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    टी टाइम 141202 (अनिल और वेइतुंग)
    2014-12-02 09:39:06 cri

    अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ..चाय की आवाज .........आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

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    अनिलः रोबोट हमेशा से आम लोगों के लिए कौतूहल का विषय रहे हैं। वैज्ञानिकों ने मनुष्यों द्वारा किए जाने वाले लगभग हर काम के लिए कोई न कोई रोबोट तैयार कर लिया है।

    लेकिन इसमें अब तक मनुष्यों की तरह सोचने वाला दिमाग नहीं डाला जा सका है।

    अब तक यह प्रोग्रामिंग के जरिए पहले से डाल दिए गए कमांड पर चलता रहा है। अब यह बाधा भी खत्म होती दिख रही है।

    वैज्ञानिकों के एक दल ने एक कीड़े के दिमाग को डिजिटलाइज करने और उसे एक रोबोट में डाल देने में कामयाबी पाई है। इसका मतलब यह है कि अब यह रोबोट उस कीड़े के दिमाग से सोच सकता है।

    एक आम इंसान का शरीर 100 करोड़ न्यूरॉन और करीब 37 लाख करोड़ कोशिकाओं से बना होता है। इतनी जटिल संरचना का कृत्रिम प्रारूप तैयार करना मौजूदा कंप्यूटरों के लिए बेहद मुश्किल काम है। लिहाजा उन्होंने शुरूआत बहुत छोटे स्तर से की है।

    वैज्ञानिकों के इस दल ने रोबोट के लिए जो डिजिटल कीड़ा तैयार किया है, वह महज 300 न्यूरॉन और 1,000 कोशिकाओं से बनाया गया है। यह बेहद सामान्य जीव की तरह है। लेकिन सामान्य होने के बावजूद इसमें 80 फीसदी जीन बिलकुल इंसानों की तरह हैं।

    यह असली कीड़े की तरह व्यवहार करता है। इसलिए इसे जिस रोबोट में डाला गया है, वह भी उस कीड़े की तरह ही व्यवहार कर रहा है। हालांकि यह रोबोट अभी बेहद सामान्य गतिविधियों को ही अंजाम दे रहा है और जटिल चीजें इसकी समझ से बाहर हैं।

    वेइतुंगः हरियाणा का दिव्यांश गुप्ता घर में रहता तो मां कहती कि बेटा कुछ अलग करना है। स्कूल में टीचर कहते, खाली समय में कुछ अच्छा लिखा करो।

    इसका असर ऎसा हुआ कि स्कूल का काम पूरा करने के बाद किताब लिखना शुरू कर दिया। लगन इतनी बढ़ी कि 15 साल की उम्र तक 27 किताबें लिख दीं।

    इनमें से 18 किताबें प्रकाशन के लिए भेजी गई है। रूपा पब्लिकेशन हाउस ने इनके प्रक ाशन की मंजूरी दी है।

    गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड में उसने इस उपलब्घि के लिए दावा भी किया है। डीएवी थर्मल स्कूल में नॉन मेडिकल से 12 वीं कर रहा दिव्यांश इंजीनियर बनना चाहता है।

    उसके अनुसार वल्र्ड रिकॉर्ड बनने के एक वर्ष पूरा होने पर 20 हजार डॉली लगभग 12 लाख रूपए दिए जाएंगे। अगर बीच में किसी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया तो ईनाम नहीं मिलेगा। दिसंबर में उसकी पहली किताब का एडिशन लॉन्च होगा।

    दिव्यांश ने 7 वीं क्लास से लिखना शुरू किया था। पहले डायरी और फिर बाद में लैपटॉप पर लिखा। उसकी मां सरिता गुप्ता की इच्छा है कि बेटा कम से कम एक बार आईआईटी का एग्जाम कै्रक करे। लेकिन वो खुद लेखक नहीं बनना चाहता।

    दिव्यांश ने बताया कि बीएचयू व सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय ने साहित्य में आगे की पढ़ाई के लिए निशुल्क ऑफर दिया है।

