अमेरिका चीन को "काल्पनिक दुश्मन" के रूप में मानना बंद करें : चीन
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लीच्येन ने 18 जनवरी को आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में एक बार फिर अमेरिकी न्याय मंत्रालय द्वारा किए गए तथाकथित "चाइना पहल" अभियान की आलोचना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अमेरिका अपनी गलत प्रथा को जल्द से जल्द ठीक करेगा, चीन को "काल्पनिक दुश्मन" के रूप में मानना बंद करेगा, और चीन को बदनाम करने और दबाने के लिए बहाना बनाना बंद करेगा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और संस्कृति के क्षेत्रों में चीन और अमेरिका के सामान्य आदान-प्रदान और सहयोग को बाधित करना बंद करेगा।
बताया गया है कि अमेरिका भर के विश्वविद्यालयों के लगभग 2,000 विद्वानों ने संयुक्त रूप से "चाइना पहल" पर सवाल उठाने के लिए अमेरिकी न्याय मंत्री को भेजे गये पत्र पर हस्ताक्षर किये। 192 येल विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने संयुक्त रूप से अमेरिकी न्याय मंत्री को पत्र भेजकर विचार व्यक्त किया कि "चाइना पहल" में मौलिक खामियां मौजूद हैं।
उधर, डेनिश प्रसारण निगम ने हाल ही में खुद को ढूँढे शीर्षक डाक्यूमेंट्री फिल्म प्रसारित की। इसने अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन की लज्जाजनक घटनाओं पर प्रकाश डाला। इस बारे में चाओ लीच्येन ने कहा कि सीआईए "झूठ बोलना, धोखा देना और चोरी करना" को अपनी "विश्वसनीयता" के रूप में लेता है, और अन्य देशों को बदनाम करने के मकसद से "काले सबूत" गढ़ने के लिए उत्सुक है। उसने "काली जेल" स्थापित कर मानवाधिकारों का उल्लंघन किया और राज्य-विप्लव को उकसाने के लिए "काला धन" प्रदान किये।
चाओ लीच्येन ने कहा कि अब यह खबर नहीं है कि सीआईए ने दुनिया भर में मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है। अमेरिकी सरकार अकसर तथाकथित "मानवाधिकार" और "लोकतंत्र" के बारे में बात करती है, लेकिन उसकी करनी हमेशा कथनी से मेल न खाती है। अमेरिकी सरकार को उन पीड़ितों से माफी मांगनी चाहिए, क्षतिपूर्ति करनी चाहिए और जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
(मीनू)