शांगहाई सहयोग संगठन का 14वां शिखर सम्मेलन 12 सितंबर को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में आयोजित हुआ। चीनी राष्ट्राध्यक्ष शीचिनपिंग, कजाकिस्तान के राष्ट्रपति नज़रबायेव, किर्गिस्तान के राष्ट्रपति अटम्बायेव, रूसी राष्ट्रपति पुतिन, ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति राखमोनोव और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति कारिमोव ने इसमें भाग लिया। शी चिनफिंग ने बैठक में कहा कि हमें समान भाग्य और हित की जागरूकता को मजबूत कर सच्चे मन से सहयोग कर क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना चाहिए, समान विकास और समृद्धि के स्वप्नों को पूरा करना चाहिए ताकि शांगहाई सहयोग संगठन का तंत्र अधिक व्यापकता के साथ संपूर्ण हो सके ,सहयोग अधिक चौतरफा हो सके, समंव्य अधिक सुचारू बने, वैदेशिक खुलापन अधिक बड़ा हो सके और इस क्षेत्र की जनता को लिए अधिक लाभ मिले।
बैठक में उपस्थित नेताओं ने व्यापक मुद्दों पर समानताएं बनाईं। वे मिलकर आतंकवादी शक्ति, उग्रवादी शक्ति और अलगाववादी शक्तियों पर प्रहार करना जारी रखेंगे, राष्ट्रीय प्रभुसत्ता के सम्मान और एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के सिद्धांतों पर शांतिपूर्ण ,सुरक्षित ,न्यायपूर्ण और खुले साइबर स्पेस की स्थापना को बढ़ावा देंगे, चीन द्वारा प्रस्तुत रेशम मार्ग आर्थिक पट्टी के निर्माण के प्रस्ताव का समर्थन कर इसमें सक्रियता से भाग लेंगे, वित्तीय सहयोग बढाएंगे, शांगहाई सहयोग संगठन के विकास कोष और विकास बैंक की स्थापना में तेजी लाएंगे ,खाद्यान्न और ऊर्जा की गारंटी करेंगे , संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के सहयोग का विस्तार करेंगे ,सदस्य देशों, पर्यवेक्षक देशों औऱ वार्तालाप में रहने वाले साथियों के साथ संपर्क को मजबूत बनाएंगे।
विभिन्न पक्षों ने अफगानिस्तान ,सीरिया और यूक्रेन मुद्दों पर विचार विमर्श। उन्होंने ने बल देकर कहा कि अफगानिस्तान की स्वतंत्रता , प्रभुसत्ता और प्रादेशिक अखंडता का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने संबंधित पक्षों से राजनीतिक माध्यम से सीरिया संकट का समाधान करने की अपील की। उन्होंने वार्ता के माध्यम से यूक्रेन संकट हल करने का समर्थन व्यक्त किया।
इस बैठक में वर्ष 2015 में रूस के उफा में इस संगठन का शिखर सम्मेलन आयोजित करने का फैसला किया गया।
सदस्य देशों के राज्याध्यक्षों ने दुशान्बे घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये और सिलसिलेवार दस्तावेजों को मंजूरी दी।