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नमस्कार श्रोता मित्रों मैं पंकज श्रीवास्तव आपकी पसंद कार्यक्रम में आप सभी का स्वागत करता हूं। हर सप्ताह की तरह हम आज भी आपको देंगे कुछ रोचक,ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारियां और साथ में सुनवाएँगे आपकी पसंद के कुछ फिल्मी गाने।
अंजली:श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपको ढेर सारी दिलचस्प जानकारियां देते हैं साथ ही आपको सुनवाते हैं आपकी पसंद के फिल्मी गीत। आज हम जिस फिल्म का गाना आपको सुनवाने जा रहे हैं उसे हमने लिया है फिल्म .... कालीचरण से लिया है जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने संगीत दिया है कल्याणजी आनंदजी ने और गीत के बोल हैं ----
सांग नंबर 1. ये पल चंचल खो ना देना ....
पंकज – मित्रों आज हम आपको दातुन के फायदे बताएंगे, और ये फायदे ऐसे होंगे कि आप ब्रश करना छोड़ देंगे और रोज़ाना दातुन करने लगेंगे
आज कल हर घर में दांत साफ करने के लिए लोग टूथब्रश का इस्तेमाल करने लगे हैं। जबकि दातुन के इतने फायदे हैं जिसे जानकर आप टूथब्रश की बजाय दातुन का इस्तेमाल करने लगेंगे। दातुन न सिर्फ आपकी सेहत और बौद्घिक क्षमता के लिए बेहतर है बल्कि दातुन धर्म और अध्यात्म की दृष्टि से भी उत्तम बताया गया है। यही कारण है कि व्रत, त्योहार के दिन बहुत से लोग ब्रश की बजाय दातुन से दांत साफ करते हैं।
धार्मिक दृष्टि से दातुन का महत्व इसलिए बताया गया है कि क्योंकि दातुन जूठा नहीं होता जबकि टुथब्रश आप हर दिन नया नहीं प्रयोग करते। एक ही टूथब्रश को धोकर आप कई बार इस्तेमाल करते हैं। इससे ब्रश शुद्घ और साफ नहीं रह जाता है। इसलिए व्रत और त्योहार के दिन ब्रश करना शास्त्रों की दृष्टि से उचित नहीं है। जबकि आयुर्वेद के अनुसार दातुन करने का फायदा चौंकाने वाला है।
आयुर्वेद में बताया गया है कि दातुन सिर्फ आपके दांतों को ही नहीं चमकाता है बल्कि यह आपकी बौद्घिक क्षमता और स्मरण शक्ति को भी बढ़ता है। जो लोग अपनी याद्दाश्त बढ़ाना चाहते हैं उन्हें अपामार्ग के दातुन से दांतों का साफ करना चाहिए। इससे बुध ग्रह का दोष भी दूर होता है।मसूड़ों और दांतों की मजबूती के लिए बबूल के दातुन से दांत साफ करना बड़ा ही फायदेमंद होता है। बबूल शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव को दूर करता है।
अंजली – आप अपनी चर्चा को आगे बढ़ाएं इससे पहले मैं अपने श्रोताओं को अगला गाना सुनवाना चाहता हूं इसके लिये हमें पत्र लिखा है धनौली तेलीवाला, हरिद्वार, उत्तराखंड से निसार सलमानी, समीना नाज़ सुहैल बाबू और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है संन्यासी फिल्म का गाना जिसे गाया है मुकेश और लता मंगेशकर ने संगीत दिया है शंकर जयकिशन ने और गीत के बोल हैं ----
सांग नंबर 2. ये है गीता का ज्ञान
पंकज - इसलिए ज्योतिषशास्त्र में बताया गया है कि शनि दोष से मुक्ति के लिए सुबह शाम बबूल के दातुन से दांत साफ करें।आयुर्वेद में बताया गया है कि नीम का दातुन दांतों को ही स्वस्थ नहीं रखता बल्कि इससे पाचन क्रिया और चेहरे पर भी निखार आता है। यही कारण है कि आज भी गांवों में बहुत से लोगों नियमित नीम की दातुन इस्तेमाल करते हैं।
आयुर्वेद में बताया गया है कि बेर के दातुन से नियमित दांत साफ करें तो आवाज़ साफ और मधुर हो जाती है 'बदर्या मधुरः स्वरः'। इसलिए जो लोग वाणी से संबंधित क्षेत्रों में करियर बनाने की सोच रहे हैं या इस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। यानी अपनी आवाज का कैरियर के तौर पर इस्तेमाल करना चाहते हैं उन्हें बेर के दातुन का नियमित इस्तेमाल करना चाहिए। मार्कण्डेय पुराण में बताया गया है कि 'प्रक्षाल्य भक्षयेत् पूर्वं प्रक्षाल्यैव तु तत्त्यजेत' यानी दातुन करने से पहले और दातून करने के बाद इसे पानी से धो लेना चाहिए।
कारण यह है कि बिना धोए दातुन करने से दातुन पर बैठे हानिकारक कीटों से नुकसान हो सकता है। जबकि दातुन करने के बाद इसलिए धोकर फेंकना चाहिए क्योंकि सुबह मुख विषैला होता है इससे इस्तेमाल किए दातून के संपर्क में आने से दूसरे जीवों को नुकसान हो सकता है।
पंकज - शिफ्ट में काम करते हैं तो जानें दिमाग से जुड़ा यह खतरा
शिफ्ट में काम करते हैं?
वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि बेवक़्त काम करने से दिमाग समय से पहले बूढ़ा हो सकता है और इससे याददाश्त भी प्रभावित हो सकती है।
ऑक्यूपेशनल एंड एनवायरमेंटल मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक़ एक दशक तक शिफ्ट ड्यूटी में काम करने से दिमाग उम्र से छह साल ज्यादा बूढ़ा हो जाता है।
शिफ्ट में काम करना बंद करने के बाद इसमें कुछ सुधार होता है लेकिन सामान्य स्थिति में लौटने में पांच साल का समय लगता है।
अंजली – दिमाग के बूढ़ा होने के साथ साथ शरीर में कई और तरह की बीमारियां भी लग जाती हैं और कई बार तो शिफ्ट में काम करने वाले लोगों का जीवन भी छोटा हो जाता है जो बेहद खतरनाक है, लेकिन ऐसी जीवनशैली से बचने के लिये वैज्ञानिकों को कुछ ऐसे उपाय बताना चाहिये जिससे लोगों के जीवन का स्तर बेहतर हो सके, क्योंकि कॉल सेंटर में काम करने वाले, न्यूज़पेपर और टीवी पत्रकार, खानों में काम करने वाले लोग ऐसे तमाम तरह के लोग हैं जिनकी जीवन शैली खराब हुई है शिफ्ट में काम करने से, हमारे पास अगला पत्र आया है मोजाहिदपुर पूरबटोला, भागलपुर बिहार से मोहम्मद खालिद अंसारी, मोम्मद ताहिर अंसारी, कादिर, मुन्ना खान मुन्ना, नुरूलहोदा, शब्बीर ज़फ़र, एम के नाज़ इनके साथ ही नवगछिया मुमताज मोहल्ला से ज़फ़र अंसारी, शौकत अंसारी और मास्टर अतहर अंसारी ने आप सभी ने सुनना चाहा है भरोसा फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर और महेन्द्र कपूर ने संगीत दिया है रवि ने और गीत के बोल हैं ----
सांग नंबर 3. आज की मुलाकात बस इतनी .... .
पंकज – मित्रों नाइट शिफ्ट में काम करने के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि डिमेंशिया यानी भूलने की बीमारी के लिहाज से इस अध्ययन के निष्कर्ष अहम हो सकते हैं क्योंकि इसके अधिकांश मरीज नींद में गड़बड़ी की शिकायत करते हैं।
हमारे शरीर की आंतरिक रचना इस तरह बनी है कि यह दिन में सक्रिय रहता है जबकि रात के समय इसे आराम चाहिए।
इन बीमारियों का है डर
नाइट शिफ्ट में काम करने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। अध्ययनों से यह साबित हो चुका है कि बेवक़्त काम करने से शरीर पर कुप्रभाव पड़ता है और स्तन कैंसर से लेकर मोटापा तक इसके लिए ज़िम्मेदार माना जाता है।
स्वानसी विश्वविद्यालय और टुलूज विश्विद्यालय की एक टीम ने साबित किया है कि बेवक़्त काम करने से दिमाग पर भी असर पड़ता है।
फ़्रांस में तीन हज़ार लोगों पर याददाश्त, विचारों की तेज़ी और सामान्य ज्ञान क्षमता के परीक्षण किए गए।
उम्र बढ़ने के साथ दिमाग की क्षमता भी प्रभावित होती है लेकिन अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि बेवक़्त काम करने से यह प्रक्रिया तेज़ हो जाती है।
पंकज - जानिए, अपनी हंसी के बारे में दस खास बातें!
