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    टी टाइम 140415 (अनिल और वेइतुंग)
    2014-04-16 09:21:22 cri

    अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ..चाय की आवाज .........आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः वेइतुंग जी आजकल चीन में इंटरनेट का बड़ी तेजी से विकास हो रहा है। युवा हों या बड़ी उम्र के लोग, अधिकांश इंटरनेट का यूज करते हैं। आप क्या सोचते हैं इस पर।

    वेइतुंगः ..............

    अनिलः वहीं प्राइस वाटरहाउस कूपर्स यानी पीडब्ल्यू सी की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी उपभोक्ता विश्व में ऑनलाइन शॉपिंग में सबसे आगे हैं, खासकर मोबाइल ऑनलाइन शॉपिंग के मामले में।

    बताते हैं कि इस सर्वे में दुनियाभर के 15 हजार ऑनलाइन ग्राहकों से जानकारी एकत्र की गई। जो चीन , भारत , फ्रांस और ब्राजील समेत 15 देशों औऱ क्षेत्रों के थे।

    सर्वे में हिस्सा लेने वाले चीनी ऑनलाइन ग्राहकों में से 14 प्रतिशत का मानना है कि वे रोज ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं ,जबकि 60 प्रतिशत से अधिक ने कहा कि वे एक हफ्ते में कम से कम एक बार ऑनलाइन खऱीदारी करते हैं। जबकि सर्वे में शामिल विश्व भर के सिर्फ 5 फ़ीसदी लोग रोज ऑनलाइन खरीदारी करते हैं और 21 प्रतिशत लोग हफ्ते में एक बार ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं।

    वैसे मोबाइल फोन के जरिये भी शॉपिंग करना चीन में काफी लोकप्रिय होता जा रहा है। इस सर्वे में शामिल चीनी उपभोक्ताओं में से चार प्रतिशत लोग रोज़ मोबाइल फोन से शॉपिंग करते हैं और 20 प्रतिशत हर हफ्ते खरीदारी के लिये मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। वहीं 27 प्रतिशत लोग हर महीने मोबाइल फोन से शॉपिंग करते हैं ,जबकि इस सर्वे में हिस्सा लेने वाले उपभोक्ताओं में से सिर्फ 2 प्रतिशत लोग रोज मोबाइल फोन से शॉपिंग करते औऱ 7 फीसदी लोग हर हफ्ते मोबाइल फोन से शॉपिंग करते हैं।

    वेइतुंगः इस सर्वे में यह बात भी सामने आई कि चीनी उपभोक्ता अन्य जगहों के उपभोक्तओं की तुलना में अधिक स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करते हैं ।बातचीत ,न्यूज पढ़ना ,सोशल मीडिया के प्रयोग के अलावा चीन में स्मार्ट फोन के जरिये आनलाइन खरीददारी अधिक लोकप्रिय हैं ।उदाहरण के लिए साक्षात्कार में हिस्सा लेने वाले 71 प्रतिशत चीनी उपभोक्ता स्मार्ट फोन से शापिंग करते हैं ,जबकि अमेरिका में यह अनुपात सिर्फ 32 प्रतिशत है ।37 चीनी उपभोक्ता स्मार्ट फोन से खाने की बुकिंग करते हैं ,जबकि अमेरिका में सिर्फ 13 उपभोक्ता ऐसे करते हैं ।इसके अलावा 35 प्रतिशत चीनी कस्टमर स्मार्टफोन से शेयर खरीदते व बेचते हैं ,जबकि अमेरिका में यह अनुपात सिर्फ 5 फीसदी है ।

    इस रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि चीनी आनलाइन उपभोक्ताओं को मोबाइल भुगतान बेहद पसंद हैं ।चीन में सब से लोकप्रिय मोबाइल भुगतान का माध्यम ची फू पाओ है ।वर्ष 2013 में इसके जरिए 9 खऱब 6 अरब युआन का भुगतान हुआ, जो विश्व में सबसे अधिक था। वर्ष 2013 में चीन में मोबाइल भुगतान की कुल राशि 12 खऱब 20 अरब युआन तक जा पहुंची ।रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 औऱ वर्ष 2015 में यह तेजी से बढ़कर 29 खऱब 41 अरब और 52 खऱब 57 अरब युआन पहुंचने की संभावना है।

    .अनिलः चीन में ऑनलाइन शॉपिंग की बढ़ती पॉपुलरटी पर जानकारी के बाद आपको फ्रांस लिए चलते हैं। पिछले दिनों फ्रांस की अदालत में एक अजीबो-गरीब मामले में कुत्ते को अदालत में बुलाया गया। अदालत में नौ साल के एक कुत्ते को मालिक के हत्यारे को पहचानने के लिए कठघरे में बुलाया गया।

