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    थू जाति परम्परागत वसंत त्यौहार
    2014-02-20 13:48:14 cri

    थू जाति बहुल वू श नामक गांव उत्तर पश्चिम चीन के छिंग हाई प्रांत के हू चू थू जातीय स्वायत्त कांऊटी में स्थित है । इस गांव में थू , हान और तिब्बती समेत तीन जातियों की कुल 160 से अधिक परिवार रहते हैं । इधर सालों में स्थानीय सरकारी विभागों के समर्थन व मदद में गांव वालों को सरसों , आलू और पिंस जैसी विशेषता वाली सहायक कृषि फसलों की शानदार पैदावार हासिल हुई और इन बढ़िया फसलों से तैयार कृषि वस्तुओं की बिक्रि भी देश विदेश में की जाती है , जिस से गांववांसी भी दिन ब दिन खुशहाल हो गये हैं । इसलिये वसंत त्यौहार के उपलक्ष में गांव वासी नाना प्रकार के सांस्कृतिक व मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत करने में मग्न हैं ।

    वसंत त्यौहार व ना तन उत्सव थू जाति के सब से जोशीला व भव्यदार त्यौहार हैं , थू जाति के लोग वसंत त्यौहार को नव वर्ष या नव मास कहते हैं । वसंत त्यौहार के उपलक्ष में थू जातीय लोग गाते हुए नाचना ज्यादा पसंद करते हैं । इस गांव में यह कहावत प्रचलित है कि दिन में खाना न मिलना ठीक है , पर गीत गाये बिना नहीं सहा जाता । विशेषकर शादी व्याह में पूरे गांव के लोग अवश्य ही एकत्र होकर मधूर संगीत के तालमेल में नाचते हैं , बेशक वसंत त्यौहार के मौके पर भी लोगों को जरूर ही गाने नाचने से नहीं चूकता ।

    प्रिय श्रोताओ , अभी आप ने जो आवाज सुनी , वह इस गांव के कई बुजुर्गों की है । ये बुजुर्ग एक बड़े प्रागण में , जहां इस गांव की ग्रामीण कमेटी स्थित है , बैठे हुए नजर आते हैं , उन में से कुछों के हाथों में चीनी तंतु वाद्य पान हू , कुछों के हाथों में सुषिर वाद्य या अन्य कुछों के हाथों में ताल वाद्य लिये हुए छिंग हाई प्रांतीय लोग संगीत बजाने में लीन हैं । जबकि प्रागण के केंद्र में रंगीन थू जातीय पोशाकों से सजधज दसेक महिलाएं हंसा मजाक करते हुए नाच रही हैं , नये शानदार कपड़ों में बाल बच्चे इधर ऊधर दौड़ते हुए क्रीड़ा कर रहे हैं , समूचा प्रांगण एकदम त्यौहार के उल्लापूर्ण माहौल में डूब गया ।

    आंटी ऊ यू छिन इस साल में 62 वर्ष की है , वह गाने व नाचने की शौकीन है । उस ने अपना अनुभव बताते हुए कहा

    मुझे बचपन से ही गाने नाचने का शौक रहा है , साथ ही हमारा जीवन पहले से कहीं अच्छा हो गया है , इसलिये अब गाना नाचना हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न भाग बन गया है , इतना ही नहीं , गाने नाचने से मन बहालाया जाता ही नहीं , स्वास्थ्य के लिये भी लाभदायक है ।

    गाने नाचने वाली महिलाओं में युवतियां ही नहीं , साठ सत्तर वर्ष की उम्र से ऊपर बुढ़िया भी हैं । वे सब बैगनी रंग के फूलदार स्वेटर पहने हुई हैं और कमर में रंगीला कमरबंदी बांधे हुए हैं , हाथ में लाल पंखा लिये संगीत के ताल में नाचने में संलग्न हैं , हरेक के चेहरे पर मीठी मुस्कान नजर आ रही है । ये महिलाएं वू श गांव के मनोजरक दल की सदस्या हैं । वे वसंत त्यौहार के उपलक्ष में न सिर्फ गांव वासियों के लिये मनोरंजक प्रोग्राम पेश करती हैं , बल्कि समूचे गाववासियों की ओर से टाउनशिप के संबंधित सरकारी विभागों और दूसरे गांवों के साथ मिलन समारोह में भी भाग लेती हैं । इस के अलावा वे नव वर्ष के दूसरे दिन से लेकर पंत्रहवें दिन तक आस पास के गांवों में बारी बारी से प्रोग्राम पेश करती हैं ।

