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    आप की पसंद 140705
    2014-07-17 15:47:24 cri

    आपकी पसंद 05-07-2014

    नमस्कार श्रोता मित्रों मैं पंकज श्रीवास्तव आपकी पसंद कार्यक्रम में आप सभी का स्वागत करता हूं। हर सप्ताह की तरह हम आज भी आपको देंगे कुछ रोचक,ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारियां और साथ में सुनवाएँगे आपकी पसंद के कुछ फिल्मी गाने।

    अंजली:श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपको ढेर सारी दिलचस्प जानकारियां देते हैं साथ ही आपको सुनवाते हैं आपकी पसंद के फिल्मी गीत। आज हम जिस फिल्म का गाना आपको सुनवाने जा रहे हैं उसे हमने लिया है फिल्म .... जब वी मेट से इसे गाया है सोनू निगम और जावेद अली ने संगीत दिया है प्रीतम चक्रवर्ती और संदेश शांडिल्य ने और गीत के बोल हैं ---

    सांग नंबर 1. नगाड़ा नगाड़ा ....

    पंकज:मित्रों आज हम आपको बताएंगे कि कैसे लगातार बैठे रहना भी सिगरेट पीने जैसा ही खतरनाक साबित हो सकता है, इसके बारे में ये खुलासा एक शोध के बाद सामने आया है।

    आज की लाइफस्टाइल में हमारे बैठे रहने की अवधि बढ़ गई है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। इसलिए बेहतर है कि हम लगातार बैठने के बजाय खड़े होकर टहलें भी।

    क्या है खतरा

    आपकी चेयर ही आपकी दुश्मन साबित हो सकती है, क्योंकि अब रिसर्चर सिटिंग या बैठे रहने को न्यू स्मोकिंग बता रहे हैं। अधिक बैठे रहना बेहद खतरनाक है, उतना ही या उससे भी ज्यादा, जितना धूम्रपान। तब भी जब आप रोज सुबह दौडऩे जाते हों या रेगुलर जिम जाते हों।

    अगर आप दिनभर अधिकांश समय सोफे पर बैठे रहते हैं, लगातार ऑफिस चेयर पर बैठे रहते हैं या फिर गाड़ी से ही घूमने जाते हैं तो आपके लिए डायबिटीज, हार्ट डिसीज, कई तरह के कैंसर और अर्ली डेथ का खतरा बढ़ जाता है। यह बात कई रिसर्च में साबित हो चुकी है।

    क्यों है खतरा

    - अमेरिकन कैंसर सोसायटी ने 2010 में 14 साल चली एक रिसर्च में कहा था कि जो पुरुष और महिला रोजाना 6 घंटे या इससे अधिक बैठे रहते हैं, उनमें पुरुषों में 20 फीसदी और महिलाओं में 40 फीसदी मौत का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि यह साफ नहीं था कि महिलाओं के लिए ये खतरा ज्यादा क्यों है?

    - इसी तरह एक अन्य अध्ययन में क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी की टीम ने कहा कि एक घंटा लगातार बैठ कर टीवी देखना 25 वर्ष के ऊपर के लोगों की एवरेज लाइफ एक्सपेंटेंसी में 22 मिनट कम करता है। दूसरे शब्दों में यदि कोई व्यक्ति रोजाना 6 घंटे टीवी देखता है तो उसकी टीवी नहीं देखने वाले शख्स की तुलना में औसतन पांच साल उम्र घट जाती है।

    - पिछले वर्ष लीसेस्टर यूनिवर्सिटी ने अपने एक संयुक्त अध्ययन में कहा कि जो लोग नियमित एक्सरसाइज भी करते हैं, लेकिन यदि वे बाकी बचे समय में बैठे रहते हैं तो ये खतरनाक है। इस स्टडी में 18 ऐसी ही स्टडी का एनालिसिस तैयार किया गया था।

    - अंजली: इस बारे में हम बातें करेंगे लेकिन सबसे पहले हम अपने श्रोताओं के पत्र उठाते हैं और उन्हें उनकी पसंद के गाना भी सुनवाते चलें। हमारे पहले श्रोता हैं विश्व रेडियो लिस्नर्स क्लब, चौक रोड कोआथ, रोहतास बिहार से सुनील केसरी जो इस रेडियो क्लब के अध्यक्ष हैं और इनके साथ इनके ढेर सारे मित्रों ने भी हमसे गाना सुनवाने की फरमाईश की है, दिल्ली छै से जिसे गाया है मोहित चौहान ने, संगीत दिया है ए आर रहमान ने गीतकार हैं प्रसून जोशी और गीत के बोल हैं ----

    - सांग नंबर 2. मसक कली ...

