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अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ....आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।
अनिलः नए साल के पहले अंक में आपका स्वागत है। .....
दोस्तो, अजगर के बारे में सोचते ही अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं। लेकिन क्या हो अगर कोई 14 महीने की बच्ची 13 फीट लंबे अजगर के साथ खेलती दिखे।
जी हां, अमेरिका के मिशीगन में अलायसा नाम की बच्ची को 13 फीट लंबे अजगर के साथ खेलते हुए देखा गया है। इस बच्ची का ये वीडियो इन दिनों सोशल नेटवर्किग साइट्स पर वायरल हो गया है, जिसमें एक बच्ची अपने मां-बाप की मौजूदगी में अजगर के साथ खेलती नजर आ रही है।
दरअसल, यह अजगर पालतू है और इसका नाम नेने है। मिशीगन के जेमी गॉरिनो ने इसे पाल रखा है। अलायसा अब 3 साल की है। यह वीडियो करीब 2 साल पुराना बताया जाता है।
वीडियो के जरिए गॉरिनो पूरी दुनिया को यह संदेश देना चाहते हैं कि सांप और अजगर इतने खतरनाक नहीं होते जितना हम उन्हें समझते हैं। ये वीडियो यू ट्यूब पर काफी पंसद किया जा रहा है।
ललिताः एक परिवार में बेटी के जन्म पर धूमधाम से इतनी खुशियां मनाई गई है जितनी शायद लड़का होने पर भी न मन पाती।
लंदन में एक परिवार में पूरे 132 साल बाद बेटी का जन्म हुआ है। अब तक इस परिवार में 5 पीढ़ीयां बीत गई लेकिन बेटी का जन्म नहीं हुआ था।
पांच पीढ़ियों के बाद जाकर पूरे 132 साल बाद इस परिवार में लड़की का जन्म हुआ है। ब्रिटेन के लैंकशर के 33 साल के डिबोराह और ली वरिंग ने 15 नवंबर को एक बच्ची को जन्म दिया।
इस बच्ची का नाम ऎनाबेल रोज रखा गया है। रोज से पहले इनका 3 साल का एक बेटा भी है। वरिंग परिवार में बच्ची का जन्म पूरे 132 साल, यानी 5 पीढ़ी के बाद हुआ है।
इससे पहले इस परिवार में 1882 में बेटी ने जन्म लिया था। उसके बाद से ही परिवार में कोई लड़की पैदा नहीं हुई।
डिबोराह और ली का कहना है कि लड़की होने से वे और उनका परिवार बहुत ही उत्साहित है और बच्ची को बेहद लकी मान रहा है।
अनिलः दोस्तो हमने पिछले प्रोग्राम में भी बताया था कि एब बच्चे का दिल उसका छाती पर है। इस बार भी मामला दिल से ही जुड़ा हुआ है। आप भी सुनिए, क्या है वाकया। दरअसल 4 साल की बच्ची को ऎसी बीमारी है जिसके चलते उसके दिल को तीन बार बदला जा चुका है।
इंग्लैंड के नॉरथमबरलैंड में रहने वाली चार साल की बच्ची समर कारकैस का दिल जन्म से ही कमजोर था। रिपोर्ट के अनुसार, समर का दिल इतना नाजुक था कि धड़कने से लेकर खून पंप करने तक काम सहज रूप से नहीं कर पाता था।
उसकी जान बचाने के लिए उसके दिल का ट्रांसप्लांट ही एक मात्र जरिया था। पैदा होने से दो साल तक के बीच में समर के दिल का दो बार ट्रांसप्लांट हो चुका था।
दो बार हार्ट ट्रांसप्लांट करवाने के बाद भी समर का दिल ठीक से नहीं धड़क पाता था। उसके मां-बाप को तीसरी बार भी हार्ट ट्रांसप्लांट करवाने का रिस्क लेना ही पड़ा।
