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    आप की पसंद 140503
    2014-05-09 16:51:21 cri

    नमस्कार श्रोता मित्रों मैं पंकज श्रीवास्तव आपकी पसंद कार्यक्रम में आप सभी का स्वागत करता हूं। हर सप्ताह की तरह हम आज भी आपको देंगे कुछ रोचक,ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारियां और साथ में सुनवाएँगे आपकी पसंद के कुछ फिल्मी गाने।

    दिनेश:श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपको ढेर सारी दिलचस्प जानकारियां देते हैं साथ ही आपको सुनवाते हैं आपकी पसंद के फिल्मी गीत। आज हम जिस फिल्म का गाना आपको सुनवाने जा रहे हैं उसे हमने लिया है फिल्म  हावड़ा ब्रिज से लिया है जिसे गाया है आशा भोंसले ने संगीत दिया है ओ पी नैय्यर ने और गीत के बोल हैं आईये मेहरबान

    पकंज:श्रोता मित्रों आज हम आपको सफलता के कुछ टिप्स देने जा रहे हैं और ये टिप्स हमारे नहीं हैं बल्कि विश्व के महान अभियंकार यानी नाटककार विलियम शेक्सपियर के हैं। अब आप तो जानते ही हैं कि विलियम शेक्सपियर कितने बडे व्यक्ति थे, उन्होंने कहा था कि हम क्या हैं ये तो हम जानते हैं लेकिन हम क्या बन सकते हैं ये हमें मालूम नहीं होता।

    23 अप्रैल को विलियम शेक्सपीयर का 450वां जन्मदिवस मनाया गया। पूरी दुनिया में उनके प्रशंसकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वे अंग्रेजी के प्रसिद्ध पोइट, प्लेराइटर और एक्टर थे। उन्हें इंग्लैड के 'नेशनल पोइट' भी कहा जाता है। उन्होंने 38 प्ले, 154 सोनेट और 2 नेरेटिव पोइम्स लिखी हैं। 52 वर्ष की उम्र में उनका देहांत हुआ। ऐसी कोई भाषा नहीं है जिसमें उनके प्ले ट्रांसलेट न किए गए हों।

    उनके जीवन से कुछ सबक आज लिए गए हैं, जिनसे पाठकों की सोच को नई दिशा मिलेगी। आगे पढ़िए वो सबक...

    1. सफलता के तीन जरूरी मंत्र। दूसरों से ज्यादा जानकारी प्राप्त करें। दूसरों से ज्यादा काम यानी ज्यादा मेहनत करें और दूसरों की अपेक्षा कई गुना कम उम्मीद करने से फायदा।

    2. बेवकूफ व्यक्ति खुद को समझदार मानता है, लेकिन एक समझदार आदमी को पता होता है कि वह कब बेवकूफी करता है।

    3. ज्यादा से ज्यादा लोगों की सुनें, लेकिन बात उन्हीं कुछ लोगों से करें जिनकी सोच आपकी सोच से मिलती है।

    दिनेश: बाकी टिप्स भी सुनेंगे लेकिन ज़रा अपने श्रोताओं के पत्र तो हम उठा लें और उनकी पसंद के गाने तो उन्हें सुना दें फिर हम आगे भी बढ़ेंगे, मुझे भी सफलता के ये टिप्स काम के लग रहे हैं, क्योंकि इनमें कोई अंधविश्वास और टोना टोटका नहीं है सभी टिप्स लॉजिक और ज्ञान पर आधारित हैं। पहला पत्र हमें लिख भेजा है अखिल भारतीय रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष पंडित मेवालाल परदेशी जी और इनके ढेर सारे मित्रों ने आपने हमें पत्र लिखा है महात्वाना, माहोबा उत्तर प्रदेश से आप सभी ने सुनना चाहा है एक मुसाफ़िर एक हसीना फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफ़ी और आशा भोंसले ने संगीत दिया है ओ पी नैय्यर ने गीतकार हैं एस एच बिहारी और गीत के बोल हैं मुझे देखकर आपका मुस्कुराना ...

