चीन और भारत के बीच लंबे समय से सीमावर्ती क्षेत्र में शांति बनी हुई है, सीमा मुद्दा दोनों देशों के संबंधों के विकास पर कोई असर नहीं डाल सकता। चीन को आशा है कि दोनों देश मित्रवत स्थिति को बनाए रखते हुए समान प्रयास करेंगे। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने 16 सितंबर को पेइचिंग में आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की भारत यात्रा की कार्यसूची के बारे में पूछते समय संवाददाता ने सवाल किया कि दोनों देश पूंजी निवेश सहयोग संधि पर हस्ताक्षेर करेंगे और सीमा मुद्दे पर विचार विमर्श करेंगे या नहीं ?
होंग लेई ने कहा कि चीन भारत संबंधों का नया ऐतिहासिक काल शुरू हो रहा है। राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग जल्द ही भारत की ऐतिहासिक यात्रा करेंगे, यह बहुत महत्वपूर्ण यात्रा होगी। चीन और भारत बहुध्रुवीय विश्व में सबसे महत्वपूर्ण शक्तियां ही नहीं, बल्कि दो बड़े बाज़ार और दो बड़ी सभ्यताएं भी हैं। वर्तमान में दोनों देशों को तेज़ गति से विकास करते हुए राष्ट्रीय पुनरुत्थान करना और"चीन स्वप्न"और"भारत स्वप्न"को साकार करना है। इस बहुउद्देशीय कार्य में चीन भारत का सदैव साथ देगा।
होंग लेई ने कहा कि सीमा विवाद पर चीन का रुख हमेशा स्पष्ट है। लम्बे समय में दोनों देशों के सीमांत क्षेत्रों में शांति बनी रही है। सीमा मुद्दे से चीन-भारत संबंधों के विकास पर कोई असर नहीं पड़ा है। चीन को आशा है कि दोनों देश ऐसी सहज स्थिति को बनाए रखते हुए समान प्रयास करेंगे, ताकि द्विपक्षीय संबंधों के आगे विकास के लिए अनुकूल स्थिति तैयार हो सके।
(श्याओ थांग)