परमाणु वार्ता में अपने प्रति 'अत्यधिक मांगों' का विरोध जारी रखेगा ईरान
ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने 12 अप्रैल को कहा कि ईरानी वार्ता दल ने ईरानी परमाणु मुद्दे के व्यापक समझौते से जुड़े पक्षों के बीच वार्ता में ईरान के प्रति "अत्यधिक मांगों" का विरोध किया है और इसका विरोध करना जारी रखेगा।
खामेनेई की वेबसाइट द्वारा 12 अप्रैल को जारी खबर के अनुसार खामेनेई ने उसी दिन ईरानी सरकार के अधिकारियों से हुई मुलाकात में ईरानी वार्ता दल के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वार्ता अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और ईरानी वार्ता दल ने ईरान के प्रति "अत्यधिक मांगों" का विरोध किया है और इसका विरोध करना जारी रखेगा। अमेरिका ने ईरान परमाणु समझौते में अपनी प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन किया और अब वह "अपनी प्रतिबद्धताओं को तोड़ने की दुविधा" में फंस गया है। ईरान में ऐसा नहीं है।
खामेनेई ने ईरानी अधिकारियों से कार्य योजना को वार्ता के नतीजे से न जोड़ने को कहा। चाहे वार्ता के परिणाम सकारात्मक हों या नकारात्मक, इससे राष्ट्रीय मामलों के निपटारे में बाधा नहीं आनी चाहिए।
जुलाई 2015 में, ईरान ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन और जर्मनी के साथ परमाणु समझौता संपन्न किया। समझौते के अनुसार ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने का वचन दिया और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ईरान के खिलाफ प्रतिबंध हटाएगा। मई 2018 में, अमेरिका एकतरफा समझौते से हट गया और बाद में ईरान के खिलाफ सिलसिलेवार नये प्रतिबंध फिर से शुरू कर दिए गए। मई 2019 से ईरान ने समझौते की कुछ शर्तों के कार्यान्वयन को धीरे-धीरे निलंबित किया, लेकिन वादा किया है कि उनके कदम "प्रतिवर्ती" हैं।
(मीनू)