चीनी और श्रीलंकाई रक्षा मंत्रालयों की पहली प्रतिरक्षात्मक सहयोग वार्ता 24 सितंबर को पेइचिंग में आयोजित हुई। चीनी जन मुक्ति सेना के उप जनरल चीफ़ ऑफ़ स्टॉफ़ वांग क्वानचोंग और श्रीलंकाई रक्षा व शहरी विकास मंत्रालय के स्थाई मामले के सचिव गोथा बाया राजपक्षे ने वार्ता की संयुक्त अध्यक्षता की। दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति और दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंध पर गहन रुप से विचारों का आदान प्रदान किया।
वांग क्वानचोंग ने कहा कि चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने हाल में श्रीलंका की यात्रा की, जो एक मील का पत्थर है। दोनों देशों के नेताओं ने चीन और श्रीलंका की सेनाओं के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक सहयोग और साझेदारी विकास के लिए ब्लूप्रिंट तैयार किया। इधर के सालों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच विभिन्न स्तरीय आवाजाही लगातार बढ़ रही है, आपसी विश्वास निरंतर मज़बूत हो रहा है, साथ ही संबंधित व्यवस्था के निर्माण में प्रगति हासिल हुई और वास्तविक सहयोग में गति मिली है। चीन दोनों देशों के नेताओं के बीच संपन्न आम सहमतियों के मुताबिक श्रीलंका के साथ उच्च स्तरीय आवाजाही, व्यक्तियों के प्रशिक्षण, समुद्री सुरक्षा, बहुपक्षीय सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग विस्तार करने को तैयार है।
गोथा बाया ने कहा कि चीन-श्रीलंका संबंध का बहुत पुराना इतिहास रहा है और दोनों देशों की सेनाओं के बीच उच्च स्तरीय पारस्परिक विश्वास कायम रहा है। उन्हें आशा है कि द्विपक्षीय प्रतिरक्षात्मक विभागों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में आदान प्रदान व सहयोग मज़बूत होते रहेंगे। (श्याओ थांग)