भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को अपने गृह राज्य में चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग का स्वागत किया। लम्बे समय में गुजरात श्रेष्ठ पूंजी वातावरण और उदार नीति से व्यापक चीनी उपक्रमों को आकर्षित करता रहा है। शी चिनफिंग की यात्रा के दौरान दोनों देश आर्थिक सहयोग से जुडे सिलसिलेवार समझौते संपन्न करेंगे। चीनी औद्योगिक पार्क गुजरात में स्थापित करने की संभावना होगी, जिसके तहत और ज्यादा चीनी उद्यम भारत में निवेश करेंगे।
चीन की टीबीईए(इलेक्ट्रिक उपकरण स्टॉक कंपनी) उनमें से एक है। गुजरात में TBEA हरित ऊर्जा औद्योगिक पार्क का निर्माण पूरा होने के समारोह में कंपनी के महाप्रबंधक चांग सिन ने कहाः
"हाल के दो सालों में TBEA को क्रमशः पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, नेशनल थर्मल पावर कंपनी (NTPC), प्रदेश बिजली कंपनी से 18 ट्रांसफार्मर सब-स्टेशनों और 200 से अधिक बड़े उत्पादों का ऑडर मिला। इसके अलावा, TBEA ने 6 सब-स्टेशनों का निर्माण किया और शहरी बिजली ग्रिड सुधार की केबल परियोजना भी की। इससे हमारी कंपनी पर भारतीय लोगों का विश्वास जाहिर हुआ है।"
चांग सिन ने कहा कि गुजरात में पूंजी के बेहतर वातावरण और स्थानीय सरकार के समर्थन के मद्देनजर उन्होंने यहां औद्योगिक पार्क स्थापित करने का फैसला किया।
आनंदी बेन पटेल गुजरात की वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले मई में लोकसभा चुनाव में जीतने के बाद प्रधानमंत्री बने। आनंदी बेन पटेल गुजरात में पूंजी लगाने के लिए चीनी उपक्रमों का स्वागत करती हैं। उनका विचार है कि TBEA हरित ऊर्जा औद्योगिक पार्क न सिर्फ स्थानीय आर्थिक वृद्धि बढ़ाता है, बल्कि रोजगार के अवसर भी देता है। आनंदी बेन हरित ऊर्जा परियोजना में और ज्यादा निवेश लगाने के इंतजार में हैं। उन्होंने कहाः
"गुजरात सौर ऊर्जा जैसी साफ ऊर्जा परियोजना में लगाई गई पूंजी पर बड़ा ध्यान देता है। आर्थिक विकास के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण भी अहम है। हमें आशा है कि TBEA का दूसरे चरण की परियोजना जल्द ही साकार होगी।"
शी चिनफिंग की भारत यात्रा के दौरान चीन और भारत के बीच आर्थिक सहयोग और मजबूत होगा। गुजरात और महाराष्ट्र में चीनी औद्योगिक पार्कों के निर्माण से जुड़े समझौता संपन्न किया जाएगा, जिसकी कुल पूंजी 5 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है। इसके चलते और ज्यादा चीनी उपक्रम भारत में निवेश करेंगे। गुजरात विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र स्कूल के प्रोफेसर कार्तिक एम. भट्ट ने कहा कि अर्थव्यवस्था के अलावा, चीन और भारत के बीच सहयोग की विशाल संभावना है। यात्रा के चलते दोनों देशों के नेताओं के बीच संबंध भी मजबूत होंगे।
शी चिनफिंग की भारत यात्रा के दौरान औद्योगिक पार्क सहयोग समझौते के अलावा, दोनों देश संभवतः रेलवे सहयोग ज्ञापन भी संपन्न करेंगे। चीनी मामलों के लिए भारतीय विशेषज्ञ श्रीकांत कोंडापल्ली ने कहा कि रेलवे आदि बुनियादी संस्थापनों के निर्माण में चीन और भारत के बीच सहयोग की बड़ी निहित शक्ति है। उनका कहना हैः
"हम आशा करते हैं कि दोनों देश बुनियादी संस्थापनों के निर्माण में और व्यापक सहयोग परियोजना करेंगे। इसके अलावा, भारत के बिजली और दूरसंचार आदि क्षेत्रों में भी चीनी उद्यमों के लिए पूंजी के व्यापक मौके मौजूद हैं।"
(ललिता)