Web  hindi.cri.cn
    संडे की मस्ती 2014-10-26
    2014-10-30 15:33:33 cri

    हैलो दोस्तों... नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर।

    आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की....इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड गानों का भी।

    दोस्तों, आज कार्यक्रम को होस्ट करने में मेरा साथ दे रही है मीनू जी...।

    मीनू- हैलो दोस्तों, आप सभी को मीनू का प्यार भरा नमस्कार.....।

    अखिल- चलिए दोस्तों, अब हम आरंभ करते हैं हमारी मस्ती की पाठशाला पर उससे पहले पढ़ें जाएंगे आपके प्यारे खत और लेटर्स।

    मीनू- हमें पहला पत्र मिला हैं केसिंगा, ओडिशा से हमारे सभी के चहेते भाई सुरेश अग्रवाल जी का। भाई सुरेश जी लिखते हैं.... दिनांक 19 अक्टूबर को साप्ताहिक "सण्डे की मस्ती" में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं पेश न किये जाने की असमर्थता के मद्देनज़र लगा था कि आज की प्रस्तुति में ज़रूर कुछ ख़ास होगा, परन्तु पूर्वोपारी सब कुछ सामान्य रहा। बहरहाल, भारतीय बाज़ार में अब कई खुशबुओं में उपलब्ध होने वाले ऊँटनी के दूध सम्बन्धी जानकारी देने हेतु हार्दिक धन्यवाद। आठ साल तक एकसाथ जीने-मरने की क़समें खाने वाले कुमुद की बेवफ़ाई और बड़े दिल वाली मुम्बई की नीलाम्बरी के त्याग की कहानी काफी प्रेरक लगी, परन्तु सभी स्त्रियां ऐसी नहीं होतीं। मैं तो रेड़ियो के महत्व को बचपन से जानता हूँ, परन्तु आपने ट्रैफिक ज़ाम में फंसे एक चीनी युगल की कहानी के बाद ही शायद अब रेड़ियो को पहचाना है! रेड़ियो ज़िन्दाबाद ! कार्यक्रम में बंजारे और बालूरेत वाली कहानी के बारे में इतना ही कहना चाहूँगा कि बंजारा क़िस्मत का धनी था, अन्यथा व्यर्थ की रेत तो कोई भी ढ़ोना पसन्द नहीं करता। वैसे यह बात सही है कि सुनो सबकी, पर करो अपने मन की ! मानव शरीर से जुडी दस हैरान करने वाली बातें और हमें क्या नहीं करना चाहिये सम्बन्धी पांच बातें भी वास्तव में काफी अच्छी लगीं। हंसगुल्लों में-धूप में पसीना सुखाना, पिज़्ज़ा डिलिवरी करने वाले को अठारह हज़ार दिया जाना के अलावा पोस्टपेड कनेक्शन वाला ऑडियो जोक्स गज़ब का लगा। और हाँ, अनोखे अन्दाज़ में दी गई मैनेजमेन्ट सम्बन्धी जानकारी के तो कहने ही क्या। धन्यवाद।

    अखिल- हमारा कार्यक्रम सराहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सुरेश अग्रवाल जी। दोस्तों, हमें अगला पत्र भेजा हैं सउदी अरब से हमारे भाई सादिक आजमी जी ने। भाई सादिक जी लिखते हैं.... नमस्कार। दिनांक 19 अक्तूबर की सभा में देश विदेश के समाचार के बाद प्रस्तुत सण्डे की मस्ती का नया अंक सुना जो अपेक्षा के अनुरूप मोहक, रोचक और ज्ञानवर्धक लगा। जिसे प्रस्तुत किया प्रिय अखिल जी ने और उनका साथ दिया लिली जी ने, पर एक परिवर्तन समझ से परे रहा एक तरफ समय के अभाव की बात कर आपने श्रोता भाईयों की प्रतिक्रियाओं को कार्यक्रम में न शामिल करने का निर्णय लिया तो दूसरी ओर तीन गानों का कार्यक्रम में स्थान पक्का किया। मेरे विचार से अगर कार्यक्रम में दो गानों को जगह दी जाती तो श्रोताओं की प्रतीकृयाओं से अनुभव प्राप्त किया जा सकता था।

