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    संडे की मस्ती 2014-09-21
    2014-09-23 15:05:10 cri

    हैलो दोस्तों... नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर।

    आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की....इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड गानों का भी।

    दोस्तों, आज कार्यक्रम को होस्ट करने में मेरा साथ दे रही है मीनू जी...।

    मीनू- हैलो दोस्तों, आप सभी को मीनू का प्यार भरा नमस्कार.....।

    अखिल- चलिए दोस्तों, अब हम शुरू करते हैं अपनी मस्ती की पाठशाला पर उससे पहले पढ़ें जाएंगे आपके प्यारे खत और लेटर्स, जिसके बिना हमारा कार्यक्रम होता है अधूरा। पर दोस्तों, हम बताना चाहेंगे कि आज भी हमारे कार्यक्रम की अवधि पहले की तुलना में थोड़ा कम होगा। चलिए.. आरंभ करते हैं पत्रों के पढ़ने का सिलसिला।

    मीनू- हमें पहला पत्र मिला हैं सउदी अरब से हमारे भाई सादिक आजमी जी का। भाई सादिक जी लिखते हैं... नमस्कार आज दिनांक 14 सितम्बर की सभा में ताज़ा समाचारों का जायज़ा लेने के बाद हम सब का सबसे चहेता कार्यक्रम सण्डे की मस्ती समय के थोड़े अभाव के कारण भी अपनी गुणवत्ता के बल पर मन मोहने मे कामयाब रहा जिसे प्रस्तुत किया हर बार की तरह हम सब के दोस्त और प्यारे होस्ट अखिल जी ने और उनका पूरा पूरा साथ दिया लिली जी ने। कार्यक्रम की शुरूआत में हमारी प्रतिक्रियाओं को सम्मान स्वरूप पढ़ा जाना आपके प्रेम भाव का प्रतीक है जिसका आभार शब्दों में व्यक्त किया जाना कठिन है।

    अखिल- दोस्तों, सादिक भाई ने कार्यक्रम की चर्चा करते हुए कहा हैं.... आज की पहली रिपोर्ट की बात की जाए तो यह संसार में रोचक घटना की कड़ी का एक हिस्सा लगी जब आपने बताया कि ऑस्ट्रेलिया का एक युवक गार्न मैक जब एक सप्ताह के कोमा से बाहर आया तो चाईनीज़ भाषा बोलने लगा वाकई क़ुदरत की अद्धभुत देन कही जाएगी। जो भी हो अब उसकी यह घटना उसकी आजीविका का स्त्रोत बनेगी....यह बात सुखद लगी । और इससे सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का सुनवाया जाना भी राेचक लगा।

    आगे सादिक भाई ने लिखते हैं.... इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए चीन के शांगहाई शहर की एक माँ बाप द्वारा बेटे को सम्पत्ति से बेदखल करने की अदालत में गुहार लगाने वाली घटना ने हमको अचम्भित किया पर अगर उसके आलस पर गौर किया जाए तो उनका यह कदम 100 फ़ीसदी सही लगा। ऐसी औलाद के साथ यही सुलूक किया जाना चाहिये। इसके बाद लिली जी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट से ज्ञात हुआ कि ज़मीन की क़िल्लत के चलते किस प्रकार शिंगचांग प्रान्त के थिंगथाई शहर के एक स्कूल प्रबन्धक ने स्कूल की छत को ही खेल का मैदान बना दिया जो शायद उस कहावत को सच करता है कि मरता क्या न करता। जो भी हो 1700 छात्रों के स्कूल को स्टेडियम का रूप देना हैरान करने वाला कार्य है जिसके लिये वह बधाई के पात्र हैं ।

    मीनू- आगे सादिक भाई लिखते हैं... जीवन में अपने कर्तव्यों के प्रति हमें कितना गंभीर और सचेत रहना चाहिए है इसका एहसास कराती आलसी किसान की कहानी दिल को छू गई और इसके बाद 10 अहम बातों का बताया जाना बेहद रोचक एवं ज्ञानवर्धक लगा। साथ में सफलता के 7 भेद बताती कमरे के अंदर की चीजें वाली रिपोर्ट की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है और मेरे द्वारा भेजे गये जोक्स भाई सुरेश अग्रवाल जी को अच्छा लगा जानकर खुशी हुई।

    अखिल- सादिक भाई, हमें अपना प्यार देने और कार्यक्रम की सराहना करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। दोस्तों, हमें अगला पत्र मिला हैं केसिंगा, ओडिशा से हम सभी के चहेते भाई और सीआरआई मोनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। भाई सुरेश जी लिखते हैं... साप्ताहिक "सण्डे की मस्ती" के तहत आज भी काफी अज़ब-गज़ब किस्से सुनने को मिले। ऑस्ट्रेलिया के बाइस वर्षीय युबक बैन के कोमा से बाहर निकलते ही फर्राटेदार मैंडरिन बोलना हैरान कर देने वाला लगा। आपने इसी तरह के किस्से इससे पहले भी सामने आने का ज़िक्र किया, इसलिए बेहतर होता कि होने वाले इन हैरतअंगेज़ किस्सों के कारण जानने विशेषज्ञों की राय भी सुनवाते। शांगहाई के एक माता-पिता द्वारा आलसी बेटे को सबक सिखाने अपनी सम्पत्ति से बेदख़ल करने का निर्णय सर्वथा उचित जान पड़ा। चीन में ही ज़मीन की कमी के चलते स्कूली इमारत की छत को ही खेल के मैदान में तब्दील करना आगे की सोच साबित होगी। किसान और नीलकण्ठ वाली कहानी सजगता के साथ हमें अपना कर्तव्य बोध कराती है। जीभ का शरीर की सबसे मज़बूत मांसपेशी होना; नील आर्मस्ट्रॉन्ग द्वारा चन्द्रमा पर अपना दाहिना पैर पहले रखना; बिल गेट्स द्वारा प्रति सैकेण्ड बारह हज़ार रुपये कमाने सहित बतलायी गई दस बातें काफी महत्वपूर्ण लगीं। सफलता के सात राज़ खोलते अपने ही कमरे की कहानी भी काफी प्रेरक लगी। हंसगुल्लों में गाँव में आयी बाढ़ और हेलिकॉप्टर, करेण्ट दूसरे तार में था तथा दारू की बोतलों सहित तीनों जोक्स उम्दा लगे। धन्यवाद।

    मीनू- सुरेश अग्रवाल जी, हमारा कार्यक्रम सरहाने के लिए और बेशकीमती प्रतिक्रिया देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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