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    आप की पसंद 141004
    2014-10-10 14:18:25 cri

    आपकी पसंद 04-10-2014

    नमस्कार श्रोता मित्रों मैं पंकज श्रीवास्तव आपकी पसंद कार्यक्रम में आप सभी का स्वागत करता हूं। हर सप्ताह की तरह हम आज भी आपको देंगे कुछ रोचक,ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारियां और साथ में सुनवाएँगे आपकी पसंद के कुछ फिल्मी गाने।

    अंजली:श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपको ढेर सारी दिलचस्प जानकारियां देते हैं साथ ही आपको सुनवाते हैं आपकी पसंद के फिल्मी गीत। आज हम जिस फिल्म का गाना आपको सुनवाने जा रहे हैं उसे हमने लिया है फिल्म लव इन टोक्यो से, गायक हैं मोहम्मद रफ़ी, गीतकार हैं हसरत जयपुरी, संगीत दिया है शंकर जयकिशन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 1. आ जा रे आ ज़रा आ .....

    पंकज:मित्रों आज हम आपको बताएंगे कि 30 साल के नौजवानों को भी क्यों आता है हार्ट अटैक यानी नौजवानों को क्यों पड़ता है दिल का दौरा, आज हम इसके कारण और लक्षण जानेंगे ....

    एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल 30 साल से कम लगभग 900 लोगों की मौत हृदय रोग की वजह से होती है। ऐसा माना जा रहा है कि 1990 में 24 प्रतिशत मौतों की तुलना में भारत में हृदय रोग की वजह से 2020 तक 40 प्रतिशत मौतें हो सकती हैं।

    पहले दिल की बीमारी को बुज़ुर्गों की बीमारी के रूप में देखा जाता था, लेकिन आजकल युवाओं में भी दिल से संबंधित बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं।

    क्यों होता है युवाओं को हार्ट अटैक-

    - सिगरेट का धुआं उड़ाना नौजवानों के बीच किसी फैशन ट्रेंड की तरह पॉपुलर है। शायद उन्हें ये नहीं पता होता कि सिगरेट और तंबाकू की वजह से रक्त धमनियां अवरुद्ध होने लगती हैं और रक्त का प्रवाह भी कम हो जाता है।

    - इसी तरह जंकफूड और तला हुआ भोजन करने से भी दिल की बीमारी शुरू होती है। जो लोग अपने खाने में अत्यधिक फैट, अंडे और मांस लेते हैं, उन्हें दूसरों के मुकाबले दिल का दौरा पड़ने का खतरा 35 प्रतिशत ज्यादा होता है।

    - इसके अलावा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाली जीवनशैली, तनाव और किसी फिजिकल एक्टिविटी से जुड़े न होने की वजह से भी दिल से संबंधित बीमारियां बढ़ती हैं।

    ऐसे में, दिल का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी है। अधिकतर देखा गया है कि गंभीर अवस्था पर पहुंचने पर ही लोगों को इस रोग के बारे में पता चलता है, जिसके बाद इसका इलाज काफी मुश्किल हो जाता है। अगर शुरुआत में ही दिल से संबंधित बीमारी का पता लग जाए, तो इसका इलाज संभव है। इसलिए आज हम आपको 7 ऐसे लक्षण बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप यह जान सकते हैं कि कहीं आपको हृदय रोग तो नहीं।

    अंजली: लेकिन मैं चाहती हूं कि आपके आगे बढ़ने से पहले मैं अपने श्रोताओं का पत्र भी पढ़कर सुना दूं क्योंकि हमारे श्रोता बेसब्री से अपने पत्रों और अपनी पसंद के गीतों की प्रतीक्षा कर रहे होंगे। पहला पत्र हमें लिखा है कुरसेला तिनधरिया से ललन कुमार सिंह ने, ललन जी हमने आपसे पहले भी कहा था कि आप कृपया हमें अपना पूरा पता लिखकर भेजें, अगर आप हमें पत्र नहीं लिख सकते हैं तो आप हमारी वेबसाईट हिन्दी डॉट सीआरआई डॉट सीएन पर जाकर अपना पूरा पता हमें लिख भेजें। ललन जी के साथ ये पत्र हमें लिखा है श्रीमती प्रभा देवी, कुमार केतु, मनीष कुमार मोनू, गौतम कुमार, स्नेहलता कुमारी, मीरा कुमारी और एल के सिंह ने आप सभी ने सुनना चाहा है प्यार किये जा फिल्म का गाना जिसे गाया है महेन्द्र कपूर और लता मंगेशकर ने संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 2. किसने पुकारा मुझे लो मैं आ गई .....

