ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में तिरंगा थामना सपने जैसा- आरिफ खान

2022-01-28 17:57:18

ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में तिरंगा थामना सपने जैसा- आरिफ खान_fororder_Photo_ Arif Khan 2

पेइचिंग में आयोजित हो रहे शीतकालीन ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में तिरंगा थामना एक सपने जैसा है-ये कहना है 4 फरवरी से चीन की राजधानी पेइचिंग में शुरू होने जा रहे 24वें शीतकालीन ओलंपिक खेलों में क्वालिफाई करने वाले भारत के इकलौते खिलाड़ी आरिफ खान का। 31 साल के आरिफ अल्पाईन स्किईंग खेल के स्लालोम और जायंट स्लालोम ईवेंट में हिस्सा लेंगे और उन्होंने दोनों ही ईवेंट में क्वालिफाई किया है।

एक खास बातचीत में आरिफ बताते हैं कि ये एक ग्रेट फीलिंग है और इतने साल से मेहनत और तैयारी के बाद ओलंपिक में हिस्सा लेने का मौका मिल रहा है। आरिफ बताते हैं कि वे कई वर्षों से  ओलंपिक में जाने का सपना देखकर ही तैयारी कर रहे थे। ये फीलिंग सबसे बेस्ट तब हो जाती है जब 130 करोड़ के लोगों के देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। वो सबसे बड़ी फीलिंग है। आरिफ बताते हैं कि उन्हें उम्मीद है कि वे ऐसा कुछ कर पाएं जो हमेशा के लिए याद रहे और भारत को विंटर स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन के रुप में पूरी दुनिया में पहचान मिले ।

पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों में कई देशों के एथलीट हिस्सा लेने आ रहे हैं। आरिफ अपने प्रतियोगियों के बारे बताते हैं कि यूरोपीय देश, नॉर्थ अमेरिका के एथलीट मुख्य चुनौती होंगे। करीब 115 एथलीट हर रेस में हिस्सा लेने जा रहे हैं। इसमें प्रतियोगिता भी मुश्किल होती है क्योंकि कई प्रतियोगी हिस्सा लेते हैं। मुख्य रुप से प्रतियोगी यूरोप से ज्यादा है। आरिफ बताते हैं कि इन 115 खिलाड़ियों में से ही स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक का फैसला होगा। आरिफ बताते हैं कि जायंट स्लालोम में 115 और स्लालोम में करीब 106 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।

स्लालोम खेल की बारिकियों के बारे में आरिफ बताते हैं कि ये खेल पहाड़ों के इलाके में खेला जाता है। ऊंचे पहाड़ों पर इसके स्लोप या ढलान को बनाया जाता है जैसे क्रिकेट का स्टेडियम बनाया जाता है उसी तरह इसके स्लोप बनाए जाते हैं। जब बर्फ गिरती है या आर्टिफिशियली बर्फ तैयार होती है तो बर्फ को मशीनों की मदद से पूरी तरह से दबाया जाता है और पानी से जमाया जाता है और मशीन से और अधिक कॉम्पैक्ट किया जाता है। यही इस खेल की मूलभूत तैयारी होती है। इस खेल में ढलान या कोर्स पर खिलाड़ी एक-एक करके फिसलते हुए स्किईंग करते हुए नीचे जाते हैं और खिलाड़ी दाएं, बाएं, सीधे स्किईंग और टर्न लेते हुए फिनिश करते हैं और उसकी टाइमिंग ली जाती है, जो सबसे कम टाईम में फिनिश करता है वो विजेता होता है।

ओलंपिक गेम्स में स्लालोम में 70 पोल्स पुरुषों के ईवेंट में होते हैं और जायंट स्लालोम में 40-47 पोल्स होते हैं। आरिफ बताते हैं कि कोर्स पर टाइमिंग कई बातों पर निर्भर करती है। मुख्य रुप से स्लोप पर काफी निर्भर करता है। अलग-अलग स्लोप पर अलग-अलग टाइमिंग आती है। इसलिए स्किईंग में हमेशा ही अलग टाइमिंग होती है। जैसे 100 मीटर रनिंग में टाइमिंग होता है स्किईंग में उससे अलग होता है और हमेशा अलग-अलग टाइमिंग ही होता है। इसमें गेट्स के नंबर, स्लोप का प्रतिशत, ढलान जैसी बातें महत्वपूर्ण होती है। आरिफ बताते हैं कि ओलंपिक स्तर पर औसतन जायंट स्लालोम का कोर्स 1 मिनट 10 सैकंड से 1 मिनट 15 सैकंड में पार कर लिया जाता है और स्लालोम 55 सैकंड से 1 मिनट के बीच में पार हो जाता है। ओलंपिक में हर खिलाड़ी को ढलान पर स्किईंग करने का दो बार रन या मौका मिलता है और उन दोनों रन का औसत टाईम लिया जाता है और उसी आधार पर ओलंपिक पदक का फैसला हो जाता है।

