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    आप की पसंद 150103
    2015-01-09 14:51:08 cri

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं और ढेर सारी बातें करते हैं साथ में हम आपको देते हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    दिनेश - सभी श्रोताओं को दिनेश का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं इन रोचक जानकारियों के साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपकी ही पसंद के फिल्मी गीत जिनके लिये आप हमें पत्र लिखकर फरमाईश भी करते हैं। तो शुरु करते हैं आज का कार्यक्रम। लेकिन उससे पहले सुनवाते हैं आप सभी को एक मधुर गीत। जिसे हमने लिया है फिल्म जुगनू से जिसे गाया है किशोर कुमार और साथियों ने संगीतकार हैं सचिन देव बर्मन गीतकार हैं आनंद बख्शी और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 1. दीप दिवाली के झूठे ....

    पंकज – मित्रों आज हम आपको ले चलेंगे झारखंड में जहां पर एक धार्मिक स्थल है जिसका नाम है लादा टंगरा, ऐसा लोगों का कहना है कि यहां पर मांगी गई हर दुआ कबूल होती है। राजधानी रांची से 20 किलोमीटर दूर स्थित है एडचोरो। यहां लादा महादेव टंगरा की बात निराली है। लोग धार्मिक भावना से ओतप्रोत यहां पहुंचते हैं, मन्नत मांगने। कहते हैं अगर सच्चे मन से महादेव टंगरा की चट्टान पर हाथ फेरा तो पानी का रिसाव होने लगाता है। और तो और कहा जाता है कि यहां राम और सीता भी अपने वनवास के दौरान आए थे। यहां उनके पदचिन्ह भी साफ-साफ दिखाई देते हैं। ये पद्चिन्ह एक पत्थर पर बने हुए हैं। यहां पहुंचने वाले लोग इसे छूकर भी मन्नते मांगते हैं।

    कई लोगों की मांगी दुआएं पूरी हुई और सदियों से इस परंपरा का निर्वाहन होता आ रहा है। आम लोगों के अलावा यहां नेता भी दुआएं मंगाने पहुंचते हैं।

    हर त्यौहार पर रहती है लोगों की धूम

    लादा महादेव टंगरा का ये मंदिर एडचोरो की एक पहाड़ी पर बना हुआ है जहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। राम नवमी के दिन यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंच कर महादेव टंगरा की पूजा करते हैं। महादेव को दूध से नहलाया जाता है और फूलों से सजावट की जाती है। यहां महाशिवरात्री और सावन में भी लोगों का मेला लगता है। दूर-दूर से लोग अपनी मन्नतें पूरी करने आते हैं।

    पंकज - क्यों होता है पैरालिसिस, जानें इसके लक्षण और शरीर पर होने वाले इफेक्ट्स

    शरीर की मांसपेशियों में आई अस्थिरता को पैरालिसिस कहते हैं। इस अवस्था में शरीर की कुछ मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं। पैरालिसिस या लकवा की समस्या नर्वस सिस्टम में आई शिथिलता से पैदा होती है। शरीर या उसकी मांसपेशियां सेंसरी नर्व्स और सेंट्रल नर्वस सिस्टम के बीच होने वाले संचार से नियंत्रित होती हैं। इस संचार में आई किसी भी तरह की बाधा मांसपेशियों को कमजोर बनाती है, जो आगे चलकर पैरालिसिस का रूप लेता है। पैरालिसिस शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है। यह आपके पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है जिसे क्वाड्रिप्लेजिया कहते हैं। इसमें हाथ-पैर काम करना बंद कर देते हैं। वहीं, पैराप्लेजिया में शरीर का निचला हिस्सा ही प्रभावित होता है।

    पैरालिसिस के कारण और बचाव

    पैरालिसिस के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें न्यूरोलॉजिकल, कोई ऐसी दुर्घटना जिसमें रीढ़ की हड्डी क्षतिग्रस्त हो गई हो और कुछ इंटरनल बायोलॉजिकल डिफॉर्मेशन भी शामिल हैं।

