140426yong
|
नमस्कार श्रोता मित्रों मैं पंकज श्रीवास्तव आपकी पसंद कार्यक्रम में आप सभी का स्वागत करता हूं। हर सप्ताह की तरह हम आज भी आपको देंगे कुछ रोचक,ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारियां और साथ में सुनवाएँगे आपकी पसंद के कुछ फिल्मी गाने।
अंजली: श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, हम हर सप्ताह आपसे मिलते हैं और बातें करते हैं, हम आपको इस कार्यक्रम में आपके फरमाईशी गीत भी सुनवाएंगे, तो आज कार्यक्रम शुरु करने से पहले मैं आपको सुनवाती हूं एक मधुर गीत, जिसे हमने लिया है … फिल्म इजाज़त से इसे गाया है आशा भोंसले ने, संगीत दिया है राहुलदेव बर्मन ने और गीतकार हैं गुलज़ार, गीत के बोल हैं ---
सांग नंबर 1. छोटी सी कहानी में बारिशों के पानी में ....
पंकज:मित्रों आज हम बात करेंगे बच्चों के मनोविज्ञान पर उनका बचपन किन बातों से प्रभावित होता है, और ऐसी कौन सी घटनाएँ उनके बचपन में घटती हैं जिससे उनकी पढ़ाई पर बुरा असर पड़ता है जिसका परिणाम परीक्षाओं में ग्रेडिंग में दिखाई देता है। बात सिर्फ यहीं पर खत्म नहीं होती, कई बच्चे इस तरह के उत्पीड़न से तंग आकर खुद को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं और कुछ तो बुलिंग से इस कदर परेशान हो जाते हैं कि वो आत्महत्या तक करने पर उतारू हो जाते हैं। इसके अलावा बचपन में इस तरह के उत्पीड़न का उनके पूरे जीवन पर बुरा असर पड़ता है, उनका आत्मविश्वास खत्म हो जाता है। ब्रिटेन में करीब एक चौथाई किशोरों का कहना है कि दबंग बच्चों की बदमाशियों से उनकी पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा है, बल्कि उनके GCSE के ग्रेड कम हो गए।
GCSE यानी (जनरल सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) भारत के CBSE की तरह ही इंग्लैंड में सेकेंडरी एजुकेशन से जुड़ी परीक्षा कराने वाली संस्था है।
अंजली: वाकई ये बहुत बुरी बात है कि कुछ बच्चे सिर्फ अपने मनोरंजन या फिर दूसरों को परेशान करने के लिये कई बच्चों का भविष्य बिगाड़ देते हैं। ऐसे में स्कूलों को सख्त कानून बनाना चाहिए और बदमाश बच्चों को स्कूल से निकाल देना चाहिए। अगर ऐसे बदमाश बच्चों पर बचपन में ही नकेल नहीं कसी गई तो बड़े होकर ये बच्चे समाज और देश के लिये सिरदर्द बन जाएंगे। और फिर आप ही बताईये कि अगर ऐसे लोगों की तादाद देश में होगी तो शांति और सुरक्षा को खतरा होगा जिससे देश की तरक्की में भी बाधा पहुंचेगी। खैर अब मैं उठाने जा रहा हूं कार्यक्रम का पहला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है, कलेर बिहार से आसिफ खान, बेगम निकहत परवीन, सदफ़ आरज़ू, बाबू अरमान आसिफ़, मदरसा रोड कोआथ से हाशिम आज़ाद, दुर्गेश दीवाना, डॉक्टर हेमन्त कुमार, पिन्टु यादव और बाबू साजिद, आप सभी से अनुरोध है कि आप हमें अपना पूरा पता साफ साफ लिखकर भेजें, और अब मैं आपको सुनवाने जा रहा हूं आपकी पसंद का गाना, अली बाबा और चालीस चोर फिल्म से इस गाने को लिया है, इसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने, संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----
सांग नंबर 2. जादूगर जादू कर जाएगा ....
