एशिया-अफ्रीका पत्रकार दिवस: कैमरे के पीछे के रिकॉर्डरों को सलाम

2022-04-22 17:18:15

एशिया-अफ्रीका पत्रकार दिवस: कैमरे के पीछे के रिकॉर्डरों को सलाम_fororder_news 5

जीवन में ऐसे लोगों का समूह है, जो हमसे बहुत दूर लगते हैं, लेकिन वास्तव में वे हमारे आसपास हैं। साक्षात्कार और लेखन उनका दैनिक कार्य है, कैमरा और माइक्रोफोन हर दिन उनके साथ होते हैं। वे हमेशा पहले समय पर हमें सूचना प्रसारित करते हैं, हमारे लिए मामलों की सच्चाई की गहरी खुदाई करते हैं। राजनीतिक समाचारों से लेकर छोटे-छोटे प्रेम से सने हुए कृत्यों तक, जहां खबर होती है, वहां हमेशा वे होते हैं। चाहे आधी रात हो या भोर, सूरज हो या बारिश, वे हमेशा तैयार रहते हैं। सत्य की खोज और सूचना का प्रसारण उनका उद्देश्य है, वे न्याय के लिए आवाज उठाते हैं, कलम, कागज और कैमरे के माध्यम से काल की कहानियां बताते हैं, वे काल के बदलाव को रिकॉर्ड करते हैं। वे हमेशा बहादुरी से आगे बढ़ते हैं...। वे हैं पत्रकार, उन्हें "बेताज बादशाह" कहा जाता है।

59वां एशिया-अफ्रीका पत्रकार दिवस आने वाला है। इस मौके पर हम उन पत्रकारों को सलाम करते हैं, जो समाचार कार्यक्रमों की अग्रिम पंक्ति पर समाचार प्रसारित और सच्चाई का खुलासा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साल 1963 में 24 से 30 अप्रैल तक 47 एशियाई और अफ्रीकी देशों और क्षेत्रों के पत्रकारों ने इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सम्मेलन आयोजित किया। इसमें जकार्ता घोषणा पत्र और एशियाई-अफ्रीकी पत्रकार संघ की नियमावली को पारित किया गया। इसी साल 30 नवंबर से 1 दिसंबर तक, एशियाई-अफ्रीकी पत्रकार संघ के सचिवालय ने इंडोनेशिया के बोगोर में दूसरा पूर्णाधिवेशन आयोजित किया। इसमें 24 अप्रैल, यानी पहले एशियाई-अफ्रीकी पत्रकार सम्मेलन के उद्घाटन की तिथि को "एशिया-अफ्रीका पत्रकार दिवस" के रूप में नामित किया गया। इस संघ के 53 सदस्य हैं। सचिवालय मूल रूप से जकार्ता में स्थित था और जनवरी 1966 में पेइचिंग में स्थानांतरित कर दिया गया।

एशिया-अफ्रीका पत्रकार दिवस की स्थापना का लक्ष्य है उनके बीच, विभिन्न देशों के लोगों व सरकारों के बीच निकटतम सहयोग का निर्माण करने, उनकी एकता को मजबूत करने, राष्ट्रीय स्वतंत्रता हासिल करने, सभी रूपों के उपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद का विरोध करने के लिए संघर्ष करें।

पत्रकार के रूप में, उनकी कई जिम्मेदारियां हैं जो दूसरों से अलग हैं। उन्हें तलाशी की दृष्टि से सामाजिक युग के विशिष्ट उदाहरणों की खोज करनी चाहिए, प्रशंसा की दृष्टि से, युग के नायकों की रिपोर्ट करनी चाहिए, और बारीकी की दृष्टि से समाज के अंधकार को मिटाना चाहिए, यह पत्रकारों की अद्वितीय जिम्मेदारी है।

(मीनू)

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