Web  hindi.cri.cn
    आप की पसंद 140531
    2014-06-05 16:44:01 cri

    नमस्कार श्रोता मित्रों मैं पंकज श्रीवास्तव आपकी पसंद कार्यक्रम में आप सभी का स्वागत करता हूं। हर सप्ताह की तरह हम आज भी आपको देंगे कुछ रोचक,ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारियां और साथ में सुनवाएँगे आपकी पसंद के कुछ फिल्मी गाने।

    अंजली:श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपको ढेर सारी दिलचस्प जानकारियां देते हैं साथ ही आपको सुनवाते हैं आपकी पसंद के फिल्मी गीत। आज हम जिस फिल्म का गाना आपको सुनवाने जा रहे हैं उसे हमने लिया है फिल्म .... गुमराह से जिसे गाया है महेन्द्र कपूर ने, संगीत दिया है रवि ने गीतकार हैं साहिर लुधियानवी और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 1. चलो एक बार फिर से ....

    पंकज:मित्रों वैसे तो हम हमेशा युवा बने रहने के लिये कई तरह के गुर अपनाते हैं, कई लोग वर्जिश करते हैं, कुछ लोग मांसाहार छोड़ देते हैं, कुछ लोग बहुत सोच समझकर खाना खाते हैं और साथ ही वो खाना अपनी भूख से कम खाते हैं, कई लोग बाज़ार में मिलने वाले तरह तरह के उत्पादों का इस्तेमाल भी करते हैं। लोगों में चिर युवा रहने की इस ललक को पूरी करने के लिये बाज़ार में अक्सर ऐसे उत्पादों की भरमार देखी जाती है जो आपको सदैव युवा बनाए रखने का दावा करते हैं। हम हमेशा इस खोज में रहते हैं कि हमारे चेहरे पर समय से पड़ने वाली लकीरें नहीं पड़ें, हमारे बाल सफ़ेद ना हों और उम्र की मार से हम हमेशा बचे रहें। दवा बनाने वाली कंपनियां, वैज्ञानिक ना जाने कितनी खोज करने का दावा करते हैं हमें युवा बनाए रखने के लिये, कई लोग पुराने ग्रंथों को खांगालते हैं और कई हिमालय की चोटी तक पर चढ़ जाते हैं कि उन्हें कोई ऐसा नुस्खा मिल जाए जिससे वो लोगों को युवा बनाने वाली किसी जड़ी बूटी की खोज कर लें। इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा पौधा खोजने का दावा किया है जिसमें मौजूद रायायन आपको चिर युवा बनाए रखेंगे।

    बेहद कठिन हालात में भी अपना वजूद कायम रखने वाला पोटेंटिला अब आपकी जवानी को कायम रखने का काम करेगा। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद् की हिमाचल प्रदेश के पालमपुर की इकाई-आईएचबीटी ने कुछ अर्सा पहले इस पौधे की खोज की थी और इसमें एक दुर्लभ किस्म के एंजाइम- सुपर ऑक्साइड डिस्म्यूटेज का पता लगाया था।

    इस एंजाइम में विपरीत हालात में भी अपना वजूद कायम रखने की क्षमता होती है। इसके कारण इसे उम्र की रफ्तार को रोकने वाला पाया गया। इसका इस्तेमाल ऐंटि एजिंग क्रीम में करने के साथ ही इसकी मदद से फलों और सब्जियों को ज्यादा समय तक सेफ रखा जा सकता है।

    अंजली: वैसे देखा जाए तो मानवों के लिये प्रकृति की गोद में बहुत कुछ अब भी बहुत कुछ समाया हुआ है जो हमारे लिये लाभदायक है, मैंने कहीं ऐसा पढ़ा है कि किसी भी बीमारी का इलाज भी उस जगह मौजूद होता है जहां पर ये बीमारी अपना रौद्र रूप दिखा रही होती है, ठीक उसी तरह से प्रकृति ने हमें युवावस्था और बुढ़ापा दोनों दिया है, साथ ही बुढ़ापे में होने वाली तकलीफों से छुटकारा दिलाने के लिये भी प्राकृतिक जड़ी बूटियों में इलाज भी है, बस हमें ज़रूरत है उसे ढूंढने की और अपने लिये इस्तेमाल करने की। अब मैं अपने श्रोताओं का पत्र उठाने जा रहा हूं ये पत्र हमें लिख भेजा है कलेर बिहार से हमारे चिर परिचित श्रोता आसिफ़ खान, बेगम निकहत परवीन, सदफ़ आरज़ू, बाबू अरमान आसिफ़, मदरसा रोड कोआथ से हाशिम आज़ाद, दुर्गेश दीवाना, डॉक्टर हेमन्त कुमार, पिंटू यादव और बाबू साजिद ने आप सभी ने सुनना चाहा है हिमालय की गोद में फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी संगीत दिया है कल्याणजी आनंदजी ने और गीत के बोल हैं ---

    सांग नंबर 2. कंकड़िया मार के जगाया...

