sundaykimasti140622
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हैलो दोस्तों... नमस्कार...नीहाओ...। स्वागत है आपका इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर।
आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की..... इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं हंसने गुदगुदाने की डबल डोज,जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड गानों का भी।
दोस्तों, आज कार्यक्रम को होस्ट करने में मेरा साथ दे रही है लिली जी...।
लिली- हैलो दोस्तों, आप सभी को लिली का प्यार भरा नमस्कार.....।
अखिल- दोस्तों, अब हम शुरू करते हैं आपके लेटर्स और कमेंट्स पढ़ने का सिलसिला। हमें भागलपूर, बिहार से डॉ. हेमन्त कुमार जी ने पत्र भेजा हैं जिसमें लिखा है.... नी हाव! खुशी के साथ सूचित करना चाहता हूं कि 15 जून को अखिल जी तथा मीनू जी द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम संडे की मस्ती में श्रोताओं की प्रतिक्रिया पढ़ने के बाद एक व्यक्ति द्वारा गूगल की मदद से अपने खोए हुए सामान को खोजने में सफलता की कहानी और तकनीकी का सहारा लेकर कई उलझनों का समाधान किया जाना संबंधी जानकारी, सोशल मीडिया का महत्व, दुनिया की सबसे खर्चीली बच्ची और चीनी सोशल मीडिया में चर्चित कहानी पर दी गई जानकारी दिलचस्प और सूचनाप्रद लगी। इसके अलावा कार्यक्रम के बीच बीच में कई मजेदार चुटकुले और हिंदी गानों ने कार्यक्रम की सुन्दरता में चार चांद लगा दिये। बेहतर प्रस्तुति के लिए अखिल जी और मीनू जी को हार्दिक धन्यवाद।
अखिल- अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद डॉ. हेमन्त कुमार जी। दोस्तों, हेमन्त कुमार जी ने हमें कुछ लाइने लिखकर भेजी हैं....
"जिंदगी फूल सी मुस्काराती रहें, हर खुशी आपके दामन में जगमगाती रहें,
खुदा से दुआ है बस इतनी की... कभी-कभी आपको हमारी याद आती रहें....।।
लिली- अगला पत्र आया हैं सउदी अरब से सादिक आजमी जी का। सादिक जी लिखते हैं....
हमेशा की तरह इस रविवार दिनांक 15 जून को भी रेडियो के पास बैठना सार्थक हुआ...जब अखिल जी मौज-मस्ती का विशेष पिटारा यानी सण्डे की मस्ती लेकर मीनू जी के साथ हमारे समक्ष उपस्थित हुए और शुरूआत हमारे उत्साहवर्धन से हुई, जब अत्यन्त प्रेम भरे स्वर मे हमारी प्रतिक्रियाओं को कार्यक्रम मे शामिल किया गया। आजके पूरे कार्यक्रम पर नज़र डाली जाए तो आभास होता है कि आज अखिल जी पूर्णरूप से रोमांटिक मूड मे थे। हंसगुल्लों और हास्य कविताओं की ऐसी आँधी चलाई कि हमारे सिर से टेन्शन और शरीर से थकावट ही उड़ गई और हंस-हंस के बुरा हाल हो गया। हँसी के ठहाकों के बीच मीनू जी ने दिल को छू लेने वाली कहानी सुनाई। मैं सतप्रतिशत उनकी कहानी से सहमत हूं कि असली प्यार हमारे नज़रों के सामने होता है और हम उसके महत्व को समझने मे असमर्थ रहते हैं।