चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 18 सितंबर को नई दिल्ली में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता की। उन्होंने कहा कि चीन भारत के साथ स्थाई रणनीतिक साझेदार संबंधों को महत्व देता है। हम भारत के साथ मिलकर और घनिष्ठ साझेदार संबंधों का विकास करने, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तरों में दोनों देशों के सहयोग को मज़बूत करने की प्रतीक्षा में है।
शी चिनफिंग ने चार सूत्रीय प्रस्ताव पेश किए। पहला, दोनों देशों के नेताओं की रणनीतिक नेतृत्वकारी भूमिका निभाते हुए उच्च स्तरीय आवाजाही व संपर्क कायम रखा जाए और विभिन्न स्तरीय आवाजाही को मज़बूत हो। दूसरा, चीन और भारत के पास समान विकसित लक्ष्य मौजूद है, दोनों देशों के विकास की विचारधारा और रणनीति मिलती जुलती है। दोनों देशों को विकास रणनीति गहराते हुए वास्तविक सहयोग स्तर को सर्वांगीर्ण तौर पर उन्नत करना चाहिए। साथ ही सूचना, रेलवे, औद्योगिक पार्क, स्वच्छ ऊर्जा, विज्ञान व तकनीक, अतंरिक्ष और बैंकिंग क्षेत्रों में सयोग आगे बढ़ाने की जरूरत है।
तीसरा, बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार आर्थिक कॉरिडोर के निर्माण को गति दी जाए, रेशम मार्ग आर्थिक क्षेत्र, 21वीं सदी समुद्री रेशम मार्ग और एशिया बुनियादी संस्थापन के लिए निवेश बैंक जैसे क्षेत्रों में सहयोग का विकास किया जाए।
चौथा, अंतरराष्ट्रीय मामलों में रणनीतिक संपर्क व समन्वय मज़बूत किया जाए, अंतरराष्ट्रीय संबंध में लोकतंत्रीकरण को समान रूप से आगे बढ़ाया जाए। ताकि विकासशील देशों के समान हितों का समान रक्षा की जा सके।
(श्याओ थांग)