    अखिल- सादिक भाई, आपकी बात बिल्कुल सही है। पर हम बताना चाहेंगे कि मुझे चीन के शानशी प्रांत के पाओची शहर में एक इंवेट कवर करने के चक्कर में पिछला कार्यक्रम बहुत पहले ही रिकॉर्ड कर लिया गया था, जिसकी वजह से पिछले कार्यक्रम में आपके लेटर्स और पत्र नहीं शामिल हो पाये थे। आशा करते हैं कि आपको हमारी यह बात समझ में आ गयी होगी।

    मीनू- सादिक भाई ने लिखा हैं... आज की पहली रिपोर्ट में ऊंट के दूध की विशेषता का पता चला और इसके गुणों को बहुत सुंदर और विस्तार से बताया गया। मैं यहां सऊदी में काम करता हूं और स्वभाग्यवश यह दूध पीने को मिलता रहता है और यह सामान्य दूध के मुकाबले गाढ़ा होता है, पर गाय या भैंस की तरह स्वादिष्ट नहीं थोड़ा नमकीन होता है। इसके लाभों को सुनकर इसके सेवन में हमारी रुचि और बढ़ जाएगी।

    अखिल- आगे सादिक जी लिखते हैं.... आजकी दूसरी रिपोर्ट से एहसास हुआ कि असल खुशी तो दूसरों को लाभ पहुंचा कर प्राप्त होती है और जो इस कार्य को अंजाम दे वह महान होता है, कुछ इस तरह का कारनामा किया मुम्बई की नीलाम्बलि ने जिसने एक नई नवेली दुल्हन की खुशी हेतु उसकी आंखों के समक्ष अपने बेवफा को माफ कर दिया। एक बंजारे की कहानी भी उपदेशात्यमक लगी। ये सत्य है कि हमें किसी भी कार्य को करने के लिये खुद की सोच पर भरोसा रखना चाहिये। शारीरिक स्तर पर कुछ महत्वपूर्ण बातों का बताया जाना मन मोह लिया। हमारे जबड़े की हड्डी का सबसे मज़बूत होना आदि बहुत सी बातें रोचक लगीं। इस के साथ जीवन मे पांच नकारात्मक बातों से परहेज की सलाह अत्यन्त सटीक लगी। सच है अगर आपकी सलाह पर अमल किया जाए तो सेल्फ इम्प्रूवमेन्ट100% सम्भव है। हंसी की पाठशाला में बैंक के लुटेरों वाली बात लाजवाब लगी जो सत्य को कहीं न कहीं ऊजागर कर रही थी। कुल मिलाकर सुंदर अंक लगा बधाई स्वीकार करें।

    मीनू- आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सादिक भाई हम तक अपनी प्रतिक्रिया पहुंचाने के लिए। दोस्तों, अगला पत्र भेजा हैं ग्रेटर नोएडा से विजय शर्मा जी ने। विजय जी लिखते हैं... नमस्कार, हर बार की तरह इस बार भी आपका प्रोग्राम बहुत अच्छा लगा। तमाम हंसगुल्लों के अलावा कैमल मिल्क की बात, चाइना में दूल्हा-दुल्हन ने रेडियो पर ही एक-दूसरे को 'कबूल है' बोल दिया, बंजारे वाली कहानी आदि सब बढ़िया लगे। उन 5 बातों के बारे में बतलाया जाना बहुत ही अच्छा लगा जिसे नहीं करना चाहिए। धन्यवाद शानदार प्रस्तुति के लिए।

