका में इसे 2013 में उपयोग के लिए उपलब्ध कराया गया। इस नियमन फ्रॉड मॉनिटरिंग सर्विस तथा गूगल वॉलेट प्रोटेक्शन गारंटी के तहत किया जाता है।

    इस सर्विस को पिन नंबर से लॉक भी किया जा सकता है।

    गूगल वॉलेट जीमेल के साथ इंटीग्रेटेड सेवा है।

    इससे उन लोगों को भी पैसा ट्रांसफर किया जा सकेगा, जिनके पास जीमेल अकाउंट नहीं है।

    जीमेल से पैसा ट्रांसफर करने के लिए अटैचमेंट पेपरक्लिप पर $ (डॉलर) या £ (ब्रिटिश पाउंड) के आइकन पर क्लिक करना होगा और इसके बाद सेंड बटन क्लिक करना होगा।

    18 साल या उससे ज्यादा उम्र के यूजर्स ही इस सर्विस को उपयोग कर सकेंगे।

    रकम प्राप्त करने के लिए गूगल वॉलेट एप का होना जरूरी है।

    ललिताः अब पेश करते हैं हेल्थ टिप्स।

    दोस्तो, देखा गया है कि कई लोग छोटी-छोटी परेशानियों में डॉक्टर्स के पास भागते हैं। आप कुछ बातों का ध्यान रखकर छोटी-मोटी परेशानियों को अपने स्तर पर दूर कर सकते हैं।

    आपकी रसोई आपको अच्छा खानपान देकर तंदुरूस्त ही नहीं रखती बल्कि आपकी बीमारियों में भी आपकी मददगार बनती है। जानिए रसोई कैसे रखती है आपकी सेहत का खयाल।

    नमक से गले की हिफाजत

    गले में दर्द है, कुछ खाने या निगलने में दर्द होता है या खराश है, तो गर्म पानी में नमक मिलाकर गरारे करें। आपको आराम मिलेगा। प्रतिदिन नमक मिले गर्म पानी से अच्छी तरह कुल्ले करें, मुंह के कई नुकसानदायक बैक्टीरिया खत्म हो जाएंगे।

    लौंग है दांतों का हमदर्द

    दांतों के दर्द से परेशान हैं, तो लौंग का तेल रूई में भिगो कर दर्द वाले दांत के नीचे दबा लें। लौंग भी दबा सकते हैं।

    हल्दी जोड़ दर्द में फायदेमंद

    दूध में हल्दी मिलाकर पीने से जोड़ों का दर्द, बदनदर्द, गठिया का दर्द में लाभ मिलता है।

    अदरक दिलाता है दर्द से राहत

    अदरक मांसपेशियों, जोड़ों और बदन के दर्द, सिरदर्द में राहत पहुंचाता है।

    पुदीना देता है आराम

    शरीर अकड़ रहा हो, गर्म पानी में पिपरमिंट तेल की कुछ बूंदें डालकर सिकाई कर लें आराम मिलेगा।

    अनिलः दोस्तो, आजकल कई लोग ग्रीन टी का सेवन करने लगे हैं। बताते हैं कि ग्रीन टी मुंह के कैंसर से लड़ने में कारगर हो सकती है।

    हाल में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि ग्रीन टी में पाए जाने वाला एक यौगिक मुंह के कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट कर सकता है, जबकि यह सामान्य कोशिकाओं को क्षति नहीं पहुंचाता।

    पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के खाद्य वैज्ञानिकों के अनुसार, शोध के नतीजे मुंह के कैंसर और अन्य तरह के कैंसर के उपचार में मदद कर सकते हैं।

    शुरूआती अध्ययन में पाया गया कि ग्रीन टी में पाए जाने वाला एपिगैलोकेटेचिन-3-गैलेट (ईजीसीजी) यौगिक सामान्य कोशिकाओं को क्षति पहुंचाएं बिना मुंह के कैंसर में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर देता है।

    विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर प्लांट एंड मशरूम फुड्स फॉर हेल्थ के सह-निदेशक और खाद्य विज्ञान विषय के सहायक प्राध्यापक जोशुआ लैंबर्ट ने कहा, "लेकिन शोधकर्ता कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने की इसकी क्षमता की वजहों का पता नहीं लगा पाए।"

    हालिया शोध से यह नतीजे सामने आए हैं कि ईजीसीजी माइटकॉन्ड्रिया (कोशिका पावरहाउस) में एक विनाशकारी विकास को शुरू करता है, जिससे कोशिकाओं की मौत हो जाती है।

    इससे ऎसा लगता है कि ईजीसीजी कैंसर कोशिका में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज का निर्माण करती है, जो माइटोकोन्ड्रिया को नष्ट कर देता है।

    उन्होंने कहा कि ईजीसीजी से सामान्य कोशिकाओं पर ऎसा प्रभाव नहीं पड़ता। यह शोध पत्र "मॉलेक्यूलर न्युट्रिशन एंड फूड रिसर्च" पत्रिका में प्रकाशित हुई है।

