एससीओ शिखर सम्मेलन की तैयारी

2021-09-13 19:22:55

सितंबर के महीने में दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्ष कई सम्मेलनों में भाग लेने के लिए व्यस्त हैं। हाल ही में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन संपन्न होने के बाद अब ‘एससीओ’ यानी शंघाई कॉओपरेशन ऑर्गेनाइज़ेशन – शंघाई सहयोग संगठन की वार्षिक बैठक की बारी है। 16 और 17 सितंबर को तज़ाकिस्तान की राजधानी दुशांबे में होने वाले इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले 8 देशों से कुछ देश विडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़ेंगे और कुछ देश के राष्ट्राध्यक्ष दुशांबे में स्वयं उपस्थित होते हुए सम्मेलन में शिरकत करेंगे ।

शंघाई सहयोग संगठन की औपचारिक स्थापना सितंबर 2003 में की गई थी। इसके पहले इस संगठन का नाम शंघाई फाइव था जिसकी स्थापना वर्ष 1996 में की गई थी, उस दौरान इसमें पांच देश - चीन, और रूस के अलावा मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान, किर्गिस्तान,  तजाकिस्तान शामिल थे। वर्ष 2001 में इसे शंघाई सहयोग संगठन के नाम से जाना जाने लगा और उजबेकिस्तान को भी इसमें शामिल किया गया। जून 2017 में अस्ताना में हुई बैठक में भारत और पाकिस्तान को भी औपचारिक रुप से इस संगठन में शामिल किया गया। वर्तमान में कुल 8 देश इस संगठन के सदस्य हैं। इसके अलावा चार पर्यवेक्षक देश भी इस संगठन में शामिल हैं जिसमें अफगानिस्तान, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया ऑब्ज़र्वर के रुप में मौजूद हैं। इसके अलावा छह डॉयलाग सहयोगी भी हैं जिसमें अर्मेनिया, अज़रबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और टर्की शामिल हैं। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र, आसियान, कॉमनवेल्थ राष्ट्र संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन और तुर्कमेनिस्तान मेहमान के रुप में वार्षिक बैठक में भागीदारी करते हैं।

इस वर्ष 16 और 17 सितंबर को होने वाले शिखर सम्मेलन में में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ ही कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष भी आपसी सहयोग के मुद्दों पर चर्चा के लिए मौजूद रहेंगे।

यूरेशिया क्षेत्र के देशों का संगठन ‘एससीओ’ दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन माना जाता है क्योंकि भौगोलिक रुप से देखें तो दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी इसके सदस्य देशों में निवास करती है और वैश्विक जीडीपी का एक चौथाई इन देशों के हिस्से में आता है।

भविष्य में एससीओ में सदस्य देशों की संख्या में और बढोत्तरी होने की संभावना है जिसमें कतर और बहरीन पूर्णकालिक सदस्य के रुप में शामिल हो सकते हैं जबकि डॉयलाग साझेदार के रुप में इज़राइल, मालदीव, यूक्रेन, इराक और सऊदी अरब की आने की संभावना है। एससीओ का मुख्यालय चीन की राजधानी बीजिंग में है और इस संगठन की आधिकारिक भाषाएँ मैन्देरिन (चीनी) और रूसी हैं। इस संगठन के सभी देश सुरक्षा, सैनिक गतिविधियों, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग के लिए हर वर्ष बैठक आयोजित करते हैं और अब तक इन देशों के राष्ट्राध्यक्षों के ऐसी 20 बैठकें हो चुकी हैं जिनकी अब तक शुरुआती छह देशों ने ही मेजबानी की है। हर वर्ष सदस्य देशों, डॉयलाग साझेदारों, ऑब्ज़र्वर देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों सहित कुल मिलाकर 22 सहयोगी दो दिनों तक चलने वाली बैठक में आपसी सहयोग के मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में इस साल सितंबर के महीने का महत्व तब और भी बढ़ जाएगा जब संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी 193 सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष जनरल असेंबली की 76वें सत्र की बैठक में 21 से 27 सितंबर तक हिस्सा लेंगे और जनरल असेंबली को संबोधित भी करेंगे।                                             

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