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    टी टाइम 140819 (अनिल और वेइतुंग)
    2014-08-19 16:27:58 cri

    अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ..चाय की आवाज .........आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।...........................................

    अनिलः दोस्तो वैसे एक सप्ताह में सात दिन होते हैं, लेकिन हमें आपके लिए प्रोग्राम पेश करने का बड़ा इंतजार रहता है। तो क्या कर रहे हैं आप लोग, रेडियो सेट ऑन किया कि नहीं, अगर नहीं तो जल्दी कीजिए। क्योंकि टी-टाइम प्रोग्राम हो चुका है शुरू।

    अनिलः दुनिया में सैर-सपाटा यानी घूमने-फिरने के लिए जाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सोचिए जरा कि दुनिया में ऐसा कौन सा देश है, जहां सबसे अधिक पर्यटक जाते हैं, विदेशी पर्यटक। पिछले वर्ष यूरोपीय देश फ्रांस इस सूची में पहले नंबर पर रहा।

    फ्रांस सरकार द्वारा हाल में जारी सालाना रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2013 में फ्रांस विश्व का सबसे बड़ा पर्यटक गंतव्य देश रहा था। कुल 8 करोड़ 47 लाख विदेशी पर्यटकों ने फ्रांस की यात्रा की। फ्रांस के बाद अमेरिका और स्पेन क्रमशः विश्व में दूसरे और तीसरे पर्यटन गंतव्य देश बने। पिछले वर्ष 6 करोड़ 98 लाख पर्यटकों ने अमेरिका की यात्रा की थी, जबकि 6 करोड़ 7 लाख पर्यटक स्पेन पहुंचे।

    रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2013 में फ्रांस आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या पिछले साल से 2 प्रतिशत अधिक थी। यूरोपीय देशों में फ्रांस की यात्रा करने वाले जर्मन और ब्रितानी पर्यटकों की संख्या सबसे अधिक रही। उत्तरी अमेरिका फ्रांस जाने वाले पर्यटकों का मुख्य स्रोत भी है। पिछले वर्ष फांस जाने वाले एशियाई पर्यटकों में चीनी पर्यटकों की संख्या में तेज वृद्धि देखी गई। आकड़ों के अनुसार वर्ष 2013 में कुल 45 लाख एशियाई पर्यटकों ने फ्रांस का दौरा किया, जो 13 प्रतिशत की रफ़्तार से बढ़ा है। फ्रांस जाने वाले चीनी पर्यटकों की संख्या में 23.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज हुई।

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    पर्यटन के बाद चर्चा करते हैं मोबाइल और इंटरनेट की....

    इंटरनेट वेबसाइट याहू किमो और विश्वविख्यात मार्केट रिसर्च संस्था मिलवार्ड ब्राउन ने हाल ही में मोबाइल इंटरनेट पर विभिन्न देशों औऱ क्षेत्रों के उपभोक्ताओं पर एक संयुक्त सर्वे किया। परिणामों से पता चला है कि विश्व में थाईवान के लोग मोबाइल इंटरनेट पर सबसे अधिक समय खर्च करते हैं। थाईवान के लोग औसतन रोज़ाना मोबाइल इंटरनेट पर लगभग 197 मिनट खर्च करते हैं , जो विश्व के औसत समय से 55 मिनट अधिक है।

    थाईवान के बाद नाईजीरिया और सउदी अरब दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। नाईजीरिया के लोग हर दिन मोबाइल इंटरनेट सर्फिंग में 193 मिनट का समय लगाते हैं, जबकि सउदी अरब के लोग 189 मिनट का खर्च करते हैं।

    विश्लेषकों के विचार में मोबाइल फोन पर थाईवान वासियों का अधिक समय खर्च करने का मुख्य कारण यह है कि थाईवान वासियों का काम करने का समय बहुत ज्यादा है। इससे उनको बाहर जाने और मनोरंजन करने का समय बहुत कम मिलता है। उनको अपने मोबाइल फोन का सहारा लेकर मनोरंजन करना पड़ता है। इसके अलावा थाईवान में दूर संचार की दर बहुत सस्ती है। यह भी मोबाइल इंटरनेट की लोकप्रियता का एक कारण है।

    इस सर्वे से यह भी पता चला है कि फ्रांस के लोग मोबाइल इंटरनेट का सबसे कम इस्तेमाल करते हैं।

