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    टी टाइम 140909 (अनिल और ललिता)
    2014-09-10 10:36:25 cri

    अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ....आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।.......

    दोस्तो वैसे एक सप्ताह में सात दिन होते हैं, लेकिन हमें आपके लिए प्रोग्राम पेश करने का बड़ा इंतजार रहता है। तो क्या कर रहे हैं आप लोग, रेडियो सेट ऑन किया कि नहीं, अगर नहीं तो जल्दी कीजिए। क्योंकि टी-टाइम प्रोग्राम हो चुका है शुरू।

    अनिलः दोस्तो, आपने हाथी के बारे में कहानियां सुनी होंगी और हाथी को देखा भी होगा। क्या कभी सोचा है कि हाथी के साथ जहाज में सफर किया जाय। चलिए हम आपको बताते हैं, पूरी कहानी,

    दरअसल, उत्तरी अफ्रीका के देश चाड में हाथियों के झुंड को मार गिराया गया। इसमें ज़िदा बच गए हाथी के नौ महीने के बच्चे को इलाज के लिए पायलट और नर्स गैरी रॉबर्ट्स अपने 4 सीटों वाले जहाज़ में अपने साथ ले गए। उन्होंने उक्त जगह पर दृश्य देखा, वाकई हाथियों के साथ बुरा बर्ताव किया गया था।

    वैसे वे जहाज पर जिस हाथी को अपने साथ ले गए, उसका वजह 350 पाउंड था। जी हां, हाथी के साथ यात्रा करना गैरी के लिए एक यादगार अनुभव रहा।

    केन्या में जन्मे गैरी रॉबर्ट्स आजकल चाड में रहते हैं, वह पायलट हैं और नर्स भी हैं। पिछले साल मार्च में उत्तरी चाड में एक राष्ट्रीय पार्क के निदेशकों ने गैरी को बताया कि हाथियों के मारे जाने की ख़बरें आ रही हैं।

    इस पर पार्क के निदेशकों ने मुझसे कहा कि क्या मैं जहाज़ उड़ाकर वहां जाकर वास्तविकता का पता लगा सकता हूं। मैंने जो देखा वह बेहद दुखद था। चारों तरफ़ ख़ून बिखरा था। हाथियों की हड्डियां पड़ी थीं। उन्हें हथियारों का इस्तेमाल करके मारा गया था।

    ललिताः गैरी बताते हैं- इस सर्वे के कुछ दिन बाद चाड के वन्य जीव निदेशक ने मुझसे कहा कि हाथियों की हत्या वाले स्थान से ये ख़बरें आ रही हैं कि वहां एक हाथी ज़िंदा बच गया है।

    हालांकि वह कहां है इसका पता लगाना मुश्किल हो रहा था। क्योंकि वो जंगल से किसी गांव की ओर निकल गया था, उसका पता लगाने में चार पांच दिन लग गए।

    जब मुझे वो मिला तो बहुत ग़ुस्से में था क्योंकि वो चार दिन से एक पेड़ से बंधा हुआ था। बच्चे उसे परेशान कर रहे थे। मैं उसकी तरफ़ बढ़ा तो उसने मुझे काटने की कोशिश की और सूंड उठाकर मारना चाहा। क़रीब 30 मिनट की कोशिश के बाद हम उसे कुछ खिला सके और वह शांत हो गया। चुनौती थी इस हाथी के बच्चे को अपने जहाज़ में उड़ा कर ले जाना। जहाज़ छोटा था 4 सीट वाला और हाथी का वज़न 350 पाउंड।

    अनिलः गैरी कहते हैं, उनसे कहा गया था कि हाथी बहुत छोटा है लेकिन यहां ये बच्चा 9 महीने का था। सो थोड़ी चिंता थी. हम उसे दूध की बोतल का लालच देकर जहाज़ तक ले गए फिर उठाकर जहाज़ के अंदर रख दिया। वह बहुत ही मुश्किल से अंदर समा पाया. वो लगभग पूरे जहाज़ में भर गया था।

    नन्हे हाथी ने प्लेन के अंदर गैरी के जहाज़ के कंट्रोल बोर्ड के साथ छेड़छाड़ की, गैरी बताते हैं, उसे कंट्रोल में काफ़ी दिलचस्पी थी. वो अपनी सूंड से मेरे हाथ छू रहा था। बटनों से छेड़छाड़ कर रहा था। मेरा मुंह भी छू रहा था। एक हाथी के साथ जहाज़ उड़ाने का यह अनोखा अनुभव था।

