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    आप की पसंद 140913
    2014-09-17 14:27:30 cri

    नमस्कार श्रोता मित्रों मैं पंकज श्रीवास्तव आपकी पसंद कार्यक्रम में आप सभी का स्वागत करता हूं। हर सप्ताह की तरह हम आज भी आपको देंगे कुछ रोचक,ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारियां और साथ में सुनवाएँगे आपकी पसंद के कुछ फिल्मी गाने।

    दिनेश:श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपको ढेर सारी दिलचस्प जानकारियां देते हैं साथ ही आपको सुनवाते हैं आपकी पसंद के फिल्मी गीत। आज हम जिस फिल्म का गाना आपको सुनवाने जा रहे हैं उसे हमने लिया है फिल्म हिम्मतवाला से जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गीतकार हैं इंदेवर और संगीत दिया है बप्पी लाहिरी ने गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 1. वाह वाह खेल शुरु हो गया ....

    पंकज : मित्रों इस फड़कते हुए गाने के बाद अब हम शुरु करते हैं आप सभी को हैरतअंगेज़ जानकारी देने का सिलसिला, ये पहली खबर हमारे पास आई है चीन से जहां पर एक लड़के ने 3,000 साल पुरानी कांसे की बनी तलवार खोज निकाली है।

    ये तलवार च्यांग सू प्रांत में एक नदी में मिली है। इस तलवार को खोजने वाले 11 साल के लड़के का नाम यांग च्युंग शी है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, यांग का कहना है कि वो नदी के पानी में हाथ धो रहे थे, तभी उनके हाथ में तलवार का एक सिरा लगा।

    यांग इसके बाद तलवार को निकालकर अपने घर ले गए जहां जल्द ही तलवार लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गई।

    बाद में यांग के परिवार ने तय किया कि तलवार को जांच के लिए अधिकारियों के हवाले कर दिया जाए।

    बेचने की पेशकश

    यांग के पिता जिन्हाई का कहना है, ''कुछ लोगों ने इस तलवार के बदले ऊंची क़ीमत की पेशकश की लेकिन मुझे महसूस हुआ कि इसे बेचना ग़ैर-क़ानूनी होगा।''

    दिनेश: वैसे मेरा भी यही विचार है कि ऐसी वस्तुएं जब भी किसी को मिलें तो वो उसे तुरंत बेचने के बजाय अपने क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों को इसकी सूचना ज़रूर दें और कोशिश करें कि इसके साथ ही वहां से निकलने वाले स्थानीय अखबार, या टीवी चैनलों पर भी इस खबर को प्रकाशित करवा दें, ऐसी खबरें जितनी ज्यादा फैलेंगी लोगों में उतना ही कौतूहल होगा और फिर इसके बारे में जांच शुरु होगी, खैर अब इस समय मेरे हाथ में एक पत्र है जिसे हमें लिख भेजा है कलेर बिहार से आसिफ खान, बेगम निकहत परवीन, सदफ़ आरज़ू, बाबू अरमान आसिफ़, मदरसा रोड कोआथ से हाशिम आज़ाद, दुर्गेश दीवाना, डॉक्टर हेमन्त कुमार, पिंटू यादव और बाबू साजिद ने आप सभी ने सुनना चाहा है बेमिसाल फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 2. ए री पवन ....

    पकंज: मित्रों इस मधुर गीत से पहले हम बात कर रहे थे नदी में मिली एक प्राचीन तलवार की, इस तलवार के बारे में पुरातत्वविदों का कहना है कि 26 सेंटीमीटर लंबी ये तलवार शेंग या झोऊ राजवंशों से संबंधित हो सकती है।

    तलवार के आकार-प्रकार से ये संकेत भी मिलता है कि इसका इस्तेमाल जंग लड़ने में नहीं होता था और शायद अधिकारी इसे प्रतीक के तौर पर रखते थे।

    नदी में प्राचीन तलवार मिलने के बाद अधिकारी अब और खुदाई का मन बना रहे हैं। उन्हें आशा है कि नदी में इस तरह की प्राचीन और भी चीज़ें मिल सकती हैं।

    पंकज: मित्रों इस जानकारी के बाद अब हम चीन से रुख करेंगे भारत के सबसे अधिक राजसी प्रदेश यानी राजस्थान का जहां पर जैसलमेर से क़रीब 12 किलोमीटर दूर रामदेवरा में मध्यकालीन लोक देवता बाबा रामदेव के दर्शन के लिए इन दिनों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।

    सांप्रदायिक सदभाव के प्रतीक माने जाने वाले इस लोक देवता की समाधि के दर्शन के लिए विभिन्न धर्मों को मानने वाले, ख़ास तौर पर आदिवासी श्रद्धालु देश भर से इस सालाना मेले में आते हैं.

