हाई खो शहर हाईनान प्रांत की राजधानी है और वह इसी प्रांत का राजनीतिक , आर्थिक व सांस्क्रतिक केंद्र भी है । इस शहर में समुद्र , थल और वायु का यातायात जाल की तरह बिछा हुआ है । हाई खो शहर का क्षेत्रफल 25 वर्गकिलोमीटर है और जन संख्या कोई चार लाख से अधिक है । क्योंकि यह शहर हाईनान द्वीप में बहने वाली सब से बड़ी नदी नान तू नदी के समुद्री मुहाने पर स्थित है , इसलिये उस का नाम समुद्र मुंह यानी हाई खो रखा गया है । हाई खो शहर का इतिहास बहुत पुराना है। आज से कोई सात आठ सौ साल पहले के दक्षिण सुंग राजवंश काल में यह शहर हाई खो के नाम से जाना जाने लगा और 6 सौ साल पहले के मिंग राजवंश काल में इस शहर ने विधिवत रूप से शहर का रूप धारण कर लिया ।
इतिहास में यह शहर चीन व दक्षिण पूर्वी एशियाई क्षेत्र को जोड़ने वाला अहम यातायात केंद्र रहा था। इस से इस शहर ने अपनी विशेष पहचान बना ली है । किसी भी पर्यटक के लिये हाईखो शहर के प्राचीन ऐतिहासिक अवशेषों में से एक पांच हस्तियों का स्मारक देखना जरूरी है । पांच हस्तियों वाला स्मारक हाई खो के दक्षिण उपनगर में स्थित है और वह 1889 में थांग व सुंग राजवंश कालों में जबरदस्ती पदों से बर्खास्त किये गये तत्कालीन पांच शरीफ अधिकारियों की स्मृति में विशेष तौर पर स्थापित हुआ था । उन में थांग राजवंश के प्रधान मंत्री ली तेह लू और सुंग राजवंश के प्रधान मंत्री ली कांग भी शामिल थे । हाईनान प्रांतीय म्युजियम के अनुसंधानकर्ता श्री हाउ सी तेह ने इस का परिचय देते हुए कहा
उक्त पांच हस्तियां चीन की काफी प्रसिद्ध महत्वपूर्ण ऐतिहासिक व्यक्ति मानी जाती हैं । तत्काल में उन्हें गलती से पदच्युत किये जाने के बाद सजा के रूप में निर्जीव हाई नान द्वीप भेजा गया । पर उन्हों ने हाईनान द्वीप आने के बाद स्थानीय आर्थिक , खास कर सांस्कृतिक विकास में बड़ी भूमिका निभायी और बहुत सी प्रगतिशील वस्तुएं भी साथ लायीं और हाईनान के तत्कालीन आर्थिक व सांस्कृतिक विकास में असाधारण योगदान दिया। यह स्मारक उन की स्मृति में स्थानीय लोगों ने विशेष तौर पर स्थापित किया है ।
पांच हस्तियों वाले स्मारक का प्रमुख भवन काष्ठ से तैयार एक दुमंजिली इमारत है , जिस की ऊंचाई नौ मीटर है और छत पर लाल खपरैल बिछाये गये है । इमारत की ऊपरी मंजिल के तीनों तरफ बरामदे भी है , ताकि पर्यटक ऊपर पर खड़े होकर अद्भुत प्राकृतिक दृश्यों का आनन्द उठा सकें । इस स्मारक में एक मानवनिर्मित झील है और झील में नानारूपों वाले टापू भी हैं । पूरे आंगन में रंगबिरंगे फूल व छायादार पेड़ नजर आते हैं और बहुत स्वच्छ व शांतिमय माहौल बना रहता है ।
पांच हस्तियों वाले स्मारक के इर्द-गिर्द और अनेक दूसरे निर्माण भी हैं । इस स्मारक की प्रमुख इमारत की दाएं ओर प्राचीन विद्वानों व कवियों के लिये एक अलग ढंग वाला पुस्तकालय भी नजर आता है , जबकि उस के पूर्व में प्रसिद्ध ऐतिहासिक हस्ति सू तुंग पो का पुस्तकालय स्थित है और उस के दक्षिण में मूल्यवाल शिला लेख भी देखने को मिलते हैं । इस सांस्कृतिक पर्यावरण से प्रभावित होकर पर्यटक सुश्री फंग यू ने प्रशंसा में कहा
मैं दूसरी बार हाई नान आयी हूं। प्रथम बार हाईनान के समुद्र को देखने के लिये आयी थी । इस बार हाई नान के विशाल समुद्र व स्वच्छ नीले आसमान को छोड़कर इतने अधिक प्राचीन ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्थल देखकर बहुत अच्छा लगता है । पांच हस्तियों वाले स्मारक भी बहुत प्रशंसनीय हैं ।