    हालांकि गैरी उसे बचा नहीं सके क्योंकि वो हादसे के आठ दिन बाद मिला था और काफ़ी कमज़ोर था।

    बताते हैं कि वह अपनी मां से दूर था। गले में पड़ी रस्सी से उसे संक्रमण हो गया था। गांव वालों ने उसे गाय का दूध पिलाया लेकिन यह हाथी के बच्चे के लिए हानिकारक होता है। अपने परिवारवालों की हत्या की पीड़ा और इन परेशानियों के चलते उसका बचना संभव नहीं हो सका।

    दोस्तो, है ना वाकई दुखद खबर, जिस तरह आजकल हाथियों को मारा जा रहा है, वह अच्छी बात नहीं है। उन्हें मारकर तस्करी भी की जाती है।

    ललिताः दोस्तो, कई बार लोग बनना कुछ और चाहते हैं, लेकिन हालात और किस्मत उन्हें किसी दूसरी ही जगह ले जाते हैं।

    इन दिनों बॉलीवुड अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा की बहुत चर्चा हो रही है। लीजिए, आप भी जानिए, कि वो क्या कर रही थी, बॉलीवुड में आने से पहले। परिणीति चोपड़ा आजकल बॉलीवुड की सबसे चर्चित अभिनेत्रियों में से एक हैं लेकिन उन्होंने हमेशा इस करियर का सपना नहीं देखा था।

    लंदन में एक कंपनी में काम कर रही परिणीति वहीं बस जाना चाहती थीं लेकिन उन्हें वापस आना पड़ा। बकौल परिणीति, अगर मंदी की वजह से मेरी नौकरी नहीं जाती तो मैं भारत वापस आती ही नहीं। मैं पेशे से बैंकर हूं। इंवेस्टमेंट बैंकिंग में ही करियर बनाना चाहती थी। अभिनय की बात छोड़िए मैं तो वापस ही नहीं आती।

    अनिलः हाल ही में परिणीति "कौन बनेगा करोड़पति" के सातवें संस्करण में गई थीं। जब अमिताभ बच्चन ने उनकी तारीफ़ में गाना गाया तो वो भावुक हो गईं।

    अपनी दूसरी ही फ़िल्म "इशकज़ादे" के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली यह युवा अभिनेत्री कहती हैं, जब कोई निर्देशक मेरे पास रोल लेकर आता है और यह कहता है कि हमारे पास बेहद सशक्त किरदार है जो सिर्फ़ आप निभा सकती हैं तो ये बहुत सुखद अहसास होता है। परिणीति ने सिर्फ़ तीन फ़िल्में की हैं और उनकी चौथी फ़िल्म "दावत-ए-इश्क़" रिलीज़ के लिए तैयार है। इससे पहले वो "इशकज़ादे" के अलावा "लेडीज़ वर्सेस रिकी बहल" और "शुद्ध देसी रोमांस" में दिखी हैं।

    अब आपको बताते हैं, सबसे महंगी टीवी स्टार की कमाई। कोलंबियाई अभिनेत्री सोफिया वेरगारा को लगातार तीसरे साल टीवी की सबसे महंगी अभिनेत्री घोषित किया गया है। फोर्ब्‍स मैगजीन ने सोफिया वेरगारा की कमाई 2.23 अरब रुपए (3.7 करोड़ डॉलर) आंकी है।

    सोफिया अपने शो "मॉडर्न फैमिली" के लिए लगभग दो करोड़ रुपए प्रति एपिसोड लेती हैं। फोर्ब्‍स के मुताबिक 42 वर्षीय वेरगारा टीवी शोज के अलावा बेवरेज, कॉस्‍मेटिक और कपड़ों के ब्रांड समेत कई कंपनियों को एंडोर्स करके भी मोटी कमाई कर रही हैं।

    ललिताः टॉप 10 की लिस्ट में सोफिया वेरगारा के बाद दूसरे पायदान पर मारिस्का हरगिटे हैं, जिनकी कमाई वेरगारा से लगभग तीन गुणा कम 1.3 करोड़ डॉलर आंकी गई है। तीसरे पायदान पर 1.1 करोड़ डॉलर की कमाई के साथ कैली कुको-स्विटिंग हैं।

    अनिलः अब इंटरनेट के बारे में चर्चा.......

