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    पत्थर जंगल का उदय और संरक्षण
    2014-09-09 13:09:36 cri

    जब पर्यटक विविधतापूर्ण चमत्कृत पत्थरों के जंगल पर मोहित हो जाते हैं , तो फिर उन के मन में यह प्रश्न उठता है कि आखिरकार यह अजीब प्राकृतिक दृश्य कैसे पैदा हुआ । आइये , हम इसी सवाल को लेकर दक्षिण पश्चिम चीन स्थित युन्नान प्रांत में पत्थर जंगल से परिचय करें ।

    दक्षिण पश्चिम चीन स्थित युन्नान प्रांत में पत्थर के जगलों की भरमार है। पत्थर जंगल के उदय के बारे में स्थानीय लोगों के बीच यह पौराणिक कहानी प्रचलित है कि चीनी अल्पसंख्यक जातियों में से एक सानी जाति में चिन फन लो गा नामी वीर बाढ़ की रोकथाम के लिये बांध बनाना चाहता था ।एक दिन रात को उस ने पर्वत का स्थानांतरण आदेश और पर्वत भगाने वाला चाबुक चुराकर दक्षिण युन्नान प्रांत के लू ल्यांग जैसे क्षेत्रों के पत्थरों को उत्तर युन्नान के ई ल्यांग क्षेत्र में भगाना शुरू कर दिया । लेकिन जब वह पत्थरों को भगाते-भगाते शह लिन यानी पत्थर जंगल नामक कांऊटी पहुंचा , तो पौ फट गयी, मुर्गों की आवाज ने इस वीर के कारनामे को भंग कर दिया । परिणामस्वरूप बेशुमार पत्थर शह लिन यानी पत्थर जंगल क्षेत्र में रूक गये और उन्होंने विशाल पत्थर जंगल का रूप ले लिया ।

    वास्तव में पत्थर जंगल का उदय करीब तीस करोड़ वर्ष पहले हुआ था । विश्व विरासत विशेषज्ञ प्रोफेसर श्री ल्यांग युंग निंग का विचार है कि पत्थर जंगल का उदय एक भूतत्वीय करिश्मा कहा जा सकता है । उन का कहना है

    आज जहां पत्थर जंगल हैं , वहां 27 करोड़ साल पहले समुद्र था। बाद में भूगोलीय संरचना में बदलाव आने के साथ-साथ समुद्री क्षेत्र ने स्थलीय क्षेत्र का रूप लिया , जबकि समतल क्षेत्र ऊंचे पर्वत में बदल गया । इस पूरी लम्बी प्रक्रिया के दौरान पत्थर जंगल के पत्थर गहरे समुद्र में धीरे-धीरे पैदा हुए हैं, फिर ये पत्थर समुद्र में ज्वलंत ज्वालामुखी में विविधतापूर्ण आकार प्रकार में बदल गये । भूगोलीय संरचना में बदलाव आने से ये अजीबोगरीब पत्थरों ने ऊपर आकर पत्थर जंगल का रूप लिया ।

    संबंधित भूतत्व शास्त्रियों ने चीन के युन्नान प्रांत के पत्थर जंगल क्षेत्रों की सूरत की व्य़ाख्या करते हुए कहा है कि युन्नान क्वेचओ पठार के उदय के साथ-साथ विशेष कार्स्ट की स्थलीय सूरत में भूगोल के परिवर्तन का इतिहास प्रतिबिम्ब होता है । ठीक इसी अहम वैज्ञानिक व विशेष सौंदर्य मूल्यों की वजह से चीन के युन्नान प्रांत का पत्थर जंगल 2004 में युनेस्को ने प्रथम खेप में विश्व भूतत्व पार्कों की सूची में शामिल किया है , साथ ही अभी-अभी समाप्त विश्व विरासत सम्मेलन में उसे विश्व प्राकृतिक विरासत सूची में भी शामिल कर लिया है । देशी-विदेशी पर्यटक युन्नान प्रांत के असाधारण पत्थर जंगल को देख कर चमत्कृत रह जाते हैं । ब्रिटेन से आयी पर्यटक सुश्री सारी आर्चर ने कहा

    यह पत्थर जंगल बहुत अलग ढंग का है , मैं ने ब्रिटेन में कभी नहीं देखा ।

    चीन के युन्नान के पत्थर जंगल पर विश्व का ध्यान केंद्रित होने के साथ-साथ सुश्री सारी आर्चर जैसे पर्यटक यहां आने लगे हैं । 2006 में इस पत्थर जंगल पर्यटन क्षेत्र ने 24 लाख से अधिक देशी विदेशी पर्यटकों का सत्कार किया , औसतन हर रोज करीब बीस हजार पर्यटक यहां आते हैं । अब इतने अधिक पर्यटकों के लिये बढ़िया सुविधाजनक सेवाएं किस तरह उपलब्ध करायी जाएं और पत्थर जंगल का संरक्षण कैसे किया जाये , यह इस पत्थर जंगल पर्यटन क्षेत्र के प्रबंधकों के सामने मौजूद सब से बड़ी चुनौती है । पत्थर जंगल पर्यटन क्षेत्र के प्रबंधन ब्यूरो के प्रधान श्री ली चंग फींग ने कहा