    लंदन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने साहित्य में और अमेरिका की बोस्टन यूनिवर्सिटी ने इंजीनियरिंग की निशुल्क पढ़ाई के लिए आमंत्रित किया है।

    ऑक्सफोर्ड और बोस्टन यूनिवर्सिटी ने खुद संपर्क किया था। आईआईटी कानपुर से स्कॉलरशिप के एग्जाम में सेकंड पॉजीशन आई।

    दिव्यांश ने सभी किताबें ेअंग्रेजी में लिखी है। इनमें से ज्यादातर नॉवेल है

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    ......... ब्रिटेन की एक अदालत ने सबसे महंगे तलाक के मामलों में से एक में लंदन के एक फाइनेंसर की पत्नी को 53 करोड़ डॉलर (3100 करोड़ रूपए से भी ज्यादा) की राशि दिए जाने का फैसला सुनाया है।

    जेमी कूपर कॉन को मिलने वाली इस राशि की जानकारी उस समय सामने आई जब अंतिम फैस ले से पहले इसकी कॉपी वकीलों को उपलब्ध कराई गई ।

    कूपर हॉन के वकील कथित तौर पर इससे भी बड़ी राशि के लिए अपील दायर करने पर विचार कर रहे थे।

    15 साल तक विवाहित जोड़ी के रूप में रहने के बाद कूपर हॉन अपने हेज फंड प्रबंधक पति क्रिस हॉन से अलग हो गई थीं।

    इन दोनों ने 70 करोड़ डॉलर की संपत्ति पर लड़ाई लड़ी। हॉन ने अपनी पत्नी को एक चौथाई हिस्सा देने का प्रस्ताव दिया था।

    लेकिन उसका तर्क था कि उनकी संपत्ति एक साझेदारी का परिणाम है।

    उधर एक 52 साल की दादी ने ऎसा कारनामा किया है जिसे सुनकर आपको यकीन नहीं होगा।

    मिमी एंडरसन की उम्र 52 साल है, लेकिन जब वह दौड़ना शुरू करती हैं तो लोग देखकर हैरान रह जाते है।

    चैरिटी के लिए ये दादी लगातार 32 दिन तक हर सुबह दौड़ती रहीं। उनकी यह दौड़ 56 मैराथनों के बराबर है।

    इस दौरान उन्होंने कई मुश्किल रास्तों को तय किया, जिनमें पहाड़, नदियां और पथरीले रास्ते भी आए। खास बात यह है कि वह एक ही तय रूट से हर रोज गुजरीं।

    उनके साथ ऑस्ट्रेलिया की अल्ट्रा रनर 29 साल की समांथा गैश भी दौड़ीं। इस दौरान एक क्रू टीम भी साथ रही, जो उनकी लगातार निगरानी कर रही थी।

    मिमी ने 36 साल की उम्र से ही दौड़ना शुरू कर दिया था और आज भी उनके पैर थके नहीं हैं।

    वह मूल रूप से केंट की रहने वाली हैं। वह चुनौतियां लेना पसंद करती हैं और दुनिया के बेहद दुर्गम इलाकों में भी दौड़ लगा चुकी हैं।

    .... जोड़े ऊपर से ही बनकर आते है, ये कहावत अक्सर सुनी जाती है लेकिन क्या हो अगर कोई जोड़ा आपको बेमेल दीखे तो। जी हां, एक सामान्य हाइट वाली युवती को एक बौने से मोहब्बत हो गई और दोनों साथ-साथ रहने लगे।

    जो कोई भी इस जोड़े को देखता वो एक बार सोचने को मजबूर जरूर होता लेकिन प्यार होता ही ऎसा है।

    एक वेबसाइट के अनुसार, इंगलैंड के वेल्स में रहने वाले जेम्स जस्टड 3 फुट 7 इंच के छोटे कद के व्यक्ति हैं। आम तौर पर लोग उन्हें बौना ही कहते हैं।