    पंकज: 1-सीने में बेचैनी महसूस होना

    दिल का दौरा पड़ने की सबसे आम चेतावनी का संकेत सीने में बेचैनी और भारीपन महसूस होना है। इसमें कभी-कभी सीने में जलन भी होने लगती है। इस तरह के लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। अगर यह आपको एक से ज़्यादा बार महसूस हो तो आपको डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत है।2- सांस लेने में तकलीफ होना

    अगर आपको सांस लेने में बल लगाना पड़े या ज़रा देर चलने में ही हांफने लगें तो यह आपके लिए चिंता की बात हो सकती है। यह भी दिल का दौरा पड़ने की एक चेतावनी हो सकती है।

    3- अधिक पसीना आना

    मई-जून की भीषण गर्मी में पसीना आना तो स्वाभाविक है, लेकिन अगर ठंडे मौसम में भी आपको पसीना आ रहा है तो आपको तुंरत मेडिकल परामर्श लेने की आवश्यकता है।

    4-जी मिचलाना

    नियमित रूप से जी मिचलाना दिल का दौरा पड़ने की चेतावनी हो सकती है। इसलिए इसे थकान की वजह समझकर अनदेखा न करें, क्योंकि यह हृदय की धमनियों के अवरुद्ध होने के कारण भी हो सकता है। इसमें अच्छी तरह खाने और सोने के बाद भी थकान महसूस होती है, ज़रा देर एक्सरसाइज करते ही सांस फूलने लगती है और तनाव महसूस होता है।

    5-बांहों का सुन्न पड़ जाना

    अगर आपकी बांहें बार-बार सुन्न पड़ने लगे तो ये भी हृदय रोग की एक वजह हो सकती है। इसे बेवजह अनदेखा करने से पैरालाइसिस अटैक भी पड़ सकता है, जिसमें शरीर का एक भाग काम करना बंद कर देता है।

    अंजली:अगर हम अपनी जीवन शैली में सुधार लाएं और स्वास्थ्य वर्धक भोजन करें, इसके साथ ही प्रयास करें कि हम हमेशा तनाव मुक्त रहें तो हृदय संबंधी रोग होने की आशंका बहुत हद तक कम हो जाती है। स्वस्थ जीवन जीना ही हमारा उद्देश्य होना चाहिए क्योंकि जब भी कभी हम बीमार पड़ते हैं तो हमें बेहतर स्वास्थ्य का महत्व पता चलता है। एक पुरानी कहावत भी है "एक स्वास्थ्य हज़ार नियामत"इसलिये हमें अपने स्वास्थ्य खासकर हृदय का बहुत ध्यान रखना चाहिए क्योंकि एक बार अगर हृदय में खराबी आ गई तो उससे आपकी पूरी जीवन शैली ही बदल जाती है। अब मैं उठाने जा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है कापशी रोड अकोला महाराष्ट्र से संतोषराव बाकड़े, ज्योतिताई बाकड़े, दिपाली बाकड़े, पवन कुमार बाकड़े और पूरा बाकड़े परिवार, आप सभी ने सुनना चाहा है सीआईडी फिल्म का गाना जिसे गाया है गीता दत्त ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तान पुरी और जान निसार अख्तर संगीत दिया है ओ पी नैयर ने गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 3. जाता कहां है दिवाने ....