चूहे भी हंसते हैं!
जब पहली बार कोई किसी को हंसाता है तो उसे लगता है कि वह फिर ऐसा करे। वह करता है और पहले से बेहतर करता है। हंसी में ऐसा क्या मजा है।
जाने माने मनोवैज्ञानिक और शौकिया कॉमेडियन प्रोफेसर सोफी स्कॉट हंसी के बारे में दस बातें बताते हैं। मुमकिन है कि ये बातें आपको पता नहीं होंगी।
अंजली– आप हंसी के बारे में इस चर्चा को आगे बढ़ाएं इससे पहले मैं अपने श्रोताओं को उनकी पसंद का एक गाना सुनवाना चाहता हूं जिसके लिये हमारे पास फरमाईशी पत्र आया है जिला सागर मध्यप्रदेश से इसे लिखा है धर्मेन्द्र सिंह और इनके ढेर सारे साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है भाभी फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफ़ी और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं राजेन्द्रकृष्ण और संगीत दिया है चित्रगुप्त ने और गीत के बोल हैं ----
सांग नंबर 4. चली चली रे मेरी पतंग चली रे ....
पंकज - चूहे चंचल होते हैं-
क्या आप ने चूहों को हंसते हुए देखा है। वे चुटकुलों पर नहीं हंसते हैं। वे जब खेलते हैं,तभी हंसते हैं। आदमी भी कुछ कुछ ऐसा ही करते हैं। उनकी हंसी बताती है कि वे खुश हैं और वे जितना खेलेंगे, उतना ही हंसेंगे।
आदमी की हंसी भी खेलते हुए आई है। यह कई स्तनपायी जीवों में देखा गया है। वह अपनी भावनाएं जाहिर करने के लिए हंसता है।
किस बात पर ज्यादा हंसते हैं लोग ?
बड़ों से पूछिए कि वो किस बात पर हंसते हैं। ज्यादातर कहेंगे कि चुटकुलों पर। लेकिन वे गलत हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के मनोवैज्ञानिक रॉबर्ट प्रोविन कहते हैं कि हम दोस्तों से बातें करते वक्त सबसे ज्यादा हंसते हैं।
किसी बातचीत में हम चुटकुलों पर नहीं हंसते हैं, हम उनकी बातों पर हंसते हैं। हमारा हंसना कोई प्रतिक्रिया देना नहीं होता है बल्कि यह तो एक तरह का संवाद है।
दिमाग सब जानता है-
अपनी प्रयोगशाला में मैंने बनावटी हंसी और असली मुस्कुराहट के बीच का फ़ासला देखा है। दिमाग की तस्वीरें सच बयान करती हैं। वह सामने वाले की भावनाएं समझने की कोशिश करने में लग जाता है।
प्रयोग से पता चला कि दिमाग हमसे पूछे बगैर किसी की नकली हंसी की पड़ताल करने लग जाता है।
हंसी छूत की बीमारी है
आदमी के दिमाग की जांच से यह भी पता चलता है कि हंसी फैलती है। यहां तक कि जब कोई किसी बेवजह की बात पर भी हंसता है तो इसमें उसका दिमाग भी सक्रिय हो जाता है।
और जब कोई किसी और की बात पर हंसता है तो उनकी हंसी के सच्चे या झूठे होने की खबर मिलती है। और जब जवाबी हंसी छूत वाली हंसी से कुछ ज्यादा हो तो हंसी के पीछे वजह को समझना आसान होता है।
अंजली– आपकी बातें सुनकर मुझे भी हंसी आने लगी है, क्योंकि हम रोज़ाना की जिंदगी में हंसते तो ज़रूर हैं लेकिन हंसी पर कभी इतनी सारी बातें नहीं करते, खैर अब मैं उठाने जा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है परमवीर हाऊस आदर्श नगर, बठिंडा पंजाब से अशोक ग्रोवर, परवीन ग्रोवर, नीती ग्रोवर, पवनीत ग्रोवर, विक्रमजीत ग्रोवर और इनके परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है कयामत से कयामत तक फिल्म का गाना जिसे गाया है उदित नारायण और अलका याग्निक ने संगीत दिया है आनंद मिलिंद ने और गीत के बोल हैं ----
सांग नंबर 5. ऐ मेरे हमसफ़र ....