ओलंपिक में अपने ईवेंट के दिनों के बारे में आरिफ कहते हैं कि अल्पाईन स्किईंग के छह ईवेंट होते हैं और ओलंपिक में ये सभी अलग-अलग दिनों में होते हैं। ओपनिंग सेरेमनी 4 फरवरी को हैं और क्लोसिंग सेरेमनी 20 फरवरी को है। आरिफ बताते हैं कि उनका ईवेंट स्लालोम और जायंट स्लालोम 13 फरवरी को है और 16 फरवरी को होना है और सुबह करीब 10 बजे शुरू होगा। अगर मौसम के हालात और विज़िबिलिटी अच्छी है तो कोई समस्या नहीं होती हैं, अगर मौसम काफी खराब है तो ईवेंट को रिशेड्यूल भी किया जा सकता है।

इस खेल में सुरक्षा संबंधी उपकरणों के बारे में आरिफ रेखांकित करते हुए बताते हैं कि सुरक्षा के लिए कई तरह के उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। बैक और शोल्डर प्रोटेक्टर्स, आर्म गार्ड्स, स्की, शिन गार्ड, ग्लोव्स, गॉगल्स, स्की बूट्स, स्की पोल्स, हेल्मेट का इस्तेमाल किया जाता है। वे बताते हैं कि 1994 में इस खेल से जुड़े हैं और ओलंपिक की तैयारियों के लिए फुल स्केल ट्रेनिंग कर रहे हैं यानी पिछले कुछ वर्षों से एक साल में 9 महीने स्किईंग कर रहे हैं। वे अभ्यास करने के लिए यूरोपीय देशों में भी जाते हैं जहां पर ग्लेशियर्स पर स्किईंग होती है।

अपनी ओलंपिक की तैयारियों के बारे में आरिफ बताते हैं कि इस साल गर्मियों में ऑस्ट्रिया में ट्रेनिंग कर रहे थे। इन ग्लेशियर्स की ऊंचाई 3000 मीटर से ऊपर होती है और पहाड़ी इलाकों में मौसम काफी ठंडा होता है तो बर्फ जमी रहती है। साथ ही वहां ठंड और गर्मी दोनों ही मौसम में स्किईंग की जा सकती है। इसके अलावा स्विटज़रलैंड, फ्रांस, इटली, और दक्षिणी गोलार्द्ध में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चिली, अर्जेंटीना में भी स्किईंग होती है क्योंकि वहां पर विंटर्स रोटेट होते हैं।

ओलंपिक की तैयारियों के लिए मिली आर्थिक मदद पर आरिफ कहते हैं कि अपने प्रायोजक और शासकीय मदद की वजह से वे ट्रेनिंग प्रोग्राम और अलग-अलग रेस में हिस्सा ले पाए हैं। आरिफ बताते हैं कि फरवरी 2021 में इटली में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी उन्होंने हिस्सा लिया था और उनका 45वां स्थान रहा क्योंकि वर्ल्डचैंपियनशिप के स्तर के स्लोप पर अभ्यास कोविड की वजह से नहीं कर पाए थे और ज्यादा ट्रेनिंग और ट्रेवल दोनों ही नहीं कर पाए। वर्ष 2020 में काफी लॉस रहा। वे बताते हैं कि वे अब तक चार वर्ल्ड चैंपियनशिपों में हिस्सा ले चुके हैं इसमें 2013, 2015, 2019, 2021 शामिल हैं।

बर्फ पर खेले जाने वाले इस खेल से पर्यटन को मिलने वाले फायदे के बारे में आरिफ बताते है कि ये खेल टूरिस्ट को भी आकर्षित करता है और पर्यटक इसे मज़े के लिए खेलते हैं। गुलमर्ग में हजारों टूरिस्ट आते हैं, उनकी वजह से कमाई होती है, एकेडमी चलाते हैं, लोगों को सिखाते हैं। ये ऐसा इकलौता खेल है जो इकोनॉमी को भी विकसित करता है। साथ ही टूरिस्ट के लिए काफी महंगा भी नहीं होता है। सिर्फ एक मोबाइल फोन की कीमत में स्की सेट, बूट्स या पोल्स खरीदा जा सकता है। एक सामान्य स्की सेट 15 से 25 हजार रुपए तक खरीदा जा सकता है।