हैरत की बात है कि चार साल की बच्ची का दिल तीसरी बार बदला गया। डॉक्टरों ने बताया कि वो ठीक है। दिल के तीसरी बार बदले जाने के बाद भी समर को चौथे दिल की कभी जरूरत नहीं पड़ेगी, ऎसा नहीं कहा जा सकता।
ललिताः आपने अदालतें तो कई देखी होंगी लेकिन क्या आपने ऎसी किसी अदालत के बारे में सुना या देखा हैं जहां भूतों की अदालत लगती हो।
मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ में भूतों की अदालत लगती है। इस अदालत में बाकायदा भूतों की पेशी होती है और भूत अदालत में बयान भी देता है।
एक वेबसाइट के अनुसार, पठपरा में पीर अब्दाल साहब के दरबार में पिछले 5 सालों से भूत-प्रेतों की न केवल अदालत लग रही है बल्कि देश और प्रदेश के कई शहरों से भूत बाबा के दरबार में पेशियों पर भी आ रहे हैं और लोगों के सवालों का जवाब भी दे रहे हैं।
इस दरबार में दिए की लौ देखकर प्रेत आत्माओं से पीडित व्यक्ति के सिर पर सवारी आना शुरू हो जाती है और पीडित के हाथ जमीन से अपने आप चिपक जाते हैं।
अनिलः दोस्तो, अब आपको कुछ टिप्स जॉब यानी नौकरी से जुड़ी हुई देते हैं। हो सकता है कि आपको अचानक नौकरी से निकाल दिया जाए। ऐसा आपकी किसी गलती या कंपनी के प्रबंधन के फैसले के कारण हो सकता है। यह स्थिति किसी भयानक सपने से कम नहीं होगी। यह समय अवसाद और चुनौतियों भरा होगा। इस समय सावधान रहने की आवश्यकता होती है। जानते हैं, कैसे उबरें इस स्थिति से।
आपकी कंपनी इस फैसले के लिए मन बना चुकी थी, लेकिन आपके लिए इसे स्वीकारना कठिन होगा। आगे बढ़ें और इस सच्चाई का सामना करें कि आप यह नौकरी खो चुके हैं। भावनात्मक रूप से खुद को तैयार करें। अब अगले अवसरों पर ध्यान दें।
इस हालत में खुद को संभालना मुश्किल है, फिर भी खुद पर यकीन रखें। नौकरी छूटने के बाद सबसे पहले ऑफिस में किसी भी तरह की गॉसिपिंग से बचें। किसी के बारे में अपनी राय न दें।
दोस्तो, आप इस बारे में क्या सोचते हैं, हमें जरूर लिखिएगा।
ललिताः जॉब संबंधी टिप्स के बाद बात करते हैं सेल्फी की। आजकल जिस किसी के पास भी स्मार्ट फोन है, वह सेल्फी यानी खुद की फोटो खुद लेना चाहता है। हर शख्स इस शब्द से परिचित है ही। सेल्फी शब्द को साल 2013 का "वर्ड ऑफ ईयर" बनाया गया, आक्सफोर्ड की डिक्शनरी में शमिल किया गया। स्मार्टफोन के जमाने में हर कोई सेल्फी का दीवाना है। कुछ लोग तो सेल्फी लेने के इतने ज्यादा एडिकटेड हो जाते हैं कि हर दिन वो अपनी सेल्फी पिक लेते हैं और सोशल साइट्स पर उसे अपलोड भी कर देते हैं।
अनिलः कहते हैं न हर चीज हद में अच्छी लगती है, सेल्फी को लेकर हद से ज्यादा क्रेज सही नहीं है। यह आपके लिए नकारात्मक हो सकता है।
अगर आप रोजाना हद से ज्यादा सेल्फी लेती हैं तो इसका मतलब है कि आप सेल्फ अब्सेसिव पर्सन हैं। हो सकता है कि आपके लुक्स बहुत अच्छे हों पर इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं कि हर रोज लोग आपकी तस्वीर देखना पसंद करें। इसलिए हर वक्त अपनी फोटो खींच फोन की मेमोरी न भरें।