    पंकज: 6-अगर शरीर का कोई अंग काम करना बंद कर दे

    अगर शरीर का कोई भाग एक्शन नहीं ले रहा तो इसे अनदेखा न करें और तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। ऐसे भाग कंधा, बांहें या गर्दन का पीछे वाला हिस्सा हो सकता है।

    7-बोलते समय अस्पष्ट उच्चारण करना

    अगर आपको बोलने में कठिनाई महसूस हो रही है तो यह हार्ट अटैक की चेतावनी हो सकती है। अगर आपको लगता है कि आप भी इससे पीड़ित हैं तो अपने किसी दोस्त या संबंधी से पूछकर उनसे मदद लें कि क्या आपकी बात समझने में उन्हें कोई दिक्कत महसूस हो रही है।

    पंकज: प्राणायाम के लाभ और तरीके

    इन प्राणायामों को करने से शारीरिक के साथ मानसिक विकार भी दूर होते हैं। आज विज्ञान ने भी प्राणायाम के फायदों को पहचाना है, अगर आप नियमित रूप से प्राणायाम करते हैं तो इससे आपको तनाव, उच्च रक्तचाप, मन का व्याकुल होना यानी पेनिक होना और इसके साथ ही कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिलता है, लेकिन प्राणायाम को किसी योग्य और प्रशिक्षित गुरु के साथ ही सीखना बेहतर होगा। आज हम आपको प्राणायाम की विधियां बता रहे हैं, ये विधियां इस प्रकार हैं-

    भ्रामरी प्राणायाम

    योगियों के अनुसार यह प्राणायाम रात्रि के समय किया जाना चाहिए। जब आधी रात व्यतीत हो जाए और किसी भी जीव-जंतु का कोई स्वर सुनाई ना दे। उस समय किसी भी सुविधाजनक आसन में बैठकर दोनों हाथों की उंगलियों को दोनों कानों में लगाकर सांस अंदर खींचे और कुंभक (एक प्रकार का आसन) द्वारा सांस को रोकें। इसमें कान बंद होने पर भौरों के समान शब्द सुनाई देने लगता है। यह शब्द दाएं कान में अनुभव होता है।

    लाभ

    - योगियों के अनुसार इस आसन से मन की चंचलता दूर होती है। मन एकाग्र होता है। जो व्यक्ति अत्यधिक तनाव महसूस करते हैं, उन्हें यह प्राणायाम अवश्य करना चाहिए।

    सावधानी

    - कान में संक्रमण हो तो इसे न करें। इसे करते वक्त आसन स्थिर रखें। कन्धों को ढीला छोड़े व हिलाएं नहीं। यह प्राणायाम जितना आराम से करेगें, उतना ही अच्छा रहेगा।

    अंजली : माना कि प्राणायाम करना सेहत के लिये बहुत अच्छा है लेकिन गाना सुनना भी सेहत के लिये बहुत अच्छा है इससे भी मन हल्का और खुशगवार होता है, इसके साथ ही जब हमारे श्रोता अपना नाम रेडियो पर सुनते हैं तो उन्हें भी अच्छा लगता है, वैसे हमें हमारे श्रोता मित्र हमेशा याद आते हैं और इसीलिये हम सीआरआई में कई कार्यक्रमों के माध्यम से उनसे समय समय पर बातें करते रहते हैं, इसी के साथ अब मैं उठाने जा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जो हमें लिख भेजा है कलेर बिहार से मोहम्मद आसिफ़ ख़ान, बेगम निकहत परवीन, सदफ आरज़ू, साहिल अरमान, अजफ़र हामिद और तहमीना मशकुर ने, आप सभी ने सुनना चाहा है पड़ोसन फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं राजेन्द्र कृष्ण, संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबस 4. भाई बत्थूर ....

    पंकज: भस्त्रिका प्राणायाम

    भस्त्रिका का मतलब है धौंकनी। इस प्राणायाम में सांस की गति धौंकनी की तरह हो जाती है। यानी सांस लेने की प्रक्रिया को जल्दी-जल्दी करना ही भस्त्रिका प्राणायाम कहलाता है।

    विधि

    पद्मासन या फिर सुखासन की स्थिति में बैठ जाएं। कमर, गर्दन, पीठ एवं रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए शरीर को बिल्कुल स्थिर रखें। इसके बाद बिना शरीर को हिलाए नाक के दोनों छिद्रों से आवाज करते हुए सांस लें। फिर आवाज करते हुए ही सांस बाहर छोड़ें। अब तेज गति से आवाज करते हुए सांस लें और बाहर निकालें। यही क्रिया भस्त्रिका प्राणायाम कहलाती है। हमारे दोनों हाथ घुटने पर ज्ञान मुद्रा में रहेंगे और आंखें बंद रहेंगी। ध्यान रहे, सांस लेते और छोड़ते वक्त हमारी लय ना टूटे।