    हमारा पत्थर जंगल अब विश्व प्राकृतिक विरासत और विश्व भूतत्व पार्को में शामिल हो गया है ।इस का तकाजा है कि इस पत्थर जंगल का प्रबंध व संरक्षण भी विश्व स्तर का हो । विश्व स्तर का कोई मापदंड तो नहीं है , पर यह मापदंड निश्चित है-- मानवीय संस्कृति व प्रकृति । मानवीय संस्कृति का मतलब है कि पर्यटकों को सुविधाजनक सेवाएं उपलब्ध करायी जाएं ।

    फरवरी 2004 में पत्थर जंगल प्रथम खेप में विश्व भूतत्व पार्क के बनने के बाद पत्थर जंगल प्रबंधन ब्यूरो ने 20 करोड़ चीनी य्वान की धन राशि लगाकर पत्थर जंगल की आदिम पारिस्थितिकी की बहाली के लिये पर्यावरण का सुधार किया है और खेतों की जगहों पर जंगल उगाये हैं ।इसी बीच पत्थर जंगल क्षेत्र के पर्यटन सन्साधनों का वैज्ञानिक प्रबंध व संरक्षण किया है । वर्तमान में पत्थर जंगल पर्यटन क्षेत्र ने 60 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाली भूमि पर विभिन्न प्रकार के एक लाख 30 हजार पेड़ उगाये हैं ।साथ ही चीनी , अंग्रेजी , फ्रांसीसी , जापानी और कोरियाई इन पांच भाषाओं में 180 गाईड बोर्ड भी लगाये हैं । प्रधान ली चंग फींग ने कहा

    पत्थर जंगल पर्यटन क्षेत्र ने 1985 में पत्थर जंगल रमणीक स्थल की समग्र योजना तैयार करना शुरू कर दिया था। यह समूचे चीन में बहुत कम देखने को मिलता है । 1987 में राज्य परिषद ने विधिवत रूप से पत्थर जंगल रमणीक स्थल की समग्र योजना लागू करने का अनुमोदन किया है । 1991 में शह लिन कांऊटी यानी तत्कालीन लू ल्यांग ई जातीय स्वशासन कांऊटी ने लू ल्यांग ई जातीय स्वशासन कांऊटी के रमणीक स्थल की संरक्षित नियमावली निर्धारित की । राज्य परिषद के अनुमोदन और स्थालीय संरक्षण नियमावली ने हमारे पत्थर जंगल के संरक्षण के लिये मजबूत नीवं डाल दी है ।

    इधर के सालों में पत्थर जंगल रमणीक स्थल ने कुछ विशेषज्ञों को पत्थर जंगल रमणीक स्थल के विकास के लिये आमंत्रित किया है । विश्व विरासत के विशेषज्ञ प्रोफेसर श्री ल्यांग यूंग निंग ने कहा कि पत्थर जंगल रमणीक स्थल का कड़ाई से प्रबंधन किये जाने से अब इस रमणीक स्थल का संरक्षण व योजना और अधिक वैज्ञानिक है ।

    बहुत सी परियोजनाओं के निर्माण से पहले इन परियोजनाओं की बारंबार समीक्षा करना और विशेषज्ञों से परामर्श करना जरूरी है । इधर के सालों में पत्थर जंगल रमणीक स्थल ने शह लिन कांऊटी के विकास के लिये वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में विभिन्न क्षेत्रों के बीस से अधिक विद्वानों को आमंत्रित किया है । जब कोई महत्वपूर्ण फैसला करना होता है , तो इस से पहले अवश्य ही संबंधित कामों पर बारंबार विचार विमर्श किया जाना और संबंधित कार्यसू्ची की कड़ाई से जांच पड़ताल की जानी चहिए , ताकि इस रमणीक स्थल के वैज्ञानिक विकास को सुनिश्चित किया जा सके ।

    इस के अतिरिक्त स्थानीय पर्यावरण विभाग रमणीक स्थल की वायु गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिये नियमित रूप से पत्थर जंगल रमणीक स्थल के जलवायु का पर्यवेक्षण करता है । साथ ही हर वर्ष कर्मचारियों को रमणीक स्थल के आसपास के गांवों में पर्यावरण व सन्साधनों के संरक्षण अभियान चलाने भेजता है , ताकि इस रमणीक स्थल के लोगों में सन्साधनों के संरक्षण की चेतना उन्नत की जा सके ।

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