    अखिल- आपका बहुत-बहुत धन्यवाद विजय शर्मा जी। हमें बेहद खुशी हुई कि आप हमारा कार्यक्रम सुनते हैं और हम तक अपनी प्रतिक्रिया पहुंचाई। शुक्रिया आपका एक बार फिर। दोस्तों, हमें अगला पत्र मिला है पश्चिम बंगाल से भाई देवाशीष गोप जी का। भाई देवाशीष ने लिखा हैं... निहाओ, संडे की मस्ती कार्यक्रम का यह ताजा अंक बहुत अच्छा लगा। कार्यक्रम में ऊँटनी के दूध के बारे में बताया जाना कि अब से ऊंटनी का दूध भी मार्केट में मिलने लगेगा। चीन में ट्रेफिक जाम में फंसे दूल्हा-दूल्हन की रेडिया पर शादी होने वाली बात कम दिलचस्प नहीं थी। यह किस्सा सुनकर मजा आ गया। बंजारे की रेत वाला किस्सा, मानव शरीर से जुड़ी 10 हैरान कर देने वाली बातें, 5 प्रेरक बातें और मजेदार चुटकुले सब उम्दा थे।

    मीनू- बहुत-बहुत शुक्रिया आपका देवाशीष गोप जी। दोस्तों, हमारे कार्यक्रम की सराहना करने और पत्र भेजने के लिए हम आपका हार्दिक धन्यवाद। चलिए, अभी हम आपको सुनवाते हैं एक बहुत बढ़िया गाना... उसके बाद आपको ले चलेंगे अजब-गजब बातों की दुनिया में।

    (गाना-1)

    अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहें हैं संडे की मस्ती अखिल और मीनू के साथ।

    अखिल- दोस्तों, क्रेडिट कार्ड को लेकर आम लोगों को ही मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता बल्कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति बराक ओबामा भी क्रेडिट कार्ड को लेकर शर्मिंदगी का सामना कर चुके हैं. किस्सा पिछले महीने का है जब अमेरिकी राष्ट्रपति संयुक्त राष्ट्र के दौरे पर थे. एक रेस्त्रां में खाना खाने के बाद भुगतान करने के लिए जब उन्होंने अपना क्रेडिट कार्ड निकाला तो वह स्वीकार नहीं हुआ. इसके बाद उनकी पत्नी ने अपने क्रेडिट कार्ड से भुगतान किया.

    यह ख़बर हमें भारतीय न्यूज चैनल की वेबसाइट से पता लगी। ओबामा ने बताया कि पहले उनके स्टाफ को यह धोखाधड़ी का मामला लगा था. बाद में पता चला कि नियमित रूप से इस्तेमाल नहीं होने के कारण ऐसा हुआ. ऐसी घटना एक बार पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के साथ भी हो चुकी है.

    उन्होंने कहा कि मैं कभी कभार क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करता हूं. मेरा अंदाजा है कि इसी वजह से ऐसा हुआ होगा. संयोग से मिशेल ओबामा के पास एक क्रेडिट कार्ड था और उन्होंने खाने का बिल चुकाया.

    मीनू- चलो अच्छा है कि उनकी पत्नी मिशेल ओबामा का क्रेडिट कार्ड काम करता था।

    अखिल- हां बिल्कुल, सही बात है.... वैसा भी मीनू जी, महिलाओं का क्रेडिट कार्ड हमेशा काम करता है, क्योंकि उन्हें आये दिन shopping जो करनी होती हैं।

    मीनू- हां हां हां... सही बात है shopping तो महिलाओं के लिए बहुत जरूरी रहता है।

    अखिल- चलिए कोई बात नहीं। अच्छा मीनू जी, आपने संसार की सबसे ऊंची गाय के बारे में सुना है?

    मीनू- संसार की सबसे ऊंची गाय..? नहीं तो....

    अखिल- दोस्तों,'गिनीज बुक ऑफ वल्डॅ रिकॉर्डस' के प्रतिनिधियों ने अमेरिका की ब्लोस्सम नाम की गाय को संसार की सबसे ऊंची गाय माना है. 'यूएसए टुडे' की वेबसाइट पर यह खबर छपी है. ब्लोस्सम की ऊंचाई 193 सेंटीमीटर है. गाय की मालकिन पैटी हेंसन को उसकी गाय के विश्व रिकॉर्ड की पुष्टि का पत्र अगस्त में ही मिल गया था. गाय तेरह वर्ष की है और उसका वजन 907 किलो है. स्थानीय पशु चिकित्सक लिन एस्बी ने इस गाय को एक विराट शांत जीव कहा है.