    इस मनोरंजक दल के नेता श्री ल्यू इंग छुन थू जाति के तंदुरूस्त बुजुर्ग हैं । वे स्थानीय परम्परागत ओपेरा के ज्ञानी हैं और छिंग हाई प्रांत के स्थानीय ओपेरा य्वे श्येन गाने में माहिर हैं । इस स्थानीय ओपेरा की चर्चा में बुजुर्ग ल्यू इंग छुन ने मुस्कराते हुए कहा

    मुझे सुषिर व तंतु वाद्य बजाने का शौक है । खासकर मेरी संतान बहुत अच्छी है , वह मेरा ख्लाल रखती है , मैं बहुत खुश व स्वस्थ हू , इसलिये मैं गांव के बुजुर्गों के साथ स्थानीय ओपेरा करना पसंद करता हूं ।

    बुजुर्ग ल्यू इंग छुन का घर ग्रामीण कमेटी से दूर नहीं है । घर के मुख्य द्वार में प्रवेश करते हुए एक साफ सुथरा आंगन नजर आता है । प्रमुख मकान तीन कमरों से गठित है , तराशे गये गेट और खिड़कियां बहुत सुंदर लगती हैं । जब हम मुख्य मकान में दाखिले हुए , तो घर के मालिकों ने बड़े उत्साह के साथ गर्म गर्म दूग्ध चाय व तले हुए पकवान हमें खिला दिये ।

    बुजुर्ग ल्यू इंग छुन के परिवार में कुल नौ सदस्य हैं , बड़ा बेटा ल्यू शिंग फू छिंग हाई प्रांत की राजधानी शी निंग शहर में एक भवन निर्माण कम्पनी में नौकरी करता है , महीने में दो बार घर लौट आता है । दूसरा बेटा ल्यू शिंग क्वे इस गांव का प्रसिद्ध बढ़ई है । हरेक साल के अवकाश के समय में वह करीब नौ दस हजार य्वान कमा सकता है । उस ने हमें बताया कि ग्रामीण विकास के साथ साथ गांववासियों का जीवन स्तर भी लगातार उन्नत होता गया है । उस का कहना है

    ऐसा कहा जा सकता है कि हम रोज रोज उत्सव मनाते हैं , क्यों कि हमारा जीवन बहुत अच्छा हो गया है , उत्सव के उपलक्ष में जो विशेष खाना खाने को मिलता है , वह आम दिनों में भी खाया जाता है । साथ ही अब गांव में दुकान भी है , चाय , सिगरेड और शराब जैसी रोजमर्रे में आने वाली वस्तुएं आसानी से खरीदी जा सकती हैं । यदि घर पर कोई महमान आये , तो भी चिन्ता की कोई बात नहीं है , दुकान में सब जरूरी खाने वाली वस्तुएं उपलब्ध हैं ।

    बुजुर्ग ल्यू इंग छुन ने कहा कि थू जाति आम तौर पर वसंत त्यौहार आने के बीस दिन पहले विशेष पकवान तैयार करने और घर की सफाई करने लगती है । वसंत त्यौहार की पूर्ववेला में पूरे परिवार के सदस्य की रात को अवश्य ही एकत्र होकर मकानों के गेटों व खिड़कियों को सजाते हैं और प्रागण में वई सांग रस्म आयोजित करते हैं । इस रस्म में सभी परिजन पश्चिम की ओर खड़े होकर तीन धूपबतियां जलाकर नव वर्ष की शुभकानाएं करते हैं और अतीत की सभी नाखुश बातों को भगा देते हैं । नव वर्ष के प्रथम दिन सब लोग नये कपड़े पहनकर आगन में खेलते हैं , दूसरे दिन गांव के युवक शराब भरी केतली लिये बुजुर्गों को जाम पेश करने घर घर जाते हैं और मुबारक बाद देते हैं । बुजुर्ग ल्यू इंग छुन ने कहा कि हालांकि स्थानीय लोगों के बीच अधिकांश परम्परागत रीति रिवाज अभी भी सुरक्षित हुए हैं , पर उन में से कुछ भी बदल गये हैं । समलन अब नव वर्ष के प्रथम दिन गांव के सभी लोग ग्रामीण कमेटी के आगण में खुशियां मनाने से पहले एकत्र होकर एक दूसरे को अभिवादन करते हैं ।

    बुजुर्ग ल्यू इंग छुन ने कहा कि अब गांव के अधिकतर लोगों ने वसंतोत्सव की खुशियों में जरूरी चीजें खरीद ली हैं , बाच बच्चे नये नये कपड़े पहनने हुए हैं और वसंतोत्सव के आगमन की प्रतीक्षा में हैं ।

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