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    टी टाइम 140506 (अनिल और ललिता)
    2014-05-06 13:44:36 cri

    अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां, आप के साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः दोस्तो वैसे एक सप्ताह में सात दिन होते हैं, लेकिन हमें आपके लिए प्रोग्राम पेश करने का बड़ा इंतजार रहता है। तो क्या कर रहे हैं आप लोग, रेडियो सेट ऑन किया कि नहीं, अगर नहीं तो जल्दी कीजिए। क्योंकि टी-टाइम प्रोग्राम हो चुका है शुरू।

    दोस्तो- महिलाएं आज पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं, या यूं कहें कि महिलाएं कहीं भी पुरुषों से कम नहीं हैं। बात चाहे घर के काम की हो या फिर बाहर की दुनिया में अपना परचम लहराने की। अंतरिक्ष में भी महिलाएं पहुंच चुकी हैं। वैसे चीनी नेता और चेयरमेन माओत्सेतुंग के शब्द मुझे अक्सर याद आते हैं। क्योंकि 1949 यानी नए चीन की स्थापना से पहले यहां की महिलाओं की स्थिति भी बहुत कमजोर थी। लेकिन क्रांति और बदलाव ने महिलाओं को समाज में बराबरी का हक दिलाया। माओ ने इसी दौरान कहा था कि आधा आसमान महिलाओं का है।

    जी हां माओ की बातें आज चीन में सही साबित हो रही हैं। लेकिन आज भी कई ऐसे देश हैं, जहां महिलाओं की स्थिति कमजोर या दोयम दर्जे की है।

    सऊदी अरब का नाम तो अक्सर आपने सुना होगा, जी हां वहा भी महिलाओं को तमाम परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। अब वहां पहली बार किसी महिला को विमान उड़ाने का लाइसेंस जारी किया गया है। हाल की एक रिपोर्ट में कहा गया है 35 साल की हनादी अल-हिंदी ने 'किंगडम होल्डिंग कंपनी' के लिए लक्ज़री श्रेणी वाले चौड़े बॉडी के छोटे विमानों को उड़ाना शुरू किया है। बताया जाता है कि 'किंगडम होल्डिंग कंपनी' के मालिक सऊदी के शहज़ादे अलवलीद बिन तलाल हैं। हिंदी पहले से ही लाइसेंस धारी पायलट हैं लेकिन अब तक वे सऊदी अरब के भीतर उड़ान नहीं भर सकती थीं लेकिन शहज़ादे के समर्थन से उन्हें इसका सर्टिफिकेट पाने में मदद मिल गई। उन्होंने कहा, "ये बहुत मुश्किल था। पायलट होने के बावजूद मैं अपने देश में विमान नहीं उड़ा सकती थी।" वे कहती हैं कि उनके पिता का सपना था कि उनका कोई बच्चा पायलट बने।उन्होंने जब जॉर्डन के मिडिल ईस्ट अकादमी में 2001 में आवेदन दिया था तो वहां के प्रबंधक हैरत में पड़ गए थे।

    ललिताः उन लोगों ने हिंदी के पिता से पूछा भी कि क्या वे पारपंरिक रूप से पुरुषों का पेशा माना जाने वाले इस करियर में अपनी बेटी को बढ़ते हुए देखना चाहेंगे।

    गौरतलब है कि सऊदी अरब में महिलाओं के गाड़ी चलाने पर लगी रोक के बावजूद हिंदी को पायलट का ये लाइसेंस दिया गया है।

    वैसे महिलाओं को गाड़ी न चलाने देने की अनुमति का महिलाएं विरोध करती रही हैं। लेकिन अक्टूबर में एक सरकारी प्रवक्ता ने साफ़ तौर पर दोबारा से ये कहा कि औरतों को गाड़ी चलाने की इजाज़त नहीं है।

    उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में महिलाओं को जरूर वाहन चलाने की छूट की होगी। मैं कहना चाहती हूं कि आज महिलाएं क्या नहीं कर सकती। अगर पुरुष या मर्द गाड़ी चला सकते हैं तो फिर औरतें क्यों नहीं। जरा उन पर भरोसा तो करके देखो। वे इस जहां को बदलने की ताकत रखती हैं।

