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    संडे की मस्ती 2014-10-05
    2014-10-09 15:21:27 cri

    हैलो दोस्तों... नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर।

    आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की....इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड गानों का भी।

    दोस्तों, आज कार्यक्रम को होस्ट करने में मेरा साथ दे रही है मीनू जी...।

    मीनू- हैलो दोस्तों, आप सभी को मीनू का प्यार भरा नमस्कार.....।

    अखिल- चलिए दोस्तों, अब हम आरंभ करते हैं मस्ती की पाठशाला पर उससे पहले पढ़ें जाएंगे आपके प्यारे खत और लेटर्स, जिसके बिना हमारा कार्यक्रम रहता है अधूरा।

    मीनू- हमें पहला पत्र मिला हैं केसिंगा, ओडिशा से हमारे सभी के चहेते भाई सुरेश अग्रवाल जी का। भाई सुरेश जी लिखते हैं.... आज भी शाम साढ़े छह बजे ताज़ा समाचारों का ज़ायज़ा लेने के बाद साप्ताहिक "सण्डे की मस्ती" का पूरा लुत्फ़ उठाया और अब मैं उस पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया लिये आपके समक्ष हाज़िर हूँ। भारत के पहले अंतरग्रहीय यान मंगलयान की सफलता पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करने हेतु हार्दिक साधुवाद। इस अभियान के पीछे दिमाग लगाने वाले वैज्ञानिकों के नाम और मंगलयान के पांच विशेष तथ्यों की जानकारी भी काफी महत्वपूर्ण लगी। भारत की सफलता पर इतनी मित्रवत ख़ुशी का इज़हार वास्तव में हमें आपके और क़रीब ले जाता है।

    अखिल- आगे सुरेश जी लिखते हैं... कैसे एक बेटी की चिट्ठी पढ़ कर एक अरबपति बाप ने 1 लाख 21 हजार 921 अरब की लागत वाली कम्पनी की नौकरी छोड़ दी, किस्सा दिल को छू गया। वास्तव में, जीवन में पैसा ही सब कुछ नहीं है, बल्कि ज़िन्दगी का असल मज़ा तो अपनों के बीच रह कर जीवन के पल गुज़ारने में है। कार्यक्रम में गाँव के पास कुटी बना कर रहने वाली साधु की कहानी भी काफी शिक्षाप्रद लगी। अखिलजी ने बिलकुल ठीक फ़रमाया कि हमारा दिमाग विचार निर्माण करने वाली किसी फैक्ट्री की तरह है और इसके दो सेवक मिस्टर विजय और पराजय दिमाग में उठने वाले सकारात्मक और नकारात्मक विचारों के लिये ज़िम्मेदार हैं और जिसने इन पर नियंत्रण पा लिया, समझिये कि उसका जीवन सुखमय हो जाता है। ऊँट के दूध से दही नहीं बन सकती और मनुष्य के खून को इक्कीस दिनों तक स्टोर किया जा सकता है, सहित बतलायी गई दस बातें काफी सूचनाप्रद लगीं। तीनों जोक्स भी गुदगुदाने में कामयाब रहे। अन्त में इंचियोन में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गये रोमांचक हॉकी मैच का विवरण भी काफी महत्वपूर्ण लगा। धन्यवाद स्वीकार करें।

    मीनू- आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सुरेश अग्रवाल जी। आपने हमारा कार्यक्रम सराहया और हमें अपनी प्रतिक्रिया भेजी। चलिए बढ़ते हैं अगले पत्र की तरफ जिसे भेजा हैं पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल जी ने। बिधान जी लिखते हैं.... दसमी की शुभ अवसर पर सीआरआई हिन्दी परिवार के सभी सदस्य को हार्दिक शुभकामनाएं। 28(अट्ठाईस) सितम्बर को अखिलजी और लिलीजी द्वारा पेश कार्यक्रम सण्डे की मस्ती बहुत अच्छा लगा। भारत के मंगल अभियान पर महत्वपूर्ण पांच बातें, बेटी का खत पढकर अरबपति बॉस में आया बदलाव, साधु की कहानी, अपने को पॉजिटिव(Positive) रखने वाली महत्वपूर्ण बातें, आकर्षक रोचक और ज्ञानबर्धक दस बातें, मजेदार जोक्स और भारत-पाकिस्तान के बीच हॉकी मैच पर रिपोर्ट सब मिलाकर एक खास कार्यक्रम पेश के लिए अखिल जी और लिलिजी को बहुत-बहुत धन्यबाद।