    टैंगों नाम के लैब्राडोर नस्ल के इस कुत्ते को मध्य फ्रांस के टोर्स की अदालत में हत्या के मामले की शुरुआत जांच के दौरान मालिक के संदिग्ध हत्यारे को पहचानने के लिए बुलाया गया था। आरटीएल रेडियो की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने संदिग्ध को एक बैट से कुत्ते को डराने को कहा ताकि टैंगो की प्रतिक्रिया समझ कर हत्यारे को पहचाना जा सके। इस परीक्षण को निष्पक्ष रखने के लिए टैंगो की तरह दिखने वाले नोरमन नाम के एक अन्य कुत्ते को भी अदालत में बुलाया गया। संदिग्ध से नोरमन को उसी तरह डराने को कहा गया लेकिन यह परीक्षण पूरी तरह विफल हो गया। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब फ्रांस की किसी अदालत ने गवाही के लिए किसी कुत्ते को अदालत में बुलाने को मंजूरी दी है। पिछले महीने भी अदालत में एक कुत्ते को हत्या के दो संदिग्धों की तस्वीर दिखाकर उन्हें पहचानने की कोशिश की गई थी। अदालत में एक पशु चिकित्सक को भी बुलाया गया था ताकि वह कुत्ते के हाव भावों को समझ सके। वर्ष 2008 में स्कूबी नाम के कुत्ते को पहली बार हत्या के संदिग्ध की पहचान के लिए अदालत में बुलाया गया था।

    वेइतुंगः दोस्तो, जरा सोचिए कि एक कप यानी प्याले की कीमत भला क्या हो सकती है।.....चलिए मैं ही बता देता हूं। हॉंगकॉग में चीन के मिंग राजवंश का चीनी मिट्टी से बना एक छोटा सा कप तीन करोड़ 60 लाख डॉलर (तक़रीबन 216 करोड़ रुपए) में नीलाम हुआ है. इसने बिक्री के अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.

    'चिकन कप' नाम से पुकारे जाने वाले, इस प्याले पर मुर्गे और मुर्गियों की तस्वीर बनी हुई है, इस नन्हे मगर करोड़ों रुपए की कीमत वाले कप को शंघाई के एक कला पारखी संग्रहकर्ता ने ख़रीदा है।आठ सेंटीमीटर व्यास का यह बेशकीमती कप लगभग 500 साल पुराना बताया जाता है।

    अनिलः नीलामी हाउस सदबीज़ का कहना है कि इससे पहले साल 2010 में चीनी मिट्टी के एक फूलदान की नीलामी ने रिकॉर्ड बनाया था. उस फूलदान की कीमत तीन करोड़ 24 लाख रुपए लगाई गई थी.

    बताते हैं कि 500 साल पुराना ये छोटा सा कप मिंग वंश के सम्राट चेंगुआ के शासनकाल के दौरान बनाया गया था जिन्होंने 1465 से 1487 तक शासन किया था."चीनी मिट्टी के कलात्मक बर्तनों के इतिहास में उत्कृष्ट कला का इससे अधिक भव्य नमूना और कोई नहीं होगा. "

    माना जा रहा है कि उस काल के ऐसे केवल 17 प्याले बचे रह गए हैं. इनमें से चार प्याले अलग-अलग व्यक्तियों के पास हैं जबकि बाक़ी संग्रहालय में सहेज कर रखे गए हैं.

    वेइतुंगः सदबीज़ के एशिया क्षेत्र के उपाध्यक्ष निकोलस चाऊ का कहना है, "चीनी मिट्टी के बर्तनों के इतिहास में इससे अधिक भव्य नमूना और कोई नहीं होगा."

    वे कहते हैं, "अगर चीनी कला की बात की जाए तो ये सचमुच एक पवित्र प्याला है."प्याले को खरीदने वाले ली यिकिअन चीन के 200वें सबसे धनी इंसान हैं। ऐसी संभावना है कि इस प्याले को ली यिकिअन शंघाई में अपने संग्रहालय में रखेंगे. इस संग्रहालय को उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर साल 2012 में ख़रीदा था।