    मीनू- अरे वाह... कमाल की जानकारी दी आपने अखिल जी।

    अखिल- आपको यह भी बता दू कि 'गिनीज बुक'के 2016 के संस्करण में इस गाय ब्लोस्सम के फोटो भी छपेंगे।

    मीनू- अरे वाह.. बढ़िया है।

    अखिल- चलिए दोस्तों, मैं अब आपको बताने जा रहा हूं कि नरेंद्र मोदी अनुपम खेर के टीवी शो में नजर आयेंगे। जी हां, दोस्तों, कलर्स टेलीविजन पर प्रसारित होने वाला 'द अनुपम खेर चैट शो' का एक टैग लाइन है 'अगर ये हो सकता है तो फिर कुछ भी हो सकता है'। इस टैग लाइन की अहमियत का पता अभिनेता और इस शो के होस्ट अनुपम खेर को तब ज्यादा लगा जब उन्हें मालूम हुआ कि उनके इस शो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले हैं। वह मन ही मन यह कह रहे होंगे कि "ये हो सकता है तो कुछ भी हो सकता है।

    खबर है कि 'द अनुपम खेर शो' के दूसरे सीजन में जो कि मार्च 2015 से शुरू होने जा रहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिखेंगे। यह इस तरह की खबर है जिसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की थी। अगर सच में ऐसा होता है तो कलर्स चैनल टीआरपी के सारे रिक़ॉर्ड तोड़ देगा।

    शो के सुत्रों के मुताबिक "अनुपम खेर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने शो के लिए आमंत्रित किया है। जल्द ही इसके लिए रुपरेखा भी तैयार की जाएगी"। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि "अनुपम खेर नरेंद्र मोदी के प्रबल समर्थक और प्रशंसक हैं। मोदी को अपने शो में लाना न केवल उनकी इच्छा बल्कि शो के कॉंसेप्ट के मुताबित यह जरूरी भी है। वह इस शो के माध्यम से मोदी के मानवीय पक्ष को पेश करना चाहते हैं"।

    मीनू- वाकई, इस टीवी शो की टीआरपी जरूर बढ़ जाएगी। मोदी की लोकप्रियता तो हर जगह है।

    मीनू- अखिल जी, क्या आप 5 मिनट में 100 पुशअप मार सकते हो?

    अखिल- 100 बार... वो भी 5 मिनट में.... मेरे ख्याल से तो नहीं.. शायद मुझसे नहीं हो पाएगा।

    मीनू- पर चीन में एक दादी अम्मा है जो 5 मिनट में 100 पुशअप लगा सकती है।

    दोस्तों, जिस उम्र में लोग ज्यादातर आराम करने की सोचते हैं, वहीं 81 साल की यह 'दादी अम्मा' हर रोज 100 पुशअप करती है वो भी सिर्फ 5 मिनट में। आपको बता दें कि चीन की यह बूढ़ी महिला अपने इस लाजवाब काम से लोगों में खूब चर्चा बटौर रही है।

    चीन के फुजियान प्रांत की ली गचुआन ने खेल में जुनून और कौशल के लिए ख्याति प्राप्त की है। इसी साल जुलाई माह में उन्होंने अपना 81वां जन्मदिन मनाया। इस उम्र में भी वह बास्केटबॉल का अभ्यास और पुशअप एवं सिटअप करती हैं। यही नहीं, उन्होंने रॉली-पॉली रोल' नाम की एक कसरत भी इजाद की है। उनका मानना है कि मांसपेशियों तथा हड्डियों के लिए यह कसरत फायदेमंद है।