    अखिल- आपका भी बहुत-बहुत धन्यवाद बिधान चंद्र सान्याल जी। आपने हम तक अपनी प्रतिक्रिया पहुंचायी, उसके लिए हम आपके आभारी है। धन्यवाद। दोस्तों, अगला पत्र भेजा हैं हमारी प्यारे भाई और जो हमें पत्र लिखना नहीं भुलते सउदी अरब से भाई सादिक आजमी। भाई सादिक जी ने लिखा हैं.... नमस्कार! आज दिनांक 28 सितम्बर की सभा मे ताज़ा समाचारों का जाएज़ा लेने के बाद अपना सबसे पसंदीदा कार्यक्रम सण्डे की मस्ती का नया अंक सुना जिसे प्रस्तुत किया चितपरिचित अखिल जी और लिली जी ने। कार्यक्रम का आरम्भ हमारी प्रतिक्रियाओं के साथ किया जाना मनमोहक रहा और उत्साहवर्धक भी। इसके बाद पहली रिपोर्ट का उल्लेख करूं तो कहना गलत नहीं होगा कि भारत आज एशिया का और संसार का सबसे अधिक प्रेरणादायी देश बन गया है। आज पूरा विश्व भारत का बखान कर रहा है और हर्ष की इस घड़ी मे आपने सण्डे की मस्ती मे इस खबर को भारतीय वैज्ञानिकों को सम्मानस्वरूप जगह दी और पर्दे के पीछे के पहलुओं को ऊजागर किया जो बहुत अच्छा लगा।

    मीनू- आगे सादिक भाई लिखते हैं... दूसरी रिपोर्ट मे लिली जी ने एक उपदेशात्मक घटना से परिचित करवाया जिसके तहत एक अरबपति बाप अपनी बेटी के चन्द शब्दों से इतना भावुक हुआ कि नौकरी को त्याग कर अपने बीवी बच्चे के सुखमय जीवन के लिये खुद को समर्पित कर दिया। मन की सकारात्मक सोच को और विचारो को दर्शाती साधुबाबा की झोपड़ी वाली कहानी उपदेशात्मक लगी। पर इससे भी कहीं अधिक गुणकारी लगी अखिल जी की लाभकारी बातें जिसको अपनाना आज के युग मे हर व्यक्ति के लिए ज़रूरी है। उन्होंने जिन दो नामों को एक किरदार के रूप मे प्रस्तुत किया वह सही ज्ञात हुआ। मिस्टर विजय और मिस्टर पराजय को किस तरह अपने जीवन में प्रयोग करें इसकी ब्याख्या सटीक लगी। पॉज़िटिव सोच की बहुत अहम भूमिका होती है। दस अहम बातों का ज़िक्र हमें अचम्भित करने जैसा रहा। उनमें अधिकांश बातों से हम अंजान थे। आगे लिखते हैं... आज के जोक मे सुहागरात वाले क्षण मे पत्नी से जवाब मिलने वाला और पनीर के पकौड़े वाला जोक मस्त-मस्त लगा! एक अच्छी प्रस्तुति हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

    अखिल- आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सादिक भाई। आपने हमारा कार्यक्रम की सराहना की और हमारा उत्साहवर्धन किया, उसके लिए आपको तहे दिल से धन्यवाद। दोस्तों, सैदापुर, अमेठी (उत्तर प्रदेश) से अनिल कुमार द्विवेदी जी ने हमें एक हास्य कविता भेजी हैं... हम, दोस्तो, आपकी सेवा में पेश कर रहे हैं।

    लड़कियां भी अजीब होती हैं,

    तैयार होने के लिए पार्लर जाती हैं

    और...

    पार्लर जाने के लिए भी तैयार होती हैं

    लोगों को पता नहीं कैसे सच्चा प्यार मिल जाता है...

    हमें तो सुबह पलंग के नीचे उतारी चप्पल

    नहीं मिलती। (हंसी की आवाज)

    कौन कहता है कि सिर्फ मोहब्बत में

    ही दर्द होता है,

    कमबख्त...

    दरवाज़े में ऊँगली आ जाये तो भी जान

    निकल जाती है।

    जब तक जिंदा हूँ लेटर भेजता रहूँगा,

    जिस दिन ना करूँ समझ लेना

    कि अगले दिन करूँगा।

    अरे यार.... अभी मेरी ऊमर ही क्या है जो मैं मरुँ?

    अगर आप कहीं जल्दी में जा रहे हों और

    'काली बिल्ली' आपके आगे से गुज़र जाये

    तो इसका मतलब.......

    'काली बिल्ली' आपसे ज्यादा जल्दी में है।

    अखिल- वाकई अनिल कुमार जी... आपने बहुत ही लाजवाब कविता भेजी है। सच में मजा आ गया। आपका बहुत-बहुत शुक्रिया। हम आशा करते हैं कि आप आगे भी हमें इसी तरह मस्त-मस्त कविता भेजते रहेंगे।

    मीनू- दोस्तों, हमें अगला पत्र भेजा हैं आनंद मोहन जी ने। उन्होंने अपने पत्र में अपने स्थान का उल्लेख नहीं किया है। लिखते हैं.. नमस्कार, मैनें 28 सितंबर को आपका प्रोग्राम संडे की मस्ती सुना। भारत का मंगल ग्रह पर अभियान रिपोर्ट अच्छी लगी। विजय-पराजय वाला विचार अच्छा लगा। एक बात मुझे ठीक नहीं लगी वो है रिपोर्ट के बीच बैकग्राउंड म्यूजिक का बजना क्योंकि इससे असली रिपोर्ट का मजा किरकिरा हो जाता है। धन्यवाद।

    अखिल- हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आनंद मोहन जी। हम आपके सुझाव पर गौर करेंगे।

    दोस्तों, अभी हम सुनते हैं एक गाना... उसके बाद आपको ले चलेंगे अजब-गजब बातों की दुनिया में।

    (गाना-1)

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