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    आप की पसंद 140510
    2014-05-09 17:09:06 cri

    नमस्कार श्रोता मित्रों मैं पंकज श्रीवास्तव आपकी पसंद कार्यक्रम में आप सभी का स्वागत करता हूं। हर सप्ताह की तरह हम आज भी आपको देंगे कुछ रोचक,ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारियां और साथ में सुनवाएँगे आपकी पसंद के कुछ फिल्मी गाने।

    दिनेश:श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपको ढेर सारी दिलचस्प जानकारियां देते हैं साथ ही आपको सुनवाते हैं आपकी पसंद के फिल्मी गीत। आज हम जिस फिल्म का गाना आपको सुनवाने जा रहे हैं उसे हमने लिया है फिल्म .... दिल्ली का ठग ...से, इसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने संगीत दिया है रवि ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और गीत के बोल हैं ---

    सांग नंबर 1. ये रातें ये मौसम नदी का किनारा ....

    पंकज: मित्रों अभी तक आपने सुना होगा कि प्रिंटर से कागज़ के पन्नों पर लिखाई की प्रतिलिपी बनाई जाती है, लेकिन अब विज्ञान और तरक्की करता जा रहा है जिसके चलते अब प्रिंटर सिर्फ छपाई जैसे काम तक सीमित नहीं है, वैज्ञानिकों ने प्रिंटर से कई वस्तुएं बनाना शुरु कर दिया है जैसे बना बनाया खाना, मानव अंग और अब तो घर भी प्रिंटर बना रहा है। हालांकि अभी तक ये सिर्फ प्रयोगात्मक स्तर तक ही सीमित है लेकिन आने वाले कुछ वर्षों में ये हमारे जीवन में प्रवेश कर चुका होगा। चीन की एक कंपनी ने एक अतिविशालकाय थ्री-डी प्रिंटरों की मदद से पूरे आकार के एक तल्ले के 10 घर मात्र 24 घंटे में बनाए। यह जानकारी चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने दी है।

    दिनेश: प्रिंटर से अगर आज घर बना है तो कल हो सकता है कि गाड़ियां भी बनाई जा सकें। और जहां तक आपने खाना बनाने की बात कही तो अगर ऐसा प्रिंटर बाज़ार में आता है तो उसे सबसे पहले मैं खरीदूंगा और अपना मन पसंद व्यंजन बस एक बटन दबाते की सामने होगा। खाना बनाने का झंझट नहीं और स्वादिष्ट खाना सिर्फ बटन दबाते ही मेरे सामने होगा। आने वाला समय वाकई बहुत दिलचस्प दिखाई देता है। खैर अब हम आगे बढ़ते हैं और मैं अपने श्रोताओं को उनकी पसंद का गाना सुनाने जा रहा हूं, पहला पत्र हमें लिख भेजा है मेहर रेडियो श्रोता क्लब ने, सगोरिया, ज़िला मंदसौर मध्यप्रदेश से श्याम मेहर, निकिता मेहर, आयुष, ललिता, संगीता, दुर्गाबाई और पूरा मेहर परिवार, आप सभी ने सुनना चाहा है चाईना टाउन फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफी ने संगीत दिया है रवि ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और गीत के बोल हैं ---

    सांग नंबर 2. बार बार देखो....

    पंकज: एक निजी कंपनी विनसुन ने परत दर परत दीवार बनाने के लिए 10 मीटर गुणा 6.6 मीटर के चार प्रिंटरों में सीमेंट और अन्य निर्माण सामाग्री का उपयोग किया।

    थ्री-डी प्रिंटर प्लान्स की वेबसाइट के अनुसार प्रिंटिंग के दौरान सस्ती सामाग्री का प्रयोग किया गया और इसमें मानवीय श्रम नहीं लगने के कारण इसकी लागत 5000 डॉलर से भी कम आएगी.