    ली ने कहा, "खेल का मैं पूरा लुत्फ उठाती हूं। कसरत करके मुझे खुशी मिलती है। जब मैं 68 वर्ष की थीं तब मुझे महसूस हुआ कि वह खेल में करियर बना सकती हैं। मुझे ऐसा करना सचमुच अच्छा लगता है। मैं स्वस्थ हूं और तेज चल सकती हूं। लोग मेरी बातों पर तब तक विश्वास नहीं करेंगे, जब तक वे खुद अपनी आंखों से मुझे नहीं देख लेंगे।"

    अखिल- अरे वाह... वाकई उन दादी मां की हिम्मत और जज्बे की दाद देनी होगी जो 81 साल की उम्र में भी 5 मिनट में 100 पुशअप लगा लेती है।

    मीनू- चलिए दोस्तों, अभी हम सुनते हैं एक गाना.. उसके बाद आपको बताएंगे मानव शरीर से जुड़ी कुछ हैरान कर देने वाली बातें और अखिल जी की प्रेरक कहानी

    (गाना-2)

    अखिल- स्वागत है आपका एक बार फिर इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में

    दोस्तों, हम अपने शरीर के बारे में आवश्यक बातें तो जानते हैं, लेकिन शरीर से ही संबंधित कुछ वैज्ञानिक सच ऐसे हैं, जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं। चलिए हम आपको रूबरू करवा रहे हैं ऐसे अनोखे सच से जो आपको हैरान कर दे।

    1. शरीर में एपेंडिक्स .कशेरुका की बेकार हुई पूंछ कानों में कुलबुलाने वाली मांसपेशियां आदि किसी काम नहीं आते हैं |

    2. खाना खाते समय जो अतिरिक्त हवा पेट में चली जाती है वह डकार बन कर वह आवाज करती है | कई लोग जम्हाई बड़ी आवाज़ के साथ लेते हैं |जब शरीर को पूरी आक्सीजन नहीं मिलती है तो जम्हाई ले कर शरीर में वह आक्सीजन की कमी पूरी की जाती है | हमारे पेट में हवा, पानी होते हैं जो गुड गुड आवाज करते रहते हैं इन्हें स्टोमेक ग्राउल कहा जाता है |

    3. हिचकी भी एक बाडी नाईस है |डायफाम में यानी मध्य पट में तनाव की वजह से हिचकी आती है या एक मसल होती है जो फेफडों की हवा को बाहर भीतर भेजती है जब किसी कारण यह प्रोसेस रुक जाता है तो भीतर की हवा बाहर आने के लिए धक्का देती है तो ठिक्क की आवाज आती है।

    4. एक वयस्क व्यक्ति के शरीर में 206 हड्डियाँ होती हैं जबकि बच्चे के शरीर में 300 हड्डियाँ होती हैं (क्योंकि उनमें से कुछ गल जाती हैं और कुछ आपस में मिल जाती हैं)।

    5. मनुष्य के शरीर में सबसे छोटी हड्डी स्टेप्स या स्टिरुप (stapes or stirrup) होती है जो कि कान के बीच में होती है तथा जिसकी लंबाई लगभग 11 इंच (.28 से.मी.) होती है।

    6. मनुष्य के शरीर में मोटोर न्यूरोन्स (motor neurons) सबसे लंबी सेल होती है जो कि रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर पैर के टखने तक जाती है और जिसकी लंबाई 4.5 फुट (1.37 मीटर)तक हो सकती है।

    7. मनुष्य की जाँघों की हड्डियाँ कंक्रीट से भी अधिक मजबूत होती हैं।

    8. मनुष्य की आँखों का आकार जन्म से लेकर मृत्यु तक एक ही रहता है जबकि नाक और कान के आकार हमेशा बढ़ते रहते हैं।

    9. आदमी एक साल में औसतन 62,05,000 बार पलकें झपकाता है।

    10. खाए गए भोजन को पचने में लगभग 12 घण्टे लगते हैं।

    अखिल- चलिए दोस्तों, अब हम आपको सुनाते हैं एक कहानी। कहानी का शीर्षक है चार मोमबत्तियां