सच कहें तो हर वक्त आपकी हर पोज की तस्वीर देखने में कोई इंट्रस्टेट नहीं होता है। आप अपनी सेल्फी पिक सोशल साइट्स पर डालने से पहले एक बार खुद से यह सवाल जरूर पूछें कि "क्या आप अपने दोस्तों की रोजाना सौ से ज्यादा सेल्फी देखना पसंद करेंगी" जवाब होगा "नहीं"। जिस तरह आप लोगों की हद ज्यादा सेल्फी देखना पसंद नहीं करती हैं, ठीक उसी तरह और लोगों को भी आपकी हद से ज्यादा सेल्फी पिक देखना पसंद नहीं होगा।
अब हेल्थ टिप्स की बात करते हैं, चॉकलेट में जितनी ज्यादा मात्रा में कोको होगा, आपकी सेहत के लिए यह उतना ही फायदेमंद होगा। विभिन्न ब्रांडों पर इस शोध को इटली स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ला" किला और चॉकलेट ब्रांड मार्स बार ने संयुक्त रूप से किया है।
चॉकलेट के स्वादों और रूपों मूलत: इसकी भिन्न सामग्रियों जैसे चॉकलेट लिकर, कोको बटर, कोको सॉलिड्स, मिल्क/फैट सॉलिड्स पर निर्भर करते हैं। मुख्य तौर पर चॉकलेट्स का सेवन, मिल्क चॉकलेट, स्वीट चॉकलेट, डार्क चॉकलेट, व्हाइट चॉकलेट के रूप में किया जाता है। कॉफी की तरह ही कोको पाउडर से बनी हॉट चॉकलेट का लुत्फ उठाया जाता है।
ललिताः इस साल के शुरूआत में जर्नल एफएएसईब में नीदरलैंड्स में चॉकलेट पर हुए अध्ययन को प्रकाशित किया गया था। इस अध्ययन में 45 से 70 साल के मध्य के 44 ओवरवेट पुरूषों के डॉर्क चॉकलेट सेवन तथा उसके असर का आकलन किया गया था। नतीजों के मुताबिक, डार्क चॉकलेट के सेवन ने ओवर वेट पुरूषों में एथेरोस्क्लेरोसिस के जोखिम को कम करने में मदद की।
एथेरोस्क्लेरोसिस ऎसी अवस्था है, जिसमें धमनियों में अकड़न हो जाती है और श्वेत रक्त कणिकाओं में आसंजन हो जाता है। डार्क चॉकलेट एंटीऑक्सीडेंट के बड़े स्त्रोत होते हैं, इनकी ऑक्सीजन रेडिकल एब्जोर्बेस कैपासिटी अधिक होती है। 2013 में हुए एक अध्ययन का कहना है कि दो कप हॉट चॉकलेट के नियमित सेवन से स्मृति हास्त्र कम हो जाती है।
अनिलः 2012 का एक अध्ययन कहता है कि सीमित परिमाण में चॉकलेट का सेवन हार्ट स्ट्रोक को रोकने में सहायक होता है।
अध्ययन में यह बात सामने आई है कि एक चॉकलेट खाने से वजन बढ़ाने वाले भोजन की इच्छा में कमी होती है, जिससे आपका वजन नियंत्रित रहता है। वेट मैनेजमेंट के लिए प्रतिदिन चॉकलेट का एक टुकड़ा खाना काफी है अथवा सप्ताह में एक या दो चॉकलेट के बार खाना ठीक रहता है।
फलों और साग में पाए जाने वाले घटकों की तरह ही कोको में फ्री-रेडिकल्स से लड़ने की क्षमता होती है, जो त्वचा की सिकुड़न को कम करते हैं। अधिक एंटी-ऑक्सीडेंट्स वाले चोकोलेट अधिक कारगर होते हैं।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, आप जितनी ज्यादा मात्रा में फ्लेवेनल्स से भरपूर कोको वाली चॉकलेट का सेवन करेंगे आपकी मानसिक क्षमता में उतनी ही वृद्धि होगी।
ललिताः यह तो सभी जानते है कि मिस्र की महारानी क्लियोपेट्रा अपनी खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए गधी के दूध से स्नान करती थीं लेकिन एक ताजा शोध में खुलासा हुआ है कि इस दूध में मौजूद एंटी एलर्जिक तत्व अस्थमा तथा सर्दी, जुकाम से पीडित बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद है।
