चीनी डुङह्वांग अनुसंधान प्रतिष्ठान व भारतीय सोमैया कॉलेज ने 1 मार्च की रात को मुंबई में गुफ़ा कला मंच का आयोजन किया। चीनी व भारतीय विद्वानों ने बौद्ध धर्म के गुफा कला पर आदान-प्रदान किया।
डुङह्वांग अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रधान वांग शूतुङ ने चीन के मकाऊ गुफ़ा और भारत के अजंता-अलोरा गुफ़ा की समानता व भिन्नता का विश्लेषण किया। साथ ही डुङह्वांग अनुसंधान प्रतिष्ठान द्वारा गुफ़ा की निगरानी व संरक्षण, सांस्कृतिक विरासतों की डिजिटल, बौद्ध धर्म के कला इतिहास आदि क्षेत्रों में प्राप्त उपलब्धियों का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि चीन व भारत की गुफा कला एक दूसरे से जुड़ती हैं। चीन ने भारत की पुरातन सभ्यता से अनुभव सीखकर अपनी विशेषता भी बनायी। साथ ही उन्होंने भारतीय विद्वानों को डुङह्वांग में जाकर चीनी विद्वानों के साथ आदान-प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया।
चंद्रिमा