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    टी टाइम 141111 (अनिल और ललिता)
    2014-11-12 18:43:07 cri

    अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ......आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।.............

    दोस्तो वैसे एक सप्ताह में सात दिन होते हैं, लेकिन हमें आपके लिए प्रोग्राम पेश करने का बड़ा इंतजार रहता है। तो क्या कर रहे हैं आप लोग, रेडियो सेट ऑन किया कि नहीं, अगर नहीं तो जल्दी कीजिए। क्योंकि टी-टाइम प्रोग्राम हो चुका है शुरू।

    अनिलः दोस्तो लंदन में एक बिल्ली को पानी में अपना शिकार तलाशना महंगा पड़ा और वह खुद ही शिकार हो गई।

    सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो इन दिनों काफी देखा जा रहा है। वीडियो में एक मछली तालाब के किनारे खड़ी एक बिल्ली को अपना शिकार बना डालती है। यह बिल्ली पानी में अपना मुंह डालकर मछली तलाश रही थी।

    अचानक ही एक बड़ी मछली न जाने से कहां से पानी में से प्रकट होकर उस बिल्ली को मुंह में झपट कर वापस पानी में चली जाती है।

    जापान में फिल्माए इस वीडियो में एक दूसरी बिल्ली भी दिखाई गई है जो शिकार होने वाली बिल्ली के पीठ पर चढ़कर उसकी मदद करने को आतुर दिखाई दे रही थी।

    हालांकि जैसे ही मछली अपने शिकार पर झपटकर उसे अपने साथ ले जाती है तो दूसरी बिल्ली डर के मारे वहां से रफुचक्कर हो जाती है।

    ललिताः बिल्ली का शिकार करने वाली उस मछली की गति इतनी तेज थी कि एक बारगी तो वीडियो फिल्माने वाली महिला की भी चीख निकल गई।

    माना जा रहा है कि हमला करने वाली मछली पाइक नस्ल की मछली थी।

    पाइक काफी आक्रामक किस्म की मछली होती है जो मानव पर भी हमला करने से गुरेज नहीं करती। नुकीले और खूंखार दातों वाली पाइक लं

    अनिलः अगर आप के कान में अजीब आवाजें आती हों तो सावधान हो जाएं क्योकि हो सकता है कि इसमें कोई जहरीला कीड़ा प्रवेश कर गया हो।

    हॉलीवुड अभिनेत्री केटी मेलुआ को भी हाल ही इस अजीब घटना से दो चार होना पड़ा। मेडिकल चैकअप के बाद सामने आया कि उनके कान में पिछले एक हफ्ते से एक मकड़ी अपना डेरा जमाए थी।

    डॉक्टरों ने मकड़ी को कान से निकाल दिया है और केटी अब खतरे से बाहर बताई जा रही हैं।

    केटी मेलुआ ने मीडिया को बताया कि उनके कान में पिछले एक हफ्ते से कुछ अजीबोगरीब आवाजें सुनाई दिया करती थी। इसलिए वे डॉक्टर के पास चैकअप के लिए गई।

    चैकअप से जब यह पता चला कि कैटी के कान में एक मकड़ी मौजूद है तो माइक्रो हूवर नामक एक डिवाइस की सहायता से इस मकड़ी को निकाल दिया गया।

    अचरज की बात यह है कि एक हफ्त के दौरान इस मकड़ी की वजह से कैटी को और कोइ्रü परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।

    ललिताः दुनिया में पानी के सूखते स्रोतों के बीच पानी के नए स्रोत हमेशा बहस का एक विषय रहे हैं।

    कभी समुद का पानी पीने लायक बनाने की बात होती है तो कभी चांद पर पानी निकालने की अटकलें लगाई जाती रही हैं।

    लेकिन अभी तक इनमें से कोई भी आइडिया सफल नहीं हो पाया है। कारण चाहे जो भी हो लेकिन जोर हमेशा ही इस बात पर रहा है कि कैसे नया स्रोत ढूंढ़े जाएं।

    अनिलः लेकिन शायद हमें पता नहीं था कि हमारी अपनी धरती पर ही एक ऎसा स्रोत मौजूद है जो अथाह भी है और आसानी से उपलब्ध भी।

    ब्राजील के एक इंजीनियर ने ऎसी मशीन इजाद की है, जो हवा से पानी बना सकेगी। दरअसल, इस मशीन के जरिए हवा में मौजूद नमी को जमा करके एक दिन में पांच हजार लीटर पानी में बदला जा सकेगा। यह मशीन रिकाडरे पाउलियो ने बनाई है।

    ब्राजील के राज्य साओ पाउलो में चार साल से अपर्याप्त जल आपूर्ति हो रही है, इसके चलते इस मशीन को इजाद किया गया।

    पाउलियो के अनुसार इस मशीन को काम करने के लिए हवा में नमी का स्तर 10 फीसदी होना चाहिए। वायु प्रदूषण से इस पर कोई फर्क नही पड़ता।

    पाउलियो पिछले चार साल से इस उपकरण पर लाखों डॉलर खर्च भी कर चुके हैं। इसे "वेटएयर" नाम दिया गया है।