साइप्रस के लिमासोल स्थित साइप्रस यूनीवर्सिटी आफ टेक्नालाजी में डेयरी साइंस विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक प्रोफेसर फोटिस पैपडिनास ने हाल ही में प्रकाशित अपने एक नए शोध में कहा कि कुछ पीढियों पहले तक कुछ देशों में छोटे बच्चों को सर्दी जुकाम होने पर गधी का दूध ही देते थे लेकिन धीरे धीरे लोगों ने इसे छोड़ गाय के दूध को तरजीह देना शरू कर दिया।
अनिलः वैज्ञानिकों का मानना है कि गधी के दूध में औषधीय गुण होते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में विटमिन पाया जाता है साथ में बैक्टीरिया रोधी प्रोटीन तथा एंटी एलर्जिक पदार्थ पाया है जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ा देता है।
पैपडिमास कहते हैं कि यह कहना गलत नहीं होगा कि गधी के दूध के गुण मां के दूध से काफी मिलते जुलते हैं क्योंकि इंसान की ही तरह गधों में भी "सिंगल चेम्बर्स स्टमक" होता है जबकि गाय और बकरी का पेट "फोर चेम्बर्ड" होता है और कई तरह के वैक्टीरिया इनके खाने को पचाने में सहायक होते हैं।
दोस्तो, तमाम जानकारी पेश करने के बाद वक्त हो गया है, लिस्नर्स के कमेंट शामिल करने का। हर बार की तरह आज भी हमें कई श्रोताओं के ई-मेल और पत्र मिले हैं। लीजिए शुरुआत करते हैं, जमशेदपुर झारखंड से एस.बी.शर्मा के मेल से।
लिखते हैं कि वर्ष 2014 का अंतिम टी टाइम प्रोग्राम वेइतुंग जी और अनिल जी की मधुर आवाज और मधुर सन्देश के साथ सुना, अच्छा लगा। इसमें प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय घटनाओ को याद किया गया, आपने ठीक ही कहा वर्ष 2014 विमान दुर्घटनाओं का साल रहा। साल के अंतिम महीने में भी एक भयानक विमान हादसा हो गया जिसमें 160 से ज्यादा जानें चली गई। इसके अलावा भारत में सत्ता परिवर्तन हुआ और मोदी की सरकार बनी। उन्होंने वादे तो बहुत किये पर काम बहुत कम हुए, फिर भी उन्हें समय देना चाहिए, देखते हैं कि यह सरकार जनता की कसौटी पर खरी उतरती है या नहीं। यह जानकर बड़ी ख़ुशी हुई की अनिल जी चाइनीज भाषा सीखने की कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है 2015 में आप चीनी जरूर सीख जायेंगे। आपने इस प्रोग्राम में कई रोचक जानकारियां दी। पांच हजार सैंटा क्लॉज़ इकट्ठा करने, बच्चे का दिल छाती पर होने की घटना का जिक्र आपने किया। चीन की एक घटना जिसमें एक पति ने अपनी पत्नी को इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि उसकी पत्नी ने तीन कुरूप बच्चों को जन्म दिया, पर जानकारी दी गई। अमरुद और लाल टमाटर खाने के फायदे भी बताए, जो काफी उपयोगी हैं तीनों चुटकुले टेंशन दूर करने में सफल रहे। धन्यवाद।
ललिताः लीजिए अब पेश करते हैं अगला मेल, जो भेजा है, आजमगढ़ यूपी से सादिक आजमी ने। लिखते हैं कि इस वर्ष का अंतिम कार्यक्रम टी टाईम का नया अंक बहुत लाजवाब रहा। वेईतुंग जी और अनिल जी ने कार्यक्रम के साथ व्यक्तिगत विचारों का आदान प्रदान किया तथा भविष्य की योजनाओं का उल्लेख भी किया। हम कामना करते हैं कि अनिल जी की सभी अभिलाषा पूरी हों और जो भी लक्ष्य हो पूरा हो और हेल्थ को लेकर जिस प्रकार वह गंम्भीर दिखे। उससे लगता है उनका वज़न काफी बढ़ गया है हम और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