    अनिलः दोस्तो, अब कुछ साहित्य की चर्चा करते हैं। हमेशा सुर्खियों में रहने वाला जयपुर साहित्य महोत्सव इस बार लंदन में आयोजित किया जाएगा। इस महोत्सव में हर साल ढाई लाख से अधिक लोग शिरकत करते रहे हैं। इस बार 15 से 26 मई तक लंदन के साउथ बैंक सेंटर के सहयोग से चलने वाले दक्षिण एशियाई संस्कृति के इस अभूतपूर्व आयोजन "एलकेमी" में लेखकों, कवियों तथा विचारकों का समूह 18 मई को लंदन में जुटेगा। "एलकेमी" का दिने जयपुर साहित्य महोत्सव नाम होगा। महोत्सव की शुरूआत संगीत के सुरों के संग और समापन बहस के साथ होगा।

    क्वीन एलियाबेथ हॉल में महोत्सव के टिकट वितरण की व्यवस्था की गई है। महोत्सव के दौरान विभिन्न विषयों मिथ एंड मेमरी, द ग्रेट इंडियन मेट्रोपोलिस, बॉलीवुड वाया लंदन, हू विल रूल द वर्ल्ड और सनसेट ऑन एंपायर आदि पर चर्चा होगी।

    ललिताः इस महोत्सव के सह निर्देशक विलियम डेलरिम्पल ने बताया कि साउथ बैंक सेंटर में दुनिया के अलग-अगल साहित्य पहलुओं से दर्शक परिचित हो सकेंगे। साउथ बैंक सेंटर में कला निर्देशक ज्यूड केली ने कहा कि ऎसा पहली बार है कि यह महोत्सव लंदन में आयोजित हो रहा है।

    अनिलः साल 2006 में महज 18 लेखकों की शिरकत से शुरू हुआ यह महोत्सव अब विशाल साहित्स महोत्सव का रूप ले चुका है। गत बार इसमें अमर्त्य सेन, विक्रम सेठ, झंपारानी, वीएस नायपॉल, रजा असलान, ओरहानपामुक, जंग चांग सरीखी दुनिया की हस्तियों ने शिरकत की थी।

    अनिलः वहीं चीन की एक कंपनी ने एक अतिविशालकाय थ्री-डी प्रिंटरों की मदद से पूरे आकार के एक तल्ले के 10 घर मात्र 24 घंटे में तैयार कर दिखाए। एक निजी कंपनी विनसुनने परत दर परत दीवार बनाने के लिए 10 मीटर गुणा 6.6 मीटर के चार प्रिंटरों में सीमेंट और अन्य निर्माण सामाग्री का उपयोग किया।

    बताते हैं कि प्रिंटिंग के दौरान सस्ती सामाग्री का प्रयोग किया गया और इसमें मानवीय श्रम न लगने के कारण इसकी लागत 5000 डॉलर से भी कम आएगी। विनसुन कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मा यिहे ने कहा, "हमारे उपभोक्ता हमारे पास जो भी डिज़िटल डिज़ाइन लेकर आएंगे हम उसे प्रिंट कर सकते हैं। यह तेज़ और सस्ता है।"

    कंपनी को उम्मीद है वो भविष्य में बड़ी-बड़ी इमारतें बना सकेगी। शिन्हुआ के अऩुसार चीन निर्माण विभाग को बहुमंजिली थ्री-डी इमारत बनाने की अनुमति नहीं है।

    ललिताः पिछले कुछ समय में थ्री-डी प्रिटिंग का चलन बढ़ा है. निर्माता और शिल्पकार इसकी मदद से आभूषण और फर्नीचर जैसी रोजमर्रा की चीज़ें बना रहे हैं. इसकी मदद से औद्योगिक उपयोग की भी कई चीज़ें बनाई जा रही हैं।

    अनिलः वैसे करी का स्वाद हम सभी को भाता है। तमाम भारतीय चाहे कुछ भी खाना हो, उसमें करी का स्वाद जरूर शामिल करते हैं। बात चाहे चिकन करी की हो या फिर कुछ और की। लेकिन सिंगापुर में करी और अन्य चीजें भारतीयों के लिए मुसीबत का सबब बन गई हैं। कहने को सिंगापुर बहुत विकास कर चुका है और तमाम जाति-धर्म के लोग वहां रहते हैं। लेकिन अक्सर विदेशियों या बाहरी लोगों की शिकायत होती है कि सिंगापुर वासी उनके साथ भेदभाव करते हैं। इन दिनो एक खबर बड़ी चर्चा का विषय बनी है। वो है, मकान मालिक जब अपने किरायेदार ढूंढने के लिए विज्ञापन देते हैं तो उसमें नो इंडियन्स या नो चायनीज़ आदि भी लिख देते हैं। इंडियंस के बारे में कहते हैं कि मसालेदार खाना बनाते हैं, जिससे पड़ोसियों को दिक्कत होती है। वहीं चीनी लोगों को भी साफ सुथरा नहीं मानते हैं। ऐसे में खासकर छोटी-मोटी नौकरी करने वाले भारतीय और चीनियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हाल ही में इसी संदर्भ भारतीय संगठन ने सिंगापुर के आला नेताओं से उनके साथ हो रहे भेदभाव को खत्म करने की अपील की थी।