    पंकज: आईएचबीटी की टीम ने साइंटिस्ट डॉ. संजय कुमार की अगुवाई में इस एंजाइम को काफी कोशिशों के बाद लैब में बनाने में कामयाबी हासिल की है। पोटेंटिला को भी डॉ. संजय ने ही हिमाचल के लाहौल-स्पीति इलाके में 4500 फीट की ऊंचाई पर खोजा था। अब इसका व्यावसायिक इस्तेमाल करने के लिए कोलकाता की कंपनी फाइटो बायोटिक से करार किया गया है। वह पोटेंटिला के फायदों से आम आदमी को रू-ब-रू कराएगी।

    इस पौधे का लैब में एनालिसिस करने पर पता चला कि इसमें सुपरऑक्साइड डिस्म्यूटेज मौजूद है। इस एंजाइम को पौधे से निकालने के बाद इसे शून्य डिग्री सेल्सियस से कम और 50 डि.से. से ज्यादा तापमान पर रखा गया। यह एंजायम इन दोनों ही हालात में सुरक्षित रहा। विशेष स्थितियों और दबाव में यह 120 डि.से. पर भी सुरक्षित रहा।

    डॉ. संजय कुमार के मुताबिक, यह पौधा मौसम के बेहद विपरीत हालात में भी अपना वजूद कायम रखता है और इस काम में यह एंजायम उसकी मदद करता है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए जब जानवरों पर इसका इस्तेमाल किया गया तो पाया गया कि यह एक बेहतरीन ऐंटि ऑक्सीडेंट है, जो बुढ़ापा आने की रफ्तार को रोक सकता है और फ्री रेडिकल्स पर लगाम लगा सकता है। इसके घोल में जब फलों को डाला गया तो वे सामान्य से ज्यादा समय तक सुरक्षित रहे।

    अंजली: अगर हम ऐसे ही खोज और आविष्कार करते रहे तो हो सकता है आने वाले समय में हम अमरत्व की ओर बढ़ जाएंगे, कुछ पुराने शास्त्रों में लिखा है कि जब मानव अमरत्व को पा लेगा और ईश्वर की शक्तियों के बहुत पास पहुंच जाएगा तो उस समय कयामत होगी। लेकिन इससे ये बात तो पता चलती है कि हम हमेशा अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिये और जीवन में होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिये जो प्रयास लगातार कर रहे हैं उससे दिनों दिन हम अपना जीवन बेहतर बना रहे हैं। पहले मानवों की औसत आयु बहुत कम होती थी, 40 से 50 साल की उम्र में लोग मर जाते थे लेकिन समय के साथ मानवों ने बेहतर खाना, औषधियां और बेहतर जीवन स्तर बनाया है जिससे लोगों की औसत आयु 20 से 25 वर्ष बढ़ चुकी है, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, जापान, चीन समेत कुछ ऐसे देश हैं जहां पर 80 से 90 वर्ष की आयु के बहुत से लोग देखे जाते हैं जो स्वस्थ भी होते हैं। वहीं कुछ वैज्ञानिक डीएनए के गुण सूत्रों पर शोध भी कर रहे हैं और आने वाले कुछ दशकों में हो सकता है कि डीएनए में ही कुछ ऐसी खोज कर ली जाए जिससे समय के साथ हमारे शरीर में होने वाले बदलावों को रोका जा सके, और जो लोग वृद्ध हो चुके हैं वो डॉक्टरों के पास जाकर अपने डीएनए में ऐसे बदलाव करवा लें जैसे कि वो युवावस्था में थे इससे संभव है कि वो दिनों दिन युवावस्था की तरफ बढ़ने लगें, भले ही उनकी उम्र दिनों दिन बढ़ती जाए। लेकिन इसके लिये अभी हमें लंबा इंतज़ार करना पड़ेगा, हो सकता है कि हमारे जीवनकाल में ही ये सभी खोज और आविष्कार संभव हो जाएँ और हमें भी इसका लाभ मिले। अब मैं कार्यक्रम का अगला पत्र उठाने जा रहा हूं जिसे हमें लिख भेजा है कापशी रोड अकोला महाराष्ट्र से संतोषराव बाकड़े, श्रीमती ज्योतिताई बाकड़े, कुमारी दिपाली बाकड़े, पवनकुमार बाकड़े और बाकड़े परिवार के सभी परिजन, आप सभी ने हमसे दिल फिल्म का गाना सुनने की फरमाईश की है जिसे गाया है उदित नारायण और अनुराधा पौडवाल ने संगीत दिया है आनंद मिलिंद ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 3. हम प्यार करने वाले ....