    पंकज: हां तो मित्रों हम बात कर रहे थे सफलता के टिप्स की ...

    4. जिन लोगों को कुछ नहीं आता है, वे सबसे अधिक शोर मचाते हैं।

    5. जब जिंदगी में तकलीफें आती हैं तो वे गुपचुप तरीके से नहीं आती हैं। पूरी तरह हमलावर बनकर आती हैं।

    6. खुद को फायदे पहुंचाने के लिए बुरी नीयत वाले लोग धर्मग्रंथ भी पढऩा शुरू कर देते हैं।

    7. सुनहरा वक्त हमेशा आपके आगे होता है, पीछे नहीं।

    8. अज्ञानी होना भगवान से मिले शाप के बराबर है। ज्ञान वह जरिया है, जिससे सब कुछ हासिल किया जा सकता है।

    9. हर व्यक्ति को अपने समय का मालिक खुद बनना चाहिए। आप आज समय बर्बाद करेंगे तो कल समय आपको बर्बाद करने लगेगा।

    10. कोई अच्छा बड़ा काम करना है तो सबसे पहले थोड़ा गलत करें।

    11. नाम में क्या रखा है। गुलाब को कोई और नाम दे देने से उसकी खुशबू खत्म नहीं हो जाएगी।

    दिनेश: थोड़ा रुकिये मैं अपने श्रोता के पत्र को पढ़ने जा रहा हूं इन्होंने हमसे एक मधुर गीत सुनाने की फरमाईश की है मोजाहिदपुर, पूरबटोला, भागलपुर बिहार से मोहम्मद खालिद अंसारी, मोहम्मद ताहिर अंसारी, कादिर, मुन्ना खान मुन्ना, नुरूलहोदा, शब्बीर ज़फ़र, एम के नाज़, नवगछिया, मुमताज मोहल्ला से ज़फ़र अंसारी, शौकत अंसारी और मास्टर अतहर अंसारी ने आप सभी ने सुनना चाहा है किस्मत फिल्म का गाना जिसे गाया है महेन्द्र कपूर ने संगीत दिया है ओ पी नैय्यर ने गीतकार हैं एस एच बिहारी और गीत के बोल हैं लाखों हैं यहां दिलवाले....

    पंकज: इस गाने के बाद सफलता के जो टिप्स बचे हुए हैं वो हम अपने श्रोताओं को ज़रूर सुनाएंगे ...

    एक समझदार पिता को अपने बच्चे की सभी हरकतों का पता रहता है।

    12. खुद से प्रश्न पूछते रहें। आप क्या बनना चाहते हैं और क्या नहीं।बहुत सारी अच्छाइयां होना भी ठीक नहीं होता है। बाद में ये बुराइयां बन जाती हैं।

    13. दुनिया में सबसे बड़ी विरासत अगर है तो वह है ईमानदारी।

    14. किसी से प्रेम मिलने की उम्मीद करना अच्छा है, लेकिन कोई उम्मीद न करें, फिर भी उससे प्रेम करना ज्यादा अच्छा होता है।

    15. किसी काम को एक मिनट देरी से करने से कहीं ज्यादा बेहतर होता है उसे तीन घंटे पहले पूरा कर लेना।