    शिन्हुआ के अनुसार विनसुन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मा यिहे ने कहा, "हमारे उपभोक्ता हमारे पास जो भी डिज़िटल डिज़ाइन लेकर आएंगे हम उसे प्रिंट कर सकते हैं. यह तेज़ और सस्ता है।"

    दिनेश: इस प्रिंटर के कारण मकान बनने में कम समय और कम खर्च होगा जिससे सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा जिनके पास अधिक पैसा नहीं होता। साथ ही इस उद्योग से जुड़े लोगों को भी इसका फायदा मिलेगा क्योंकि कम समय में ज्यादा मकान बनाए जा सकेंगे। खासकर अगर किसी आपदा प्रभावित इलाके में मकान बनाने की बात हो तो ये प्रिंटर वहां के लिये एकदम फिट बैठता है। इसका मतलब तो ये हुआ कि भविष्य में अगर किसी इलाके में एक साथ ढेर सारे मकान बानाने हों तो फिर ऐसे कुछ प्रिंटरों की मदद से मकान आसानी से बनाए जा सकते हैं। विस्थापितों को भी इसका बहुत फायदा मिलेगा जिससे उन्हें कम समय में ही रहने के लिये अच्छे घर मिलेंगे। अब मैं उठाने जा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है शनिवार पेठ बीड शहर महाराष्ट्र से पोपट कुलथे, हनुमंत कुलथे, समर्थ कुलथे, पी बी कुलथे और पूरा कुलथे परिवार, नारेगांव औरंगाबाद से दीपक आडाणे श्याम आडाणे और इनके समस्त परिजन। आप सभी ने सुनना चाहा है ऊंचे लोग फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर और महेन्द्र कपूर ने संगीत दिया है चित्रगुप्त ने और गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी, गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 3. आजा रे मेरे प्यार के राही ...

    पंकज:कंपनी को उम्मीद है वो भविष्य में बड़ी-बड़ी इमारतें बना सकेगी। शिन्हुआ के अऩुसार चीन निर्माण विभाग को बहुमंजीली थ्री-डी इमारत बनाने की अनुमति नहीं है।

    पिछले कुछ समय में थ्री-डी प्रिटिंग का चलन बढ़ा है। निर्माता और शिल्पकार इसकी मदद से आभूषण और फर्नीचर जैसी रोजमर्रा की चीज़ें बना रहे हैं। इसकी मदद से औद्योगिक उपयोग की भी कई चीज़ें बनाई जा रही हैं।

    पंकज: मित्रों अब हम आपको बताने जा रहे हैं शराब पीने के तुरंत बाद होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में। हम आपसे आशा करते हैं कि आप शराब नहीं पीते होंगे और अगर ये गलत आदत आपमें है तो हमारी इस जानकारी को सुनने के बाद आप शराब से तौबा कर लेंगे। मित्रों शराब पीने से सेहत और पैसे दोनों का नुकसान होता है और बदले में शराब पीने वाले को मिलता क्या है ?उसका स्वास्थ्य खराब होता है, और जितना पैसा शराब पीने में लगाया उससे कहीं ज्यादा इलाज में खर्च होता है साथ ही आप अपने परिवार और बच्चों की बहुत सी इच्छाएं पूरी नहीं कर पाते क्योंकि इस खराब लत के आप गुलाम हो जाते हैं। खैर हम आपको इसके दुष्प्रभाव के बारे में बताते हैं। शराब पीने वालों को कई बार आपने यह कहते हुए पाया होगा कि उन्होंने ग़लती से अलग-अलग तरह की शराब मिलाकर पी ली और इस वजह से उनकी तबीयत ख़राब हो गई। वे कहते हैं कि शरीर में पानी की कमी महसूस कर रहे हैं, उनका सिर फट रहा है - सिर्फ़ इसलिए कि उन्होंने अलग-अलग तरह की शराब एक साथ मिलाकर पी ली थी।

