चीनी राष्ट्राध्यक्ष शीचिनपिंग 11 से 19 सितंबर तक ताजिकिस्तान में आयोजित होने वाले शांगहाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और इसके बाद वो दक्षिण एशिया के मालदीव ,श्रीलंका और भारत की यात्रा करेंगे। चीनी आधुनिक अंतरराष्ट्रीय संबंध अनुसंधान संस्था के दक्षिण एशिया केंद्र के प्रधान हू शीशंग ने सीआरआई के साथ हुई बातचीत में कहा कि राष्ट्राध्यक्ष शीचिनपिंग की इस यात्रा से चीन और दक्षिण एशिया के बीच सहयोग एक नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे।
हू शीशंग के विचार में इस यात्रा के दौरान शीचिनपिंग राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों के साथ आदान-प्रदान और सहयोग बढाएंगे। मालदीव और श्रीलंका की यात्रा से चीन इन दोनों देशों के साथ समुद्री सहयोग बढ़ाकर दोनों के साथ संबंधों को और आगे बढ़ाने का इच्छुक है। भारत की यात्रा के दौरान शीचिनपिंग भारतीय नेताओं के साथ भावी द्विपक्षीय विकास की दिशा तय करेंगे। हू शीशंग के विचार में शीचिनपिंग की यात्रा में मिलने वाली ठोस उपलब्धियां विकास मुद्दों से जुडी होंगी। द्विपक्षीय सहयोग के अलावा क्षेत्रीय और विश्व स्तर पर दोनों देशों के सहयोग पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।
हू शीशंग ने बताया कि राजनीतिक पक्ष में दोनों देश पहले संपन्न हुई समानताएं दोहराएंगे। आर्थिक क्षेत्र में आधारभूत संस्थापनों और विनिर्माण उद्योग में कुछ ठोस सहयोग समझौते संपन्न होने की बड़ी संभावना होगी, उदाहरण के लिए हाई स्पीड ट्रेन और औद्योगिक पार्क का निर्माण करना।