शीतांग गांव में अंगूर की खेती
दक्षिण पश्चिमी चीन के यून्नान प्रांत के तीछिंग तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर की देछिन कांउटी स्थित यूनलिंग जिले के शीतांग गांव में तिब्बती किसान आथाई और निमा वुमू का घर है।कुछ साल पहले आथाई और निमा वुमू गेहूं और मकई उगाकर जीवन बसर करते थे। लेकिन वर्तमान में सरकार द्वारा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य कर्मचारियों को तिब्बती बहुल क्षेत्र के हर गांवों में भेजा गया। उनकी सहायता और समर्थन से आथाई और निमा वुमू ने अपनी जमीन को एक वाइन कंपनी को ठेक पर दे दिया और कंपनी के लिए अंगूर उगाने से संबंधित काम करने लगे हैं। इस तरीके से परिवार की आय में वृद्धि हुई और घर की आर्थिक स्थिति भी उन्नत हुई है।
तिब्बती किसान आथाई को अपनी खेती योग्य भूमि में अंगूर उगाते हुए 4 साल हो गए हैं। उसने जमीन को एक वाइन कंपनी को ठेके पर देने और कंपनी के लिए घास काटने और खाद डालने की सेवा करने से आय प्राप्त की। उसने कहा:
"हमारे पास करीब 2667 वर्गमीटर जमीन है। हर साल 8800 युआन किराया आ जाता है। इसके अलावा वाइन कंपनी को सेवा देने से 9600 युआन मिलते हैं। वर्तमान में शांगरिला कंपनी और एक अन्य दूसरी विदेशी कंपनी ने स्थानीय गांववासियों की जमीनों को ठेके पर लिया है। अब जीवन पहले मकई उगाने से कहीं बेहतर हो गयी है। पहले हम सिर्फ़ गेहूं और मकई उगाकर ही मुश्किल से जीवन बसर करते थे।"
वहीं एक ही गांव की रहने वाली तिब्बती महिला निमा वुमू को अंगूर की खेती करते हुए 8 साल हो गये हैं। अब परिवार के 4 सदस्य 5333 वर्ग मीटर की भूमि पर अंगूर उगाते हैं। हर साल जमीन को ठेके पर देकर और अंगूर उगाने से संबंधित सेवा कार्य करने से पारिवारिक आय 36,800 युआन रही। इसके अलावा निमा वुमू कोर्दिसेप्स खोदने और मशरूम इक्टठा करके अतिरिक्त आय अर्जित करती है। यहां बता दें कि कोर्दिसेप्स चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में हर साल में एक बार पैदा होने वाली एक विशेष किस्म की जड़ी-बूटी है, जो गर्मियों में घास के रूप में और सर्दियों में कीड़े के रूप में नजर आती है। निमा वुमू ने कहा कि वर्तमान में परिवार का जीवन पहले से कई अधिक अच्छा हो गया है। अब उसके पास पैसे हैं, मन के मुताबिक चीजें खरीद सकती है। पैसो का अभाव नहीं है। अब निमा वुमू के दोनो बच्चे विश्वविद्यालय में पढ़ रहे हैं।