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    टी टाइम 141104 (अनिल और वेइतुंग)
    2014-11-03 16:49:29 cri

    अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ..चाय की आवाज .........आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।...........................................

    दोस्तो वैसे एक सप्ताह में सात दिन होते हैं, लेकिन हमें आपके लिए प्रोग्राम पेश करने का बड़ा इंतजार रहता है। तो क्या कर रहे हैं आप लोग, रेडियो सेट ऑन किया कि नहीं, अगर नहीं तो जल्दी कीजिए। क्योंकि टी-टाइम प्रोग्राम हो चुका है शुरू।

    अनिलः दोस्तो क्या आपने कभी किसी व्यक्ति को पक्षी की तरह आकाश में उड़ान भरते देखा है?

    अगर नहीं तो हम आपको एक ऎसी ही घटना के बारे में बताने जा रहे हैं।

    जब सड़क पर चल रहे लोगों ने कुछ ऎसा ही नजारा देखा ओर उनकी आंखें फटी की फटी रह गई।

    फिल्म और टीवी सीरियल प्रमोशन के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। हाल ही लंदन में कुछ ऎसा ही नजारा देखने को मिला।

    न्यू टीवी सीरीज डॉमिनियन के लॉन्चिंग के मौके पर एक्टर ने एंजल की ड्रेस पहनकर हवा में उडान भरी। सेंट्रल लंदन के सेंट पॉल्स कैथेड्रल के पास उड़ता यह एक्टर लोगों के आकष्ाüण का केन्द्र बना रहा।

    इस एंजल ड्रेस को प्रोफेशनल्स ने 60 घंटे में तैयार किया, जिस पर आठ फीट के विंग्स लगे थे।

    दोस्तो, महिलाएं क्या नहीं कर सकती हैं। कहना गलत न होगा कि महिलाएं पुरुषों से किसी मामले में कम नहीं हैं, बस उन्हें आगे बढ़ने के मौके तो दीजिए। दुनिया के तमाम देशों में महिलाएं पुऱुषों से कंधा मिलाकर चल रही हैं। लेकिन कई देशों में अब भी महिलाओं को पुरुषों के साथ काम करने या उनसे बात करने तक की इजाजत नहीं होती। यहां तक कि उनके वाहन चलाने पर भी प्रतिबंध होता है। ईरान का ही

    उदाहरण ले लीजिए।

    वहां पुरुषों का वॉलीबॉल मैच देखने की कोशिश कर रही एक महिला को गिरफ्तार कर लिया गया। उक्त ईरानी मूल की ब्रितानी महिला को एक साल कारावास की सज़ा सुनाई गई है ग़ोन्चे ग़वामी के वकील ने इसकी जानकारी दी.

    लंदन से क़ानून स्नातक 25 वर्षीय ग़वामी को जून में तेहरान स्टेडियम से हिरासत में लिया गया था.

    ग़ोन्चे के वकील अलीजादेह तबातबाई ने ईरानी मीडिया को बताया, "अदालत ने उन्हें एक साल की सज़ा सुनाई है."

    वेइतुंगः ईरानी अधिकारियों के मुताबिक़ ग़वामी की गिरफ़्तारी का वॉलीबॉल मैच से कोई लेना-देना नहीं, बल्कि ऐसा सुरक्षा कारणों से किया गया है.

    ग़वामी पिछले 126 दिनों से तेहरान की कुख्यात जेल 'एविन प्रिज़न' में बंद हैं ग़वामी के दोस्तों और परिजनों ने उनकी रिहाई की मांग करते हुए 'फ़ेसबुकपर ज़ोर-शोर से अभियान चलाया था.

    फ़ेसबुक पेज के अनुसार,"ग़वामी के परिवार और वकील को अब तक यह नहीं बताया गया है कि गिरफ़्तारी का क्या आधार है. निष्पक्ष और न्यायसंगत क़ानूनी प्रक्रिया हर नागरिक का हक़ है. आख़िर ग़वामी के मामले में इन अधिकारों को अनदेखा क्यों किया जा रहा है?"