    पेशे से तो वो एक टीवी होस्ट, एक्टर और मोटिवेशनल स्पीकर हैं, लेकिन उनकी जीवन की संगिनी कौन होगी, इसका उन्हें तलाश था। जेम्स कहते हैं कि बचपन से ही उन्हें लोग छोटा कद होने के कारण हमेशा चिढ़ाया करते थे।

    वो सोचते थे कि कोई उनसे शादी करेगा भी या नहीं। जेम्स बताते हैं कि वो क्लो रॉबर्ट नाम की लड़की के साथ कई दिनों से डेट कर रहे थे।

    क्लो पेशे से एक छात्रा हैं। दोनों एक रेस्टोरेंट में गए। कार्डिफ सिटी सेंटर के एक रेस्टोरेंट में एक वेटरेस ने जेम्स को कलरिंग बुक दे दिए। लेकिन तभी वेटरेस ने जेम्स की भारी आवाज सुनी और वो अपनी सोच के लिए शर्मिदा हो गई।

    वेटरेस को लगा कि कोई बच्चा बैठा है। उसने जेम्स से फौरन माफी मांगी। इसके बाद जेम्स और क्लो दोनों से जबरदस्त ठहाके मारे और वेटरेस को कुछ नहीं कहा।

    फिर क्या था, उन दोनों ने अपना खाना एन्?ज्वॉय किया और उन्हें देखने वाले लोगों ने भी इस पूरे नजारे के मजे लिए। क्लो ने कहा कि हर लड़की की तरह उसे भी यही लगा था कि उसकी शादी किसी बड़े स्मार्ट हैंडसम लड़के से होगी।

    लेकिन जेम्स से मिलने के बाद उसकी सोच बदल गई। जेम्स की भारी आवाज और ?समझ से क्लो इतना आकर्षित हुई कि उन्हें जेम्स की कद को नजर अंदाज कर दिया।

    अब दोनों की सगाई हो चुकी है और जल्द ही दोनों शादी के बंधन में बंध जाएंगे।

    दोस्तो कहते हैं कि बिना एक धेला आप कहीं सफर नहीं कर सकते लेकिन दो दोस्तों ने बिना 1 रूपया खचें पूरी दुनिया घूम डाली।

    वो 1889 का 80 दिन का हीरो था और ये 2014 के हीरो है। कहानी वहीं है, बस पात्र नए है।

    दरअसल, फ्रेंच उपन्यासकार जूल्स वर्ने का मशहूर उपन्यास है "अराउंड द वल्र्ड इन 80 डेज"। जर्मनी के मिलान बिल्मान और पेरिस के मुअम्मर यिल्माज ने इस उपन्यास के नायक फिलीज फॉग की तर्ज पर 80 दिनों में दुनिया की सैर करने की ठानी।

    9 सितंबर को फ्रांस की राजधानी पेरिस से चले और 29 दिसंबर को वाप पेरिस पहुंच दुनिया का चक्कर पूरा किया। दिलचस्प बात ये है कि इन दोनों ने इस यात्रा में फूटी कौड़ी खर्च नहीं की।

    पूरी यात्रा के दौरान वे विमानन और आतिथ्य सत्कार क्षेत्र की कंपनियों को आगे की मुफ्त यात्रा के लिए मनाते रहे और वे मानते रहे।

    वे जहां जाते वहां के लोगों के बीच ही ठहरने का इंतजाम भी कर लेते।

    दोनों कोलकाता पहुंचे, पर यहां आगे की यात्रा का कोई स्पॉन्सर नहीं मिला।

    तभी स्थानीय अखबार में इनकी खबर पढ़ कारोबारी अमित सरावगी ने इनसे संपर्क किया और आगे की पूरी यात्रा के साथ बैंकॉक की हवाई यात्रा का भी इंतजाम किय।