वहीं इस खेल में होने वाले खर्च पर बात करते हुए आरिफ बताते हैं कि ओलंपिक खेल या पेशेवर स्किईंग के लिए कम से कम चार स्की सेट, दो अलग-अलग ईवेंट के लिए चाहिए होते हैं और हर स्की सेट 1500 यूरो की कीमत का होता है। ऐसे में इस खेल के पूरे उपकरण खरीदने के लिए 6000 यूरो (करीब 5 लाख रुपए) की आवश्यता होती है। इसके अलावा बॉडी सूट, हेलमेट आदि उपकरणों की कीमत भी तकरीबन 2000 से 3000 यूरो (ढाई लाख रुपए) होती है।

स्लालोम में अपने आदर्श के बारे में आरिफ कहते हैं कि इस खेल में कई आदर्श हैं कि लेकिन स्विटजरलैंड के मार्को ओडरमाट को वे अपना आदर्श हैं और ओडरमाट वर्ल्ड चैंपियन के रुप में टॉप कंटेंडर हैं और वे भी पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने के लिए पहुंचेंगे।

महान क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श बताते हुए आरिफ कहते हैं कि सचिन ने पिछले दिनों फोन पर उनसे करीब 20 मिनट बातचीत भी की और बातचीत काफी मददगार रही । साथ ही महेन्द्र सिंह धौनी और नीरज चोपड़ा को भी आरिफ अपनी प्रेरणा स्त्रोत के रुप में देखते हैं।

जैसे नीरज चोपड़ा ने टोक्यो में तिरंगा फहराया वैसे ही क्या आरिफ करना चाहते हैं, इस सवाल के जवाब में आरिफ बताते हैं कि हर एथलीट का सपना होता है कि कुछ ऐसा करे कि जिससे वो अपनी पहचान बनाए और देश का तिरंगा लहराना सपने जैसा होगा और पिछले दस वर्षों से इसी उम्मीद में हैं।

अपने पिछले रिकार्ड के बारे में आरिफ बताते हैं कि जब भी बड़े टूर्नामेंट में भागीदारी की है तो टॉप 10-15 खिलाड़ियों में रहे हैं। लेकिन ये ऐसा स्पोर्ट है कि जीतने के करीब होने पर भी कुछ भी हो सकता है।

शीतकालीन ओलंपिक खेलों में क्वालिफाई करने की बारिकियों के बारे में आरिफ बताते हैं कि कई रेस कई देशों में होती है और ओलंपिक में क्वालिफाई करने के लिए पांच ईवेंट या पांच रेस चाहिए होती हैं। हर रेस में कुछ अंक मिलते हैं और जीतने वाले खिलाड़ी के जीतने नजदीक होते हैं उतना अच्छा है। ओलंपिक में क्वालिफाई करने के लिए 160 अंक या कम चाहिए होते हैं और ये अंक घटते क्रम में होते हैं यानी जितने कम अंक हों उतना ही प्रदर्शन अच्छा माना जाता है। आरिफ बताते हैं कि उनके स्लालोम में 110 अंक रहे और जायंट स्लालोम में 127 अंक रहे और इसी आधार पर उन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया। ये अंक हाल ही की पांच रेसों के आधार पर दिए गए और मुख्य रुप से दिसंबर में हुई थीं। इसी आधार पर विश्व रैंकिंग भी मिलती है और ओलंपिक से पहले एक शीट जारी होगी जिसमें हर खिलाड़ी को रैंकिंग दी जाएगी।

आरिफ बताते हैं कि वर्ल्ड चैंपियनशिप और वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में विश्व भर के खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं और बाकी रेसों में विश्व के खिलाड़ी नहीं आते हैं। ओलंपिक, वर्ल्ड कप या वर्ल्ड चैंपियनशिप जैसे बड़े ईवेंट में ही वर्ल्ड रैंकिंग दी जाती है। स्कि की वैश्विक संस्था एफआईएस द्वारा ही इन अंकों और रैंकिंग को दिया जाता है।

ओलंपिक के लिए अपनी ट्रेनिंग के बारे में आरिफ बताते हैं कि इन दिनों वे सुबह सात से 11.30 बजे तक गुलमर्ग में ट्रेनिंग कर रहे हैं और वे अपने पूरे दल के साथ नईदिल्ली से 1 फरवरी को पेइचिंग के लिए निकलेंगे। साथ ही आरिफ खास तौर पर बताते हैं कि 4 फरवरी को शीतकलीन ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में तिरंगा थामना उनका सपना है।

अल्पाईन स्किईंग के अलावा अपने दूसरे शौक के बारे में आरिफ बताते हैं कि उन्हें गोल्फ खेलना या माउंटेन बाइकिंग करना बहुत अच्छा लगता है और छुट्टियों के दिनों में इन शौक को पूरा करते हैं।

रेडियो प्रोग्राम