    वॉलीबॉल की महिला प्रशंसकों और महिला पत्रकारों पर भी तेहरान के 'आज़ादी स्टेडियम' में मैच देखने पर पाबंदी लगाई गई थी. इसी के चलते ग़वामी की गिरफ़्तारी हुई.

    ईरान पुलिस प्रमुख जनरल इस्माइल अहमदी मोगाद्दम के मुताबिक़ मर्द और औरतों का ऐसे मौक़ों पर एक साथ होना अब भी 'सार्वजनिक हित' में नहीं है.

    ग़वामी की गिरफ़्तारी के समय जनरल इस्माइल ने कहा था कि पुलिस क़ानून-व्यवस्था का पालन कर रही है.

    ईरान में महिलाओं के फुटबॉल मैच देखने पर भी पाबंदी है. अधिकारियों का कहना है कि महिलाओं को पुरुषों के अशिष्ट व्यवहार से बचाने के लिए ऐसी व्यवस्था की गई है. दोस्तो आप क्या सोचते हैं, इस बारे में हमें लिखिएगा।

    अनिलः ईरान में महिला को गिरफ्तार किए जाने की खबर के बाद दूसरी जानकारी देते हैं।

    मोबाइल जगत में विश्वप्रसिद्ध ऑपरेटिंग सिस्टम एन्ड्रॉयड के जनक एंडी रूबिन के गूगल को छोड़ देने की घोषणा हो गई है.

    एंडी रूबिन एन्ड्रॉयड प्रोजेक्ट के सह-जनक रहे हैं. रूबिन ने तक़रीबन सात सालों बाद तकनीकी गुरु गूगल का साथ छोड़ दिया है.

    रूबिन के जाने की सूचना देते हुए गूगल के मुख्य कार्यकारी लैरी पेज ने कहा, ''रूबिन ने तकनीक की दुनिया में एन्ड्रॉयड बनाकर एक असाधारण काम किया है. जिसका लाभ दुनिया भर के अरबों लोग ले रहे हैं. उनकी इस खोज के लिए उनका बहुत बहुत शुक्रिया.''

    रूबिन एपल के साथ भी काम कर चुके हैं. रूबिन ने एन्ड्रॉयड के क्षेत्र में काम करना छोड़ रोबोटिक्स जगत में काम की शुरुआत कर दी है.

    एंडी के गूगल एन्ड्रॉयड को छोड़ देने के बाद अब एन्ड्रॉयड का ज़िम्मा सुंदर पिचाई को मिल चुका है.

    पिचाई गूगल क्रोम और एप्स के लिए काम कर चुके हैं.

    वेइतुंगः अमरीका का यह शख्स इतना खाता है कि सुनकर विश्वास ही नहीं होता। इसके एक हफ्ते के खाने का बिल ही 27594 रूपए होता है।

    रॉबर्ट ओबर्स्ट नामक इस शख्स की उम्र केवल 29 वर्ष है लेकिन यह रोजाना दिन भर में 20 हजार कैलोरीज हजम कर जाता है। इसको इतनी भूख लगती है कि बेचारे को रोजाना छह बार खाना पड़ता है।

    शरीर आपकी कार जैसा

    180 किलो वजनी रॉबर्ट का कहना है कि अगर आपको अपनी कार ज्यादा दूर तक चलानी होती है तो आप उसमें इंधन डालते हो, शरीर के साथ भी बिलकुल ऎसा ही है।"

    वाह क्या डाइट है!

    इसकी डाइट सुनकर आप हैरान रह जाओगे। एक दिन में यह पहलवान 1.6 किलो मांस खाता है। इसका नाश्ता 8 से 10 अंडों का होता है और यह पूरे दिन उबले अंडों पर हाथ साफ करता रहता है।

    लंच के लिए ओबर्स्ट दो बड़ी मछलियां खाता है जबकि डिनर मे पास्ता मील के अलावा मांस भी शामिल होता है।

    नहीं तो शरीर करता विद्रोह

    एक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक अगर यह पहलवान रोजाना इतना खाना नहीं खाए तो इस का बलिष्ठ शरीर धूजने लगता है और सिर में भयंकर दर्द हो जाता है। -

