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    शी चिनफिंग ने चीन-भारत संबंध और द.एशिया नीति पर भाषण दिया
    2014-09-18 20:59:43 cri

     

    चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 18 सितम्बर को भारत की राजधानी नयी दिल्ली में अपने भाषण में कहा कि चीन और भारत को आपसी संबंधों को और घनिष्ठ बनाने के साथ साथ विकास में साझेदार बनना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने दक्षिण एशियाई देशों के लिए लाभदायक सिलसिलेवार ठोस नीतियां भी घोषित कीं।

    शी चिनफिंग ने कहा कि विकास चीन और भारत दोनों देशों का सबसे बड़ा समान रणनीतिक लक्ष्य है। चीन को विश्व का कारखाना माना जाता है। जबकि भारत विश्व का कार्यालय माना जाता है। अपने द्वार पश्चिम की ओर खोलने के चीन की नीति और पूर्व की ओर खोलने की भारत की नीति को जोड़ा जाना चाहिए। हमें विश्व में सबसे अधिक प्रतिस्पर्द्धा वाला उत्पादन केन्द्र बनाना चाहिए, सबसे अधिक आकर्षित उपभोक्ता बाजार का निर्माण करना चाहिए और सबसे मज़बूत वृद्धि का इंजन बनाना चाहिए। चीन-भारत को पूंजी और वित्त जैसे क्षेत्रों के सहयोग का विस्तार करना चाहिए।

    शी चिनफिंग ने कहा कि चीन और भारत को इस क्षेत्र के विकास को आगे बढ़ाने की एक्सप्रेस गाड़ी बनाकर क्षेत्र के विभिन्न देशों के समान विकास को आगे बढ़ाना चाहिए, संबंधित देशों के साथ क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण का विकास करना चाहिए और बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार आर्थिक गलियारे के निर्माण को गति देनी चाहिये, ताकि यथाशीघ्र ही तमाम क्षेत्रीय साझेदारी संबंधों की वार्ता को पूरा किया जा सके। चीन-भारत को क्षेत्र की शांति और स्थिरता का प्रेरणा इंजन बनाकर एक साथ एशिया प्रशांत क्षेत्र में खुली, पारिदर्शी, समान सुरक्षा और सहयोग के ढांचे की रचना करना चाहिए।

    शी चिनफिंग ने आगे कहा कि चीन और भारत जनसंख्या मिलाकर 2.5 अरब से अधिक है। यदि चीन और भारत एक स्वर में कुछ कहें, तो पूरा विश्व इनकी बात ध्यान से सुनेगा। यदि चीन और भारत हाथ मिलकर सहयोग करतें, तो पूरा विश्व इसपर ध्यान देगा। दोनों देशों को वैश्विक मामलों में रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत बनाना चाहिए, पंचशील का प्रसार-प्रचार करना चाहिए, प्रभुसत्ता की समानता और न्याय पर डटे रहना चाहिए, समान सुरक्षा और विकास को बनाए रखना चाहिए, दोनों देशों और व्यापक विकासशील देशों के समान कल्याण की रक्षा करनी चाहिए। चीन और भारत को स्वयं के विकास से विश्व की आर्थिक वृद्धि और वैश्विक मामलों के निपटारे के लिए और बड़ा योगदान प्रदान करना चाहिए, पर्यावरण परिवर्तन, अनाज सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और इंटरनेट सुरक्षा जैसी वैश्विक समस्याओं पर व्यापक विकासशील देशों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रस्तावों पर एकजुट होना चाहिए।

    दक्षिण एशिया की नीति की चर्चा में शी चिनफिंग ने कहा कि चीन दक्षिण एशियाई देशों के साथ हाथ मिलकर प्रयास करेगा। आगामी पांच वर्षों में चीन और दक्षिण एशियाई देशों के बीच व्यापार राशि को 1.5 खरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाएगा, दक्षिण एशिया में चीन पूंजी निवेश को 30 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाएगा। चीन दक्षिण एशियाई देशों को 20 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज भी देगा। आगामी पांच वर्षों में चीन दक्षिण एशियाई देशों के 10 हज़ार विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देगा, 5000 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देगा, 5000 युवकों के आदान प्रदान और प्रशिक्षण के लिये नए अवसर प्रदान करेगा, 5000 चीनी शिक्षकों का प्रशिक्षण करेगा। चीन दक्षिण एशियाई देशों के साथ चीन-दक्षिण एशिया वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग के साझेदारी की योजना बनाएगा, ताकि चीन में दक्षिण एशियाई एक्सप्रो की भूमिका निभाई जा सके और आपसी लाभ वाले सहयोग के नये मंच की स्थापना कर सके।

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