लो यूछन ने चीन-भारत आर्थिक और व्यापारिक संबंधों के विकास का सकारात्मक मूल्यांकन किया। उन्होंने कहा कि गत वर्ष के सितंबर में चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने भारत की सफल राजकीय यात्रा की, और दोनों देशों के बीच आर्थिक व व्यापारिक सहयोग को भी बढ़ावा दिया। गत वर्ष चीन-भारत की द्विपक्षीय व्यापार रकम 70 अरब 60 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक पहुंची, जो हाल के कई वर्षों में एक नया क्रीतिमान बना। वर्तमान में रेलवे व औद्योगिक पार्क आदि क्षेत्रों में दोनों देशों के सहयोग सुचारू रूप से किये जा रहे हैं। अधिकाधिक चीनी उद्यमों ने भारत में पूंजी लगाकर भारत सरकार द्वारा पेश मेड इन इंडिया मुहिम में हिस्सा लिया। चीन भारत के साथ दोनों देशों के आर्थिक और व्यापारिक सहयोग के संतुलित विकास को बढ़ावा देने की कोशिश करना चाहता है।
राजीव खेर ने भी दोनों देशों के आर्थिक व व्यापारिक सहयोग में प्राप्त प्रगतियों का सकारात्मक मूल्यांकन किया। उन्होंने कहा कि भारत और चीन आपस में व्यापार के साझेदार हैं। दोनों ने क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मामलों में अच्छी तरह से सहयोग किये हैं। भारत की कई क्षेत्रों में अपनी श्रेष्ठता है। भारत चीन के साथ घनिष्ठ रूप से आदान-प्रदान करना चाहता है, और दवा, सूचना तकनीक व कृषि उत्पादन के चीन में प्रवेश को बढ़ावा देना चाहता है। ताकि दोनों देशों के आर्थिक व व्यापारिक संबंधों का स्वस्थ व निरंतर विकास किया जा सके।
चंद्रिमा