    ललिताः अब मौसम के कारण यात्रियों को हवाई अड्डों पर नहीं अटकना होगा। विमानों के उड़ान से पहले अपने गंतव्य के मौसम की सटीक जानकारी मिलेगी। इसके लिए भारत में मौसम विभाग देश के 46 हवाई अड्डों पर एविएशन वेदर ऑब्जर्विंग सिस्टम लगाने की तैयारी कर रहा है। इस सिस्टम के माध्यम से विभाग हवाई अड्डे को रियल टाइम पर मौसम की सटीक जानकारी देगा। फिर चाहे वह हवा की रफ्तार की बात हो या छाने वाले घने कोहरे की। यह सिस्टम पूरी तरह से ऑटोमैटिक होगा। इसके लिए हवाईअड्डे पर कई सेंसर लगाए जाएंगे।

    अनिलः मौसम की सटीक जानकारी होने पर विमानन कंपनियों का काफी मात्रा में तेल बचेगा। वहीं यात्री भी असुविधाओं से बच पाएंगे। गौरतलब है कि इस बार मौसम की गड़बडियों के कारण दिल्ली एयरपोर्ट से 143 विमानों का डायवर्जन किया गया था। इसे कम करने के लिए डीजीसीए ने भी एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने भी मौसम की सटीक जानकारी के लिए सिस्टम अपग्रेड करने की बात कही है। सिस्टम लगने से विमान संचालन में फायदा होगा और यात्रियों को भी सुविधा होगी।

    ललिताः दोस्तो, अब वक्त हो गया लिस्नर्स के कमेंट शामिल करने का। हर बार की तरह आज भी हमें कई श्रोताओं ने पत्र और संदेश भेजे हैं, यह टी-टाइम प्रोग्राम के प्रति उनके प्यार को दर्शाता है। सबसे पहले हम आप सभी को धन्यवाद देना चाहते हैं।

    अनिलः लीजिए अब पेश है, पहला मेल.....सऊदी अरब से सादिक आजमी लिखते हैं कि 29 अप्रैल को टी टाइम सुना। आपका यह कार्यक्रम यहां सऊदी अरब में शार्टवेव के 41 मीटर बैण्ड पर साफ और स्पष्ट सुनाई दे रहा था।

    प्रोग्राम की पहली रिपोर्ट में भारतीय फिल्मों की बढ़ती लोकप्रियता और बीजिंग में अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव पर विस्तार से बताया गया। वैसे इस साल हिन्दी सिनेमा जगत की सौवीं वर्षगांठ भी मनाई जा रही है। और हिन्दी फिल्म जगत नई ऊँचाइयों को छू रहा है। देश के साथ विदेशों में भी बालीवुड फिल्में पसंद की जाती हैं। यह वाकई में खुशी की बात है। बीजिंग अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का चीन में होना एक सकारात्मक पहलू है इस प्रकार लोग अधिक से अधिक विदेशी फिल्मों से रूबरू होंगे और सांस्कृतिक आदान प्रदान बढ़ेगा।

    इसके साथ साथ इस समारोह के दूसरे पहलुओं पर भी विस्तार से बताया गया जिसके लिये हम आप के आभारी हैं। इसके बाद एक शिक्षाप्रद विषय पर आपने रिपोर्ट सुनवाई जो बहुत अच्छी लगी वास्तव में खुले में पेशाब करना और वातावरण को दूषित करने में हम भारतीय बहुत आगे हैं। जोकि निसंदेह अत्यंत नकारात्मक बिन्दु है कि किसी भी देश को स्वच्छ रखने में जनता का सबसे बड़ा हाथ होता है और इस का जीता जागता सुबूत भी कि हांगकांग के उस दम्पति की वीडियो और फोटो। वाकई हमें इससे सीख लेनी चाहिये।