    वहीं मोबाइल से जुड़ी दूसरी जानकारी, दोस्तो मोबाइल पुराना होने या खराब होने पर आप क्या करते हैं। या तो किसी को सेकंड हैंड बेच देते हैं या फिर कुछ लोग फेंक भी देते हैं। लेकिन अगर आप भी ऐसा करते हैं तो जरा रुक जाइए।..क्योंकि कहा जाता है कि एक झोला भर पुराने मोबाइल फ़ोन में एक ग्राम तक सोना होता है। विश्व भर में ऐसे पुराने मोबाइल फ़ोन की बहुत बड़ी तादाद है तो फिर हम इनसे कितना सोना निकाल सकते हैं।

    पर्यावरण मामलों के यूरोपीय कमिश्नर जानेज़ पोटोक्निक ने यूरोपीय संघ की बैठक में कहा, "यह कारोबार का मामला है। कचरे में वाकई सोना है। एक टन कचरे से एक ग्राम सोना मिलता है, लेकिन आप इतना ही सोना 41 मोबाइल फ़ोन की रीसाइक्लिंग से भी पा सकते हैं।"

    संघ ने ई-कचरे का संशोधित रीसाइक्लिंग लक्ष्य निर्धारित करने के लिए एक बैठक बुलाई थी।

    जहां ई-कचरे पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट कहती है कि 41 हैंडसेट्स से 1 ग्राम सोना मिल सकता है, वहीं ब्रसेल्स की टेक्नोलॉज़ी कंपनी यूमीकोर की मानें तो आप सिर्फ़ 35 फ़ोन से इतना ही सोना हासिल कर सकते हैं। हर साल खानों से लगभग 2700 टन सोना निकाला जाता है

    यानी एक टन पुराने फ़ोन (बिना बैटरी के) से 300 ग्राम तक सोना मिल सकता है।

    यूरोपीय कमिश्नर के दावे के बावजूद ई-कचरे से सोना निकालने का कारोबार कितना फ़ायदेमंद है, यह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन यूमिकोर का कहना है कि फ़ोन से सोना निकालने का कारोबार मुनाफ़े का सौदा हो सकता है।

    हालाँकि, लंदन के जेन्युइन सॉल्युशंस ग्रुप का कहना है कि इससे थोड़ा बहुत पैसा बन सकता है या बिल्कुल भी नहीं।

    पोटोक्निक मोबाइल फ़ोन रीसाइक्लिंग को 'सर्कुलर इकोनॉमी' के रूप में बढ़ावा देना चाहते हैं और 60 करोड़ टन ई-कचरे को वापस अर्थव्यवस्था के लिए लाभदायक इस्तेमाल में बदलना चाहते हैं।

    अब स्वास्थ्य से जुड़ी खबरों पर नजर डालते हैं।

    संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व में हर वर्ष लगभग 20 प्रतिशत युवा मानसिक समस्या की चपेट में आते हैं। किशोरावस्था से वयस्क जीवन में प्रवेश करने के दौरान मानसिक बीमारी से ग्रस्त होने का खतरा सबसे अधिक रहता है।

    12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया। इस बार का मुख्य विषय है युवा और मानसिक स्वास्थ्य। संयुक्तराष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 14 से 24 वर्ष के उम्र की जनसंख्या विश्व की कुल आबादी का 20 प्रतिशत है। उच्च आमदनी वाले देशों में लगभग 5 प्रतिशत युवा गंभीर मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं। विश्वभर में हर वर्ष लगभग 20 प्रतिशत युवाओं को मानसिक समस्या का सामना करना पड़ता है।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि मानसिक स्वास्थ्य से जुडी समस्याओं में अवसाद , तनाव, ध्यान का अभाव, आत्महत्या जैसी समस्याएं शामिल हैं। चाहे उच्च आय वाले देश हों या निम्न आय वाले देश, मानसिक और क्रियात्मक समस्या युवाओं के स्वास्थ्य सवालों का मुख्य स्रोत है।

    संयुक्तराष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा कि संयुक्तराष्ट्र युवाओं को अकेलेपन और मौन में कैद करने वाला रहस्यपूर्ण पर्दा खोलने की आशा करता है। उन्होंने कहा कि हमें मानसिक समस्याओं से जूझ रहे युवाओं की मदद करना चाहिए, जिसके लिए विभिन्न पक्षों के व्यापक प्रयास की जरूरत है।

    संयुक्तराष्ट्र महासभा ने 1999 में प्रस्ताव पारित कर 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाना निर्धारित किया।

    दोस्तो, हम लोग हर रोज खाने में नमक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन जरूरत से अधिक इस्तेमाल घातक भी हो सकता है।

    अमेरिकी न्यू इंग्लैंड चिकित्सा जरनल के नये अंक में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि जरूरत से ज्यादा नमक खाने से कार्डियो वैस्क्यूलर बीमारी हो सकती है। पूरे विश्व में हर साल 16 लाख 50 हजार से अधिक लोग इस कारण मरते हैं।

    इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 60 से अधिक देशों के नागरिकों के नमक सेवन के आंकड़ों का विश्लेषण किया। इन देशों की जनसंख्या विश्व की कुल आबादी की तीन चौथाई है। विश्लेषण के परिणामों से पता चला है कि वर्ष 2010 में विश्व की प्रतिव्यक्ति औसत नमक सेवन मात्रा 3.95 ग्राम है ,जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ये मात्रा सिर्फ दो ग्राम होनी चाहिये। विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति अलग अलग है। उदाहरण के लिए अफ्रीका के दक्षिणी सहारा क्षेत्र में प्रति व्यक्ति औसतन एक दिन में 2.18 ग्राम नमक का सेवन करता है, जबकि मध्य एशिया में प्रति व्यक्ति औसतन एक दिन में 5.51 ग्राम नमक की खपत है।

    नमक में मुख्य तत्व सोडियम क्लोराइड होता है, जो हमारे शरीर के लिए जरूरी पदार्थ है। लेकिन हद से ज्यादा नमक लेने से उच्च रक्तचाप का खतरा बना रहता है, जिससे हृदय संबंधित बीमारी और लकवे का खतरा बढ़ जाता है। विश्व में हृदय संबंधित बीमारी और लकवे जैसी बीमारी से मौत के दस प्रतिशत मामलों का मुख्य कारण अत्यधिक नमक का सेवन है। उल्लेखनीय बात है कि इन मामलों में 80 प्रतिशत मध्य और निम्न आय वाले देश आते हैं।

    इस रिपोर्ट में विभिन्न देशों की सरकारों से अपील की गयी है कि कम नमक का उपयोग करने के लिये कारगर कदम उठाये जाने चाहिए।

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    अब बारी है लिस्नर्स के कमेंट की।

    सबसे पहले शामिल करते हैं, सुरेश अग्रवाल का ई-मेल.... बहरहाल, ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने साप्ताहिक "टी टाइम" में भी आपके साथ चाय की चुस्कियों का खूब मज़ा लिया। कार्यक्रम का आग़ाज़ चाचा चौधरी और साबू जैसे किरदारों के रचयिता महान कार्टूनिस्ट प्राण को श्रध्दांजलि के साथ किया जाना प्रशंसनीय लगा। हम सब श्रोता भी श्रध्दांजलि में आप सभी के साथ नतमस्तक थे। कार्यक्रम में आगे इन्दौर की एक अध्यापिका संगीता कश्यप का 23 साल तक स्कूल से नदारद रहने के बावज़ूद उन पर कोई कार्रवाई न किया जाना भारतीय अनुशासन व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगाता है। बिना इन्टरनेट के मोबाइल पर 13 इन्टरनेट सेवाएं मुहैया कराने वाले एप्प के बारे में जान कर ख़ुशी हुई। विटामिन-डी हमारी सेहत के लिये कितना महत्वपूर्ण है, यह आज का एपिसोड सुनने के बाद बतलाने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी। हाँ, इसकी कमी से उम्रदराज़ लोगों में पागलपन का ख़तरा अधिक होने की बात कुछ जमी नहीं। हंसगुल्लों में अमरीकी,चीनी और भारतीय पुलिस एवं खरगोश; नर्सरी क्लास और भगवान कहाँ है, के अलावा पापा तो बिलकुल गंजे हैं, जोक काफी अच्छा लगा। सवाल-ज़वाब का दौर और श्रोताओं की प्रतिक्रियाओं को शामिल किया जाना तो कार्यक्रम की शान है। धन्यवाद।

    वहीं पश्चिम बंगाल के रवि शंकर बसु, देवाशीष गोप आदि ने भी मेल भेजा है। लिखते हैं कि हमें टी-टायम प्रोग्राम का इंतजार रहता है। क्योंकि आपके द्वारा पेश किए जाने वाले प्रोग्राम में तमाम जानकारी हासिल होती है। साथ ही प्रोग्राम में पेश हंसगुल्लों का तो कहना ही क्या। कुल मिलाकर एक संपूर्ण कार्ययम होता है। जिसके बारे में हम चर्चा भी करते हैं। पिछले अंक में कार्टूनिस्ट प्राण के निधन के बारे में जानकारी बहुत अहम लगी। साथ ही मुफ्त में इंटरनेट सेवा की जानकारी भी हासिल हुई। आपका धन्यवाद।

    प्रोग्राम में अगला मेल भेजा है, जमशेदपुर झारखंड से एस.बी.शर्मा ने। लिखते हैं कि पिछले टी टाइम की प्रस्तुति बेहतरीन लगी।