    अनिलः अब बात कुछ फिल्मी दुनिया की करते हैं। फ़िल्म इंडस्ट्री में जाने-माने फिल्म निर्देशक, लेखक और गीतकार गुलज़ार को दादा साहब फ़ाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वे 'तुझसे नाराज नहीं जिंदगी' और 'तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा नहीं'. जैसे गीतों की रचना कर चुके हैं। भारत में फिल्मी हस्तियों को दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान है। इससे पहले अभिनेता जीतेंद्र का नाम इस पुरस्कार के लिए लिया जा रहा था।

    'आंधी', 'मौसम', 'मेरे अपने', 'कोशिश', 'खुशबू', 'अंगूर', 'लिबास' और 'माचिस' जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके 79 वर्षीय गुलजार यह सम्मान प्राप्त करने वाले 45वें व्यक्ति हैं। सूचना व प्रसारण मंत्रालय से जारी बयान के अनुसार, प्रतिष्ठित कलाकारों की सात सदस्यीय ज्यूरी ने एकमत पुरस्कार के लिए गुलजार के नाम की सिफारिश की। साहित्य में योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है। इसके बाद वह वर्ष 2004 में पद्म भूषण, वर्ष 2009 में फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर के गीत 'जय हो' के लिए सर्वश्रेष्ठ मौलिक गीत का ऑस्कर और वर्ष 2010 में ग्रैमी पुरस्कार भी हासिल कर चुके हैं। कई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के साथ 20 फिल्म फेयर पुरस्कार भी उनके नाम हैं।

    वेइतुंगः विभाजन पूर्व पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में वर्ष 1934 में जन्मे गुलजार का नाम संपूर्ण सिंह कालरा है। उनका परिवार विभाजन की त्रासदी के बाद अमृतसर आ गया लेकिन गुलजार मुंबई आ गए। एक गैराज में मैकेनिक के तौर पर काम करने लगे। खाली वक्त में वह कविताएं लिखते थे। उनके तीन कविता संग्रह 'चांद पुखराज का', 'रात पश्मीने की' , 'पंद्रह पांच पचहत्तर' और दो लघु कथाएं 'रावी पार' और 'धुंआ' प्रकाशित हो चुकी हैं। गुलजार के फिल्मी करियर की शुरुआत वर्ष 1956 में बिमल रॉय की फिल्म बंदिनी से हुई, जिसके लिए उन्होंने गीत लिखे। गुलजार को अवार्ड मिलने पर उनकी बेटी मेघना गुलजार ने कहा कि उन्हें गुलजार की बेटी होने पर गर्व है। जबकि लता मंगेशकर ने ट्विटर पर लिखा, नमस्कार। निर्देशक, लेखक और गीतकार गुलजार साहब को प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के लिए चुने जाने पर तहे दिल से शुभकामनाएं। 1977 में आई फिल्म किनारा में उनका लिखा गीत 'नाम गुम जाएगा' मेरा सबसे पसंदीदा गीत है। वहीं आशा भोसले ने कहा, दादा साहेब फाल्के के लिए मुबारकबाद। जबकि अभिनेता अनुपम खेर ने कहा, जय हो, जय हो, जय हो।

    अनिलः दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलने पर गुलजार ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। मुझे खुशी है कि इस बार काले कोट की दिक्कत नहीं रहेगी। जब बुलावा आएगा, मैं इस सम्मान को लेने दिल्ली जरूर जाऊंगा।

    वेइतुंगः हर बार की तरह आज के प्रोग्राम में भी हम लिस्नर्स के कमेंट शामिल कर रहे हैं। झारखंड से सागरिका लिखती हैं कि अनिल जी और साथियो द्वारा संकलित और सम्पादित टी टाइम प्रोग्राम मुझे बहुत पसंद है। घर के सभी सदस्य और मित्रों के साथ मिलकर हम इस प्रोग्राम का लुफ्त उठाते हैं। देश दुनिया कि तजा तरीन जानकारियो से लबालब यह प्रोग्राम हम सबका सबसे प्यारा प्रोग्राम है। यह प्रोग्राम रोज नई नई जानकारिया ले कर आता है जिसमे मैं बड़े चाव से सुनती हूँ। चुटकुले और हंसी की फुलझड़ियों को थोड़ा और स्थान मिलना चाहिए।