    बाबा रामदेव को कृष्ण भगवान का अवतार माना जाता है.

    उनकी अवतरण तिथि भाद्र माह के शुक्ल पक्ष द्वितीय को रामदेवरा मेला शुरू होता है. यह मेला एक महीने से अधिक चलता है.

    वैसे बहुत से श्रद्धालु भाद्र माह की दशमी यानी रामदेव जयंती पर रामदेवरा अवश्य पहुँचना चाहते हैं.

    रामसा पीर

    इस बार 630वें रामदेवरा मेले में भी श्रद्धालु गाते बजाते और ढोल नगाड़ों पर थाप देते हुए बाबा की लंबी ध्वज पताकाएं लिए रामदेवरा की ओर बढ़ते हुए देखे जा सकते हैं.

    जैसलमेर से रामदेवरा तक का पूरा मार्ग भजन "ओ अजमाल जी रा कंवरा, माता मेनादे रा लाल, रानी नेतल रा भरतार, म्हारो हेलो सुणो जी राम पीरजी" से गुंजायमान रहता है।

    दिनेश: इस चर्चा में मुझे भी बहुत आनंद आ रहा है वाकई भारत के प्राचीन इतिहास के बारे में जानना बहुत दिलचस्प है, और अगर ये जानकारी भारतीय संस्कृति से जुड़ी हो तो कहना ही क्या। मैं चाहता हूं कि आप अपनी चर्चा आगे भी जारी रखें लेकिन इस समय मैं अपने श्रोताओं को उनकी पसंद का एक गीत सुनवाना चाहता हूं, जिसके लिये हमें पत्र लिखा है शनिवार पेठ बीड महाराष्ट्र से पोपट कुलथे, हनुमंत कुलथे, समर्थ कुलथे, पी बी कुलथे और पूरा कुलथे परिवार, इसके साथ ही नारेगांव औरंगाबाद से दीपक आडाणे और श्याम आडाणे ने हमें पत्र लिखा है और सुनना चाहा है परवरिश फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफी, किशोर कुमार और शैलेन्द्र सिंह ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी, संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने गीत के बोल हैं ---

    सांग नंबर 3. हम प्रेमी प्रेम करना जाने.....

    पंकज : लम्बी क़तारें

    मेले के दौरान बाबा के मंदिर में दर्शन के लिए चार से पांच किलोमीटर लंबी कतारें लगती हैं और जिला प्रशासन के अलावा विभिन्न स्वयंसेवी संगठन दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए निःस्वार्थ भोजन, पानी और स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं.

    श्रद्धालु पहले जोधपुर में बाबा के गुरु के मसूरिया पहाड़ी स्थित मंदिर में भी दर्शन करना नहीं भूलते. उसके बाद जैसलमेर की ओर कूच करते हैं.

    लोककथाओं के अनुसार बाबा के पिता अजमाल और माता मीनल ने द्वारिका के मंदिर में प्रार्थना कर प्रभु से उन जैसी संतान प्राप्ति की कामना की थी.

    इसीलिए बाबा रामदेव को कृष्ण का अवतार माना जाता है.

    मन्नत

    बहुत से लोग रामदेवरा में मन्नत भी मांगते हैं और मुराद पूरी होने पर कपड़े का घोड़ा बनाकर मंदिर में चढ़ाते हैं.

    कोई छोटा घोड़ा बनता है तो कोई बड़ा.