    भारत में तेजी से बढ़ते इंटरनेट के इस्तेमाल को देखते हुए अब भारत सरकार वैश्विक स्तर पर अपनी भूमिका बढ़ाने की तैयारी कर रही है। यानी, भारत अब दुनिया के उन प्रमुख देशों में अपने को शामिल करना चाहता है, जो कि इंटरनेट के गवर्नेंस को लेकर अहम फैसले करते हैं।

    यदि ऐसा होता है, तो भारत न केवल इंटरनेट के इस्तेमाल में अपने हितों को दुनिया के मंच पर कहीं अच्छे तरह से रख सकेगा, बल्कि नीतियां बनाने में भी अहम भूमिका निभा सकेगा। इसके लिए भारत ने ग्लोबल इंटरनेट काउंसिल में गोल्ड सदस्य बनने का आवेदन भी कर दिया है।

    डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि भारत में इंटरनेट यूजर की संख्या साल 2020 तक 60 करोड़ हो जाने का अनुमान है। जो कि एक बहुत बड़ी तादाद होगी। ऐसे में यह जरूरी है कि इंटरनेट यूजर्स के लिए बनने वाले नियमों और उनके हितों की देखभाल के लिए भारत की भी भूमिका हो।

    ललिताः इसी को देखते हुए भारत ने ग्लोबल इंटरनेशनल काउंसिल की गोल्ड सदस्यता के लिए आवेदन किया है। अधिकारी के अनुसार भारत न केवल इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले देश के रूप में तेजी से बढ़ रहा है, बल्कि आईटी सेवाओं के लिए भी वैश्विक स्तर पर उसकी अहम पहचान है।

    जिसे देखते हुए इंटरनेट गवर्नेंस में भारत की अहम भूमिका होना बेहद जरूरी है। यदि भारत को सदस्यता मिलती है, तो साख बढ़ने के साथ-साथ पेटेंट नियमों आदि में भी भारत का पक्ष मजबूत होगा।

    ग्लोबल इंटरनेट रिपोर्ट 2014 के अनुसार भारत में पिछले 5 साल में औसतन यूजर ग्रोथ 26.1 फीसदी रही है, जो सबसे तेजी से बढ़ने वाले देशों में से एक है।

    रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इंटरनेट पेनीट्रेशन 15.1 फीसदी तक पहुंच गया है। इसके अलावा मोदी सरकार जिस तरह से गांव-गांव तक ब्रॉडबैंड पहुंचाने की योजना का लक्ष्य लेकर चल रही है, उसे देखते हुए भारत एक बहुत बड़ा बाजार इंटरनेट सेवाएं देने वाली कंपनियों के लिए होगा।

    अनिलः अब चर्चा पर्यावरण को बचाने की करते हैं।

    ब्रिटिश वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर मौजूदा रफ़्तार से ही मांस और डेयरी उत्पादों की खपत होती रही तो ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती के लक्ष्य को हासिल मुमकिन नहीं होगा।

    ये बात "नेचर क्लाइमेट चेंज" में प्रकाशित कैम्ब्रिज और एबरडीन विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन में कही गई है। इस अध्ययन में अनुमान जताया गया है कि साल 2050 तक खाद्य उत्पादन से होने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 80 फ़ीसदी की वृद्धि होगी।

    उनका कहना है कि अगर विकासशील देशों में खेती करने के तौर तरीक़ों को बेहतर बनाएं, तो इसे रोका जा सकता है। लेकिन इसके लिए खाने की बर्बादी और मांस की खपत को कम करना भी ज़रूरी है।