    धन्यवाद सागरिका, यू ही आगे भी टी-टाइम प्रोग्राम के साथ जुड़े रहिए।

    अनिलः उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल लिखते हैं कि देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों के उपरान्त पेश साप्ताहिक "टी टाइम" के तहत शुरुआत ही में भारत हो रहे आमचुनाव और उसमें खड़े विभिन्न प्रत्याशियों का ब्यौरा सुन कर अच्छा लगा.इसके अलावा पुणे के 25 वर्षीय राहुल नामक एक शराबी की अजीबोग़रीब हरक़त से लोगों को हुई परेशानी का ज़िक्र भी क़ाबिल-ए-गौर लगा। कभी घुटनों के असाधारण रोग से पीड़ित मुम्बई की तैराक स्वप्ना वाणी की जीवटता की कहानी अनुकरणीय लगी.सही मायने में इसे कहते हैं खुदी को बुलन्द करना। एक ब्रिटिश कम्पनी द्वारा की गई भविष्य के शहरों की परिकल्पना भी किसी स्वप्नलोक जैसी प्रतीत हुई।

    वेइतुंगः टेनिस में सर्बिया के ज़ोकोविच द्वारा नडाल को परास्त कर सोनी ओपन टेनिस प्रतियोगिता का ख़िताब अपने नाम करने की कहानी उनके दमखम की परिचायक है।चुटकुले और जोक्स के क्रम में आज पेश पति-पत्नी के झगड़े तथा ओसामा और लालू के बीवी-बच्चो से सम्बंधित व्यंग काफी सुहाना लगा।कार्यक्रम में बस कोई चीज़ अनावश्यक जान पड़ती है, तो वह है ज़रूरत से ज़्यादा संगीत। आशा है कि समय के साथ इस पर भी आप ज़रूर गौर फ़रमायेंगे।

    धन्यवाद, सुरेश जी, हम आपके सुझावों पर विचार करेंगे।

    अनिलः लिस्नर्स के कमेंट के बाद हेल्थ से जुड़ी बातें करते हैं।

    ...डेंगू बुखार और उसके ख़तरे से तो हम सभी वाकिफ हैं। अब इसे रोकने की दिशा में जेनेटिक मच्छर का ही इस्तेमाल होने का दावा किया जा रहा है। एक ब्रिटिश कंपनी ब्राजील में जेनेटिक मच्छर के इस्तेमाल से डेंगू बुखार की रोकथाम की परीक्षा कर रही है। अगर परीक्षण सफल होता है ,तो डेंगू बुखार पर नियंत्रण करने में बहुत हद तक मदद मिलेगी। ब्राजील की राष्ट्रीय जैविक सुरक्षा तकनीक समिति ने हाल ही में इस बात को मंजूरी दी है कि ब्रिटिश ऑक्सफोर्ड इंसेक्ट तकनीकी कंपनी ब्राजील में मार्क पंजीकरण कर संबंधित तकनीक का प्रयोग कर सकेगी।

    वेइतुंगः डेंगू बुखार की रोकथाम के लिए इस ब्रिटिश कंपनी की तकनीक से मरे हुए जीन को मच्छर के शरीर में डाला जाए और डेड जीन से लैस मच्छर को प्रकृति में मौजूद मच्छर के साथ मेट कराया जाए ,तो उनकी संतान व्यस्क होने से पहले मर जाएंगी। इस तरह डेंगू और मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारियों की रोकथाम की जाएगी।ब्राजीली राष्ट्रीय जैविक सुरक्षा तकनीक समिति के विचार में उपरोक्त उपाय से मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को कोई हानि नहीं पहुंचेगी। लेकिन यह ब्रिटिश कंपनी ब्राजील के स्वास्थ्य निगरानी विभाग की मंजूरी मिलने के बाद ही औपचारिक रूप से इस तकनीक को बाजार में उतार सकेगी।

    अनिलः वर्ष 2011 से इस ब्रिटिश कंपनी ने ब्राजील के संबंधित विभाग के साथ सहयोग कर उत्तर-पूर्वी ब्राजील में परीक्षण शुरू कर दिया है। परीक्षण का परिणाम उत्साहजनक रहा। जेनेटिक मच्छर उड़ाने के बाद स्थानीय मच्छरों की संख्या में बहुत हद तक कमी आयी।

    वेइतुंगः अब कंपनी ब्राजील में कारखाना स्थापित करने की योजना बना रही है। योजनानुसार हर हफ्ते 20 लाख जेनेटिक मच्छर पैदा होंगे।

    लेकिन कुछ लोगों की चिंता है। कुछ अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि व्यापक आकलन के बिना बड़े पैमाने पर जेनेटिक मच्छर उड़ाये जाएं ,शायद अप्रत्याशित पारिस्थितिकी विपत्ति आएगी।

    ध्यान रहे डेंगू बुखार ब्राजील में बहुत प्रचलित है। वर्ष 2012 में कुल 2 लाख 10 हजार मामले दर्ज हुए थे और 33 मरीजों की मृत्यु डेंगू से हुई थी।

    हेल्थ रिपोर्ट के बाद.... प्रोग्राम में अब बारी है, जोक्स यानी हंसगुल्लो की।

    पहला जोक कुछ इस तरह है-अपने ख्यालों में खोया आदमी—

    एक आदमी अपने ख्यालों में इतना खोया रहता मानो घर से उसे कोई मतलब ही न हो |

    एक दिन उसकी पत्नी बोली - पता है , हमारा मुन्ना चलने लगा हैं ?

