ल्यांग शानबो एवं चु यङथाई
ल्यांग शानबो एवं चु यङथाई की कहानी चीन में 1460 से ज़्यादा सालों से चलती आयी है, वह हर चीनी लोग की जबान पर है और"हज़ारों सालों में प्यार का अद्भुत गीत"माना जाता है।
प्राचीन चीन के पूर्वी जिन राजकाल में ज च्यांग प्रांत के शांग व्यू के चु परिवार की एक लड़की थी, जिस का नाम था चु यङथाई। वह पुरूष के वेश में हांगचो के विद्यालय में पढ़ने गयी। रास्ते में उस की मुलाकात ख्वेई ची से आये युवा विद्यार्थी ल्यांग शानबो से हुई। दोनों एक साथ विद्यालय गए। तीन वर्षों तक एक साथ पढ़ने के बाद उन के बीच गहरी मित्रता संपन्न हुई। लेकिन ल्यांग शानबो को नहीं पता था कि चु यङथाई लड़की है। बाद में चु यङथाई पढ़ाई स्थगित करके जन्मस्थान वापस लौटी। जब ल्यांग शानबो शांग व्यू जाकर चु यङथाई से मिला, तभी पता चला कि तीन सालों तक एक साथ पढ़ने वाला अपना अच्छा दोस्त वास्तव में एक लड़की है और वह चु यङथाई से शादी करना चाहता था। लेकिन इस समय चु यङथाई को एक धनी परिवार के पुत्र मा वुनछ्यई के साथ विवाह कराने का मामला पका कर दिया गया था। घर लौटने के बाद ल्यांग शानबो दुखी व हताश होने के कारण बीमार पड़ा और उसने जल्द ही इस दुनिया को बिदा दी। उधर चु यङथाई को लेने वाला बारात शादी के दिन ल्यांग शानबो की समाधि के सामने गुजरना था, जब वहां पहुंचा, तो अचानक तेज़ हवा चलने लगी और बारात के दल को रोका गया। चु यङथाई पालकी से उतरकर ल्यांग शानबो की समाधि पर श्रद्धांजलि देने पहुंची। उस के रोने विलापने से समाधि एकाएक फटकर खुल गया और चु यङथाई समाधि के भीतर कूद पड़ी। तूफान थम होने के बाद समाधि में से दो रंगीन तितलियां बाहर उड़ कर आयीं और इंद्रधनुष रंजित स्वच्छ आकाश में दोनों खुशी से नाचते उड़ते रहे।