    पंकज: मित्रों आपने भी वो कहावत तो ज़रूर सुनी होगी कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। अगर आपमें लगन है, आप कुछ अलग सोच सकते हैं तो उसे कर भी सकते हैं। हरियाणा के कुछ युवा पॉलिटेक्निक छात्रों ने ऐसी ही सोच के चलते हवा के दबाव से चलने वाली मोटर साईकिल बनाई है, जिसकी निर्माण लागत सिर्फ 15 हज़ार रुपये आई है, अगर प्रयोगात्मक स्तर पर ये लागत है तो मित्रों इतना तो तय है कि जब इसका व्यावसायिक उत्पादन शुरु होगा तब इसकी कीमत और भी कम होगी। दरअसल इन पॉलिटेक्निक के छात्रों ने बढ़ते तेल के दामों को ध्यान में रखकर इस मोटर साईकिल का निर्माण किया है। हालांकि विश्व में जापान और अमेरिका समेत कुछ और देश हैं जिन्होंने हवा के दबाव से चलने वाली कार का निर्माण किया है और इसे जल्दी ही बाज़ार में उतारने की तैयारी में भी हैं लेकिन अभी तक किसी ने भी हवा से चलने वाली मोटर साईकिल नहीं बनाई है। जिन छात्रों ने इसे बनाया है उनके दिमाग में आम आदमी और गरीब आदमी ज़रूर रहा होगा जिसे इन्होंने ध्यान में रखा। मित्रों एक पुरानी कहावत है कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है। तो हरियाणा के जींद जिले के अलेवा के सर छोटू राम पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रों ने ये कारनामा कर दिखाया है, इस बाईक को चलने की ताकत हवा के दबाव से मिलती है। इसके लिये इस बाईक पर एक छोटा गैस का सिलिंडर रखा होता है जिसमें हवा भरी रहती है।

    अंजली: ये तो बहुत अच्छी खबर है, वैसे पूरे विश्व में तेल की बढ़ती कीमतों और बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण ऐसी खोज और आविष्कार किये जा रहे हैं जिससे लोगों का पैसा बचे और वातावरण भी साफ रहे। सिर्फ वायु ही नहीं बल्कि इन दिनों सूर्य की किरणें, पानी की धारा, वायु, और बायो गैस जैसे बहुत से ऐसे उपाय किये जा रहे हैं जिससे बढ़ते धरती के तापमान को कम किया जा सके क्योंकि इस भूमंडलीकरण के दौर में हम इस बात से अंजान हो गए थे कि जल्दी ही धरती से बर्फ खत्म हो जाएगी, ऐसा इसलिये होगा क्योंकि धरती का तापमान बढ़ रहा है, धरती का तापमान ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से बढ़ रहा है और इसका एक बड़ा कारण तेल से होने वाला वायु प्रदूषण है। अब मैं उठाने जा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है हमारे पुराने श्रोता परमवीर हाऊस, आदर्श नगर, बठिंडा पंजाब से अशोक ग्रोवर, परवीन ग्रोवर, नीती ग्रोवर, पवनीत ग्रोवर और विक्रमजीत ग्रोवर ने आप सभी ने सुनना चाहा है वैसा भी होता है फिल्म का गाना जिसे गाया है कैलाश खेर ने संगीत दिया है विशाल शेखर ने और गीतकार हैं विशाल ददलानी औऱ गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 4. अल्लाह के बंदे सुन ले ....