    रात का समय था, चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था, नज़दीक ही एक कमरे में चार मोमबत्तियां जल रही थीं। एकांत पाकर आज वे एक दुसरे से दिल की बात कर रही थीं।

    पहली मोमबत्ती बोली, "मैं शांति हूँ, पर मुझे लगता है अब इस दुनिया को मेरी ज़रुरत नहीं है, हर तरफ आपाधापी और लूट-मार मची हुई है, मैं यहाँ अब और नहीं रह सकती।" और ऐसा कहते हुए, कुछ देर में वो मोमबत्ती बुझ गयी।

    दूसरी मोमबत्ती बोली, "मैं विश्वास हूँ, और मुझे लगता है झूठ और फरेब के बीच मेरी भी यहाँ कोई ज़रुरत नहीं है, मैं भी यहाँ से जा रही हूँ …", और दूसरी मोमबत्ती भी बुझ गयी।

    तीसरी मोमबत्ती भी दुखी होते हुए बोली , "मैं प्रेम हूँ, मेरे पास जलते रहने की ताकत है, पर आज हर कोई इतना व्यस्त है कि मेरे लिए किसी के पास वक्त ही नहीं, दूसरों से तो दूर लोग अपनों से भी प्रेम करना भूलते जा रहे हैं, मैं ये सब और नहीं सह सकती मैं भी इस दुनिया से जा रही हूँ…." और ऐसा कहते हुए तीसरी मोमबत्ती भी बुझ गयी।

    वो अभी बुझी ही थी कि एक मासूम बच्चा उस कमरे में दाखिल हुआ। मोमबत्तियों को बुझे देख वह घबरा गया, उसकी आँखों से आंसू टपकने लगे और वह रुंआसा होते हुए बोला ,"अरे, तुम मोमबत्तियां जल क्यों नहीं रही, तुम्हे तो अंत तक जलना है! तुम इस तरह बीच में हमें कैसे छोड़ के जा सकती हो ?" तभी चौथी मोमबत्ती बोली , "प्यारे बच्चे घबराओ नहीं, मैं आशा हूँ और जब तक मैं जल रही हूँ हम बाकी मोमबत्तियों को फिर से जला सकते हैं।" यह सुन बच्चे की आँखें चमक उठीं, और उसने आशा के बल पर शांति, विश्वास, और प्रेम को फिर से प्रकाशित कर दिया।

    अखिल- दोस्तों, जब सब कुछ बुरा होते दिखे, चारों तरफ अन्धकार ही अन्धकार नज़र आये, अपने भी पराये लगने लगें तो भी उम्मीद मत छोड़िये….आशा मत छोड़िये, क्योंकि इसमें इतनी शक्ति है कि ये हर खोई हुई चीज आपको वापस मिल सकती है। अपनी आशा की मोमबत्ती को जलाये रखिये ,बस अगर ये जलती रहेगी तो आप किसी भी और मोमबत्ती को प्रकाशित कर सकते हैं।

    मीनू- दोस्तों, यह बिल्कुल सही बात है कि आशा और उम्मीद को कभी बुझने न दे। आशा है तो सब चीज़ मुमकिन है। कहते है ना कि उम्मीद पर दूनिया कायम है। चलिए... जानते हैं कि कैसे चीन के संत च्वांगत्से को कपाल ने दिया ज्ञान?