    ललिताः दोस्तो, अब वक्त हो गया है, लिस्नर्स के कमेंट शामिल करने का। सबसे पहला ई-मेल आया है, केसिंगा उड़ीसा से, भेजने वाले हैं, सुरेश अग्रवाल। लिखते हैं कि गत 2 सितंबर को ताज़ा समाचारों में भारतीय समाचारों को तरज़ीह दिया जाना अच्छा लगा। तत्पश्चात पेश साप्ताहिक "टी टाइम" की शुरुआत सुप्रसिद्ध इतिहासकार बिपिन चन्द्रा को श्रद्धांजलि स्वरुप किया जाना भी बहुत अच्छा लगा। टेनिस में रोज़र फेडरर, नडाल, जोकोविच, शारापोवा, ली ना सहित साल के सर्वाधिक आय वाले टॉप-टेन खिलाड़ियों की फॉर्ब्स द्वारा ज़ारी फ़ेहरिस्त से रूबरू कराने के लिये भी आपका हार्दिक धन्यवाद। यह जान कर निराशा हुई कि चीन में विगत पन्द्रह वर्षों से कार्यरत माइक्रोसॉफ्ट एमएसएन मैसेन्जर सेवा को आगामी अक्टूबर से बन्द कर दिया जायेगा। प्रिंस चार्ल्स और लेडी डायना की शादी के केक के टुकड़े की नीलामी 1375 डॉलर में होने की बात आश्चर्यजनक लगी। पता नहीं कि लोग शौक़ के लिये क्या-क्या करते हैं। हां, यह जानकारी काफी उत्साहवर्धक लगी कि टमाटर में पाया जाने वाला लाइकोपेन नामक एण्टीऑक्सिडेंट तत्व पुरुषों को प्रॉस्टेट कैंसर से बचाता है। जोक्स में "जान कैसे निकलती है" तथा "मरीज़ का सपना" शीर्षक जोक काफी उम्दा लगे। कार्यक्रम में पूछे जाने वाले सवाल तो श्रोताओं को उन्हें कार्यक्रम सुनने को बाध्य करते हैं। धन्यवाद एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    अनिलः वही अगला मेल भेजा है, बांकी खुर्द, झालावाड़, राजस्थान से राजेश मेहरा ने। लिखते हैं कि पिछले बार का टी-टाइम प्रोग्राम सुनकर आपको ई-मेल भेज रहा हूं। लिखते हैं कि आपके प्रोग्राम में जानकारी देने और गाने सुनाने का अंदाज लाजवाब है। धन्यवाद।

    अगला ई-मेल हमें आया है, सऊदी अरब से सादिक आजमी का। लिखते हैं कि पिछला प्रोग्राम भी मनोरंजक और ज्ञानवर्धक रहा। इस कार्यक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने से पूर्व मैं भाई सुरेश अग्रवाल जी की बातों का समर्थन करता हूं, सीआरआई के प्रबंधन अधिकारी से मेरी भी विनती है कि कार्यक्रम टी टाईम को और अधिक विख्यात करने हेतु सवाल जवाब सेशन को और प्रभावशाली बनाया जाय। इसके लिए हर बार सही जवाब देने वालों में से एक को विजेता चुना जाए और आकर्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाए ताकि नए श्रोता भी इस ओर आकर्षित हों।

    ललिताः कार्यक्रम के पहले चरण में एक दुखदायी खबर सुनने को मिली। जब आपने बताया गुड़गांव के जाने माने साहित्यकार विपिन चन्द्रा जी अब इस दुनिया में नहीं रहे। यह सही बात है कि लेखन के माध्यम से उन्होंने ने देश के लोगों को साम्प्रदायिकता के खिलाफ खड़े होने का जोश पैदा किया था। उनकी रचनाएं आने वाली पीढ़ी को देश के प्रति नैतिक जिम्मेदारी का एहसास कराती रहेंगी। इसके बाद सर्वाधिक कमाई करने वाले टेनिस खिलाडियों पर रोचक जानकारी प्रदान की गई। जिससे पता चला कि दुनिया में सबसे अधिक कमाई करने का सौभाग्य रोजर फेडरर के नाम रहा। उनका प्रदर्शन इस योग्यता को दर्शाता है और मेरे विचार से यही मुख्य कारण रहा उनकी कमाई का।

    अनिलः वहीं MSN मैसेंजर सेवा बन्द होने संबंधी खबर जानकर आश्चर्य हुआ। सोशल मीडिया के बढ़ते क्रेज़ के दौर में यह फैसला अचम्भित करने वाला है पर माइक्रोसाफ्ट का यह फैसला व्यवसायिक लगता है, जिस पर बहस की गुंजाइश नहीं। हेल्थ केयर में टमाटर के गुणों की आपने पूरी किताब ही खोलकर हमारे समक्ष रख दी। आज से ही हम अनिल जी के मशविरे पर अमल करना शुरू कर देंगे और टमाटर अधिक मात्रा मे खाएंगे। जोक्स में जान खिड़की से निकलने वाला जोक लाजवाब रहा।

    मैं एक जोक भेज रहा हूं।

    छोटा संता जोर-जोर से रोता, सीढि़यों से उतरता नीचे आ रहा था।

    संता की पत्नी-क्या बात है?