    वहीं गुरबख्श चहल जी के बारे में हालिया घटनाक्रम पर पेश की गई रिपोर्ट भी लाजवाब थी। देखा जाए तो चहल जी भी पूरी तरह दोषी नहीं कहे जाएंगे जिस आशिक की प्रेमिका अगर किसी और से यौन सम्बन्ध बनाए तो उसका आपा खो देना स्वाभाविक है। पर ग़ुस्से की भी एक सीमा होनी चाहिए। हेल्थ केयर में एक छोटे मगर महत्वपूर्ण विषय पर रोशनी डाली गई टूथब्रश के रख रखाव पर यह रिपोर्ट वाकई लाभकारी लगी। कम से कम हम श्रोता अवश्य इसका पालन करेंगे। सभी जोक भी लाजवाब थे विशेषकर आलस वाला जोक।

    ललिताः अगला कमेंट लिखकर भेजा है, भागलपुर से डॉ. हेमंत कुमार ने। लिखते हैं नी-हाव। आपके प्रोग्राम मनोरंजक और ज्ञानवर्धक होते हैं। प्रोग्राम प्रैजेंटेशन और प्रसारण क्वालिटी का स्तर भी अच्छा है। इसलिए प्रोग्राम सुनकर लिखने का प्रयास करता हूं। पिछले टी-टाइम प्रोग्राम में अनिल जी और वेइतुंग ने काफी अहम जानकारी दी। भारतीय फिल्म सिद्धार्थ को बीजिंग फिल्म फेस्टिवल में अवार्ड कहानी का संक्षिप्त परिचय, नशे की समस्या और हांगकांग में एक बच्चे द्वारा खुले में पेशाब करने पर सोशल मीडिया में मचे हंगामे के बारे में जाना। वहीं विज्ञापन किंग-'चहल' पर लगे आरोपों और दांतो के देखभाल पर दी गई जानकारी ज्ञानवर्धक लगी। साथ ही कई जोक्स और हिंदी गीतों का भी मजा उठाया।

    वहीं पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल लिखते हैं कि आपके द्वारा पेश प्रोग्राम वाकई लाजवाब है। मैं इसके लिए शायरी भेज रहा हूं।

    अनिलः प्यार मोहब्बत वफ़ा की बातें / रहने दो बस रहने दो, / देश प्रेम और सच्चाई की बातेँ / रहने दो बस रहने दो, / कुछ है सेवक कुछ हैं नेतागण / सारे बनते है महानायक, / आजादी की लड़ाई की बाते / रहने दो बस रहने दो, / झूठी तसल्ली देकर सब को भ्रम में डाला छीना निवाला / बढ़ती मंहगाई की बातें / रहने दो बस रहने दो, / कोई देता मंदिर मेँ दान / कोई गाता धर्म करमके गान, / करते मासूमों की पिटाई की बातें / रहने दो बस रहने दो, / सत्ताधारी और साधूसंत सब / है एक खेत के धान, / साधू से बने नेता की बातें / रहने दो बस रहने दो, / मैं क्या मांगू मुझे क्या दोगे / और मुझ को क्या दे सकते हो, / ये झूठी हम दर्दी की बातेँ / रहने दो बस रहने दो --- 

    वाह-क्या खूब शायरी है। शुक्रिया। इसके साथ ही में हमें पश्चिम बंगाल से ही मनीषा चक्रवर्ती, रविशंकर बसु, सुदेष्णा बसु, देवाशीष गोप, रीता चक्रवर्ती और जमशेदपुर झारखंड से एस.बी.शर्मा आदि ने भी कमेंट भेजे हैं। आप सभी का धन्यवाद।

    ललिताः लिस्नर्स के कमेंट के बाद बारी है, हेल्थ सेक्शन की। आज इसमें बात करेंगे आम की। जी हां फलों के राजा आम की। गर्मियों का सीजन आते ही फलों की दुकानों पर भारत में हर जगह आम ही आम नजर आते हैं।

    गर्मियों में अगर आपको रसीले आमों का स्वाद भाता है तो सेहत से जुड़े इसके ये फायदे और पोषक तत्वों की जानकारी आम का स्वाद और भी बढ़ा देगी।

    अनिलः हम बताते हैं फायदे....

