《खांगतिंग प्रेम गीत》और《पेइचिंग के स्वर्णिम पर्वत पर》जैसे तिब्बती गीत लम्बे समय में न सिर्फ़ तिब्बती लोगों में, बल्कि भीतरी इलाके के दूसरी जातियों के चीनियों की जुबान पर रहे। तिब्बती कलाकारों के साथ दर्शक भी गीत गाते रहे थे। कानची प्रिफैक्चर में पाथांग कांउटी में लोकप्रिय श्यानची धुन प्रस्तुत करते वक्त दर्शक संगीत दल के सदस्यों के साथ तालियां बजाते हुए खूब मज़ा लेते दिखे। तिब्बती गायकों-गायिकाओं की मीठी आवाज़ और नृतकों की सुन्दर प्रस्तुतियों में दर्शकों को कानची की रीति रिवाज़ और संस्कृति की झलक मिली।
बताया जाता है कि मौजूदा"कानची तिब्बती संगीत मशहूर विश्वविद्यालयों में प्रवेश"नामक गतिविधि"पवित्र कानची पेइचिंग में प्रवेश"सांस्कृतिक पर्यटन सप्ताह की गतिविधियों में से एक है। तिब्बती कलाकारों ने चीनी संगीत कॉलेज, चीनी केंद्रीय जातीय विश्वविद्यालय, थ्येनचिन सैन्य पुलिस कमान कॉलेज और छिंगह्वा विश्वविद्यालय में चार कार्यक्रम पेश किए। मौजूदा कार्यक्रम की महानिदेशक यांग यिंग ने कहा कि संगीत और नृत्य के प्रति जातियों में कोई सीमा नहीं होती। उन्हें आशा है कि तिब्बती कलाकारों की प्रस्तुतियों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोग कानची की समझ लेंगे। इसके साथ ही वे कानची क्षेत्र के खांगपा संस्कृति और अखिल तिब्बती जाति की संस्कृति की अधिक जानकारी हासिल कर सकेंगे। यांग यिंग ने कहा:"हमने अपनी जाति के लोकगीत और बेहतर लोक संस्कृति को पेइचिंग लाए। आशा है कि अधिक से अधिक लोग कानची प्रिफैक्चर में तिब्बती जाति के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। मौजूदा गतिविधि में हम ने मात्र संगीत, गीत, लोक वाद्ययंत्र जैसे क्षेत्रों में प्रस्तुतियां पेश कीं। भविष्य में मैं अधिक नाच गान प्रोग्राम पेइचिंग वासियों तक पहुंचाऊंगी। उम्मीद है कि दूसरे लोग हमारे कानची प्रिफैक्चर की जाति, लोक संस्कृति से रूबरू होने के साथ-साथ वहां की तिब्बती जाति के सुखमय जीवन को महसूस कर सकेंगे।"