इस साल क्रिसम के अवसर पर केरल के त्रिसूर मे सांता क्लॉज़ के सबसे अधिक संख्या पारकर गिनीज़ बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज करने की खबर अति उत्साहित करने वाली रही। यह वाकई केरल राज्य और सभी भारतीयों के लिये गौरव की बात है।
चीन में तलाक़ की घटना के बारे में यही कहा जाएगा कि इस दम्पति में कहीं न कहीं विश्वास की कमी नज़र होगी। पर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के एक नवजात के सीने पर दिल होने की घटना हैरान करने वाली रही। सम्भवत: ऐसे बच्चे अधिक दिनों तक जीवित नही रहते पर हम यही कामना करते हैं भगवान इस अद्धभुत बच्चे की ज़िन्दगी लम्बी करे और डाक्टर इसका आपरेशन कर इसे सामान्य बनाने में सफलता पाएँ।
हेल्थ केयर मे अमरूद और टमाटर के गुणों का बताया जाना उपकारी लगा। आशा करते हैं श्रोता मित्र इससे अवश्य लाभ उठाएंगे। आज के जोक्स में तीसरा जोक पिछले दिनों कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में सुनवाया गया था।
अनिलः वहीं पश्चिम बंगाल से विधान चंद्र सान्याल भी लिखते हैं कि पिछले प्रोग्राम में प्रस्तुत की गई, तमाम जानकारी अच्छी लगी। लेकिन रिसेप्शन अच्छा न होने के चलते साफ नहीं सुन पाया। इसका मुझे खेद है। फिर भी नए साल के मौके पर सभी को शुभकामना।
जबकि दक्षिण दिनाजपुर पश्चिम बंगाल से देबाशीष गोप ने भी सभी को नए साल की मुबारकबाद भेजी है। लिखते हैं कि वर्ष 2014 के अंतिम प्रोग्राम में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई, विशेषकर पिछले साल की घटनाओं का जिक्र करना अच्छा लगा। भारत-चीन रिश्तों की बात करें तो वर्तमान साल में दोनों की दोस्ती और मजबूत होगी। आप सभी का धन्यवाद।
अब लीजिए पेश है, आज का अंतिम मेल- केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल का। लिखते हैं हमने "टी टाइम" का ख़ास वर्षान्त विशेषांक सुना, जिसकी शुरुआत में वेइतुंगजी के साथ अनिलजी द्वारा किया गया बीते वर्ष 2014 का आंकलन बहुत सारगर्भित लगा। 2014 में चीन-भारत के बीच हुआ कदम-ब-कदम व्यावहारिक सहयोग, चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की भारत यात्रा तथा अब चीन के सहयोग से दिल्ली-चेन्नई के मध्य बुलेट ट्रेन के लिये किया जा रहा सर्वेकार्य दोनों देशों के पुख्ता होते सम्बन्धों का प्रतीक है।
अज़ब-गज़ब किस्सों की जानकारी क्रम में आज जहाँ क्रिसमस के अवसर पर केरल के त्रिसूर में सर्वाधिक संख्या में सान्ता क्लॉज़ जुटाने का कीर्तिमान काफी सुखद लगा। वहीं चीन के एक शख़्स चांग पुन द्वारा इस बिना पर अपनी पत्नी को तलाक़ दिया जाना कि उसने लगातार तीसरी बार कुरूप बच्चे को जन्म दिया है, बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण फैसला लगा। पता चला कि इस तलाक़ में प्लास्टिक सर्जरी काफी हद तक ज़िम्मेदार थी।