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    खबर है कि चीन और भारत दिल्ली और चेन्नई के बीच 17 सौ किलोमीटर हाइ स्पीड ट्रेन के निर्माण पर संभावना की अध्ययन कर रहे हैं ।इस सिंतबर चीनी राष्ट्राध्यक्ष शीचिनपिंग ने भारत की यात्रा के समय इस परियोनजा का प्रस्ताव पेश किया ।अगर इस परियोजना का निर्माण पूरा होगा ,तो वह विश्व में दूसरी सब से बडी हाइ स्पीड ट्रेन लाइन होगी ।विश्व में सब से लंबी हाइ स्पीड ट्रेन रेल लाइन चीन की पेइचिंग --क्वांग चो हाइ स्पीड रेलवे लाइन है ।पेइचिंग और क्वांगचो के बीच फासला 2000 किलोमीटर से अधिक लंबा है ,लेकिन बुलिट ट्रेन की यात्रा से सिर्फ 8 घंटे लगते हैं ।इस परियोजना के बारे में चीनी विशेषज्ञ काओ शांग ने हाल ही में हमारे रेडियो को दिये एक साक्षात्कार में बताया कि भारत में हाइ स्पीड ट्रेन के निर्माण में चीन जापान के साथ प्रतिस्पर्द्धा करने का सामना करेगा ।लेकिन चीन के कई विशेष लाभ हैं ।एक ,विश्व में वर्तमान में संचालित सब से लंबी हाइ स्पीड ट्रेन रेल लाइन चीन में है ।वह सफलता से सेवा प्रदान कर रही है ।इतनी लंबी रेल लाइन के निर्माण ,संचालन और रखरखाव में चीन के पास प्रचुर अनुभव है ,जो भारत के साथ साझा किये जा सकते हैं ।चीन और भारत दोनों बडे देश हैं और भौगोलिक स्थिति जटिल हैं ।हाइ स्पीड ट्रेन रेलवे लाइन जाल के निर्माण में चीन ने विभिन्न भौगोलिक स्थितियों के चुनौतियों के समक्ष सफलता पायी है ।दूसरा , चीनी हाइ स्पीड ट्रेन रेलवे लाइन के निर्माण का खर्च काफी सस्ता है ,जो औसत अंतरराष्ट्रीय स्तर से आधे से कम है ।तीसरा ,चीन का विदेशी मुद्रा भंडारण विश्व में सब से अधिक है और उसे विदेश में पूंजी लगाने की बडी इच्छा है ।भारत में हाइ स्पीड ट्रेन रेलवे निर्माण में चीन वित्तीय सहायता प्रदान कर सकता है ।

    वहीं अंतरराष्ट्रीय एजुकेशन वेबसाइट क्यू एस के द्वारा 25 नवंबर को जारी नवीनतम रैंकिंग से पता चला है कि हांगकांग एशिया में प्रवासी छात्रों के लिए सबसे अच्छा गंतव्य शहर है। विश्व रैंकिंग में हांगकांग पांचवें स्थान पर रहा, जो पिछले साल दो पायदान चढ़ा है।

    क्यू एस सर्वश्रोष्ठ आवरसीज स्टडी रैंकिंग में युनिवर्सिटी रैंकिंग, प्रवासी छात्रों का अनुपात, जीवन की गुणवता, नौकरी की स्थिति और उपभोग स्तर पांच स्तर शामिल हैं। हर स्तर में विभिन्न मापदंड से उम्मीदवार शहरों को अंक दिये जाते हैं। क्यू एस रैंकिंग में शामिल होने वाले शहर की जनसंख्या 2 लाख 50 हजार से अधिक है और इसके दो विश्वविद्यालय युनिवर्सिटी रैंकिंग में भी शामिल हैं।

    नई रैंकिंग के अनुसार हांगकांग एशिया में पहले स्थान पर है। मालिकों द्वारा हांगकांग की युनिवर्सिटी के स्नातकों के मूल्यांकन में अधिक अंक दिये गये हैं। लेकिन हांगकांग में कमियां भी हैं। वहां जीवन खर्च खासकर मकान किराये का खर्च काफी अधिक है।

    विश्व रैंकिंग में फ्रांस की राजधानी पेरिस पहले स्थान पर रही और ऑस्ट्रेलिया का मलबोर्न दूसरे स्थान पर। पेईचिंग और शांगहाई अलग अलग तौर पर 26वें और 32वें स्थान पर रहे। सिंगापुर पिछली वरीयताक्रम के तीसरे स्थान से खिसक कर 15वें स्थान पर आ गया है।