    दोस्तों, चीन के प्रसिद्ध संत च्वांगत्से रात के समय घूम रहे थे। अचानक उनको ठोकर लगी। उन्होंने संभल कर देखा वहां एक मानव की खोपड़ी पड़ी हुई थी। दार्शनिक कुछ देर खड़े होकर सोचते रहे फिर उन्होंने खोपड़ी उठाई और अपने थैले में डाल दी। उस दिन के बाद जब भी वे कहीं जाते उसे अपने साथ ही रखते।एक दिन उनके शिष्यों ने च्वांगत्से से पूछा, गुरुजी आप यह मानव कपाल क्यों लिए रहते हैं। तब गुरुजी बोले, क्योंकि यह खोपड़ी बहुत सारी समस्याओं का समाधान करती है। जब भी कोई व्यक्ति ज्यादा क्रोध या अंहकार करता है। तब में इस खोपड़ी को दिखाते हुए कहता हूं कि संसार की एक न एक दिन यही दशा सभी की होनी है। ऐसे में व्यर्थ का अभिमान क्यों?जब मैं स्वयं क्रोधित होता हूं या लालच सताता है तब मैं इस खोपड़ी को देख लेता हूं। मेरा क्रोध और लोभ वहीं समाप्त हो जाता है।

    अखिल- मीनू जी, चीन के प्रसिद्ध संत च्वांगत्से के बारे में आपने बहुत अच्छी बात बताई।

    मीनू- चलिए दोस्तों.. अब चलते हैं मजेदार हंसगुल्लों की तरफ।

    अखिल- 1. पार्किंग में संता अपनी कार के दो पहिए खोलकर डिक्की में डाल रहे थे कि कांस्टेबल बंता आ गए। बंता ने पूछा, 'आपने कार के दो पहिए क्यों खोल डाले?' संता बोले, 'यहां लिखा हुआ है कि पार्किग केवल टू-व्हीलर्स के लिए है, इसलिए!!!!

    2. पति-पत्नी की मौत हो गई,पत्नी मर कर डायन बन गई और पति भूत बन गया। जब पत्नी ने पति को देखा तो बोली- ओह! तुम कैसे भयानक से लग रहे हो भूत बन कर....पति- हां, पर तुममें कोई अंतर नहीं आया। पहले भी वैसी ही थीं अब भी वैसी ही हो!!

    3. घोंचू (चम्पू से)- बेटा, आज तुम्हारी बीवी चुप क्यों बैठी है? चम्पू- उसने लिपस्टिक मांगी थी, मैंने फेविक्विक दे दी! ..... ..... नो चिक-चिक.... नो झिक-झिक..!!!!!

    4. एक बार संता अपने ससुराल मिलने के लिए गया और ज़मीन पर बैठ गया।

    सास: बेटा ज़मीन पर क्यों बैठे हो? ऊपर सोफे पर बैठ जाओ।

    संता: नहीं मैं यहीं ठीक हूँ।

    सास: इतना अच्छा सोफा है फिर भी नीचे क्यों बैठे हो?

    संता: सोफे पर तो गरीब लोग बैठते हैं। मैं नीचे ज़मीन पर ही ठीक हूँ।

    सास (हैरानी से): गरीब लोग, वो कैसे?

    संता: सोफे की कीमत पच्चीस हज़ार रुपये और ज़मीन के प्लाट की कीमत पच्चीस लाख रुपये!

    5. फ़ौज की ट्रेनिंग के दौरान मेजर ने संता से पूछा;

    मेजर: यह हाथ में क्या है?

    संता: सर ये बंदूक है!

    मेजर: ये बंदूक नहीं, हमारी इज्जत और शान है, तुम्हारी मां है!

    उसके बाद ऑफिसर दूसरे सैनिक बंता के पास गया उससे भी वही सवाल पूछा;

    मेजर: यह हाथ में क्या है?

    बंता: सर ये संता की मां है, और हमारी आंटी है!

    अखिल- चलिए दोस्तों, अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। हम हमेशा यही कामना करते हैं कि आप सभी हर दिन हंसते रहें, मुस्कराते रहें, और ढेर सारी खुशियां बांटते रहें। क्योंकि आप तो जानते ही हैं कि Laughing is the best medicine यानि हंसना सबसे बढ़िया दवा है। तो Always be happy.... हमेशा खुश रहो.....और सुनते रहो हर रविवार, सण्डे की मस्ती। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। हम अपने कार्यक्रम में आपके लैटर्स और ईमेल्स को जरूर शामिल करेंगे। अभी के लिए मुझे और लिली जी को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।

    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040