    छोटा संता (सिसकियां भरते हुए)- पापा दीवार पर पेंटिंग टांगने के लिए कील टोक रहे थे, तो गलती से उन्होंने हथौड़ा अपने ही अंगूठे पर मार लिया।

    संता की पत्नी (उसे चुप कराते हुए)- बेटा कौन सी घबराने वाली बात है।

    चलो अब बहादुर बच्चों जैसे हंस कर दिखाओ!

    छोटा संता- ऊपर वही तो किया था!

    ललिताः अगला ई-मेल हमें भेजा है, जमशेदपुर झारखंड से एस.बी.शर्मा ने।

    पिछले टी-टाइम प्रोग्राम में वेइतुंग और अनिल जी ने कमाल की जानकारियां पेश की। इतिहासकार विपिन चंद्रा के निधन पर, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष पर कई किताबें लिखीं। वहीं कमाई के मामले में नंबर एक रोजर फेडरर के बारे में जानकर यही कहूंगा कि।

    रोजगार, सोहरत और इज्जत के साथ धनवर्षा भी खूब हो रही है और खेल एक महत्वपूर्ण करियर विकल्प के रूप में उभर कर आया है। अब खेल को अपनाकर प्रतिष्ठित मुकाम हासिल किया जा सकता है। प्रोग्राम में पेश अन्य बातें भी बहुत अच्छी लगी। धन्यवाद।

    अनिलः दोस्तो अब हेल्थ टिप्स की बात करते हैं। लंच बॉक्स का खाना हेल्दी हो। इस बात का ध्यान तो हम अक्सर रखते हैं। लेकिन जिस बॉक्स में हम अपना हेल्दी खाना पैक करते हैं। उस बॉक्स का हेल्दी होना भी तो जरूरी है। खासकर तब, जब आप प्लास्टिक का लंच बॉक्स यूज कर रही हों।

    लंच बॉक्स यानी टिफिन, आज हर घर की जरूरत बन गए हैं। बच्चों का स्कूल हो या पति का ऑफिस, एक सुंदर और टिकाऊ लंच बॉक्स तो हर किसी को चाहिए। लोगों की जरूरत को देखते हुए बाजार में लंच बॉक्स की सैकड़ों वैरायटी उपलब्‍ध हैं।

    एक छोटे से लोकल मार्केट में भी चले जाइए, वहां आपको एक-से-बढ़कर एक लंच बॉक्स नजर आएंगे। हालांकि इसमें से ज्यादातर बॉक्स प्लास्टिक के ही होंगे और स्टील दूसरे नंबर पर।

    ललिताः टिफिन लेते समय सिर्फ रंग और डिजाइन पर ही नजर नहीं रखें, बल्कि टिफिन की क्वालिटी पर भी नजर रखना जरूरी है, तभी आप अपने परिवार के लिए सही लंच बॉक्स खरीद पाएंगी। वैसे बाजार में मिल्टन, एरिस्टो, सेलो, टपरवेयर, जिपलॉक जैसे कई ब्रांडेड और नॉन ब्रांडेड लंच बॉक्स हैं। मगर इनमें से सही और सुविधाजनक लंच बॉक्स कौन-सा है, यह जानना जरूरी है।

    प्लास्टिक के लंच बॉक्स या वाटर बॉटल के तल में आपने भी कुछ निशान देखें होंगे। लेकिन कभी इसके बारे में गहनता से जानने की कोशिश नहीं की होगी। दरअसल, ये निशान लंच बॉक्स की सेहत बताते हैं। अतः लंच बॉक्स की खरीदारी करते समय इन निशानों को जरूर देखें।

    अनिलः ग्लास और फोर्कः यह खाद्य पदार्थों के लिए सुरक्षित है।

    रेडिएशन: यह माइक्रोवेव के लिए सुरक्षित है।

    स्नोफ्लेक का निशान: यह फ्रीजर के लिए सुरक्षित है।

    त्रिकोन के अंदर सात और पीपी लिखा: यह खाने पीने के सामानों के लिए सुरक्षित है। खासकर प्लास्टिक से बने लंच बॉक्स कुछ ज्यादा ही ट्रेंडी हैं। अब जब प्लास्टिक युग है, तो इसके असर से बच पाना मुश्किल है। फिर भी थोड़ी सावधानी बरतकर आप सही लंच बॉक्‍स्‍ा अपने नन्‍हे के लिए तो ले ही सकती हैं।

