अमेरिका विश्व शांति का एकमुश्त विनाशक है

2021-09-16 20:17:54

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अमेरिकी इतिहासकार पॉल एटवुड ने कहा, "युद्ध अमेरिका की जीवन शैली है।" अमेरिका का जन्म हुआ, विकास हुआ, और युद्धों, गुलामी और नरसंहारों में एक महाशक्ति बन गया। अपनी स्थापना के 240 वर्षों के इतिहास में अमेरिका ने केवल 16 वर्षों तक लड़ाई नहीं लड़ी है। द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से अमेरिका ने बार-बार अन्य देशों में युद्ध छेड़े हैं और वैश्विक स्तर पर अशांति फैलायी है, जिससे न जाने कितने निर्दोष लोगों और संपत्ति को नुकसान पहुंचायी है।

आंकड़ों के अनुसार साल 2001 में "11 सितंबर" की घटना के बाद से "आतंकवाद विरोध" के नाम पर अमेरिका द्वारा शुरू किए गए युद्धों और सैन्य अभियानों ने "इस ग्रह के लगभग 40 प्रतिशत देशों" को पूरी तरह से कवर कर लिया है। इन तथाकथित "आतंकवाद विरोधी" युद्धों ने 8 लाख से अधिक लोगों की हताहाती की और 3.8 करोड़ से अधिक लोगों को विस्थापित किया। हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर स्टीफन वाल्टर ने एक लेख लिखा था कि अमेरिका ने विदेशों में "अंतहीन युद्धों" में सैन्यवाद, ज़ेनोफोबिया, छद्म देशभक्ति और उत्तेजना को जारी किया है।

द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से अमेरिका ने 50 से अधिक विदेशी सरकारों को उखाड़ फेंकने की कोशिश की है, जिनमें से अधिकांश निर्वाचित हुई हैं; कम से कम 30 देशों में लोकतांत्रिक चुनावों में क्रूरतापूर्वक हस्तक्षेप किया और 50 से अधिक विदेशी नेताओं की हत्या करने की कोशिश की।

अनगिनत तथ्य दुनिया को बताते हैं कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय नियमों और विश्व व्यवस्था का वास्तविक विघटनकर्ता है, और यह आज दुनिया में बढ़ती अस्थिरता और अनिश्चितता का स्रोत भी है।

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