    पंकज: पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रिसिंपल ने बताया कि कॉलेज मैनेजमेंट द्वारा विद्यार्थियों के आविष्कार के लिए पांच हजार रुपए में एक कंडम बाइक खरीदा गया था और इसे चालू करने के लिए लगभग सात से आठ हजार रुपए खर्च किए गए हैं। हवा से चलने वाली यह बाइक लगभग 15 हजार की लागत से तैयार हो गई है। मित्रों आप सोच रहे होंगे कि इन छात्रों ने आविष्कार के लिये महंगी बाइक क्यों नहीं खरीदी, दरअसल इन सभी छात्रों ने अपने पास से पैसों का इंतज़ाम किया और उसके बाद बाईक पर सात आठ हज़ार रुपये और खर्च किये। शायद इतने बेहतरीन आविष्कार के साथ ये अपने बनाए नए उत्पाद की कीमत को भी बहुत कम रखना चाह रहे थे जिसके लिये इन्होंने कम से कम पैसे खर्च किये।

    अंजली: ऐसी ही छोटी छोटी खोजों और आविष्कारों से हम कदम दर कदम आगे बढ़ाते हुए तरक्की के रास्ते चलते जाते हैं। इस तरह की मोटर साईकिल का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि बिना किसी खर्च के आप आसानी से कहीं भा आ जा सकते हैं। खैर अब मैं उठाने जा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है हमारे पुराने श्रोता अखिल भारतीय रेडियो श्रोता संघ के पंडित मेवालाल परदेशी जी ने, इन्होंने ये पत्र अपने ढेर सारे मित्रों के साथ लिखा है। ये पत्र हमारे पास आया है महात्वाना माहोबा उत्तर प्रदेश से, आप सभी ने सुनना चाहा है क्रिमिनल फिल्म का गाना जिसे गाया है कुमार शानू और अलका याग्निक ने गीतकार हैं इंदेवर और संगीत दिया है एम एम क्रीम ने गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 5. तुम मिले दिल खिले ......

    पकंज: इससे सबसे बड़ा फायदा उन गरीब लोगों को होगा जो वाहन तो खरीद लेते हैं लेकिन उसे रोज़ाना चलाने के लिये तेल भराने में जो पैसे लगते हैं उसका खर्च बहुत अधिक होता है। जब ये बाइक बाज़ार में आ जाएगी तो रोज़ रोज़ तेल भराने की झंझट से छुटकारा मिलेगा और इसका पूरा असर तैयार उत्पाद के दामों पर भी पडेगा, आप खुद सोच सकते हैं कि आज की तारीख में हमारे देश की अर्थव्यवस्था चलाने के लिये तेल पर हमारी सरकार भारी भरकम धनराशि खर्च करती है। इसके साथ ही बहुत बड़ा फायदा मिलेगा साफ और स्वच्छ वातावरण के निर्माण में, हमारे देश में आजकल वायु प्रदूषण के कारण छोटे बच्चों में भी श्वास संबंधी रोग हो रहे हैं। इस आविष्कार का दोतरफ़ा फायदा मिलेगा।

    होगी पैसों की काफी बचत

    मैकेनिकल ट्रेड के छात्र अमरेंद्र, नीरज, शुक्रदीन, राजेश विशवकर्मा व कृष्ण चौधरी द्वारा बनाए गए एयर प्रेशर बाइक के बारे में जानकारी देते हुए प्रिसिंपल मुकेश शर्मा ने बताया कि इस बाइक को बिना पेट्रोल और डीजल के चलाया जा सकेगा। बाइक के ऊपर मात्र हवा का सिलेंडर रखवाया जाएगा। हवा से चलने वाली इस बाइक से पेट्रोल/डीजल की बचत होने के अलावा पैसे की भी भारी बचत हो सकेगी।

    अंजली: अब वक्त हो चला है कार्यक्रम के अंतिम गीत का जिसके लिये हमें लिख भेजा है मेहर रेडियो श्रोता संघ सगोरिया, जिला मंदसौर, मध्यप्रदेश से हमारे पुराने चिर परिचित श्रोता श्याम मेहर, निकिता मेहर, आयुष, संगीता, ललिता, दुर्गाबाई औऱ पूरा मेहर परिवार, आप सभी ने सुनना चाहा है गर्दिश फिल्म का गाना जिसे गाया है एस पी बालासुब्रामण्यम और आशा भोंसले ने संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीतकार हैं जावेद अख्तर, गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 6. ये मेरा दिल पागल है .....

    पंकज: तो मित्रों इस गाने के साथ ही हमें आपकी पसंद कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दें, अगले सप्ताह हम आज के दिन और आज ही के समय पर फिर आपके सामने आएंगे कुछ रोचक, ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारी के साथ और आपको सुनवाएंगे आपकी पसंद के कुछ मधुर फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली: नमस्कार।

    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040