    यह दो संस्करणों में उपलब्ध है, पहला ऑफिस फिल्टरिंग सिस्टम, जिसके जरिए हर दिन 15 लीटर पानी मिल सकता है।

    दूसरा फुल साइज उपकरण है, जो हर दिन पांच हजार लीटर पानी उपलब्ध करवाता है।

    ललिताः ब्रिटेन में केरन हालीडे नामक इस लड़के का कद बढ़ता ही जा रहा है और रूकने का नाम नहीं ले रहा। डॉक्टर का तो यहां तक कहना है कि शायद इस का कद बढ़ना कभी न बंद हो।

    कद के साथ साथ केरन का वजन भी काफी बढ़ चुका है इतना कि उसके लिए हर बार नए कपड़े खरीदने पड़ते हैं।

    समस्या इतना विकराल रूप ले चुकी है कि केरन अब पढ़ने के लिए कॉलेज भी नहीं जा पाता है न ही वह अपने किसी दोस्त से ही मिल पाता है।

    अनिलः केरन हमेशा से ऎसा नहीं था और एक सामान्य बालक की तरह का ही जीवन व्यतीत कर रहा था। लेकिन एक सिरदर्द ने उसकी तकदीर बदल कर रख दी।

    अस्पताल में जांच कराने पर पता चला कि केरन के सिर में गोल्फ गेंद जितना बड़ा एक टयूमर था। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उसके सिर से वह टयूमर तो निकाल दिया लेकिन शायद उनको नहीं पता था कि असली मुसीबत तो अब शुरू होने वाली है।

    ऑपरेशन होने के एक साल के अंदर अंदर ही केरन का कद आठ इंच बढ़ कर 6 फुट 2 इंच हो गया था। सबसे ज्यादा चिंता की बात तो यह थी कि केरन का कद बढ़ना रूक नहीं रहा था। वह बदस्तूर बढ़ता ही जा रहा था। डॉक्टरों ने तो यह चेतावनी भी दे दी है कि केरन का कद बढ़ना अब कभी नहीं बंद होगा।

    केरन को अब किसी चमत्कार का इंतजार है जो उसे इस बीमारी से निजात दिला दे।

    केरन को एक्रोमेगाली नामक एक ऎसी बीमारी है जिसमें उसके शरीर में ज्यादा ग्रोथ हॉरमोन पैदा होता है। उसे इस समस्या से निपटने के लिए रोजाना 12 टेबलेट और एक इंजेक्शन लेना पड़ता है।

    ललिताः जहां दुनिया भर में 60 करोड़ लोग व्हॉट्सएप इस्तेमाल करते हैं वहीं भारत में इसका यूज करने वालों की संख्या सात करोड़ के लगभग है।

    इसका मतलब यह कि दुनिया भर में व्हॉट्सएप का इस्तेमाल करने वालों का दसवां हिस्सा भारत में बसता है।

    इससे साफ जाहिर होता है कि भारत का नाम व्हॉट्सएप के सबसे बड़े बाजारों की फेहरिस्त में शामिल है।

    यहां चल रही कॉन्फ्रैंस के दौरान बिजनेस हैड नीरज अरोड़ा ने व्हॉट्सएप के बारे में कई रोचक बातें बताई।

    अरोड़ा ने बताया कि व्हॉट्सएप के खोजकर्ता असल में लोगों के काम में आने वाला एक प्रोडक्ट बनाना चाहते थे। उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं था कि यह प्रोडक्ट बिजनेस करेगा या नहीं।

    अनिलः ब्रिटेन में के एक प्रसिद्ध स्मारक पर रखा सौ साल पुराना बक्सा आज तक सिर्फ एक डर की वजह से बंद पड़ा है।

    तांबे से बना यह बक्सा बाल्टिमोर नामक एक पर्यटक स्थल पर रखा हुआ है। इसे यहां स्थित वाशिंगटन स्मारक में चल रहे रिस्टोरेशन वर्क के दौरान खोजा गया।

    हालांकि कई बार इस बक्से को खोलने की बातें की जाती रहीं लेकिन फिर भी इसे कभी नहीं खोला गया।

    क्या रखा है इस बक्से में?

    रिसर्च बताता है कि इस रहस्यमयी बक्से में "द बाल्टिमोर सन" की कॉपियां और महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की जानकारी सहेज कर रखी गई है।

    सीलबंद किया हुआ यह रहस्यों से भरा बक्सा इस स्मारक में 12 सितंबर 1915 में रखा गया था। इसे इस स्मारक के सौ साल पूरे करने के उपलक्ष्य में रखा गया था।

    ऎसा माना जाता है कि सौ सालों के दौरान इसमें रखे सामान में इतनी नमी हो गई होगी कि यह खोले जाने के बाद बाहर के वातावरण को झेल नहीं पाएगा और खराब हो जाएगा।

    अभी तक इस बक्से को खोलने की कोई तारीख निश्चित नहीं की गई है। शायद इसे खोलने के लिए स्पेशलिस्ट की टीम बुलवाई जाएगी ताकि इसमें रखा हुआ सामान बचाया जा सके।