    अब प्रोग्राम में वक्त हो चला है, लिस्नर्स के कमेंट शामिल करने का। सबसे पहला ई-मेल आया है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल का। लिखते हैं कि बहरहाल, आज भी शाम साढ़े छह बजे ताज़ा समाचारों का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने साप्ताहिक "टी टाइम" का बखूबी लुत्फ़ उठाया। विश्व के छह सर्वोच्च पर्वत शिखरों का स्पर्श करने वाली जुड़वां बहनें ताशी और नुंग्शी की जीवटता की कहानी प्रेरक होने के साथ-साथ हमें इस बात

    का गर्व कराती है कि वे- भारतीय हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक की बदौलत 27 साल बाद कैथरीन का अपनी माँ से मिलना आनंददायक

    लगा। हेल्थ-टिप्स में गाड़ी चलाते समय होने वाली थकान से निज़ात दिलाने में कैफीनयुक्त पेय लेना अथवा संगीत सुनने के प्रभावों और अभ्यास अथवा प्रतिस्पर्धा के दौरान सॉफ्टड्रिंक्स के इस्तेमाल से खिलाड़ियों की सेहत, विशेषकर, दांतों पर पड़ने वाले कुप्रभाव की जानकारी अत्यन्त महत्वपूर्ण लगी। आज के हंसगुल्लों में दादाजी और पोते वाला जोक काफी उम्दा लगा। धन्यवाद।

    दिनांक 28 अक्टूबर को साप्ताहिक "टी टाइम" के तहत पूछे गये प्रश्नों का सही उत्तर निम्नलिखित है:-

    धन्यवाद सुरेश जी आपका....

    अब बारी है, नेक्स्ट लैटर की। जिसे भेजा है, जमशेदपुर झारखंड से एस.बी.शर्मा ने। लिखते हैं कि टी टाइम प्रोग्राम में विश्व के छह सर्वोच्च पर्वत शिखरों का स्पर्श करने वाली जुड़वां बहनें ताशी और नुंग्शी की जीवटता की कहानी प्रेरक होने के साथ-साथ हमें इस बात का गर्व कराती है कि वे- भारतीय हैं। सोशल

    नेटवर्किंग साइट फेसबुक की बदौलत 27 साल बाद कैथरीन का अपनी माँ से मिलना आनंददायक लगा। हेल्थ-टिप्स में गाड़ी चलाते समय होने वाली थकान से निज़ात दिलाने में कैफीनयुक्त पेय लेना अथवा संगीत सुनने के प्रभावों और अभ्यास अथवा प्रतिस्पर्धा के दौरान सॉफ्टड्रिंक्स के इस्तेमाल से खिलाड़ियों की सेहत, विशेषकर, दांतों पर पड़ने वाले कुप्रभाव की जानकारी अत्यन्त

    महत्वपूर्ण लगी। कोल्ड ड्रिंक खिलाडी ही नहीं अपितु सभी व्य्कतियों के

    लिए हानि कारक है पर आज इसका प्रचलन जोरों पर है इसमें हमारे शरीर को गलाने की शक्ति है भारत में बिकने वाले सॉफ्टड्रिंक्स तो और निम्न

    गुणवत्ता के है इससे तो हमें और खतरा है पर जो भी इससे टॉयलेट खूब बढ़िया

    साफ़ होता है सॉफ्ट ड्रिंक का जगह पेट नहीं टॉयलेट होनी चाहिए।

    वहीं राजस्थान से राजीव शर्मा, बिहार से हेमंत कुमार, पश्चिम बंगाल से देवशंकर चक्रवर्ती, देवाशीष गोप, रविशंकर बसु, बिधान चंद्र सान्याल आदि ने भी हमें ई-मेल भेजा है।

    लिस्नर्स के कमेंट के बाद वक्त हो गया है प्रोग्राम को आगे बढ़ाने का।

    दोस्तो

    चाहे बच्चे हों या बड़े सबको प्यार की चाहत होती है। आजकल के बच्चे यूं भी स्पेशल केयर की दरकार रखते हैं। आजकल बच्चे यह चाहते हैं कि उनके पैरेंट्स अगर उन्हें प्यार करते हैं तो उस प्यार को वो शो भी करें। ताकि उन्हें पता रहे कि उनके मॉम-डैड उन्हें कितना चाहते हैं। आप चाहें तो छोटे-छोटे तरीकों से बच्चों को स्पेशल फील करवा सकते हैं। यह छोटे-छोटे तरीके उन्हें खुश करने और उन्हें आपके पास लाने का काम करेंगे।