    पंकज: ऐसे नुकसान करता है बैठना

    जो सिटिंग जॉब्स करते हैं, उन्हें स्टैंडिंग जॉब्स करने वालों की तुलना में कार्डियोवेस्कुलर डिसीज होने का खतरा दोगुना होता है।

    - पैरों की मसल्स में इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी होना बंद हो जाती है।

    - कैलोरी बर्निंग रेट प्रति मिनट एक से भी कम हो जाती है।

    - फैट को ब्रेक डाउन करने वाले एंजाइम्स 90 फीसदी तक कम हो जाते हैं।

    - यह स्थिति दो घंटे तक बनी रहती है तो गुड कोलेस्ट्रॉल 20 फीसदी नीचे आ जाता है।

    - यदि ऐसी स्थिति 24 घंटे तक बनी रहती है तो इंसुलिन का असर 24 फीसदी तक कम हो जाता है और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।

    ये खतरे हैं सिटिंग में

    - ओबेसिटी मतलब मोटापा

    - डिप्रेशन या अवसाद

    - एंगजाइटी या घबराहट

    - कार्डियोवेस्कुलर डिसीज हृदय संबंधी विकार

    - डायबिटीज यानी मधुमेह

    - हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप

    - कैंसर

    - स्ट्रोक या पक्षाघात

    कैसे बदला समय

    वर्ष 1970 से लेकर 2000 तक एक्सरसाइज रेट जैसे का तैसा बना रहा है, जबकि हमारे सिटिंग टाइम में 8 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इस दौरान मोटापा दोगुनी तेजी से बढ़ा है। पहले हाई एक्टिविटी जॉब्स होती थीं, लेकिन अब कम्प्यूटर और स्मार्टफोन के जमाने में लाइट एक्टिविटी जॉब्स ज्यादा बढ़ गई हैं। अमेरिका जैसे देशों में स्थिति और भी बदतर है।

    अंजली:ये जानकारी तो वाकई बहुत काम की थी इसे सुनने के बाद लगता है कि हमें अपने शरीर से जितना हो सके उतना काम लेना चाहिये तभी ये शरीर चुस्त दुरुस्त रहेगा। हमारे बड़े बुज़ुर्ग भी कह गए हैं कि आलस्य से उम्र छोटी होती है। यानी स्वावलंबन ही अच्छी सेहत और लंबी उम्र का राज है। खैर अब मैं उठाने जा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है नरेन्द्र मोहन गुप्ता और इनके सभी परिजनों ने 333 पंजाबी मोहल्ला, हनुमान गढ़, राजस्थान से आप सभी ने सुनना चाहा है लव आजकल फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहित चौहान ने संगीतकार हैं प्रीतम चक्रवर्ती और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 3. दूरियां....

    पंकज: मित्रों गर्मी के दिन हैं अब तो बच्चों के स्कूल भी खुल चुके हैं, लेकिन फिर भी आप में से जो लोग उत्तर भारत की गर्मी से परेशान हैं वो सभी लोग उत्तर में पहाड़ी स्थानों का रुख करते हैं, कोई जम्मू कश्मीर जाना पसंद करता है तो कोई हिमाचल और उत्तराखंड की सैर पर जाता है, हममें से कुछ लोग पड़ोसी देश नेपाल की यात्रा पर भी निकल पड़ते हैं, इसके अलावा कुछ लोग दक्षिण भारत के पहाड़ी स्थानों पर जाना पसंद करते हैं इन्ही में से एक है मुन्नार।

    मुन्नार एक बेहद खूबसूरत और लोकप्रिय हिल स्टेशन है। केरल के इडुक्की जिले में स्थित यह जगह तमिलनाडु को छूती है। मुन्नार तीन पहाड़ों से गुजरती तीन नदियों मुद्रापुझा, नल्लाथानी और कुंडला के बीच 1600 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है। यहां की खूबसूरती सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

    कभी यह स्थान अंग्रेजों का ग्रीष्मकालीन निवास हुआ करता था। ब्रिटिश सरकार ने अपने शासनकाल में इस जगह को तलाशा था। यह चाय के खूबसूरत बागानों के लिए मशहूर है। दक्षिण भारत की अधिकतर जायकेदार चाय इन्हीं बागानों से आती हैं।

    दक्षिण में मानसून खत्म होने के बाद यहां घूमने का समय सबसे बेहतर माना जाता है। सितंबर से मई तक आप कभी भी यहां जा सकते हैं। वैसे तो यहां का मौसम लगभग पूरे साल सुहावना रहता है, लेकिन इस समय जाना काफी अच्छा होगा।