पंकज: 13 से 18 साल के करीब 3,6000 छात्रों से बात कर तैयार की गई एक रिपोर्ट में ये बातें सामने आई हैं।
'बुलीइंग' या डराने-धमकाने के खिलाफ काम करने वाली चैरिटी संस्था 'डिच द लेबल' का कहना है कि डराए-धमकाए गए 56 फीसदी बच्चे मानते हैं कि इससे उनकी पढ़ाई-लिखाई पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
अनुसंधान में ये बात सामने आई है कि ऐसे बच्चों को GCSE में या तो 'डी' ग्रेड मिले या इससे भी खराब पोजिशन आई।
ये भी पता चला कि सताए जाने वाले हर तीन में से एक बच्चे ने हताश होकर खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। इनमें से 10 फीसदी बच्चों ने आत्महत्या की कोशिश की है।
शारीरिक क्षति
16 साल की रिबेका पार्किन ने बताया कि छह साल की उमर से ही उनके साथ 'बुलीइंग' हो रही है।
पार्किन बताती हैं, "स्कूल में बच्चे मुझे मूर्ख, बदसूरत और पागल कहकर चिढ़ाते थे। वे क्लास में मेरे ऊपर पानी भी फेंक दिया करते थे।
वे बताती हैं, "सोशल मीडिया पर लोग मुझसे घटिया बातें करते थे, एक लड़की ने तो मुझे पीटने तक की धमकी दे डाली। उसने लिखा, 'घबराओ मत, मैं तुम्हें इतना पीटूंगी कि खून निकल आएगा'।
अंजली:बचपन में हालांकि कई बच्चे शरारती होते हैं और छोटी मोटी लड़ाईयां चलती रहती हैं लेकिन कई देशों में जहां बहुराष्ट्रीयता वाले बच्चे रहते हैं वहां पर कई बार कुछ विशेष राष्ट्र या समुदाय के बच्चों को जानबूझकर निशाना बनाया जाता है। इससे हालात और बिगड़ जाते हैं और कई बार इलाके में तनाव तक फैल जाता है। मैंने सुना है कि भारत में भी स्कूलों और कॉलेजों में रैगिंग होती है, और आजकल तो लोग रैगिंग के MMS बनाकर अपने दोस्तों को भी भेजने लगे हैं इससे हालात और भी भयावह हो जाते हैं, प्रशासन को ज़रूरत है ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने की क्योंकि कई बार ऐसे हालात में बच्चों की मौत भी हो जाती है। खैर अब मैं अपने श्रोताओं को सुनाने जा रहा हूं कार्यक्रम का अगला गाना जिसके लिये हमें पत्र लिख भेजा है कुरसेला, तिनधरिया से ललन कुमार सिंह, श्रीमती प्रभा देवी, कुमार केतु, मनीष कुमार मोनू, गौतम कुमार, स्नेहलता कुमारी, मीरा कुमारी, कुमारी मधु एल के सिंह और इनके बहुत सारे साथी, आप सभी ने सुनना चाहा है कामचोर फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने संगीत दिया है राजेश रौशन ने और गीतकार हैं इंदेवर, गीत के बोल हैं ----
सांग नंबर 3. तुझ संग प्रीत लगाई सजना ...
पंकज: रिबेका पार्किन ये स्वीकार करती हैं कि उस वक्त उनका साथ देने वाला कोई नहीं था और निराशा में वे सबसे पहले खुद को ही नुकसान पहुंचाने के बारे में सोचती थीं।
उन्होंने कहा, "मैंने कई स्कूल बदले। मैं पढ़ाई में बिलकुल पिछड़ गई।"
रिबेका पर अपशब्दों और बुरे बर्ताव का असर ऐसा हुआ कि वे ऑटिज्म का शिकार हो गईं। ऑटिज्म यानि एक ऐसी शारीरिक अक्षमता जिसमें पीड़ित व्यक्ति दूसरों से काफी मुश्किल से संवाद कर पाता है।
वे बताती हैं, "मैं कोई भी काम सामान्य तरीके से नहीं कर पाती थी। स्कूल में बदमाश बच्चों के गुट में मैं फिट नहीं होती थी। इसलिए वे मुझे परेशान करते थे। धीरे धीरे में स्कूल के लोगों से भी मिलने जुलने में मुझे दिक्कत महसूस होने लगी।"
अंजली: कार्यक्रम में अगली फरमाईश लिख भेजी है हमारे पुराने श्रोता मालवा रेडियो श्रोता संघ प्रमिलागंज आलोट से बलवंत कुमार वर्मा, राजूबाई, माया वर्मा, शोभा वर्मा, राहुल, ज्योति, अतुल और इनके बहुत सारे साथी, आप सभी ने सुनना चाहा है राम बलराम फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं ----
सांग नंबर 4. यार की खबर मिल गई ....