पंकज - मजाकिया लोगों को आप जानते हैं ?
कोई ये कहे कि मैं गाजर सूंघ कर बता सकता हूं तो ये कह रहा व्यक्ति अगर आपकी नजर में मजाकिया है तो आप को ज्यादा हंसी आएगी।
उस हंसी के केंद्र में आपकी उम्मीदें और हंसा रहे शख्स से आपका परिचय होता है। कॉमेडी क्लब में कॉमेडियन अक्सर दर्शकों के एनर्जी लेवल से अपना तारतम्य इसी तरह मिलाते हैं।
हंसी से सेहत और रिश्ते दोनों मजबूत होते हैं
इंटरनेट पर आपको इस तरह के कई दावे दिख जाएंगे जिनमें हंसी को आपकी सेहत के लिए फ़ायदेमंद बताए गए हैं। लेकिन अफसोस कि ये सच नहीं है पर दौड़ने की तुलना में हंसने से कहीं ज्यादा कैलोरी खर्च होती है।
हंसना हमारी धड़कनों की रफ्तार 10 से 40 फीसदी तक बढ़ा देता है और इससे ऊर्जा की खपत भी तेजी से होती है लेकिन नमकीन कुरकुरे की एक पैकेट से मिली ऊर्जा को खर्च करने के लिए आपको तीन घंटे तक ठहाके लगाने होंगे।
मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर बॉब लेवेंसन ने कुछ जोड़ों को किसी संवेदनशील मसले पर ऐसी बातें करने के लिए कहा जो उनके साथी का मूड खराब कर दे। लेकिन जिन जोड़ों ने अपनी बात हंसते हुए कही, वे ज्यादा खुश दिखे।
इससे पता चलता है कि हंसी वो भावना है जिसका इस्तेमाल हम अपने करीबी लोगों को खुश रखने के लिए करते हैं।
कुछ ही चीजों पर हम सब हंसते हैं
किसी की बातचीत में आपने देखा होगा कि लोग अक्सर अपनी बात खत्म करने के लिए हंसी का सहारा लेते हैं। इशारों में बात कर रहे लोग भी इसका सहारा लेते हैं। ये जानते हुए भी कि वे अगर चाहें तो पूरी बातचीत में खामोशी के साथ मुस्कुराते हुए रह सकते हैं।
हंसना किसी को खींचना है
क्या आप जब बिस्तर पर हों तो साथी पर हंस सकते हैं। एक अध्ययन में यह पाया गया था कि औरत और मर्द के बीच होने वाली तमाम बातों में हंसी मजाक सबसे ज्यादा बार दोहराया जाता है।
एक और शोध में यह कहा गया कि हम अजबनियों को भी इसी आधार पर आंकते हैं कि वह हमारे किसी चुटकुले पर किस तरह से हंसते हैं। किसी कॉमेडियन ने ऐसा कोई चुटकुला नहीं खोजा जिस पर सारी दुनिया में हंसा जाता है।
हमने अपने लैब में कुछ लोगों को वो वीडियो क्लिप्स दिखाएं जिनमें वे ऐसी किसी बात पर हंसी रोकने की कोशिश कर रहे थे, जहां हंसी आना लाजिमी था कि वो हंस पड़े।
अंजली – और अब मैं अपने श्रोताओं को सुनवाने जा रहा हूं कार्यक्रम का अगला गाना ये पत्र हमारे पास आया है मेहर रेडियो श्रोता संघ सगोरिया, जि़ला मंदसौर, मध्यप्रदेश से श्याम मेहर, निकिता मेहर, आयुष, संगीता, ललिता, दुर्गाबाई, और समस्त मेहर परिवार ने आप सभी ने सुनना चाहा है शालीमार फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----
सांग नंबर 6. आईना वही रहता है .....
पंकज: तो मित्रों इस गाने के साथ ही हमें आपकी पसंद कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दें, अगले सप्ताह हम आज के दिन और आज ही के समय पर फिर आपके सामने आएंगे कुछ रोचक, ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारी के साथ और आपको सुनवाएंगे आपकी पसंद के कुछ मधुर फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।
अंजली : नमस्कार।