    ललिताः प्रोग्राम में तमाम जानकारी पेश करने के बाद समय हो गया है, लिस्नर्स के कमेंट का।

    इसी क्रम में सबसे पहले पेश है, आजमगढ़ यूपी से सादिक आजमी।

    लिखते हैं कि 27 जनवरी का साप्ताहिक कार्यक्रम टी टाईम का नया अंक सुना जिसे पेश किया पूर्व की भाँति अनिल जी एवं व्ईतुंग जी ने।

    कार्यक्रम के आरम्भ में जुनून का परिचय काराती अमेरिका के शिकागो शहर की एक युवती के पूरे शरीर पर टेटू बनवाने की रिपोर्ट से हुआ। सच है आजकल लोग चर्चा में आने हेतु या रिकार्ड बनाने के लिये कोई भी काम करने में हिचकिचाते नहीं।

    26 जनवरी का नाम आते ही भारत के गणतंत्र दिवस की याद आ जाती है। पर किसी व्यक्ति का नाम ही 26 जनवरी हो यह सुनना बड़ा अजीब लगा। मध्यप्रदेश के एक व्यक्ति का उसके माता पित्ता द्वारा नाम 26 जनवरी रखा जाना देश प्रेम की भावना सरीखा लगा। रिपोर्ट सुनकर कहानी की असली रूप सामने आया।

    पर इन सबके बीच इंसानियत को झकझोरा एक बिल्ली की घटना ने। क्या खूब ममता का परिचय दिया उस बिल्ली ने, नवजात की जान बचाने के लिए उसे अपने बालों से गर्मी प्रदान की और लोगों का ध्यान केन्द्रित करने के लिये गुहार स्वरूप आवाज़ लगाई। जहाँ एक ओर इंसान ने नवजात को मरने के लिये कड़ाके की ठंड में छोड़ दिया। वहीं जानवर ने हमें अहसास कराया कि किसी का जीवन कितना अनमोल है। मेरे विचार से मानवता की सीख देती इससे बढ़िया मिसाल बहुत कम देखने को मिलेगी।

    कहते हैं विज्ञान में खोज और आविष्कार की कोई सीमा नहीं है। इसी का परिचय दिया अस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने। जिन्होंने बिना 3डी चश्मा लगाए 3डी इफेक्ट वाली छवियां देखने की तकनीक विकसित की। इसके बाद कपड़ा धोने की डिवाइस डॉल्फी के बारे में रिपोर्ट आश्चर्यचकित करने वाली और विज्ञान के प्रभावशाली होने का उदाहरण मिला।

    अनिलः वे आगे लिखते हैं कि मैसेज को रीकॉल कर अनचाही जगहों पर भेजे गये संदेश की पुनर प्राप्ति एक बड़ी समस्या से छुटकारा पाने सरीखा लगा वाकई यह लाभकारी और चिंतामुक्त खोज है।

    अगले 100 साल तक जवान और हष्टपुष्ट रहने की शाहरूख़ खान की मंसा हास्प्रद लगी जो वास्तव में असंभव है। पर मनुष्य की अभिलाषा का यही असली रूप है वह सदैव जीवित एवं जवान रहना चाहता है और पूर्व में तो मनुष्य इस लालच में कई अमानवीय कार्य को अंजाम देते नज़र आए हैं।

    वातावरण को प्रदूषित करने वाली प्लास्टिक पर रोक लगाने पर केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के विचार सटीक लगे। काश इस पर सहमति बने और देश दुनिया से प्लास्टिक का सेवन ही बंद कर दिया जाए विशेषकर प्लास्टिक की थैली।

    हेल्थ टिप्स में सूर्य की किरणों के लाभकारी होने का पता चला तो वहीं दूसरी ओर एबी डिविल्यर्स ने इस कहावत को सत्य किया कि रिकार्ड बनते ही हैं टूटने के लिये।

    उन्होंने वनडे क्रिकेट में सबसे तेज़ शतक बनाने के रिकार्ड को अपने नाम किया 16 छक्कों और 9 चौकों वाली इस पारी को आप अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें जिसे हम देखना पसंद करेंगे।