    दोस्तो, अब प्रोग्राम में वक्त हो गया है, लिस्नर्स के कमेंट शामिल करने का। सबसे पहला ई-मेल हमें भेजा है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल ने। लिखते हैं कि बहरहाल, ताज़ा समाचारों के उपरान्त पेश साप्ताहिक "टी टाइम" का नया अंक सुना, काफी रुचिकर लगा। मुझे अफसोस है आपको दिनांक 18 नवम्बर के "टी टाइम" अंक में पूछे गये प्रश्नों का उत्तरतो मिला, परन्तु कार्यक्रम पर भेजी मेरी प्रतिक्रिया आप तक नहीं पहुंची, जब कि मैंने हर बार की तरह अपनी त्वरित टिप्पणी आपको मेल कर दी थी।

    बहरहाल, आज के अंक की शुरुआत में ही ग्राम सरही, मण्डला, मध्यप्रदेश के साहसी किसान शारदा मरकाम द्वारा तेन्दुए को गर्दन से पकड़ कमरे में बन्द कर देने का लाज़वाब किस्सा सुनाया गया, जिसे सुन हमारे मन में भी नया जोश उत्पन्न हुआ। स्पेन की डचेज ऑफ़ अल्बा की मौत का समाचार हमारे लिये एक सूचना मात्र है, क्यों कि इससे अधिक हम उनके बारे में कुछ नहीं जानते। हाँ, मैक्सिको में एक 11 वर्षीय बालक के गले से फुटबॉल के आकार वाले ट्यूमर का सफल ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों को मैं साधुवाद अवश्य कहना चाहूँगा। अपना शराब पीने का शौक़ पूरा करने हेलिकॉप्टर को ही पब पर उतारने वाले ऑस्ट्रेलियाई को तो मैं सिरफिरे की ही उपाधि दे सकता हूँ। ब्रिटेन की एक माता के गर्भ में बच्चे का खिलखिलाना बहुत अजीब घटना लगी। गोवा फ़िल्मोत्सव की चर्चा भी ठीक लगी। हेल्थटिप्स में सूर्य की किरणें ह्रदय को भी तन्दरुस्त रखती हैं तथा वज़न घटाने एवं आहार नियन्त्रण में भावनात्मक दक्षता का कितना महत्व है, यह बात समझ में आयी। चुटकुलों में पत्नी और बीमा वाला जोक बेहद उम्दा लगा। जो चीज़ ठीक नहीं लगी, वह थी कार्यक्रम में अत्यधिक संगीत का बजाना। धन्यवाद।

    सुरेश जी, हम कहना चाहेंगे कि शायद किसी गलती की वजह से हमें आपका पत्र टी-टाइम प्रोग्राम के लिए नहीं मिल पाया। लेकिन हमने आज आपका लैटर शामिल कर लिया है।

    वहीं जमशेदपुर झारखंड से एस.बी.शर्मा ने मेल भेजा है। लिखते हैं कि आज फिर एक बार टी टाइम प्रोग्राम की मनोरंजक कड़ी प्रसारित की गई स्पेन के रहने वाली दुनिया के सबसे धनी महिला की मौत का समाचार और उनसे सम्बंधित खबरे प्रसारित की गई। तीन शादियों के साथ महिला डचेज ऑफ़ मारियो अलसंज के छह बच्चे उनकी सम्पति के दावेदार होंगे।

    एक बच्चे के गले में फुटबाल के आकार के ट्यूमर का डॉक्टरों ने सफल इलाज कर उसे नई जिंदगी दी। वहीं भारत के गोवा शहर में भारत का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव चल रहा है। इससे सम्बंधित खबरें काफी रोचक लगी। स्वर्गीय यश चोपड़ा की पत्नी पामेला चोपड़ा अपने पति के जीवन पर एक सुंदर फिल्म बनाने की सोच रही हैं। यदि यह फिल्म बनी तो मेरीकॉम दारा सिंह मिल्खा सिंह की कड़ी में एक और यादगार कड़ी जुड़ जायेगी। प्रतिदिन २० मिनट धूप लेकर कई बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है यह जानकारी भी अच्छी लगी।