पांच हस्तियों वाले स्मारक से बाहर निकलकर और बीस मिनट का रास्ता तय कर पर्यटक हाई खो के विशेषता वाले छी लाउ निर्माण समूह तक पहुंचा जा सकता है । छी लाउ निर्माण समूह की वास्तु शैली दक्षिण पूर्वी एशियाई वास्तु शैलियों से युक्त है । हाई खो शहर के इस छी लाउ निर्माण समूह की स्थापना मध्य 19 वीं शताब्दी से 20 वीं शताबदी के शुरू में हुई थी। इस निर्माण समूह के सब से पुराने मकान का निर्माण 1849 में हुआ , फिर इस मकान के आसपास युंग लेह सड़क , बड़ी सड़क और नयी सड़क जैसी अनेक इमारत समूहों का निर्माण हुआ। साथ ही यहां पर दुकानें , कारखाने , बैंक , रिहायशी मकान और चर्च निर्मित हुए , जिस से यहां बहुत रौनकदार बाजार बन गया है । जब पर्यटक हाई खो के शंग शा रोड, चुंगशान रोड , शिनह्वा रोड और पो आई रोड जैसी पुरानी सड़कों पर घूमते हैं , तो सड़क के दोनों किनारों पर खड़ा छी लाउ मकान समूह अचानक सौ साल पहले के दृश्य का आभास देता है । हाई नान प्रांतीय म्युजियम के अनुसंधानकर्ता श्री हाउ सी तेह ने कहा
छी लाउ मकान समूह चीनी समकालीन जमाने के उन लोगों ने बनाया है , जो जीवन यापन के लिये दक्षिण पूर्वी एशिया व युरोप के देशों में बस गये। जब वे अपनी वृद्धावस्था में स्वदेश लौटे, तो उन्हों ने अपने धन से युरोपीय वास्तु शैली में यह मकान समूह बनवाया , विदेशी वास्तु शैली से युक्त यह निर्माण समूह चीनी व पश्चिमी वास्तु शैलियों का निचोड़ है ।
प्रिय श्रोताओ , यदि आप पुरानी छी लाउ सड़क पर घूमने जाते हैं , तो आप अवश्य ही इस सड़क की विदेशी वास्तु शैल में बनी इमारतों पर मोहित हो जाएंगे । इस छी लाइ निर्माण समूह की अधिकतर इमारतें दो या तीन मंजिली हैं ।हर इमारत के नीचे गलियारा बनाया गया है । इमारत के मध्यम भाग में मकान बनाये गये है । सब से ऊपर पर तराशे गये छज्जे लगाये गये हैं । सड़क की ओर बनायी गयी नक्काशीदार खिड़कियां भी अलग ढंग की हैं । इस निर्माण समूह की इमारतें देखने में आलीशान हैं । उन में चीनी समकालीन वाणिज्य शहर की रौनक व चहल पहल भी महसूस होती है ।
सुबह यदि आप छी लाउ के निर्माण समूह के गलियारे का अनुसरण करते हुए पुरानी दीवारों पर अंकित सूक्ष्म डिजाइनों या सुसज्जित नक्काशीदार खंभों का आनन्द उठाते हैं , तो मानो आप फिर पुराने जमाने में वापस लौट जाते हैं । इस सड़क पर रहने वाली बुजुर्ग महिला ली शंग यांग ने एक इमारत की ओर इशारा करते हुए कहा
इस छी लाउ निर्माण समूह में वह पांच मंजिली इमारत हाई खो शहर में सब से बड़ी व ऊंची इमारत है। बहुस सी हस्तियां यहां आना पसंद करती हैं। दूसरे क्षेत्रों से आने-वाले लोग भी इस इमारत में सिनेमा देखते हैं,काफी पीते हैं और यहां ठहरते हैं ।
हाई खो शहर में अब 60 से अधिक सांस्कृतिक व ऐतिहासिक अवशेष संरक्षण ईकाइयां हैं। पांच विश्वविख्यात ऐतिहासिक व सांस्कृतिक सड़कें भी हैं , वे सब पुराने हाई खो शहर को आधुनिक समृद्धिशाली समुद्रीय शहर के रूप में बदलने की ऐतिहासिक साक्षी हैं । हाईखो ज्वालामुखी मुंह भूतत्वीय पार्क और उस के आसपास ज्वालामुखी से बने आदिम पारिस्थितिकी ग्रामीण संस्कृति व ज्वालामुखी संस्कृति हाई खो शहर के प्राकृतिक व मानवीय संस्कृतियों से जोड़ने वाला एक अनौखा दृश्य देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है।
हाईखो शहर जीवनी शक्ति से ओतप्रोत शहर है । इस शहर में अपनी प्राचीन संस्कृति के साथ-साथ विदेशी संस्कृतियों की झलक भी उपलब्ध है। ठीक इसी अलग पहचान ने हाईखो शहर को और चार चांद लगा दिया है और साल भर में बड़ी तादाद में देशी विदेशी पर्यटक यहां आते हैं ।