    आजके तीनों जोक्स लाजवाब लगे और सवाल जवाब की तो बात ही निराली है।

    ललिताः वहीं अगला खत भेजा है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल ने। कहते हैं कि ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "टी टाइम" के तहत आज भी रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियां प्रदान की गयीं। लॉस एंजेलिस की इल्मा का किसी के लिये भी अपने शरीर पर टैटू गोदवाने का शौक़ अज़ीब लगा, पर इसमें हैरत की बात इसलिये नहीं है, क्यों कि इसके एवज में वह पैसे लेती हैं। हाँ, मन्दसौर, मध्यप्रदेश में सन 26 जनवरी 1967 में जन्में व्यक्ति का नाम छब्बीस जनवरी रखा जाना कुछ असाधारण ज़रूर लगता है। ओवनेस्ट (रूस) में माशा नामक बिल्ली द्वारा एक नन्हीं इन्सानी जान को अपने आँचल में जगह देने और फिर इरीना लेवोरोव नामक महिला द्वारा वहां पहुँच उसे गोद में उठाना, सचमुच मन को गदगद कर गया। 32 वर्षीय जॉन द्वारा टिकट की नीलामी के ज़रिये डोमिनिकन रिपब्लिक में मंगेतर के साथ छुट्टियां बिताने की तरकीब भी काफी अनूठी लगी। ऑस्ट्रिया के वैज्ञानिको द्वारा बिना चश्मे थ्री-डी तस्वीरें देखने की विधि ईज़ाद किया जाना भी क़ाबिल-ए-तारीफ़ लगा। बिना साबुन अथवा डिटर्जेन्ट के कपड़े धोने ईज़ाद की गयी टॉल्फी तो और भी गज़ब की चीज़ है। इन समाचारों से लगता है कि विज्ञान के इस युग में कुछ भी करना असम्भव नहीं है। सेण्ड की गई मेल को रिकॉल करने सम्बन्धी जानकारी तो सभी के लिये बड़े काम की चीज़ है। अभिनेता शाहरुख़ खान द्वारा अगले 110 साल तक अपने काम से अवकाश न लेने की घोषणा, जीवन के प्रति उनके आशावाद को दर्शाता है, जो कि एक सकारात्मक सोच कहलायेगी। भारत सरकार द्वारा पतली पन्नी की प्लास्टिक थैलियों पर रोक लगाने सम्बन्धी निर्णय स्वागतेय है, परन्तु देखना यह है कि यह कदम कितना प्रभावी होता है। हेल्थटिप्स में उगते सूरज से नज़र मिलाने से लेकर आकाश में स्वच्छंद उड़ान भरते पंछियों को निहारने तक की तमाम बातें मन में जीने की नयी चाह पैदा करती प्रतीत हुईं।

    अनिलः एसिड रिफ्लेक्स की समस्या और उसके निदान सम्बन्धी जानकारी भी लाभकारी लगी। खेल की ख़बरों में दक्षिण अफ़्रीकी कैप्टन एबी डिविलियर्स द्वारा महज़ 31 गेंदों में शतक जड़ना, वाकई क्रिकेट का एक असाधारण कीर्तिमान है। कार्यक्रम में पेश तीनों जोक्स भी कुछ-कुछ गुदगुदाने में कामयाब रहे। सवाल-ज़वाब का सिलसिला अच्छा है, परन्तु ज़रा श्रोताओं की ख्वाहिश पर भी तो ध्यान दीजिये न! धन्यवाद।

    वहीं पश्चिम बंगाल से देवाशीष गोप ने भी खत भेजकर प्रोग्राम के बारे में टिप्पणी की है।

    आप सभी श्रोताओं का धन्यवाद।

    लिस्नर्स के कमेंट के बाद दोस्तो, अब बारी है जोक्स की।

    पहला जोक---

    डेंटिस्ट: आपका दांत निकालना पड़ेगा। संता: कितने पैसे लगेंगे? डेंटिस्ट: 200 रुपये। संता: यह लो 50 रुपये। थोड़ा सा ढीला कर दो, निकाल मैं खुद लूंगा।

    दूसरा जोक---

    संता और बंता एक बुजुर्ग की मृत्यु पर शोकसभा में गए। वहां पर एक लड़की आई और संता के गले लग कर रोने लगी। थोड़ी देर तक तो बंता यह देखता रहा, फिर लड़की से बोला, इधर मेरे पास आ जाओ।

    वह बुजुर्ग रिश्ते में मेरे भी वही लगते थे, जो संता के लगते थे।

    तीसरा जोक---

    संता: अगर सरकार ताजमहल के अन्दर पान और गुटखा खाने कि अनुमति दे दे तो।

    बंता: कसम से ये गुटखा खाने वाले ताजमहल को लालक़िला बना देंगे।

    अनिलः हंसगुल्लों के बाद वक्त हो गया है, सवाल जवाब का। दोस्तो हमने पिछले हफ्ते दो सवाल पूछे थे, पहला सवाल था...किस देश में हाल ही में एक बिल्ली ने बच्चे की जान बचाई। सही जवाब है- रूस में

    दूसरा सवाल है...साबुन या वाशिंग मशीन के विकल्प के रूप में कौन सी डिवाइस का पता चला है। सही जवाब है- डॉल्‍फी नाम की डिवाइस

    इन सवालों का सही जवाब हमें भेजा है......आजमगढ़ यूपी से सादिक आजमी, उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल और पश्चिम बंगाल से देवाशीष गोप आदि ने। आप सभी का शुक्रिया।

    अब आज के सवालों का वक्त हो गया है।

    पहला सवाल है...किस देश में वेटर का काम बंदर संभाल रहे हैं।

    दूसरा सवाल है...सर्च इंजन गूगल ने कौन सी नई सर्विस शुरू करने जा रही है।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए। ...हमारा ईमेल है... hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।

    अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही ...अगले हफ्ते फिर मिलेंगे...चाय के वक्त...तब तक आप चाय पीते रहिए और सीआरआई के साथ जुड़े रहिए। नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर, चाइ च्यान.....

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