    अंजली: गर्मियों के दिनों में ठंडी और पहाड़ी जगह के बारे में सुनते ही मन खुशियों से भर जाता है, क्योंकि पहाड़ों पर हरियाली होती है, बड़े बड़े जंगल होते हैं, नदियां होती हैं, पहाड़ों की ऊंचाई से बहते झरने को देखना कितना अच्छा लगता है इसे शब्दों में नहीं समेटा जा सकता है, और वहां पर पड़ने वाली हल्की हल्की ठंड जिसके लिये मन तरस जाता है, मेरा तो मन करता है कि मैं पहाड़ी जगह पर जाकर बस जाऊं। खैर अब हम उठाने जा रहे हैं आज का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है कलेर बिहार से आसिफ खान, बेगम निकहत परवीन, सदफ़ आरज़ू, बाबू अरमान आसिफ़, मदरसा रोड कोआथ से हाशिम आज़ाद, दुर्गेश दीवाना, डॉक्टर हेमन्त कुमार, पिन्टु यादव औऱ बाबू साजिद आप सभी ने सुनना चाहा है लफंगे परिन्दे फिल्म का गाना सुनना चाहा है जिसे गाया है मोहित चौहान ने गीतकार हैं स्वानंद किरकिरे और गीतकार हैं आर आनंद गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 4. लफंगे परिन्दे ....

    पंकज: कहां ठहरें : मुन्नार में एक से बढ़कर एक टूरिस्ट रिजॉर्ट और होटल हैं। यहां आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार होटल, ट्री हाउस या हाउस बोट में से किसी को चुन सकते हैं। यहां सस्ते होटल मुन्नार शहर के आसपास और महंगे होटल और रिजॉर्ट शहर से दूर और बागानों के बीच में मिलेंगे। अगर आप प्रकृति को करीब से देखना चाहते हैं, तो होमस्‍टेस की सुविधा भी उपलब्‍ध है।

    चलिए आज हम आपको यहां की खूबसूरत जगहों के बारे में बताते हैं।

    अनामुड़ी शिखर...

    यहां पर स्थित अनामुड़ी शिखर इरविकुलम राष्ट्रीय उद्यान के अंदर है। यह दक्षिण भारत का सबसे ऊंचा पर्वत है। इसकी ऊंचाई लगभग 2700 मीटर है। इस पर्वत पर अपनी मर्जी से नहीं चढ़ा जा सकता। यहां चढ़ने के लिए पहले इरविकुलम स्थित वन और वन्यजीवन प्राधिकरण से अनुमति लेनी पड़ती है। यह इलाका अपनी प्राकृतिक संपदा के लिए मशहूर है।

    स्टोरेज मेसनरी बांध और खूबसूरत झील के लिए मशहूर है माट्टुपेट्टी

    माट्टुपेट्टी भी एक खास जगह है, जो मुन्नार से 13 किमी. दूर स्थित है। यह समुद्र तल से लगभग 1700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। माट्टुपेट्टी अपने स्टोरेज मेसनरी बांध और खूबसूरत झील के लिए मशहूर है। यहां पर सैलानी बोट राइडिंग, आसपास के पहाड़ों और प्राकृतिक दृश्यों का मजा लेते हैं। माट्टुपेट्टी को डेयरी फार्म के लिए भी जाना जाता है। यह डेयरी इंडो-स्विस लाइवस्टॉक परियोजना द्वारा संचालित की जाती है। इस डेयरी में ज्यादा दूध देने वाली अलग-अलग नस्लों की गाय देखी जा सकती हैं। इसके अलावा यहां पर हरे-भरे औऱ खूबसूरत चाय के बागान और ऊंचे-नीचे घास के मैदान भी हैं। यहां पर सैलानी ट्रैकिंग का मजा भी उठा सकते हैं।

    इरविकुलम राष्ट्रीय पार्क में पशु-पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियां देखने को मिलती हैं

    मुन्नार के पास इरविकुलम राष्ट्रीय उद्यान प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यह मुन्नार से लगभग 15 किलोमीटर दूर और 97 स्क्वॉयर किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह पार्क लुप्त होते प्राणियों, जैसे नीलगिरी टार के लिए जाना जाता है। यहां तितलियों, जानवरों और पक्षियों की अनेक दुर्लभ प्रजातियों का घर है। यह जगह ट्रैकिंग के लिए भी बेहद खास है। इस पार्क से चाय के बागान और धुंध से लिपटे हुए घुमावदार पर्वतों का सुंदर नजारा दिखाई देता है।