    पैरालिसिस के लक्षणों इन न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से भी हो सकते हैं, जैसे:

    दिनेश – मित्रों आगे बढ़ने से पहले हम आपके पत्रों को पढ़कर सुनाएंगे और इन पत्रों में आपकी फरमाईश पर आपके पसंदीदा फिल्मी गीत सुनवाएँगे... ये पत्र हमारे पास आया है शिवाजी चौक कटनी, मध्यप्रदेश से जिसे लिखा है अनिल ताम्रकार, अमर ताम्रकार, संतोष शर्मा, रज्जन रजक, राजू ताम्रकार, दिलीप वर्मा, रविकांत नामदेव, पवन यादव, सत्तू सोनी, अरुण कनौजिया, संजय सोनी, लालू, सोना, मोना, हनी, यश, सौम्या और इनके मम्मी पापा, आप सभी ने सुनना चाहा है मुकेश का गाया गीत जिसे हमने लिया है फिल्म रजनीगंधा से संगीत दिया है शलिल चौधरी, गीतकार हैं योगेश और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 2. कई बार यूं ही देखा है ....

    पंकज - ● एमियोट्रॉफिक लेटरल सिरॉसिस (ALS)- मांसपेशियों में कमजोरी या विकलांगता ● बेल्स पॉल्सी-चेहरे की नसों में सूजन ● सेरिब्रल पॉल्सी

    ● मल्टिपल सिरॉसिस- दिमाग और रीढ़ की हड्डी में कमजोरी

    इसके अलावा पैरालिसिस के लक्षणों की कई अन्य वजहें भी हो सकती हैं, जैसे रीढ़ की हड्डी में चोट, गोली या चाकू लगना, बिजली के झटके जैसी ही अन्य कोई दुर्घटना। ऐसी कई बीमारियां हैं जिनसे पैरालिसिस का खतरा बना रहता है। एचआईवी इन्फेक्शन, आर्थराइटिस, स्पॉन्डलाइटिस ऐसी ही कुछ बीमारियां हैं। विषैले पदार्थों के सेवन या विषैले जानवरों के काटने से भी पैरालिसिस का खतरा हो सकता है। वहीं, पैरालिसिस से हार्ट अटैक, ब्रेन ट्यूमर और ब्रेन हैमरेज का भी खतरा बना रहता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है।

    ऐसी किसी भी स्थिति में तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। अगर आपके साथ के किसी व्यक्ति को अचानक शरीर में अकड़न, बेहोशी, चलने-फिरने या बोलने में दिक्कत महसूस हो, तो उसे जल्द से जल्द मेडिकल ट्रीटमेंट मुहैया कराएं।

    पैरालिसिस के साथ नर्वस सिस्टम पर दिखने वाले लक्षण

    इंसान की शारीरिक अवस्था के अनुसार पैरालिसिस के साथ-साथ कई अन्य लक्षण भी उत्पन्न हो सकते हैं, जो नर्वस सिस्टम पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं, जैसे-

    ● मूड, व्यक्तित्व या व्यवहार में बदलाव ● भद्दापन ● थोड़ी-थोड़ी देर पर बेहोशी छा जाना ● पढ़ने-लिखने और चीजें याद रखने में परेशानी ● शरीर में अकड़न

    दिनेश – आप अपनी चर्चा को आगे बढ़ाएं उससे पहले मैं अपने श्रोताओं को कार्यक्रम का अगला गाना सुनवाना चाहता हूं इस गाने के लिये फरमाईश की है व्यापारी कॉलोनी, नेपानगर से सुदर्शन शाह, रुद्रेश शाह, सुरभि शाह, अर्जुनदाराजी शाह, राजेन्द्रजी शाह, सुभद्राबेन शाह, मंगलाबेन शाह, रामगोपाल विश्वकर्मा, मृत्युंजय संतोष, मनोहर, रमेश, शांताराम और लीलाधर आप सभी ने सुनना चाहा है स्वदेस फिल्म का गाना जिसे गाया है उदित नारायण ने संगीत दिया है ए आर रहमान ने गीतकार हैं जावेद अख्तर और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 3. ये तारा वो तारा ....