    लेकिन इसके विपरीत एक कहावत ऐसी भी है कि जिसके अनुसार बीयर से पहले वाइन पी तो बीमार पड़ सकते हो, बीयर के बाद वाइन पी तो ठीक रह सकते हो।

    दिनेश:वैसे शराब की लत तो हमेशा ही खराब होती है और इसे जो भी शुरु करते हैं वो शौकिया तौर पर पीते हैं लेकिन बाद में ये एक ऐसी आदत बन जाती है जिसे छोड़ पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती। इसलिये शराब से दूर रहना ही बेहतर है। खैर अब मैं उठाने जा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है शिवाजी चौक कटनी मध्यप्रदेश से अनिल ताम्रकार, अमर ताम्रकार, संतोष शर्मा, रज्जक रजक, राजू ताम्रकार, दिलीप वर्मा, रविकांत नामदेव, पवन यादव, सत्तू सोनी, अरुण कनौजिया, संजय सोनी, लालू, सोना, मोना, हनी, यश, सौम्या और इनके मम्मी पापा आप सभी ने सुनना चाहा है लव फिल्म का गाना जिसे गाया है एस पी बालासुब्रामणियम और चित्रा ने संगीतकार हैं आनंद मिलिंद और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 4. साथिया ये तूने क्या किया....

    पंकज: ये अलग बात है कि शराब के कुछ पैग के बाद ठीक से याद नहीं रहता कि हमने क्या किया था। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अलग-अलग तरह की शराब मिलाकर पीने के बारे में यह कहावतें कितनी सही हैं ?

    वर्ष 2000 में छपे एक शोध में पुष्टि की गई थी कि डीहाइड्रेशन, एल्डोस्टेरॉन और कॉरटिसोल जैसे हार्मोनों के स्तर में बदलाव हैंगओवर (शराब का प्रभाव) के मुख्य लक्षण हैं। इसके अलावा इसके भी सबूत हैं कि हैंगओवर प्रतिरोधक क्षमता भी गड़बड़ा जाती है और इससे सिरदर्द, मितली, थकान महसूस हो सकती है।

    प्रयोग

    हैंगओवर कितना ज़्यादा होगा यह आमतौर पर दो बातें पर निर्भर होता है, पहला तो यह कि आपने अल्कोहल कितना लिया है और दूसरा कि आपने कितनी जल्दी पिया है. हालांकि यह एक अनुमान मात्र है।

    कई लोग कहते हैं कि उन्हें हैंगओवर होता ही नहीं लेकिन हैंगओवर क्यों नहीं होता ये किसी को नहीं पता? यंग डेन्स के एक शोध के अनुसार जिन लोगों ने अल्कोहल की 12 यूनिट ली (तक़रीबन लागर की चार पाइंट या वाइन के 250 मिलीलीटर के चार पैग), उनमें से एक तिहाई को हैंगओवर नहीं हुआ।

    यह ज़रूरी नहीं कि ड्रिंक्स को मिक्स करने से अल्कोहल की मात्रा बढ़ ही जाए लेकिन कॉकटेल्स से ऐसा हो सकता है। अगर आप अन्य चीज़ों के साथ तीन या चार तरह की शराब को मिलाएं तो सर फटने या गला सूखने जैसी स्थिति आ सकती है लेकिन इसकी वजह कुल मिलाकर अल्कोहल की ज़्यादा मात्रा लेना ही होगी।

    दिनेश: यहां पर हम आपकी चर्चा को थोड़ा विराम देंगे और अपने श्रोताओं के पत्र उठाकर उनके पसंद के गाने सुनवाएंगे। ये पत्र हमें लिखा है देशप्रेमी रेडियो लिस्नर्स क्लब से ग्राम आशापुर, दर्शन नगर, फैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश से राम कुमार रावत, गीता रावत, अमित रावत, ललित रावत, दीपक रावत, मनीष रावत और इनके परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है आओ प्यार करें फिल्म का गाना जिसे गाया है कुमार शानू ने संगीत दिया है आदेश श्रीवास्तव ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 5. हाथों में जो कल आ गया रुमाल आपका ....