    स्टीकर सबसे आसान और सस्ता तरीका होता है, बच्चों के सामने अपना प्यार प्रदर्शित करने का। आप चाहें तो प्यारे-प्यारे स्टीकर्स बच्चों के स्कूल बैग में भी चिपका सकते हैं रोज जब वो स्कूल जा रहे हों।

    आप अपने जिगर के टुकड़े को और ज्यादा स्पेशल फील करवाने के लिए कोई अलग सा यूनिक सा स्पेशल नाम रख सकते हैं। जिसके बारे में सिर्फ बच्चे को और आपके पार्टनर को ही पता हो। आप जब भी उसका यह स्पेशल नाम बुलाएंगे उसे यह नाम सुनकर बहुत खुशी होगी।

    स्पेशल कोड बनाएं

    आप चाहें तो बच्चों के लिए अपना प्यार दर्शाने के लिए कुछ स्पेशल कोड बना सकते हैं। ये कोडवर्ड आप कहीं भी इस्तेमाल कर सकते हैं (यहां तक की अन्य लोगों के बीच में भी) ऎसे में आप बेहिचक बच्चों को कोड लैंग्वेज में आई लव यू बोल सकते हैं और आपका प्यार भरा यह संदेश उन्हें खुशी ही देगा।

    जाहिर है आजकल मॉम-डैड दोनों ही वर्किग होते हैं ऎसे में स्कूल से आने के बाद बच्चे खुद को अकेला महसूस करते हैं। आप चाहें तो बच्चे के अकेलपन को दूर करने के लिए गत्ते का एक सुंदर सा "स्वीट मेमोरी बॉक्स" बनाएं। इसमें आप बच्चे के लिए कोई इंस्पाइरिंग कोट, कोई मैसेज, कुछ पिक्स भी लिख के रख सकते हैं। ताकि जब बच्चे स्कूल से आएं तो वो इन स्वीट से मैसेज को पढ़ सकें।

    बच्चा आंख मिचते हुए सुबह उठे और उसके पास पापा या मम्मा का लिखा हुआ कोई प्यारा सा नोट हो तो वो कितना खुश होगा... या फिर नाश्ते की प्लेट के नीचे स्माइली बना एक नोट हो और उसमें यह लिखा हो कि पापा-मम्मा उसे कितना प्यार करते हैं। ऎसे ही छोटे-छोटे नोट्स बच्चों के लिए बनाकर आप रोज कुछ अप्रत्याशित जगह रखें जहां से बच्चे उन नोट्स को पाकर, पढ़कर खुश हो जाएं।

    बनाएं स्पेशल बुक

    आप अपने बच्चे के लिए उसकी फेवरेट शॉर्ट पिक्चर बुक डिजाइन करें, जो आपके लिए भी बेहद खास होगी।

    वहीं

    आपका बच्चा आपके लिए बहुत स्पेशल होता है तो जाहिर सी बात है उसके लिए कोई स्पेशल सा सॉन्ग भी होना चाहिए। जिससे उसे यह पता तो चले कि उसके पैरेंट्स के लिए वो कितना अहम है।

    दोस्तो अब दूसरी जानकारी की ओर बढ़ते हैं।

    ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक़ ज़्यादा दूध पीने से हड्डियों के टूटने का ख़तरा कम नहीं होता है और इससे जल्द मौत की संभावना भी बढ़ सकती है.

    स्वीडन में किए गए एक शोध में यह पता चला है कि जो महिलाएं एक दिन में तीन ग्लास से ज़्यादा दूध पीती थीं उनकी हड्डियों के टूटने की संभावना अधिक थी.

    हालांकि शोधकर्ताओं ने यह चेतावनी भी दी है कि उनके शोध से महज़ एक रुझान का अंदाज़ा मिलता है और इसे सबूत नहीं माना जाना चाहिए कि ज़्यादा दूध पीने से हड्डियों के टूटने का ख़तरा बढ़ता है.