    कई शोधों में प्रमाणित हुआ है कि आम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स कोलोन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, ल्यूकेमिया और प्रोस्टेट कैंसर से बचाव में मददगार होते हैं। इसमें क्यूर्सेटिन, एस्ट्रागालिन, फिसेटिन जैसे कई तत्व होते हैं जो कैंसर से बचाव करते हैं। आम में फाइबर और विटामिन सी अच्छी मात्रा में होते हैं जो लोडेंसिटी लिपोप्रोटीन (एमलीएल) यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने में मदद करते हैं। आम खाएं या पैक के रूप में लगाएं। इसमें मौजूद फ्लेवोनॉयड्स त्वचा के छिद्र खोलता है जिससे मुंहासे कम होते हैं। आम में भरपूर मात्रा में विटामिन ए होता है जो आंखों की रोशनी बढ़ाता है और रतौंधी जैसे रोगों से दूर रखता है। इसमें मौजूद साइट्रिक एसिड, टरटैरिक एसिड और मैलिक शरीर में एल्कलाइ यानीक्षारीय तत्वों का संतुलन बनाता है। यह शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाताहै।

    अनिलः दोस्तो प्रोग्राम में हंसी-मजाक या चुटकुले शामिल नहीं किए तो फिर प्रोग्राम का मजा ही अधूरा रह जाता है। आज भी हंसी के पिटारे में हम लेकर आए हैं कुछ हंसगुल्ले।

    दोस्तो आजकल चुनावी मौसम है और वैसे भी भारत जैसे लोकतंत्र में अक्सर बहुमत की बात की जाती है। जबकि कई बार गलत मुद्दा भी बहुमत के चक्कर में पास हो जाता है। हमारा जोक भी कुछ-कुछ इसी से जुड़ा है। जरा आप भी सुनिए ...

    टाइटल है नेता का बेटा

    टीचर: नेता जी, आपका बेटा फेल हो गया है और आप लड्डू बांट रहे हो!

    नेता: 70 बच्चों की क्लास में से 60 फेल हैं... बहुमत तो मेरे बेटे के साथ है!

    ....

    एक मच्छर का बेटा पहली बार उड़ा।

    रातभर बाहर रहने के बाद सुबह घर लौटा, तो मच्छर ने पूछा: उड़कर कैसा लगा बेटा?

    मच्छर का बेटा बोला: बहुत बढ़िया! मैं जहां भी जाता, लोग तालियां बजा-बजा कर मेरा स्वागत कर रहे थे।

    ....

    तीसरा और अंतिम जोक है। शराब पीने के बारे में।

    एक भारतीय यात्री जब जापान पहुंचा तो उसके जापानी मित्र ने पहली बार उसे जापानीशराब पीने के लिए पेश की।

    भारतीय यात्री ने पहला घूंट भरा ही था कि अचानकदीवारें लड़खड़ाने लगीं। फर्श हिलने लगा। भारतीय यात्री घबराकर बोला - उफ ! यह बहुततेज शराब हैं, पहले ही घूंट ने यह हाल कर दिया।

    जापानी मित्र बोला - "फिक्र न कर दोस्त ! इस गड़बड़ की वजह शराब नहीं , भूकम्प हैं।"

    ....

    दोस्तो, अगर आपके पास भी कुछ जोक्स या शायरी तो हमें भेज सकते हैं...

    अब सवाल-जवाब की बारी है। दोस्तो हमले पिछले सप्ताह दो सवाल पूछे थे, पहला सवाल था, बीजिंग इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में किस भारतीय फिल्म को बेस्ट यानी सर्व श्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड हासिल हुआ। जवाब है...सिद्धार्थ को।

    दूसरा सवाल था...विज्ञापन किंग के नाम से जाना जाने वाले भारतीय मूल के एक व्यक्ति बड़े आरोपों में घिरे हैं, उनका क्या नाम है और उन्होंने क्या किया है। जवाब है गुरबख्श चहल...उन पर अपनी गर्लफ्रैंड को 117 बार पीटने का आरोप है।

    इन दोनों सवालों का सही जवाब लिखकर हमें भेजा है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल, पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल, रविशंकर बसु, देवाशीष गोप और मनीषा चक्रवर्ती। भागलपुरबिहारसेडॉ. हेमंतकुमार, जमशेदपुर झारखंड से एस.बी.शर्मा औरसऊदी अरब से मो. सादिक आजमी।

    आप सभी को बधाई----

    आगे भी हमारे सवाल सुनते रहिए। .....

    अनिलः अब आज के सवालों की बारी है, पहला सवाल है- हाल में किस देश में एक महिला को विमान उड़ाने का लाइसेंस जारी किया गया है।

    दूसरा सवाल है- इस साल का जयपुर साहित्य महोत्सव कहां आयोजित होने वाला है।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।....

    हमारा ई मेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn.......

    अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।

    अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही ...अगले हफ्ते फिर मिलेंगे.....चाय के वक्त......तब तक आप चाय पीते रहिए और सीआरआई के साथ जुड़े रहिए। नमस्ते, बाय-बाय, शब्बाखैर, चाइच्यान.....

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