    पंकज: श्रोता मित्रों अब हम आपको जो अगली जानकारी देने जा रहे हैं वो है बड़े काम की, क्योंकि उसे कॉफी प्रेमी बहुत पसंद करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हे कि ये जानकारी सिर्फ उनके लिये ही है बल्कि इस जानकारी को आप भी पसंद करेंगे। क्या आपको मालूम है कि भारत में कॉफी कौन लेकर आया था। दरअसल ... भारत में कॉफी लाने का श्रेय मुस्लिम संत बाबा बुदान को जाता है। बुदान हज से लौटते वक्त जब येमन के रास्ते आए, तो उन्होंने लोगों को रास्ते में इस पेय पदार्थ को पीते हुए देखा। बुदान ने जब इसका स्वाद चखा तो उन्हें ये पेय पदार्थ बेहद अच्छा लगा। उन्होंने इसे भारत लाने की सोची। उस वक्त तक कॉफी सिर्फ अरब और यमन के लोग ही पीते थे। कॉफी के बीजों को अरब से बाहर ले जाने पर कानूनी प्रतिबंध था। अरब के लोग कॉफी के बीजों को पीसकर पानी में मिलाकर पीते थे।

    दिनेश: वैसे कॉफी तो मुझे भी बहुत पसंद है भारत का पता नहीं लेकिन यहां बीजिंग में तो कई देशों की अलग अलग तरह की कॉफी आपको आसानी से मिल जाएगी क्योंकि यहां पर विदेशी मूल के लोग अच्छी खासी तादाद में रहते हैं। कॉफी को कई अलग अलग तरीके से बनाया भी जाता है, क्या आपको पता है कि यूरोप के कई देशों और अमेरिका में कॉफी के बीज के चूर्ण को सिर्फ गर्म पानी में मिलाकर पिया जाता है जिसमें कभी कभी थोड़ी चीनी डाली जाती है, ये स्फूर्तिदायक होता है काम के वक्त आने वाली नींद को भी दूर करता है। इस समय मेरे हाथ में हमारे पुराने श्रोता का पत्र है मेहर रेडियो श्रोता क्लब सगोरिया, जिला मंदसौर, मध्यप्रदेश से श्याम मेहर, निकिता मेहर, आयुष, संगीता, ललिता, दुर्गाबाई और पूरा मेहर परिवार, आप सभी ने सुनना चाहा है बंदिनी फिल्म का गाना जिसे गाया है आशा भोंसले ने गीतकार हैं शैलेन्द्र, संगीत दिया है सचिन देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ओ पंछी प्यारे सांझ सकारे ....

    पकंज: कहा जाता है कि बाबा बुदान कॉफी के सात बीजों को अपनी कमर में बांधकर ले आए। इसके बाद उन्होंने इसके पौधे को यहां उगाया और भारत के लोगों ने कॉफी का स्वाद चखा। भारत में कॉफी हाउस का स्वर्ण युग 1940 से लेकर 1970 तक माना जाता है।

    पंकज: इस जानकारी के बाद श्रोता मित्रों अब हम आपको समुद्र की गहराईयों से कुछ जानकारी देने जा रहे हैं ...

    समुद्र के नीचे गहराई में दुनिया की पहली खान खोदने की योजना साकार रूप लेने के करीब पहुँच गई है.

    एक कनाडाई खदान कंपनी ने पापुआ न्यू गिनी के साथ समुद्र के तल में खुदाई शुरू करने संबंधी समझौते को अंतिम रूप दिया है.

    इस विवादास्पद योजना के तहत तांबा के अयस्क, सोना और अन्य कीमती धातुओं को 1500 मीटर की गहराई से निकाला जाएगा.

    हालाँकि पर्यावरण संरक्षण अभियान चलाने वालों का कहना है समुद्र की तल में खुदाई विनाशकारी साबित होगी. यह समुद्री जीवन को नुकसान पहुँचाएगा.

    'नौटीलस मिनरल' नाम की कंपनी की 1990 से पापुआ न्यू गिनी क्षेत्र के समुद्र तल के नीचे मौजूद खनिज पर नज़र है लेकिन सरकार के साथ लंबे विवाद के बाद यह योजना ठप पड़ गयी थी.

    खुदाई अभियान की शर्तों को लेकर दोनों पक्षों में विवाद था.