    उन्होंने कहा कि इसमें शराब और वज़न बढ़ने की भी भूमिका है.

    कई सालों से दूध को कैल्शियम का अच्छा स्रोत माना जाता रहा है लेकिन हड्डियों के मज़बूत होने और टूटने के ख़तरे से जुड़े शोध के कई विरोधाभासी नतीजे सामने आए हैं.

    स्वीडन में वैज्ञानिकों की एक टीम ने 1987-1990 के दौरान 61,400 महिलाओं और 1997 के दौरान 45, 300 पुरुषों की आहार संबंधी आदतों का परीक्षण किया और उसके बाद कुछ सालों तक उनके स्वास्थ्य की निगरानी की.

    शोध के मुताबिक़ जो महिलाएं एक दिन में तीन ग्लास से ज़्यादा दूध पीती हैं उनकी हड्डियों के टूटने की संभावना अधिक रही.

    शोध में शामिल होने वाले लोगों से एक प्रश्नावलि पूरा करने के लिए कहा गया जिसमें यह पूछा गया था कि उन्होंने एक साल की अवधि के दौरान कितनी मात्रा में दूध, योगहर्ट और चीज़ ली.

    इसके बाद शोधकर्ताओं ने यह पता लगाया कि उनमें से कितने लोगों की हड्डियां टूटीं और बाद में वर्षों में कितने लोगों की मौत हो गई.

    इस शोध से यह अंदाज़ा मिला कि इस तरह से ज़्यादा दूध पीने वालों में मौत का ख़तरा भी अधिक था.

    हालांकि उपसाला यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफ़ेसर कार्ल मिशिलसन का कहना है कि ऐसे नतीज़े दूध में चीनी की मात्रा की वजह से भी दिख सकते हैं.

    दोस्तो, स्थिति अच्छी हो या खराब, व्यक्ति गरीब हो या अमीर...किसी भी सूरत में अच्छा दिखना बेहद जरूरी है।

    यह वह सीख है जिसे चीन के शेनझेन शहर की इस युवा दुल्हन ने शादी के समय अपने होने वाले दूल्हे से सीखा।

    शादी के दिन वो सफेद रंग की एक आकर्षक वस्त्र पहन फोटोशूट के लिए पहुंची। स्टेज को सलीके से सजाया गया था। लेकिन कुछ स्टेज मेकअप के कारण वो 50 वर्ष की नजर आने लगी। उसके चेहरे पर झुर्रियां और बालों का रंग भूरा नजर आ रहा था।

    यह मजाक दूल्हे को रास नहीं आया, किंग काओ और गुओ चियेन नाम का यह जोड़ा वहां मौजूद मेहमानों के सामने ही झगडऩे लगे।

    सच भी है, कौन 26 साल की अपनी होने वाली पत्नी को नकली झुर्रियों और भूरे बालों वाली 50 साल की औरत के रूप में देखना चाहेगा!

    दुल्हन ने स्थानीय मीडिया को बताया कि, मुझे लगा कि वो इसे मजाक समझ हंसेगा, लेकिन वो ये समझ ना सका और टैक्सी में बैठ चला गया।

    वेब मीडिया पर एक पाठक ने इस खबर पर संदेह जताते हुए इसे मार्केटिंग का एक स्टंट बताया है। खैर, ये मार्केटिंग स्टंट हो या दो प्रेमियों का वास्तविक झगड़ा दोनों को शुभकामनाओं की आवश्यकता तो है।....

    वहीं

    अमेरिका के पोर्टलैंड शहर में आयोजित विश्व मूंछ-दाढ़ी चैम्पियनशिप में भाग लेने वाले 300 से अधिक प्रतिभागियों की गर्वीली और रौबदार मूंछ-दाढ़ी को अगर साफ-चिकने चेहरे वाले लोग देखें तो जरूर शर्म से पानी-पानी हों जाएंगे।