    पंकज: मित्रों राजस्थान की इस खबर के बाद अब हम आपको यूरोपीय देश स्पेन ले चलते हैं और यहां के एक विशेष रेस्त्रां के बारे में बताते हैं जहां पर खाना परोसते हैं 'भूत-पिशाच' जी हां.... आप डरिये नहीं क्योंकि ये खबर डरावनी नहीं बल्कि दिलचस्प है।

    दिनेश: मैं भी इस रेस्त्रां के बारे में जानना चाहता हूं लेकिन इससे पहले हम एक गाना सुन लें जिससे हमारा मूड भी बन जाएगा और इस रेस्त्रां के बारे में जानने में आनंद भी आएगा। हमें अगला पत्र लिख भेजा है बहादुरगंज, गाज़ीपुर उत्तरप्रदेश से आज़ाद अली अनवर, रिज़वाना परवीन, अब्दुल्लाह आज़ाद ने और अस्तुपुरा मऊनाथ भंजन से हमें पत्र लिखा है मज़हर अली अंसारी, रज़िया बेगम अंसारी, सादिक, साजिद, रासिम और शारिक ने आप सभी ने सुनना चाहा है दूसरा आदमी फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने संगीत दिया है राजेश रौशन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 4. आंखों में काजल है ....

    पंकज : दुनिया में कई अजीबोगरीब रेस्त्रां हैं, जो अपने अनोखेपन के कारण लोगों को बेहद पसंद आते हैं। इनमें से कोई रेस्त्रां पानी के अंदर है तो किसी में वेटर का काम बंदर करते हैं। वहीं, कुछ ऐसे रेस्त्रां भी हैं, जो पेड़ों पर बना दिए गए हैं, जो लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। लेकिन, क्या आपने कभी ऐसे रेस्त्रां के बारे में सुना है जहां पर वेटर का काम भूत करते हैं? शायद नहीं सुना होगा। इस तरह का एक रेस्त्रां स्पेन के बार्सिलोना में है जिसका नाम ला मासिया एंकांटडा।

    बताया जाता है कि 1970 में बने इस रेस्त्रां के मालिकों का मानना था कि यह जगह शापित है। ऐसे में जब यहां पर उन लोगों ने रेस्त्रां बनाने की सोची तो इसका थीम भी भुतहा रखा। इसमें काम करने वाले सारे वेटर भूत-पिशाच के वेष-भूषा में लोगों को खाना परोसते हैं। वहीं, इस हॉंटेड रेस्त्रां में प्रवेश के भी कुछ नियम हैं, जिसके तहत दिल-अस्थमा के मरीजों, गर्भवती महिलाओं, विकलांगों और 14 साल से कम उम्र के बच्चों का प्रवेश वर्जित है।

    दिनेश : हम आगे बढ़ें इससे पहले मैं अपने श्रोताओं को एक और गीत सुनवाता चलूं , जिसके लिये हमें पत्र लिखा है, महेशपुर खेम, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश से तौफ़ीक अहमद सिद्दीकी, अतीक अहमद सिद्दीकी, मोहम्मद दानिश सिद्दीकी और इनके ढेर सारे मित्रों ने फरमाईश की है लैला मजनूं फिल्म के गाने कि जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं साहिर लुधियानवी औऱ गीतकार हैं मदनमोहन और जयदेव गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 5. हुस्न हाजिर है मोहब्बत की सज़ा पाने को...

    पंकज: 17वीं शताब्दी में बनी थी ये बिल्डिंग

    बताया जाता है कि इस बिल्डिंग का निर्माण 17वीं सदी में जोसफ मा रिएस और सुरोका ने करवाया था। इसके आस-पास दो बिल्डिंग थी, जिसको लेकर विवाद हुआ। सिक्का उछालकर विवादों का निपटारा किया गया, जिसमें जोसफ की हार हुई और वह अपना घर भी खाली छोड़कर चला गया। वक़्त के साथ जोसफ वाला घर खंडहर में तब्दील हो गया।

    दिनेश – और अब चलते चलते सुनवाते हैं कार्यक्रम का अंतिम गीत जिसके लिये फरमाईश की है प्रियदर्शनी आकाशवाणी श्रोता संघ के अध्यक्ष संतोष कुमार सोनार, नरेन्द्र दंड गहवल, रविन्द्र सोनार, सन्नी, मुन्ना, बंडूदादा आप सभी ने हमें पत्र लिखा है बहादुरपुर रथ चौक जिला जलगांव महाराष्ट्र से और आपने सुनना चाहा है फिल्म ममता का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफी और सुमन कल्याणपुर ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है रौशन ने, गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 6. रहें ना रहें हम ....

    पंकज: तो मित्रों इस गाने के साथ ही हमें आपकी पसंद कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दें, अगले सप्ताह हम आज के दिन और आज ही के समय पर फिर आपके सामने आएंगे कुछ रोचक, ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारी के साथ और आपको सुनवाएंगे आपकी पसंद के कुछ मधुर फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    दिनेश : नमस्कार।

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