    चाय संग्रहालय में चाय उत्पादन की शुरुआत से जुड़ी कई निशानियां हैं

    अंजली:चाय के बारे में सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा ... मैं खुद चीन में मिलने वाली हरी चाय और दूसरे तरह की चाय पीता हूं, लेकिन भारत में सिर्फ काली चाय मिलती है जिसमें भारतीय लोग दूध मिलाकर पीते हैं, हम चीनी लोग विभिन्न तरह की हरी चाय ही पीते हैं जिसमें हम ना तो चीनी डालते हैं और ना ही दूध, इससे हमें चाय का असली स्वाद तो मिलता ही है साथ ही हरी चाय में एंटी ऑक्सीडेंट भी प्रचुर मात्रा में मिलते हैं जो हमें तरो ताज़ा रखने में मदद करते हैं, इससे हमारा मस्तिष्क भी चौकस रहता है, सुस्ती नहीं आती है इसलिये हम हमेशा हरी चाय ही पीते हैं। खैर आगे बढ़ने से पहले मैं अपने श्रोताओं को कार्यक्रम का अगला गाना भी सुनवा देता हूं। इसके लिये हमें पत्र लिखा है मोजाहिदपुर, पूरबटोला, भागलपुर, बिहार से मोहम्मद कालिद अंसारी, मोहम्मद ताहिर अंसारी, कादिर, मुन्ना खान मुन्ना, नुरुलहोदा, शब्बीर ज़फ़र, एम के नाज़ इसके साथ ही नवगछिया मुमताज मोहल्ला से ज़फ़र अंसारी, शौकत अंसारी और मास्तर अतहर अंसारी ने पत्र लिखा है आप सभी ने सुनना चाहा है दस तोला फिल्म का गाना जिसे गाया है सोनू निगम ने, संगीत दिया है संदेश शांडिल्य ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 5. तुमसे क्या कहना ....

    पकंज: यह संग्रहालय टाटा टी द्वारा संचालित है। इस संग्रहालय में सन् 1880 में मुन्नार में चाय उत्पादन की शुरुआत से जुड़ी निशानियां रखी गई हैं, जिनमें दुर्लभ कलाकृतियां, चित्र और मशीनें शामिल हैं। ये निशानियां मुन्नार के चाय बागानों की उत्पत्ति और विकास के बारे में बताती हैं। यहां कई ऐतिहासिक तस्वीरें भी लगी हुई हैं। इसके पास ही स्थित टी प्रोसेसिंग इकाई में चाय बनने की पूरी प्रक्रिया को करीब से देखा औऱ समझा जा सकता है।

    टॉप स्टेशन से तमिलनाडु का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है

    यह मुन्नार से लगभग 32 किमी दूर स्थित है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 1700 मीटर है। मुन्नार-कोडैकनाल सड़क पर स्थित यह सबसे ऊंचा स्थान है। पर्यटक टॉप स्टेशन पर आकर खूब मजे करते हैं। यहां से पड़ोसी राज्य तमिलनाडु का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है। मुन्नार में नीलकुरिंजी के खिलते हुए फूलों को देखकर सैलानियों का चेहरा खिल उठता है।

    केरल का पहला हाइड्रो-इलेक्ट्रिक परियोजना स्थल है पल्लिवासल

    पल्लिवासल मुन्नार के चितिरपुरम से लगभग 13 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह केरल का पहला हाइड्रो-इलेक्ट्रिक परियोजना स्थल है। यह जगह प्राकृतिक सुषमा से भरपूर है। यहां पर्यटक पिकनिक मनाने के लिए आते हैं।

    चिन्नकनाल में खड़ी चट्टान से झरना गिरता है

    चिन्नकनाल मुन्नार शहर के नजदीक ही है। इसे पावर हाउस वाटरफॉल भी कहा जाता है। यहां झरना खड़ी चट्टान पर समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। यह जगह पश्चिमी घाट की पर्वत-श्रेणियों के प्राकृतिक दृश्यों से समृद्ध है।

    अंजली: और अब वक्त हो चला है हमारे अगले श्रोता को उनकी फरमाईश का गाना सुनवाने का, जिनका पत्र हमारे पास आया है बहादुरगंज, गाज़ीपुर उत्तरप्रदेश से आज़ाद अली अनवर, रिज़वाना परवीन, अब्दुल्लाह आज़ाद और अस्तुपुरा मऊनाथ भंजन से मज़हर अली अंसारी, रज़िया बेगम अंसारी, सादिक, साजिद, सारिम और शारिक ने आप सभी ने सुनना चाहा है बदमाश कंपनी फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहित चौहान, मास्टर सलीम औऱ मोनाली ठाकुर ने संगीत दिया है प्रीतम ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 6. जिंगल जिंगल ....

    पंकज: तो मित्रों इस गाने के साथ ही हमें आपकी पसंद कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दें, अगले सप्ताह हम आज के दिन और आज ही के समय पर फिर आपके सामने आएंगे कुछ रोचक, ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारी के साथ और आपको सुनवाएंगे आपकी पसंद के कुछ मधुर फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली: नमस्कार।

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