पंकज: अब रिबेका ने जब से स्कूल छोड़ा है, उनके ग्रेड में सुधार आया है। अब वे 'बुलीइंग' के शिकार बच्चों की मदद करने वाली संस्थाओं की 'यूथ अम्बेसेडर' हैं।
स्कूल में खराब ग्रेड
'डिच द लेबल' संस्था कहती है कि बच्चों के साथ बुरा बर्ताव लोगों पर अलग अलग तरीके से असर डालता है लेकिन इस रिपोर्ट के अनुसार इसका असर काफी 'गहरा' हो सकता है।
चैरिटी संस्था के सीईओ लियम हैकेट्ट ने कहा, "कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि स्कूल में बच्चों के बीच होने वाली 'बदमाशी' सामान्य बात है और इससे वे मानसिक और शारीरिक तौर से मजबूत बनते हैं। लेकिन हकीकत इसके विपरीत है। और ये हकीकत इन आंकड़ों से के जरिए सामने आई है।"
अंजली: हमारे अगले श्रोता हैं मनकारा मंदिर बीडीए कॉलोनी, करगैना बरेली उत्तर प्रदेश से पन्नीलाल सागर, बेनी सिंह मासूम, धर्मवीर मनमौजी, ममता चौधरी, आशीष कुमार सागर, कुमारी रूबी भारती, अमर सिंह, कुमारी एकता भारती, कुमारी दिव्या भारती, श्रीमती ओमवती भारती और इनके ढेर सारे मित्र आप सभी ने सुनना चाहा है हम फिल्म का गाना जिसे गाया है सुदेश भोंसले और कविता कृष्णमूर्ती ने, संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं ---
सांग नंबर 5. जुम्मा चुम्मा दे दे ...
पकंज: सीईओ कहते हैं, "अधिकांश बच्चों के लिए यह नुकसानदेह होता है और दीर्घकाल में इसके बुरे परिणाम सामने आते हैं।"
अध्ययन में शामिल 83 फीसदी छात्रों ने कहा कि बुरे बर्ताव से उनका आत्म-विश्वास टूटा है।
लियम को उम्मीद है कि ये जानकारी समाज के उन स्कूलों की आंखें खोलेगी जो इस पर रोक लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे।
वे कहते हैं, "लगभग सभी स्कूलों को ग्रेड की चिंता होती है। इसलिए हमें ये आशा है कि इस जानकारी से वे अपने यहां पढ़ रहे बच्चों की भलाई और प्रदर्शन के प्रति जागरुक होंगे।"
उन्होंने दुख जताते हुए बताया, "अधिकांश किशोर स्कूल में अपने साथ हुए बुरे बर्ताव के बारे में बात करने में शर्मिंदगी महसूस करते हैं।"
वे आगे कहते हैं, "स्कूल में शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की जरूरत है और सरकार को चाहिए कि वह इसके लिए स्कूल को ज्यादा धन मुहैया करवाए।"
'इसके लिये शिक्षकों को अधिक अधिकार दिया जाना चाहिये'
'न्यूजबीट' को जारी किए गए एक बयान में शिक्षा विभाग ने कहा है, "किसी भी बच्चे को स्कूल में अपशब्द और गलत बर्ताव का शिकार होने और इससे डरने की जरूरत नहीं है।
"गलत व्यवहार और किसी किस्म के भेदभाव को सहन नहीं किया जाना चाहिए और प्रत्येक स्कूल को चाहिए कि वे कानून के तहत इसका निदान निकालें।"
बयान में आगे कहा गया है, "हमने शिक्षकों को अधिक शक्ति दी है ताकि यदि स्कूल गेट से बाहर भी किसी बच्चे के साथ बदमाशी होती है तो वे इन आरोपों की जांच कर सकें। वे फोन से अनुचित तस्वीरें भी मिटा सकते हैं, और उसी दिन ऐसा करने वाले को पकड़ भी सकते हैं।"
शिक्षा विभाग ने कहा, "हम कई तरह की ऐंटी बुलीइंग संस्थाओं को धन मुहैया करवा रहे हैं ताकि वे स्कूलों को इस समस्या से निपटने में मदद कर सकें और ऐसी घटना होने पर प्रभावशाली तरीके से इसका हल निकाल सकें।"
अंजली: और अब चलते चलते हम उठाते हैं कार्यक्रम का अंतिम पत्र जिसे हमें लिख भेजा है हमारे पुराने चिर परिचित श्रोता पंडित मेवालाल परदेशी जी ने जो अखिल भारतीय रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष हैं और इनके साथ इनके परिजनों ने भी हमें पत्र लिखा है आपने हमें महात्वाना, माहोबा, उत्तर प्रदेश से पत्र लिखा है और आप सुनना चाहते हैं तूफान फिल्म का गाना जिसे गाया है मनहर उदास और अमिताभ बच्चन ने संगीत दिया है अन्नू मलिक ने,गीतकार हैं इंदेवर और गीत के बोल हैं ----
सांग नंबर 6. don't worry be happy ….
पंकज: तो मित्रों इस गाने के साथ ही हमें आपकी पसंद कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दें, अगले सप्ताह हम आज के दिन और आज ही के समय पर फिर आपके सामने आएंगे कुछ रोचक, ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारी के साथ और आपको सुनवाएंगे आपकी पसंद के कुछ मधुर फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।
अंजली : नमस्कार।