    पति का ध्यान कहीं और था , उसने पूछा - कब से ?

    पत्नी ने कहा - अजी 2012 से |

    पति बोला - ओह ! तब तो वह 2013 में चला गया होगा |

    .....हंसने की आवाज.....

    दूसरा जोक चीनी भाषा से जुड़ा है, यह तो हम सभी जानते हैं कि चीनी भाषा यानी मैंडरिन कितनी मुश्किल होती है। हिंदी में इस पर कुछ जोक भी बने हैं। यह जोक भी इसी पर है।

    एक बच्चे ने दूसरे बच्चे से पूछा - क्या तुम चीनी भाषा पढ सकते हो ?

    दूसरे बच्चे ने कहा - हां , अगर वह हिंदी तथा अंग्रेजी में लिखी हो तो....

    .....हंसने की आवाज....

    तीसरा जोक...बच्चों की उंगली चूसने की आदत से जुड़ा है। छोटे बच्चे अक्सर उंगली चूसते रहते हैं और मां-बाप उनकी इस आदत को छुड़ाने के लिए क्या-क्या नहीं करते। मुझे याद है कि मेरे एक रिश्तेदार अक्सर अपने नन्हे की उंगुलियों में मिर्च लगा दिया करते थे। पर इसके बाद भी उसकी उंगुली चूसने की आदत नहीं छूटी।

    जोक में भी दो महिलाएं इस पर चर्चा कर रही हैं।

    दो महिलाएं कुछ समय बाद मिलीं तो एक ने पूछा - बहन आपने राजू बेटे का उंगली चूसना कैसे छुडाया ?

    दूसरी महिला- कुछ खास नहीं उसकी नेकर ढीली सिल दी हैं , वह उसे ही पकडे रहता है।

    ---चौथा जोक....

    टीचर ने क्लास में...

    शिक्षक ने क्लास में लडके की कॉपी जांचते हुए उससे कहा- मुझे आश्चर्य होता है कि तुम अकेले इतनी सारी गल्तियां करते हों ?

    लडके ने खडे होकर कहा - यह सब गल्तियां मैंने अकेले नहीं की हैं , मेरे पिता जी ने भी इसमें मुझे मदद दी है

    अब सवाल-जवाब की बारी है। दोस्तो हम पिछले हफ्ते हमने दो सवाल पूछे थे। पहला सवाल था, टेनिस में हाल में किस खिलाड़ी ने सोनी ओपन का खिताब जीता और उन्होंने किस दिग्गज प्लेयर को हराया। सही जवाब है नोवाक जोकोविच ने रफैल नडाल को हराया।

    दूसरा सवाल था.... कौन से देश की कंपनी के विशेषज्ञों ने हाल में यह परिकल्पना की है कि शहर रात के अंधेरे में खुद ब खुद जगमगाने लगेंगे। पेड़ स्ट्रीट लाइट्स का काम करेंगे और घरों की दीवारों पर बगीचे तैयार किए जा सकेंगे।

    सही जवाब है ब्रिटेन.

    इन दोनों सवालों का सही जवाब लिखकर हमें भेजा है, हुगली पश्चिम बंगाल से सुदेष्णा बसु और दक्षिण दिनाजपुर पश्चिम बंगाल से देबाशीष गोप ने।

    आप सभी को बधाई---- तालियों की आवाज.....

    आगे भी हमारे सवाल सुनते रहिए। .....

    ....म्यूजिक.....छोटा सा..

    अब आज के सवालों का वक्त है।

    पहला सवाल है, हालिया सर्वे के मुताबिक दुनिया में किस देश के उपभोक्ता सबसे अधिक ऑनलाइन खरीदारी यानी शॉपिंग करते हैं।

    दूसरा सवाल है....भारत में ही हाल ही में किस फिल्म निर्देशक, लेखक और गीतकार को प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।....

    .हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn.

    ...... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।

    ........म्यूजिक........

    अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही ...अगले हफ्ते फिर मिलेंगे.....चाय के वक्त......तब तक आप चाय पीते रहिए और सीआरआई के साथ जुड़े रहिए। नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर, चाइ च्यान.....

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