क्वाडंचओ ने अन्य समुद्रतटीय शहरों की तुलना में सब से पहले विदेशों के लिए अपना द्वार खोला। 1981 में जब शनचन, चूहाए व शानथो को विशेष क्षेत्र करार दिया गया तो क्वाडंचओ इन तीनों नगरों को जोड़ने वाला एक केंद्र स्थल था। इसलिए भी इस शहर ने विदेशी पूंजी के प्रयोग और उन्नत तकनीकों का आयात करने में पहलकदमी की।
विदेश के लिए द्वार खोलने के प्रारंभिक काल में क्वाडंचओ ने विदेशी पूंजी के भरोसे"श्वेत हंस"होटल, चीनी रेस्तरां और ह्वाय्वान(पार्क) रेस्तरां आदि उच्च होटलों का निर्माण किया और साथ ही कुछ पुराने होटलों का सुधार भी किया, इस प्रकार इस शहर के उच्च होटलों के रिहायशी कमरों की संख्या दस हजार तक बढ़ गई।"श्वेत हंस"होटल, जो सब से पहले खोला गया, अपनी सुन्दरता, भरपूर सुविधाओं तथा उसे सर्वेश्रेष्ठ विश्व होटल संगठन का सदस्य बना लिया गया है। इस के साथ-साथ ही विदेशी पूंजी से अनेक टैक्सी कंपनियों की स्थापना की गई व कुछ मनोरंजन केंद्र कायम किए गए। इन निर्माण कार्यों के कारण पर्यटन उद्योग का विकास हुआ और पूंजी निवेश की परिस्थिति सुविधाजनक ही सकी तथा क्वाडंचओ में पूंजी निवेस के लिए विदेशी व्यापारियों की रुचि बढ़ी।
पहले क्वाडंचओ में घरेलू विद्युत-उपकरणों में सिर्फ इलैक्ट्रानिक आइरन व पंखे आदि साधारण उपकरण निर्मित किए जाते थे, लेकिन हाल के कुछ वर्षों में विदेशी पूंजी और विदेशी उन्नत साज-सामान व तकनीक के भरोसे संपूर्ण घरेलू, विद्युत-उपकरणों के कारोबारों का तकनीकी सुधार किया गया है, जिससे अब विभिन्न प्रकार के उच्च घरेलू विद्युत-उपकरण, जैसे रेफ्रिजरेटर, हीटर, वाशिंग मशीन व स्टीरिओ तैयार किए जा सकते हैं।
आज हाडंकाडं, मकाओ, जापान, फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा आदि देशों व क्षेत्रों के व्यापारी पूंजी लगाने व साझेदार व्यापार करने के लिए क्वाडंचओ आए हैं। क्वाडंचओ एक बड़ा अंतर्राष्ट्रीय नगर बन चुका है।