    अधिकतर लोग बिना फूड ग्रेड मार्क देखे ही फैंसी लंच बॉक्स, पानी की बोतलें, प्लास्टिक के छोटे कंटेनर आदि खरीद लेते हैं। बच्चों को इन्हीं लंच बॉक्‍स में खाना देते हैं, जो सेहत के लिहाज से हानिकारक है।

    इससे इंसान की समझने व याद रखने की शक्ति भी क्षीण हो सकती है। इससे निकलने वाला केमिकल हार्मोन सिस्टम को असंतुलित कर कई बीमारियों का कारण बन सकता है।

    इसका असर बच्चों के नर्वस सिस्टम व ब्रेन डेवलपमेंट पर भी हो सकता है। लर्निंग डिसबिलिटीज, अटेंशन की कमी, ब्रेस्ट कैंसर आदि का कारण भी हो सकता है प्लास्टिक।

    सबसे अच्छा लांच बॉक्स वही है, जो नॉन-टॉक्सिस हो। पीवीसी, बीपीए और लेड फ्री हो। बहुत से मुलायम लंच बॉक्स पीवीसी से बने होते हैं, जिससे नुकसानदेह केमिकल डाइऑक्सिन का रिसाव होता है, इससे दूर रहें।

    अब बारी है, हंसगुल्लों की....तो लीजिए पेश है, आज का पहला हंसगुल्ला.....

    एक बार भगवान ने एक आदमी की मेमरी डिलीट कर दी और उससे पूछा, तुम्हारी बीवी का नाम क्या है?

    आदमी -बीवी का नाम मालती है।

    भगवान - पूरा सिस्टम फॉर्मैट कर दिया लेकिन वायरस अभी भी रह गया है..!

    अब पेश है, दूसरा हंसगुल्ला....

    पत्‍‌नी- देखो! अगर तुम्हारे बाल ऐसे ही गिरते रहे तो मैं तुम्हें छोड़ कर चली जाऊंगी।

    पति यह सुनते ही बाहर की ओर भागा।

    पत्‍‌नी-अरे कहां चले?

    पति- अभी आया। मैं बेवकूफ ऐंटि-हेयर फॉल शैम्पू ले आया था। अभी वापस करके आता हूं।

    अब लीजिए पेश है, आज के प्रोग्राम का अंतिम जोक....

    पापा- बेटा, आज क्या बात है..तुम्हारी मां बहुत चुपचाप बैठी हैं।

    बेटा- पापा, अब और दुखी मत कीजिए, मां मेरी वजह से चुप हैं।

    पापा (खुशी से)-अच्छा!!! ऐसा क्या किया तूने???

    बेटा- मां ने मुझे बाजार से लिपस्टिक लाने भेजा था, मैं फेविस्टिक ले आया।

    हंसने और हंसाने के बाद अब सवाल-जवाब की बारी है। दोस्तो हमने पिछले सप्ताह दो सवाल पूछे थे, पहला सवाल था- हाल में किस इतिहासकार का निधन हुआ, वे कितने वर्ष के थे। सही जवाब है--- बिपिन चन्द्रा और उम्र 86 वर्ष। दूसरा सवाल था- जल्द ही चीन में कौन सा मैसेंजर बंद होने जा रहा है, सही जवाब है--- एमएसएन।

    इन दोनों सवालों का सही जवाब हमें लिखकर भेजा है, झारखंड से एस.बी.शर्मा, सऊदी अरब से सादिक आजमी, उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल, भागलपुर बिहार से हेमंत कुमार और पश्चिम बंगाल से देवाशीष गोप और रविशंकर बसु, राजस्थान से राजेश मेहरा आदि ने।

    आप सभी को बधाई.....आगे भी हमारे सवाल सुनते रहिए। .....

    अनिलः अब आज के सवालों की बारी है। पहला सवाल है.... टेलीविजन जगत में सबसे अधकि कमाई करने वाले स्टार का क्या नाम है, कितनी कमाई करते हैं।

    दूसरा सवाल.... मांस और डेयरी उत्पादों की खपत का असर किस बात पर पड़ सकता है। यह शोध किस देश के वैज्ञानिकों ने किया है।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn.

    अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।

    अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही ...अगले हफ्ते फिर मिलेंगे.....चाय के वक्त......तब तक आप चाय पीते रहिए और सीआरआई के साथ जुड़े रहिए। नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर, चाइ च्यान.....

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