    लाभ

    - इस प्राणायाम के अभ्यास से मोटापा दूर होता है। शरीर को प्राणवायु अधिक मात्र में मिलती है और कार्बन-डाई-ऑक्साइड शरीर से बाहर निकलती है। इस प्राणायाम से रक्त की सफाई होती है।

    - दमा, टीवी और सांसों के रोग दूर हो जाते हैं। फेफड़ों को बल मिलता है। वात, पित्त और कफ के दोष दूर होते है। इससे पाचन संस्थान, लीवर और किडनी की मसाज होती है।

    अंजली:आगे बढ़ने से पहले हम अपने एक और श्रोता का पत्र उठाते हैं जो हमें लिख भेजा है चंदा चौक, अंधराठाढ़ी ज़िला मधुबनी बिहार से भाई शोभीकांत झा सज्जन, मुखियाजी हेमलता सज्जन, मेन रोड मधेपुरा ज़िला मधुबनी से प्रमोद कुमार सुमन औऱ रेनु सुमन ने आप सभी ने सुनना चाहा है आंखें (1968) फिल्म का गाना जिसे गाया है मन्ना डे और आशा भोंसले ने गीतकार हैं साहिर लुधियानवी और संगीतकार हैं रवि और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 5. दे दाता के नाम तुझको अल्लाह रखे ....

    पंकज:मित्रों इस गाने से पहले हम बात कर रहे थे भस्त्रिका प्राणायाम की अब हम बताने जा रहे हैं इसे करते वक्त आपको कितनी सावधानी बरतना चाहिए।

    - उच्च रक्तचाप, हृदय रोगी, हर्निया, अल्सर, मिर्गी स्ट्रोक वाले और गर्भवती महिलाएं इसका अभ्यास ना करें।

    विशेष

    - भस्त्रिका प्राणायाम से पहले 2 गिलास जल अवश्य लें। शुरू-शुरू में आराम लेकर अभ्यास करें। ज्यादा लाभ उठाना हो तो इसे योग गुरु के सान्निध्य में ही करें।

    बाह्य प्राणायाम

    इस प्राणायाम को करने के लिए आप सिद्धासन में बैठकर (दोनों पैरों की एड़ी को एक के ऊपर एक रखें तथा हाथों को घुटनों पर रखें और हाथों के अंगूठे तथा अंगूठे के पास वाली उंगली को मिलाकर अपने मेरुदण्ड को सीधा करके बैठ जाये)। अब सांस को गहराई तक अन्दर लें। इसके बाद सांस को पूरी तरह से बाहर निकाल दें और पेट कि नाभि को मेरुदंड से मिलाने का प्रयत्न करें। क्षमता अनुसार इस स्थिति में रुकें तथा फिर अपनी पूर्व स्थिति में आ जाए।

    लाभ

    - यह प्राणायाम डायबिटीज रोगियों के लिए बहुत ही लाभकारी है। इससे पेट के सभी रोगों में आराम मिलता है और यह पैंक्रियाज (अग्नाशय) को भी ठीक रखता है।

    सावधानी।

    - दिल के मरीज तथा उच्च रक्त चाप वाले व्यक्ति इसे न करें।

    - मासिक धर्म के समय महिलाएं इस प्राणायाम को ना करें।

    अंजली:हमें अगला पत्र लिखा है शनिवार पेठ बीड शहर महाराष्ट्र से पोपट कुलथे, हनुमंत कुलथे, समर्थ कुलथे, पी बी कुलथे, और पूरा कुलथे परिवार, इसके साथ ही नारेगांव, औरंगाबाद महाराष्ट्र से दीपक आडाणे और श्याम आडाणे ने हमें पत्र लिखा है आप सभी ने सुनना चाहा है प्यासा फिल्म का गाना जिसे गाया है गीता दत्त और मोहम्मद रफ़ी ने गीतकार हैं, साहिर लुधियानवी, संगीतकार हैं सचिन देव बर्मन और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 6. हम आपकी आंखों में ....

    पंकज: तो मित्रों इस गाने के साथ ही हमें आपकी पसंद कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दें, अगले सप्ताह हम आज के दिन और आज ही के समय पर फिर आपके सामने आएंगे कुछ रोचक, ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारी के साथ और आपको सुनवाएंगे आपकी पसंद के कुछ मधुर फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली : नमस्कार।

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