    महान कार्टूनिस्ट श्री प्राण को दी गई श्रद्धांजलि एक सच्चे नायक को सीआरआई की तरफ से आखिरी सलाम था। चाचा चौधरी और साबू जैसे किरदारों के रचयिता और महान कार्टूनिस्ट थे। वहीं कार्यक्रम में इन्दौर की एक अध्यापिका का 23 साल तक स्कूल से नदारद रहने के बावज़ूद उन पर कोई कार्रवाई न किया जाना भारत के लिए अच्छी बात नहीं है

    इस तरह की घटनाएं समाज में भ्रष्टाचार को बढ़ाती है और इस प्रवृति के लोगों का मनोबल बढ़ता है। इस तरह की बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। वहीं फेसबुक द्वारा बिना इन्टरनेट के मोबाइल पर इन्टरनेट सेवा मुहैया कराने वाले एप के बारे में जानकर बहुत ख़ुशी हुई। आपने विटामिन-डी के महत्व को श्रोताओ को विस्तार से बतलाया इसके लिए आपका। धन्यवाद। शहरीकरण और फ़्लैट की बढ़ते चलन आज विटामिन डी को हासिल करने में रोड़ा अटका रहे है।

    लिस्नर्स के कमेंट के बाद, बारी है हंसगुल्लों की।

    पहला जोक है.... एक बार एक किसान के खलिहान से धान की चोरी हो गई।

    लोगों ने कहा - रिपोर्ट क्यों नहीं करते ?

    किसान ( बोला ) - पुलिस आएगी। मैं अपना गेहूं भी गवांना नहीं चाहता।

    हंसने की आवाज....

    रात का समय था, सुनसान सड़क पर शर्मा जी अकेले चले आ रहे थे। अचानक सामने से दो व्यक्ति शर्मा जी के आगे आ गए। उनमें से एक आदमी बोला, श्रीमान क्या आपके पास एक रुपये का सिक्का है? शर्मा जी पहले तो घबरा गए फिर अपने-आप को संभालते हुए बोले, हां, हां, बिलकुल है लेकिन आप एक रुपए के सिक्के का क्या करेंगे? आदमी, जी! हम बस सिक्का उछालकर अपना एक छोटा सा विवाद निपटाना चाहते हैं। शर्मा जी (थोड़ा उत्साहित होकर) ऐसा कौन सा विवाद है जो बातचीत से हल नहीं हो रहा और सिक्का उछाल कर हल हो जाएगा। आदमी, बात यह है कि आपके पैसे तो हम आपस में बराबर बांट लेंगे बस यह फैसला नहीं कर पा रहे कि आपकी घड़ी कौन रखेगा!

    ....हंसने की आवाज...

    तीसरा जोक....

    संता- मेरे दादा ने 1857 की जंग में दुश्मनों की टांगें काट दी थीं।

    बंता- गर्दनें क्यों नहीं काटीं?

    संता- वे पहले ही कट चुकी थीं।

    .....हंसने की आवाज....

    .....

    हंसने और हंसाने के बाद अब सवाल-जवाब की बारी है। दोस्तो हमने पिछले सप्ताह दो सवाल पूछे थे, पहला सवाल था – हाल में भारत के किस प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट का निधन हुआ----सही जवाब है प्राण कुमार शर्मा, उन्होंने चाचा चौधरी और साबू के कार्टूनों से बहुत लोकप्रियता हासिल की।

    दूसरा सवाल था- किस कंपनी ने ऐसा एप लांच किया है, जो मुफ्त में इंटरनेट सेवा दे सकता है....सही जवाब है....फ़ेसबुक ने।

    इन दोनों सवालों का सही जवाब हमें लिखकर भेजा है,

    झारखंड से एस.बी.शर्मा, सऊदी अरब से सादिक आजमी, उड़ीसा से सुरेश अग्रवा, भागलपुर बिहार से हेमंत कुमार और पश्चिम बंगाल से देवाशीष गोप और रविशंकर बसु आदि ने।

    आप सभी को बधाई---- तालियों की आवाज.....आगे भी हमारे सवाल सुनते रहिए। .....

    ....म्यूजिक.....छोटा सा..

    अनिलःअब आज के सवालों की बारी है,

    पहला सवाल है----साल 2013 में किस देश में सबसे अधिक पर्यटक पहुंचे, उनकी संख्या कितनी थी।

    दूसरा सवाल है---- अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस कब मनाया जाता है।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn.

    ...... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें। ........म्यूजिक........

    अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही ...अगले हफ्ते फिर मिलेंगे.....चाय के वक्त......तब तक आप चाय पीते रहिए और सीआरआई के साथ जुड़े रहिए। नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर,चाइ च्यान.....

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