    अब पूरे हुए समझौते के तहत, पापुआ न्यू गिनी खुदाई अभियान में करीब 7 अरब 27 करोड़ की लागत लगाएगी और खदान में 15 फीसदी की हिस्सेदारी लेगी.

    दिनेश: श्रोता मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं जिला मुरादाबाद ग्राम महेशपुर खेम उत्तर प्रदेश से तौफीक अहमद सिद्दीकी, अतीक अहमद सिद्दीकी, मोहम्मद दानिश सिद्दीकी और इनके ढेर सारे मित्र, आप सभी ने सुनना चाहा है ज्यूल थीफ़ फिल्म का गाना जिसे गाया है भूपेन्दर सिंह और लता मंगेशकर ने संगीत दिया है सचिन देव बर्मन ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी औऱ गीत के बोल हैं होठों पे ऐसी बात मैं दबाके चली आई

    पंकज: नौटीलस मिनरल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माइक जॉनस्टन ने बीबीसी न्यूज़ को कहा, " इसमें बहुत समय लगा है लेकिन हर कोई बहुत ख़ुश है. इस योजना को हमेशा बहुत समर्थन मिलता रहा है और यह बहुत अपील करने वाला है कि इससे महत्वपूर्ण मात्रा में इस क्षेत्र में राजस्व पैदा होगा जिसकी आम तौर पर होने की उम्मीद नहीं होगी. "

    खुदाई का क्षेत्र समुद्र तल के ऊपर जलीय ऊष्मा वाला वह क्षेत्र होगा जहाँ गर्म अम्लीय पानी निकलता है और उसे अपेक्षाकृत अधिक ठंडा और क्षारीय समुद्री जल का सामना करना पड़ता है. इससे उस क्षेत्र में खनिज की अधिक मात्रा निर्माण होता है.

    इसके परिणामस्वरूप ज़मीन की सतह की तुलना में समुद्र तल सोना और तांबा जैसे खनिज के मामले में ज़्यादा समृद्ध होता है.

    दशकों से खुदाई की यह योजना इंजीनियरिंग और अधिक लागत की वज़ह से खटाई में पड़ी हुई थी.

    लेकिन ऐसे वक़्त में जब कीमती धातुओं की मांग की वज़ह से इन धातुओं की वैश्विक कीमत बढ़ी हुई है, तेल और गैस की खुदाई के सिलसिले में नई तकनीक का विकास हुआ है.

    खुदाई के लिए रोबोटिक मशीनों का विकास भी हो चुका है.

    खुदाई की योजना के तहत समुद्र तल की ऊपरी सतह को तोड़ने की योजना है ताकि धातु अयस्क गारे के रूप में ऊपर आ जाए.

    चूंकि समुद्र की सतह से धातु अयस्क निकालने की यह पहली कोशिश होगी इसलिए इस पूरे अभियान और इसके नतीजों को लेकर कंपनी गंभीर है.

    दिनेश: और अब बारी है हमारे आज के अंतिम श्रोता के पत्र का ये पत्र हमारे पास आया है परमवीर हाऊस, आदर्शनगर बठिंडा, पंजाब से जिसे लिखा है अशोक ग्रोवर, परवीन ग्रोवर, नीति ग्रोवर, पवनीत ग्रोवर, विक्रमजीत ग्रोवर और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है राजू बन गया जेंटिलमैन फिल्म का गाना जिसे गाया है कुमार शानू और अलका याग्निक ने गीतकार हैं महेन्द्र दहलवी संगीतकार हैं जतिन ललित और गीत के बोल हैं  तू मेरे साथ साथ आसमां से आगे चल ...

    पंकज: तो मित्रों इस गाने के साथ ही हमें आपकी पसंद कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दें, अगले सप्ताह हम आज के दिन और आज ही के समय पर फिर आपके सामने आएंगे कुछ रोचक, ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारी के साथ और आपको सुनवाएंगे आपकी पसंद के कुछ मधुर फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    दिनेश : नमस्कार।

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