    ललिताः अब कुछ हेल्थ से जुड़ी बातों पर नजर डालते हैं दोस्तो, भारत मे आठ पुरूषों में से एक और तीन महिलाओं में से एक ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी से पीडित है।

    वहीं दुनिया में हर तीन सेकण्ड में एक व्यक्ति फ्रेक्चर के कारण इस बीमारी का शिकार हो जाता है।

    विशेषज्ञों के अनुसार इसमें हडि्डयां कमजोर होने पर आसानी से टूटने और चटकने की आशंका रहती है।

    खास बात यह है कि इस बीमारी का लंबे समय तक पीडित को पता ही नहीं चलता, इसलिए इसे हडि्डयों की खामोश बीमारी भी कहते हैं।

    इस बीमारी में ऑस्टियोपोरोसिस के कोई संकेत या लक्षण नहीं होते। व्यक्ति को तब पता चलता है जब ऑस्टियोपोरोसिस के कारण फ्रेक्चर हो जाता है।

    अनिलाः अस्थि एवं जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ.आशीष शर्मा ने बताया कि आने वाले समय में यह बीमारी एक बड़ी समस्या के रूप में होगी। धुम्रपान, लगातार बैठे रहना, कैल्शियम और विटामिन डी की शरीर में कम मात्रा होना इसके प्रमुख कारण हैं।

    -लगातार बैठे रहने वाला काम हो तो उसमें थोड़ी-थोड़ी देर का यथासंभव अंतराल कर लें।

    -मीनोपॉज वाली महिलाओं में यह समस्या अधिक होने की आशंका रहती है, उन्हें इस।

    -अवस्था के बाद रक्त एवं बोन से संबंधित जांच जरूर करानी चाहिए।

    -चलने फिरने या उठने बैठने में कोई दिक्कत महसूस हो तो डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज करवाना चाहिए –

    ललिताः दोस्तो, अब प्रोग्राम में वक्त हो चला है, श्रोताओं के कमेंट शामिल करने का।

    अनिलः श्रोताओं के कमेंट यही तक, अब पेश करते हैं, हंसगुल्ले, जी हां दोस्तो, अगर प्रोग्राम में .....

    पहला जोक

    अध्यापक- पप्पू तुम बहुत ज्यादा बोलते हो।

    पप्पू- ये हमारी खानदानी परंपरा है।

    अध्यापक-क्या मतलब है तुम्हारा?

    पप्पू-सर, मेरे दादा जी एक फेरीवाले थे और मेरे पिताजी एक अध्यापक।

    अध्यापक-और अपनी मां के बारे में बताओ?

    बेटा पप्पू क्या हुआ एक बार पप्पू अपने पड़ोस में जाता है और दरवाजे की घंटी बजाता है, जो सुन कर उस घर में रहने वाली महिला दरवाजा खोलती है।

    महिला- अरे बेटा पप्पू क्या हुआ? पप्पू- आंटी मम्मी ने एक कटोरी चीनी मंगाई है। महिला मुस्कुरा कर पप्पू का सिर सहलाते हुए कहती है, अच्छा और क्या कहा है तेरी मम्मी ने? पप्पू-कहा है कि अगर वो डायन न दे तो सामने वाली चुड़ैल से ले आना।

    एक बच्चे ने पिता से एक शादी समारोह में पूछा-पापा, शादी के मंडप में दूल्हा, दुल्हन का हाथ क्यों पकड़ता है?

    पिता ने लंबी सांस भरते हुए कहा- बेटा यह तो एक रस्म है, कुश्ती से पहले पहलवान भी अखाड़े में हाथ मिलाते हैं।

    हंसगुल्लों के बाद समय हो गया है, सवाल जवाब का।

    पिछले सप्ताह हमने दो सवाल पूछे थे, पहला सवाल था।

    एंड्रायड के जनक का क्या नाम है, और उन्होंने हाल में किस कंपनी को छोड़ा है। सही जवाब है.....एंडी रूबिन, उन्होंने गूगल कंपनी छोड़ दी है।

    वहीं दूसरा सवाल था.... अधिक दूध पीने से क्या खतरा हो सकता है और यह शोध किस जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

    सही जवाब है ज़्यादा दूध पीने से हड्डियों के टूटने का ख़तरा कम नहीं होता है और इससे जल्द मौत की संभावना भी बढ़ सकती है.

    दोस्तो इन सवालों का सही जवाब हमें भेजा है, उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल, सऊदी अरब से सादिक आजमी, पश्चिम बंगाल से विधान चंद्र सान्याल, रवि शंकर बसु, देवाशीष गोप, राजस्थान से राजीव शर्मा और भागलपुर बिहार से हेमंत कुमार आदि। आप सभी को बधाई । आगे भी हमारे सवाल सुनते रहिए।

    अब आज के सवालों की बारी है...पहला सवाल है...

    दूसरा सवाल है.....

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn.

    ...... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।

    अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही ...अगले हफ्ते फिर मिलेंगे.....चाय के वक्त......तब तक आप चाय पीते रहिए और सीआरआई के साथ जुड़े रहिए। नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर,चाइ च्यान.....

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