    इस वीकेंड हुई इस प्रतियोगिता में 9 देश और अमेरिका के 29 राज्यों के प्रतिभागी शामिल हुए। प्रतियोगिता में कुल 18 श्रेणियों के अंतर्गत विजेता चुने गए। 6 जजों वाली टीम ने सिर्फ उन्हीं को विजेता नहीं घोषित किया जिनकी दाढ़ी सबसे लंबी और घनी थी बल्कि विजेताओं में वे भी शामिल रहे जिनकी मूंछ-दाढ़ी उनके पूरे व्यक्तित्व और उनके अंदाज को सर्वाधिक निखार प्रदान करती हो।

    मूंछों की कैटेगरी जो प्रतियोगिता में शामिल थी वे हैं प्राकृतिक, इंगलिश, डाली, इंपेरियल, हंगेरियन और फ्रीस्टाईल। प्रतियोगिता का समग्र विजेता मैडिसन रौली को घोषित किया गया जिनकी दाढ़ी निर्णायक मण्डल के अनुसार बेहद घनी और फूलदार मानी गई।

    हालांकि प्रतियोगिता की सबसे रोचक बात इसके अस्तित्व को लेकर विवाद रहा। जर्मनी में स्थित एक और विश्व दाढ़ी-मूंछ प्रतियोगिता आयोजित करने वाली संस्था ने अमेरिका के इस प्रतियोगिता का बहिष्कार किया है। उसके अनुसार पोर्टलैंड में आयोजित इस प्रतियोगिता को यह उपाधियां देने का कोई अधिकार नहीं है और जर्मनी में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता ही मूंछ-दाढ़ी की असली विश्व चैम्पियनशिप है।

    अब जोक्स की बारी है।

    सबसे पहला जोक ...

    डॉक्टर (संता से)- आपकी एक किडनी फेल हो गई है।

    संता पहले तो बहुत रोया और फिर आंसू पोंछते हुए बोला, कितने नंबर से?

    हंसने की आवाज.....

    अब बारी है दूसरे जोक की। संता-जब मेरी नई नई शादी हुई थी तो मुझे मेरी बीवी इतनी प्यारी लगती थी कि मन करता था खा जाऊं।

    बंता- और अब?

    संता- खा ही जाता तो अच्छा था।

    ....

    तीसरा जोक...

    संता अपनी बिल्ली से तंग आकर उसे दूर छोड़ आए।

    घर आए, तो बिल्ली वापस आ चुकी थी।

    वह दूसरी बार छोड़ आए, और बिल्ली फिर वापस आ गई।

    तीसरी बार उसे बहुत दूर जंगल में छोड़कर आए। वापसी में अम्मा को फोन करके पूछा, क्या बिल्ली घर आ गई?

    अम्मा- हां

    संता-उस कमीनी को भेज यहां, मैं रास्ता भूल गया हूं।

    .....

    दोस्तो हमने पिछले अंक में दो सवाल पूछे थे, पहला सवाल था..... दुनिया की छह सर्वोच्च पर्वत चोटियों पर चढ़ चुकीं बहनों का नाम क्या है. वे किस देश की रहने वाली हैं।

    सही जवाब है ताशी और नुंग्शी तथा वे भारतीय हैं।

    दूसरा सवाल था... स्पोर्ट्स ड्रिंक आदि पीने से खिलाड़ियों को क्या नुकसान हो सकता है। .सही जवाब है ...विशेषकर दाँतों की समस्या हो सकती है।

    इन सवालों का सही जवाब हमें भेजा है, उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल, सऊदी अरब से सादिक आजमी, पश्चिम बंगाल से विधान चंद्र सान्याल, रवि शंकर बसु, देवाशीष गोप, राजस्थान से राजीव शर्मा और भागलपुर बिहार से हेमंत कुमार आदि। आप सभी को बधाई । आगे भी हमारे सवाल सुनते रहिए।

    अब आज के सवालों की बारी है...पहला सवाल है...एंड्रायड के जनक का क्या नाम है, और उन्होंने हाल में किस कंपनी को छोड़ा है।

    दूसरा सवाल है.....अधिक दूध पीने से क्या खतरा हो सकता है और यह शोध किस जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn.

    ...... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें। ........म्यूजिक........

    अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही ...अगले हफ्ते फिर मिलेंगे.....चाय के वक्त......तब तक आप चाय पीते रहिए और सीआरआई के साथ जुड़े रहिए। नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर,चाइ च्यान.....

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