    मध्यप्रदेश के किसान द्वारा अपने पशुओं और बकरियों को खाने आये एक चीते की गर्दन पकड़ कर घर में बंद करने की घटना वाकई रोचक लगी । किसान की बहादुरी काबिले तारीफ है आज के तीनों जोक्स तो बहुत ही अव्वल दर्जे के थे। हंसी रोक पाना मुश्किल था। टी टाइम के जोक्स तो इस टेंशन भरे व्यस्त जीवन में , जहा समय का इतना आभाव है लोग दिन भर तनाव में रहते हैं। मेडिकेटेड माइंड थेरेपी का काम करता है सुंदर पसंदीदा प्रसारण के लिए आपका धन्यवाद।

    वहीं पश्चिम बंगाल से देबाशीष गोप ने भी।

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    अब बारी है कुछ हंसी मजाक की, यानी हंसगुल्लों की।

    आज के प्रोग्राम में भी हम तीन जोक्स शामिल कर रहे हैं।

    पहला जोक है......

    पापा: क्या बात है बेटा? आजकल इतनी टेंशन में क्यों रहते हो? बेटा: पापा, आपको नहीं बता सकता। पापा: देखो बेटा, मुझे अपना दोस्त समझो और अपने दिल की बात कह दो। बेटा: क्या बताऊं यार, तेरी भाभी नाराज हो गई है मुझसे।

    हंसने की आवाज....

    दूसरा जोक.....

    एक छोटी लड़की ने अपनी दादी से पूछा, 'दादी मां, रोज रात को हमारे घर एक आदमी और एक औरत आते हैं और सुबह गायब हो जाते हैं। वे दोनों कौन हैं?' दादी मां : 'हे भगवान, तो तूने उन्हें देख लिया। बेटी, वे दोनों तेरे मम्मी-पापा हैं, जो कई साल से नोएडा में हमारे साथ रहते हैं और गुड़गांव में जॉब करते हैं।

    हंसने की आवाज...

    अब बारी है आज के अंतिम जोक की।

    संता: पंडित जी ने कहा- पहली रोटी गाय को और आखिरी रोटी कुत्ते को खिलाओ, बिखरे-बिखरे से अपने घर में खुशहाली ले आओ। बंता: तो संता: मेरी अर्धांगिनी अब हर दिन 2 रोटी ही बनाती है, पहली खुद खाती है और आखिरी मुझे खिलाती है।

    जोक्स के बाद बारी है, सवाल जवाब की।

    दोस्तो, हमने पिछले प्रोग्राम में दो सवाल पूछे थे। पहला सवाल था... हाल में किस देश की सबसे अमीर महिला का देहांत हुआ।

    सही जवाब है..स्पेन

    दूसरा सवाल था...

    शिशुओं के बारे में गर्भ में किस तरह की जानकारी पता चली है। सही जवाब है- गर्भस्थ शिशु का खिलखिलाना

    दोस्तो इन सवालों का सही जवाब हमें भेजा है, उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल, पश्चिम बंगाल से देवाशीष गोप, सऊदी अरब से सादिक आजिम आदि ने। आप सभी को बधाई । आगे भी हमारे सवाल सुनते रहिए।

    अब आज के सवालों की बारी है...पहला सवाल है.. रोबोट से जुड़ी कौन सी नई खोज हुई है।

    दूसरा सवाल है- एशिया में प्रवासी छात्रों के लिए सबसे अच्छा शहर कौन सा है।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn.

    ...... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें। ........म्यूजिक........

    अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही ...अगले हफ्ते फिर मिलेंगे.....चाय के वक्त......तब तक आप चाय पीते रहिए और सीआरआई के साथ जुड़े रहिए। नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर,चाइ च्यान.....

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