ललिताः उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर में एक बच्चे का दिल उसकी छाती पर होना और इस विरल बीमारी का अनुपात दस लाख में महज़ आठ लोगों को होना, आश्चर्यजनक लगा। सउदी अरब में करोड़पति भिखारी की 1.92 करोड़ की सम्पत्ति का ज़ब्त किया जाना कोई हैरत की बात नहीं, क्यों कि करोड़पति भिखारी तो आज विश्व के सभी देशों में विद्यमान हैं। हाँ, मरे हुये सांप में भी घंटों काटने और डसने की चेतना लौट सकती है, यह जानकारी ज़रूर हैरान करने वाली थी। फुटबॉलर सुनील छेत्री को वर्ष का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना जाना प्रसन्नता की बात है। सुनील के साथ-साथ बालादेवी को भी उनकी सफलता पर बधाई। हेल्थटिप्स में अमरूद और लाल टमाटर में छुपे सेहत के राज़ उजागर करने हेतु भी हार्दिक साधुवाद। "जोक्स में "पेट्रोल कहीं सस्ता न हो जाये","इश्क़ दी गली विच नो एन्ट्री" तथा "भारत में बिजली जाने पर बाहर जाकर देखते हैं कि सबकी गई है या नहीं" आदि तीनों जोक्स अव्वल लगे। धन्यवाद स्वीकार करें। आपका भी धन्यवाद।
लिस्नर्स के कमेंट के बाद लीजिए पेश हैं जोक्स। जी हां हम बात करे हैं हंसगुल्लों की।
पेश है पहला जोक...
ब्रेकअप के बाद एक लड़की ने ब्रेकअप कारण समझाया: अगर वो जान भी मांग लेता तो हंसकर दे देती। लेकिन; कमबख्त ने फेसबुक का पासवर्ड मांग लिया तो मैं क्या करती?
लीजिए दूसरा जोक...
फूलवाला: साहब ये फूल अपनी गर्लफ्रेंड के लिए ले लो। संता: मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। फूलवाला: तो फिर अपनी मंगेतर के लिए ही ले लो। संता: वो भी नहीं है। फूलवाला: तो फिर अपनी बीवी के लिए ले लो। संता: मेरी बीवी भी नहीं है। फूलवाला: ऐ दुनिया के सबसे खुशकिस्मत इंसान, मेरी तरफ से ये फूल तेरे लिए।
अब पेश है, आज के प्रोग्राम का अंतिम जोक...
स्टूडेंट को एग्जाम रूम से बाहर निकलता देख-
टीचरः कुछ किया भी है, या ऐसे ही आ गए? स्टूडेंटः सर, ब्रेकफास्ट करके आया हूं, और आप?
हमने पिछले सप्ताह दो सवाल पूछे थे,
पहला सवाल था, हाल में किस देश में एक भिखारी करोड़पति निकला। जवाब है सऊदी अरब।
दूसरा सवाल था, भारत के सर्वश्रेष्ठ फुटबालर का पुरस्कार किसे मिला- सही जवाब है सुनील छेत्री।
इन सवालों का जवाब हमें लिखकर भेजा है......
उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल, आजमगढ़ यूपी से सादिक आजमी, पश्चिम बंगाल से विधान चंद्र सान्याल, देवाशीष गोप और जमशेदपुर झारखंड से एस.बी.शर्मा आदि ने। आप सभी को बधाई। आगे भी हमारे सवाल सुनते रहिए।
अब आज के सवालों की बारी है...
पहला सवाल है, किस देश में बेटी के पैदा होने पर बहुत बड़ा जश्न हुआ।
दूसरा सवाल है, चॉकलेट खाने से हमें क्या लाभ होता है।
अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn...अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।
अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही ...अगले हफ्ते फिर मिलेंगे.....चाय के वक्त......तब तक आप चाय पीते रहिए और सीआरआई के साथ जुड़े रहिए। नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर,चाइ च्यान.....