    पंकज - शरीर की अन्य प्रणालियों पर दिखने वाले पैरालिसिस के लक्षण

    पैरालिसिस नर्वस सिस्टम के साथ-साथ शरीर की अन्य प्रणालियों पर भी असर डालता है, जिसके कुछ लक्षण हैं:

    ● कब्ज ● दस्त ● बुखार ● श्रवण शक्ति कम होना ● नज़र कमजोर होना ● जी मिचलाना ● गर्दन में दर्द ● सिरदर्द

    पैरालिसिस की वजह जानने के लिए पूछे जाने वाले आम सवाल-

    मरीज के इलाज और पैरालिसिस की वजह जानने के लिए डॉक्टर आमतौर से निम्नलिखित सवाल पूछते हैं:

    ● पैरालिसिस के लक्षण कितने दिनों से मौजूद हैं ?

    ● लक्षण शरीर के एक हिस्से में महसूस होते हैं या दोनों ?

    ● शरीर के कौन-से भाग ज्यादा प्रभावित हैं ?

    ● क्या सांस लेने या खाना निगलने में दिक्कत होती है ?

    ● दैनिक क्रियाओं में कोई अनियमितता ? ● इसके अलावा कोई अन्य लक्षण? ● आप कौन-सी दवाएं ले रहे हैं ?

    पंकज - दुनिया को साइबर सिक्युरिटी का पाठ पढ़ाएगा आठ साल का यह जीनियस सीईओ

    नई दिल्ली. आठ साल का साइबर एक्सपर्ट रुबेन पॉल गुरुवार को अमेरिका के ह्यूस्टन में आयोजित इंटरनेशनल ह्यूस्टन सिक्युरिटी कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेगा। इसमें कई देशों के नेता और दिग्गज साइबर सिक्युरिटी एक्सपर्ट हिस्सा लेंगे। भारतीय मूल का रुबेन अपनी गेमिंग कंपनी के सीईओ भी हैं।

    दिनेश – मित्रों यहां पर हम लेंगे एक छोटा सा संगीत ब्रेक यानी आपको हम सुनवाएँगे आपकी पसंद का अगला गाना ... इसके लिये फमाईश की है अखिल भारतीय रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष पंडित मेवालाल परदेशी जी और इनके ढेर सारे परिजनों ने आप सभी ने हमें पत्र लिखा है महात्वाना, माहोबा उत्तर प्रदेश से आपने सुनना चाहा है फिल्म मैं हूं ना का गाना गायक हैं अभिजीत और श्रेया घोषाल, संगीतकार हैं अन्नू मलिक और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर – 4. तुम्हें जो मैंने देखा ......

    पंकज - भारत की ओर से विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह, गृहमंत्रालय के संयुक्त सचिव निर्मलजीत सिंह कलसी इसमें हिस्सा लेंगे। रुबेन का विषय मौजूदा पीढ़ी को साइबर खतरों से बचाना और नए साइबर सिक्युरिटी स्किल्स होगा। रुबेन चौथी बार इस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा ले रहे हैं।

    सीईओ भी है रुबेन:

    रुबेन गेमिग कंपनी का सीईओ भी है, जिसकी शुरुआत खुद रुबेन ने अगस्त में की। पिता मनो पॉल इसमें रुबेन के पार्टनर हैं। रुबेन के पिता मनो पॉल साल 2000 में ओडिशा से अमेरिका जाकर बस गए थे।