    पंकज: मित्रों शराब पीने के बाद नशा 'इथेनॉल' से होता है उसके अलावा अन्य पदार्थ भी होते हैं जिनसे हैंगओवर होता है। इन्हें शराब उद्योग में कॉन्जनर कहा जाता है।

    यह पदार्थ ख़मीर उठने की प्रक्रिया के दौरान पैदा होते हैं, जैसे, एसीटोन, एसीटैल्डिहाइड, फ़्यूसेल तेल और टैनिन्स। इनसे शराब को गहरा रंग और स्वाद मिलता है। उदाहरण के लिए बर्बान व्हिस्की में वोदका के मुक़ाबले कॉन्जनर 37 फ़ीसदी ज़्यादा होते हैं।

    हैंगओवर होने में इन पदार्थों की भूमिका देखने के लिए अमरीका में शोधकर्ताओं ने अक्सर शराब पीने वाले विश्वविद्यालय के ऐसे छात्रों को चुना जो शराब के आदी नहीं थे।

    एक रात उन्हें बर्बॉन और कोला, एक रात वोदका और कोला और एक रात प्रायोगिक औषधि दी गई, जिसमें कोला और टॉनिक मिलाए गए थे, हां इसमें स्वाद बनाए रखने के लिए बर्बॉन या वोदका की कुछ बूंदें भी डाली गई थीं।

    उन सभी ने तीन से छह पैग तक लिए थे। अगली सुबह उन्हें सात बजे नाश्ते के लिए उठाया गया. शोधकर्ताओं ने देखा कि बर्बॉन पीने वाले छात्रों को हैंगओवर ज़्यादा था। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उन्होंने प्रतिक्रिया की जांच में बिल्कुल ठीक प्रदर्शन किया।

    सफ़ेद रम, वोदका और जिन जैसी साफ़ शराब से कम और हल्का हैंगओवर हुआ क्योंकि उनमें कॉन्जनर्स का स्तर कम था। संभवतः जो अपने पैग को मिक्स करते हैं उनके गहरे रंग की शराब के चुनने की संभावना ज़्यादा होती है लेकिन एक बार फिर दिक़्क़त दरअसल मिक्सिंग की वजह से नहीं होती।

    किसी भी वैज्ञानिक ने अब तक इस विषय पर पूरी तरह संतुलित शोध नहीं किया है। इसलिए अब तक मौजूद सबूत इशारा करते हैं कि हैंगओवरों के लिए पैग की मिक्सिंग को दोष नहीं दिया जा सकता. यह संभवतः कॉन्जनर की अधिकता या ज़्यादा पीने की वजह से होता है।

    दिनेश: और अब चलते चलते अपने श्रोता मित्रों को कार्यक्रम का अंतिम गीत भी सुनवा देते हैं जिसके लिये हमसे फरमाईश की है कुरसेला तिनधरिया से ललन कुमार सिंह, श्रीमती प्रभा देवी, कुमार केतु, मनीष कुमार मोनू, गौतम कुमार, स्नेहलता कुमारी, मीरा कुमारी, कुमारी मधु और एल के सिंह ने आप सभी ने सुनना चाहा है एजेंट विनोद फिल्म का गाना जिसे गाया है मिका सिंह, अमिताभ भट्टाचार्य, नक्श अज़ीज़, प्रीतम चक्रवर्ती और जावेद जाफ़री ने संगीत दिया है प्रीतम ने और गीत के बोल हैं ---

    सांग नंबर 6. पुंगी....

    पंकज: तो मित्रों इस गाने के साथ ही हमें आपकी पसंद कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दें, अगले सप्ताह हम आज के दिन और आज ही के समय पर फिर आपके सामने आएंगे कुछ रोचक, ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारी के साथ और आपको सुनवाएंगे आपकी पसंद के कुछ मधुर फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    दिनेश : नमस्कार।

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