सछ्वान प्रांत के ल्याडंशान ई स्वायत प्रिफेक्चर की राजधानी शीछाडं शहर के दक्षिण पूर्व से 5 किलोमीटर की दूरी पर एक अनुपम झील है और इस प्रांत के दक्षिण-पश्चिमी भाग की हरी-भरी पहाड़ियों के बीच एक चमकदार मोती की तरह जड़ी नजर आती है।
छ्युडंहाए झील चिनशा नदी की आननिडं शाखा की सबसे बड़ी झील है। क्षेत्रफल 31 वर्ग किलोमीटर है और गहराई 34 मीटर। उस के नीले जल में जगह-जगह छोटे छोटे द्वीप बिखरे हैं। झील में दूर-दूर तक फैलती नौकाओं की छाया, किनारे पर झूमते पेड़ों और जमीन पर मखमल की कालीन सी बिछी हरी-भरी वनस्पति एक अत्यन्त सुरम्य प्राकृतिक दृश्य प्रस्तुत करते हैं।
छ्युडंहाए झील का एक और नाम हुआ करता था-श्येनछी, जो कभी प्राचीन छ्युडंतू शहर का स्थल था। हान राजवंश भौगोलिक विवरण में इस का नाम छ्युडंछीचे दर्ज है। लूशान पर्वत पर स्थित क्वाडंफू मंदिर में खड़े मिड़ राजवंश के एक शिलालेख में इस स्थान के बारे में लिखा है कि ईस्वी सन् 1522-1566 में आए विध्वंसात्मक भूकम्य से पूरा शहर पानी में डूब गया। पानी में डूबे मकानों के बड़े बड़े नींव पत्थर अब भी स्पष्ट दिखाई पड़ते हैं।
आज छ्युडंहाए झील के किनारों पर हान, ई, तिब्बती और ह्वेइ जातियों के लोग रहते हैं। इस समृद्ध व सौंदर्यों की भूमि पर वे या तो मोथी, आलू और मकई की खेती करते हैं या झील में मछली पकड़ते हैं।