    पिता रिक्शा ड्राइवर मां नर्स, बेटी ने तमाम मुश्किलों के बाद बढ़ाया देश का मान

    आज हम आपको बताने जा रहे हैं झारखंड की तीरंदाजी स्टार दीपिका कुमारी के बारे में। दीपीका का जन्म झारखंड के रांची शहर से करीब 15 किलोमीटर दीर रातु नाम के गांव में हुआ था। उस वक्त दीपिका के पिता शिवनारायण महातो ऑटो रिक्शा चलाया करते थे और उनकी मां एक नर्स थीं। बचपन से ही अभाव में पली-बढ़ी दीपिका ने जीवन में हर कदम पर काफी संघर्ष किया। इसके बावजूद दीपिका आम भारतीय लड़कियों के लिए मिसाल बन चुकी हैं, जो गरीबी से लड़ कर कुछ बड़ा करने की चाह रखती हैं। अपने करियर के शुरुआती दौर में दीपिका लकड़ी के बने तीर-धनुष से पेड़ पर लगे आम पर निशाना लगा कर तीरंदाजी की प्रेक्टिस किया करती थीं।

    दिनेश – हम अभी आप सभी को सुनवाएँगे कार्यक्रम का अगला गाना जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिखा है ग्राम महेशपुर खेम, ज़िला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश से तौफ़ीक अहमद सिद्दीकी, अतीक अहमद सिद्दीकी, मोहम्मद दानिश सिद्दीकी और इनके ढेर सारे मित्रों ने आपने सुनना चाहा है खामोशी फिल्म का गाना जिसे गाया है उदित नारायण, सुलक्ष्णा पंडित और जतिन पंडित ने संगीत दिया है जतिन ललित ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 5. सागर किनारे भी दो दिल हैं प्यासे ....

    पंकज - दीपिका को लकड़ी के तीर-धनुश के प्रैक्टिस करते देख उसकी चचेरी बहिन काफी प्रभावित हुई। जो पहले से एक तीरंदाज थी। शुरुआती दौर में दीपिका की बहन विद्या ने उसकी प्रैक्टिस में काफी मदद की। दीपिका को पहला मौका सन् 2005 में मिला जब उसे झारखंड की अर्जुन तीरंदाजी संस्थान में प्रवेश मिल गया। ये संस्थान तत्कालीन सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा द्वारा चलाई जाती थी।

    तीन साल तक नहीं आईं घर

    मात्र एक साल में दीपिका एक नए-नए खिलाड़ी से प्रोफेश्नल में बदल गईं। उन्होंने टाटा तीरंदाजी संस्थान जमशेदपुर में प्रवेश ले लिया। वहां उन्होंने हर सुविधा के साथ ट्रेनिंग करना शुरु किया। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें 500 रुपए भत्ते के रूप में मिलता था। ट्रेनिंग के दौरान दीपिका तीन साल में मात्र एक बार घर गई वे भी तब जब सन् 2009 में उन्होंने कैडेट वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीता। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

    वर्ल्ड कप में जीता गोल्ड

    वे जूनियर तीरंदाजी वर्ल्ड कप जीतने वाली दूसरी भारतीय खिलाड़ी बनीं। उन्होंने ये खिताब सन् 2006 में जीता। इसके बाद भी दीपिका ने कई मैडल अपने नाम किए। सन् 2011 उन्होंने पहली वर्ल्ड कप में मैडल जीता। इसके बाद 2012 में उन्होंने पहली बार वर्ल्ड कप में गोल्ड मैडल हासिल किया। इसके बाद उन्होंने कॉमनवेल्थ और एशिन गेम्स में भी पदक अपने नाम किए। दीपिका को भारतीय सरकार द्वारा अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है।

    दिनेश – अगला पत्र हमारे पास आया है मंदार रेडियो श्रोता संघ का जिसे लिखा है बांका बिरास से जिसे लिखा है कुमोद नारायण सिंह, बाबू, सनातन, गीतांजलि, अभय प्रताप गोलू, और कृष भूटानी ने आप सभी ने सुनना चाहा है सागर फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं जावेद अख्तर संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर - 6. सागर किनारे दिल ये पुकारे ...

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    दिनेश – नमस्कार।

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